Thursday , November 21 2024

बिज़नेस

शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत; सेसेक्स 100 अंक फिसला, निफ्टी 25400 के नीचे

अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर बहुप्रतीक्षित फैसले से पहले बुधवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों में गिरावट आई। इस दौरान आईटी सेक्टर के शेयरों में कमजोरी दिखीशुरुआती कारेबार में तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 130.24 अंक गिरकर 82,949.42 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 37.75 अंक गिरकर 25,380.80 अंक पर आ गया।

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एशियन पेंट्स और सन फार्मा सबसे ज्यादा पिछड़ गईं। बजाज फाइनेंस, आईटीसी, बजाज फिनसर्व और एचडीएफसी बैंक लाभ में रहे।एशियाई बाजारों में, टोक्यो में तेजी रही, जबकि शंघाई में गिरावट रही। मंगलवार को अमेरिकी बाजार मिलेजुले रुख पर बंद हुए।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “आज रात आने वाले फेड के फैसले पर दुनिया भर के बाजार की नजर टिकी हुई है। शायद फेड की कार्रवाई से अधिक महत्वपूर्ण फेड की टिप्पणी और संदेश होगा।”एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को खरीदार बन गए और उन्होंने 482.69 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.46 प्रतिशत घटकर 73.36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी रिकॉर्ड तेजी जारी रखते हुए बीएसई का सूचकांक 90.88 अंक या 0.11 प्रतिशत चढ़कर 83,079.66 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी 34.80 अंक या 0.14 प्रतिशत चढ़कर 25,418.55 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स घटकर शून्य; पेट्रोल, डीजल और एटीएफ पर सरकार ने लिया ये फैसला

सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को घटाकर प्रति टन ‘शून्य’ कर दिया है। यह निर्णय 18 सितंबर से प्रभावी है।

यह कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है और दो सप्ताह के अंतराल पर यानी हर पखवाड़े औसत तेल कीमतों के आधार पर इसकी समीक्षा की जाती है। इस तरह का आखिरी संशोधन 31 अगस्त को हुआ था, जब कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था।

डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर भी एसएईडी को ‘शून्य’ पर बरकरार रखा गया है। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि नई दरें 18 सितंबर से प्रभावी होंगी।

भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया था, और इस प्रकार वह उन देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कम्पनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं।

अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25% का योगदान देगा, गैसटेक में बोले हरदीप पुरी

भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने ह्यूस्टन में विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित एक बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।52वीं गैसटेक प्रदर्शनी और सम्मेलन मंगलवार को जॉर्ज आर ब्राउन कन्वेंशन सेंटर में भारत सहित विश्व के पांच प्रमुख ऊर्जा मंत्रियों की रणनीतिक अंतर्दृष्टि के साथ शुरू हुआ।

‘विजन, नवाचार और कार्रवाई के माध्यम से ऊर्जा में परिवर्तन’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऊर्जा स्थिरता और तीव्र डीकार्बोनाइजेशन की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

अपने मुख्य भाषण में केन्द्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यदि वैश्विक मांग एक प्रतिशत बढ़ रही है, तो हमारी मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में भारत ऊर्जा मांग में वैश्विक वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।”

उन्होंने भारत की चुनौती को “ऊर्जा त्रिविधता” के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने उपलब्धता, सामर्थ्य और सफल हरित परिवर्तन के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। पुरी ने कहा, “हमें हरित परिवर्तन को प्रबंधित करने और इसमें सफलता प्राप्त करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।”

सम्मेलन के उद्घाटन मंत्रिस्तरीय पैनल में अमेरिका, भारत, मिस्र, नाइजीरिया और तुर्की के अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और उद्योग चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।अमेरिका के ऊर्जा संसाधन मामलों के सहायक विदेश मंत्री जेफ्री पायट ने वैश्विक ऊर्जा प्रवाह को स्थिर करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका पर जोर दिया।

किसानों के लिए 24475 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी, चंद्रयान-4 मिशन पर कैबिनेट ने लिया यह फैसला

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों का एलान किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की कैबिनेट ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक के बाद एक योजनाओं को मंजूरी दी है।

एनपीके उर्वरकों पर 24,475 करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी
उन्होंने कहा, “आज एनपीके उर्वरकों (Nitrogen, Phosphorus, and Potassium) के लिए 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी आवंटित करने को मंजूरी दी गई है। पूरी दुनिया में आपूर्ति शृंखला और वैश्विक कीमतों में जो व्यवधान चल रहा है उससे किसानों को अछूता रखने के लिए सरकार ने बड़े निर्णय लिए हैं। खासकर मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन में संघर्ष से पैदा हुई चुनौतियों से किसानों को अप्रभावित रखने के लिए कैबिनेट ने पोषक तत्व आधारित सब्सिडी आवंटित करने का यह निर्णय लिया है।”

किसानों की मदद के लिए पीएम-आशा पर खर्च होंगे 35,000 करोड़
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान- पीएम-आशा के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत आदिवासी कल्याण के लिए 79, 156 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है।

भारत चांद पर भेजेगा मानव मिशन
कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “चंद्रयान-4 मिशन में और अधिक तत्वों को जोड़ने के लिए विस्तारित किया गया है। अगला कदम चंद्रमा पर मानव मिशन भेजना है। इसके लिए सभी प्रारंभिक कदमों को मंजूरी दे दी गई है। वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन तथा अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल विकास को भी मंजूरी दी गई है।”

चंद्रयान 4 पर खर्च होंगे 2,104 करोड़ रुपये
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनैट की ब्रीफिंग के दौरान बताया कि चंद्रयान 4 के विस्तारित मिशन पर 2,104 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी गई है। चंद्रयान 4 के विस्तारित मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल चांद पर जाकर वापस आएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने वीनस ऑर्बिटर मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले माड्यूल को भी मंजूरी दी।

शेयर बाजार में रिकॉर्ड बढ़त पर लगाम; सेंसेक्स 131 अंक टूटा, निफ्टी 25400 के नीचे

शेयर बाजार में बीते दो दिनों से जारी बढ़त पर बुधवार को लगाम लग गई। आईटी, फार्मा, मेटल और एफएमसीजी शेयरों में गिरावट के कारण फेड के फैसले के पहले प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स कमजोर पड़ गए।

हफ्ते के तीसरे काराबेारी दिन सेंसेक्स 131.43 (0.15%) अंकों की गिरावट के साथ 82,948.23 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 41.00 (0.16%) अंक फिसलकर 25,377.55 पर पहुंच गया। क्लोजिंग से पहले सेंसेक्स और निफ्टी अपने सर्वकालिक उच्च स्तर क्रमश: 83,326.38 और 25,482.20 पर पहुंचने में सफल रहे।

बुधवार के कारोबारी सत्र के बाद बीएसई सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

निफ्टी में बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान 200 अंकों के दायरे में कारोबार होता दिखा। इस दौरान, इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स 6.2% बढ़कर 13.37 पर पहुंच गया। निफ्टी के शेयरों की बात करें तो 33 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। वहीं, 17 शेयर हरे निशान पर बंद हुए। श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, नेस्ले इंडिया और एचडीएफसी बैंक के शेयर निफ्टी के टॉप गेनर्स रहे। वहीं, टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और विप्रो टॉप लूजर्स की श्रेणी में रहे।

आखिरी सत्र में गुलजार हुआ बाजार; सेंसेक्स 1500 अंक चढ़ा, निफ्टी 25300 के करीब पहुंचा

घरेलू बाजार में वैश्विक निवेश बढ़ने से घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को झूम उठा। आखिरी सत्र में बाजार में मजबूत बढ़ दिखी। 2 बजकर 54 मिनट पर सेंसेक्स 1,236.04 (1.51%) अंक उछलकर 82,772.87 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 369.50 (1.48%) अंक चढ़कर 25,287.95 पर पहुंच गया। बाजार में यह मजबूती एचडीएफसी बैंक और एयरटेल के शेयरों में मजबूती से आई।

गुरुवार को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.14 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 465.9 लाख करोड़ रुपये हो गया। अमेरिका में जारी हालिया महंगाई के आंकड़ों में स्थिरता दिखी है। सीएमई फेडवॉच के अनुसार, इससे 18 सितंबर को फेड की ओर से दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना 66% से बढ़कर 85% हो गई, जबकि 50-बीपीएस की बड़ी कटौती की संभावना 34% से घटकर 15% रह गई।

आईटी कंपनियां, जो अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से प्राप्त करती हैं, में गुरुवार को 1% की वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त, निफ्टी बैंक, ऑटो, वित्तीय सेवाएँ, स्वास्थ्य सेवा और तेल एवं गैस क्षेत्रों में भी 1% से अधिक की वृद्धि देखी गई।

भारती एयरटेल , रिलायंस इंडस्ट्रीज , एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस ने मिलकर सेंसेक्स की तेजी में करीब 500 अंक जोड़े। एलएंडटी, एमएंडएम, एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई ने भी इंडेक्स की बढ़त में अहम योगदान दिया। अगस्त में अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों में नरमी आने के बाद वैश्विक स्तर पर शेयरों में तेजी के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले। निफ्टी 50 इंडेक्स 0.57 प्रतिशत या 141.20 अंकों की बढ़त के साथ 25,059.65 अंकों पर खुला, जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.5 प्रतिशत या 407 अंकों की बढ़त के साथ 81,930.18 अंकों पर पहुंच गया।

झूमा शेयर बाजार; सेंसेक्स-निफ्टी 1.5% से ज्यादा चढ़े, निवेशकों को ₹7 लाख करोड़ का मुनाफा

भारतीय बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गुरुवार को 1.5% से अधिक की बढ़त के साथ नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। बाजार में यह तेजी वैश्विक निवेशकों की रुचि बढ़ने से आई। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बाद घरेलू इक्विटी बाजार में विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीदें बढ़ गईं क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों के कटौती की उम्मीद बढ़ गई। गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 1,440 अंक या 1.77% बढ़कर 82,962 पर पहुंच गया। निफ्टी50 में 470 अंक या 1.89% की बढ़त आई और यह 25,388.9 पर पहुंच गया और अपने पिछले उच्च स्तर 25,333.7 को पार कर गया।

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.6 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
इस बीच, बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6.6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 467.36 लाख करोड़ रुपये हो गया। अगस्त में अमेरिकी उपभोक्ता कीमतों में मामूली वृद्धि हुई, लेकिन अंतर्निहित मुद्रास्फीति में कुछ स्थिरता दिखी, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है। सीएमई फेडवॉच के अनुसार, इससे 18 सितंबर को फेड द्वारा 25 आधार अंकों की दर में कटौती की संभावना 66% से बढ़कर 85% हो गई, जबकि 50-बीपीएस की बड़ी कटौती की संभावना 34% से घटकर 15% रह गई।

आईटी कंपनियों में 1.6% की वृद्धि
आईटी कंपनियां, जो अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से प्राप्त करती हैं, में 1.6% की वृद्धि हुई। इसके अतिरिक्त, निफ्टी बैंक, ऑटो, वित्तीय सेवाएं, FMCG, मेटल, हेल्थकेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस सेक्टर के शेयरों में 1-3% की वृद्धि दर्ज की गई। भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक ने मिलकर सेंसेक्स की तेजी में करीब 700 अंक जोड़े। एलएंडटी, एमएंडएम, एनटीपीसी और कोटक बैंक ने भी इंडेक्स की बढ़त में अहम योगदान दिया।

औद्योगिक उत्पादन वृद्धि जुलाई में सुस्त पड़कर 4.8% पर, खनन और विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन रहा कमतर

जुलाई महीने में खनन और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से देश की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 4.8 प्रतिशत पर आ गई।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को औद्योगिक उत्पादन के ये आंकड़े जारी किए गए।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा जाने वाला कारखाना उत्पादन जुलाई, 2023 में 6.2 प्रतिशत बढ़ा था।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस साल जुलाई में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.8 प्रतिशत बढ़ा था।आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में 4.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 5.3 प्रतिशत बढ़ा था।

खनन क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई, 2024 में 3.7 प्रतिशत रही जबकि बिजली उत्पादन में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 5.1 प्रतिशत बढ़ा था।

सोना 250 रुपये कमजोर हुआ, चांदी 2000 रुपये उछली

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 250 रुपये घटकर 74,350 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई, जबकि चांदी की कीमत बढ़कर 87,000 के स्तर पर पहुंच गई। बुधवार को कीमती धातु या शुद्ध सोना (99.9 प्रतिशत शुद्धता) 74,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वहीं, गुरुवार को चांदी की कीमत 2,000 रुपये बढ़कर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 87,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले सत्र में चांदी 85,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले तीन सत्रों में चांदी 3,200 रुपये प्रति किलोग्राम चढ़ चुकी है।

इस बीच, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 250 रुपए की गिरावट के साथ 74,000 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 74,250 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। व्यापारियों ने कहा कि मजबूत औद्योगिक उठाव के कारण चांदी में लगातार तीसरे सत्र में मजबूती का रुख जारी रहा, जिससे धातु की कीमतों में उछाल आया।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना 0.21 प्रतिशत बढ़कर 2,547.70 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। कोटक सिक्योरिटीज में वीपी-कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला ने कहा, “कॉमेक्स सोना 2,558 डॉलर प्रति औंस के साप्ताहिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, लेकिन मुद्रास्फीति रिपोर्ट जारी होने के बाद इसमें गिरावट आई , क्योंकि बाजार की धारणा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में मामूली कटौती की संभावना के अनुसार समायोजित हुई।”

वैश्विक बाजारों में चांदी भी 29.16 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के एसोसिएट वीपी, फंडामेंटल करेंसीज एंड कमोडिटीज प्रवीण सिंह ने कहा, “व्यापारी उत्पादक मूल्य सूचकांक (अगस्त) और बेरोजगारी दावों जैसे अमेरिकी डेटा मैक्रोइकोनॉमिक डेटा पर बारीकी से नजर रखेंगे।” इसके अलावा, यह डेटा अमेरिकी ब्याज दरों के प्रक्षेपवक्र के बारे में अपेक्षाओं को प्रभावित कर सकता है, जो बदले में बुलियन कीमतों और अमेरिकी डॉलर (USD) को प्रभावित करेगा।

भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ी,व्यापार लागत घटी; एक लाख करोड़ डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करेगा देश

वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत निर्यात के मोर्चे पर अच्छी स्थिति में है। देश वैश्विक व्यापार में लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। विश्व बैंक ने कहा, भारत 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर का वस्तु निर्यात लक्ष्य हासिल करने में सक्षम है। हालांकि, इसके लिए तीन उपाय करने होंगे। ये उपाय हैं…व्यापार लागत को घटाना, कारोबारी बाधाएं कम करना और अधिक-से-अधिक देशों तक पहुंच बढ़ाना। इसके अलावा, भारत को अपने निर्यात बास्केट में विविधता लाने के साथ वैश्विक मूल्य शृंखलाओं का लाभ भी उठाना होगा।

विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ रिपोर्ट में कहा, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका है। महामारी के बाद वैश्विक मूल्य शृंखलाओं के पुनर्गठन ने भारत के लिए कारोबार के मोर्चे पर अवसर पैदा किए हैं। भारत ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति और डिजिटल पहलों के जरिये अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाया है, जिससे व्यापार लागत में कमी आ रही है। हालांकि, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाएं बढ़ने से व्यापार केंद्रित निवेश की संभावनाएं सीमित हो सकती हैं।

इन क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं
विश्व बैंक के भारत में निदेशक ऑगस्ते तानो कोउमे ने कहा, भारत अपनी वैश्विक व्यापार क्षमता का लाभ उठाकर कारोबार को और बढ़ा सकता है। वह आईटी, व्यावसायिक सेवाओं और फार्मा निर्यात में उत्कृष्ट है। भारत के पास वस्त्र, परिधान और फुटवियर के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स व हरित प्रौद्योगिकी उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं। इससे निर्यात बास्केट में विविधता भी आएगी। विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री रैन ली एवं नोरा डिहेल ने कहा, उत्पादन की बढ़ती लागत व घटती उत्पादकता से वैश्विक परिधान निर्यात में भारत का हिस्सा 2022 में 3 फीसदी रह गया। 2018 में यह 4 फीसदी था।

विदेशी मुद्रा भंडार : रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू खाते के घाटे में कमी और मजबूत विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल अगस्त की शुरुआत में बढ़कर 670.1 अरब डॉलर के सार्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

जीडीपी : बढ़ने की रफ्तार सबसे तेज
रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय जीडीपी की रफ्तार दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज बनी हुई है। इसे कृषि क्षेत्र, ग्रामीण मांग, निजी खपत और निवेश से समर्थन मिल रहा है। 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की मजबूत रफ्तार से आगे बढ़ी थी। इसे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में निवेश और रियल एस्टेट क्षेत्र में घरेलू निवेशकों में वृद्धि से बढ़ावा मिला था।