Friday , November 22 2024

बिज़नेस

पीएम मोदी ने आज किया भारत ऊर्जा सप्ताह 2023 का उद्घाटन, कहा-“भारत तेजी से ऊर्जा क्षेत्र…”

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को भारत ऊर्जा सप्ताह को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का तीसरा बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत है और भारत को जिस जगह से भी वाजिब दाम पर तेल मिल सकता है वहां से खरीदेगा.

इंडिया एनर्जी वीक भारत की ऊर्जा सुरक्षा, हमारे नागरिकों के लिए सामर्थ्य और पहुंच सुनिश्चित करता है और वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में भारत की भूमिका के लिए पीएम की दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है.

पुरी ने कहा कि देश अपनी कुल तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का 50 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है. गन्ने और अन्य कृषि उपज से प्राप्त एथनॉल को पेट्रोल में मिलाया जा रहा है.

नरेन्द्र मोदी ने आज बेंगलुरू में भारत ऊर्जा सप्ताह  2023 का उद्घाटन किया. पीएम ने कहा कि भारत तेजी से ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार कर रहा है और इस सेक्टर में अभूतपूर्व संभावनाएं हैं. हरदीप सिंह पुरी ने भारत ऊर्जा सप्ताह सम्मेलन के दौरान कहा कि भारत तेल खरीद के मामले में अपने बड़े बाजार का इस्तेमाल करेगा.

टाटा मोटर्स के नेशनल एक्सचेंज कार्निवाल के तहत पुरानी कार के बदले मिलेगी नई

यदि आप भी नई कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और टाटा मोटर्स की कार खरीदना चाहते हैं तो ये राइट टाइम है. टाटा अपने ग्राहकों के लिए शानदार ऑफर लेकर आई है.

इसके तहत टाटा की देश भर में मौजूद डीलरशिप्स पर नेशनल एक्सचेंज कार्निवाल चलाया जा रहा है.  इतना ही नहीं कार एक्सचेंज करने के साथ ही आपको कंपनी एक और बड़ा फायदा दे रही है.

कंपनी के अनुसार इस अपग्रेड प्रोग्राम का फायदा उठाने के साथ ही ग्राहकों को 60 हजार रुपये से ज्‍यादा की छूट भी दी जा रही है. ये छूट टाटा की सभी गाड़ियों पर अवेलेबल है. इसके साथ ही डीलर्स भी कई तरह के और बेनिफिट्स भी दे रहे हैं. देशभर में 250 से ज्यादा शहरों में कंपनी की डीलरशिप पर उपलब्‍ध है.

टाटा मोटर्स ने अपनी कंपनी की इन दिनों सबसे पॉपुलर कार टियागो इलेक्ट्रिक की डिलीवरी भी शुरू कर दी है. कंपनी ने टियागो ईवी को ‌पिछले साल लॉन्च किया था और इसके बाद से ही कार की बंपर बुकिंग हई थी. टाटा ने इस बात को साफ कर दिया था कि ये इंट्रोडक्टरी प्राइस है और आने वाले समय में कार की कीमत को बढ़ाया जाएगा.

3 दिन चलेगी RBI की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक, एक बार फिर बढ़ सकता है EMI का बोझ

रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक आज यानी सोमवार से शुरू हो रही है। ये बैठक 3 दिन चलेगी और बुधवार को मॉनेटरी पॉलिसी सामने आएगी।  भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में कितने बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर सकता है। इस बार आरबीआई इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है।

दिसंबर में हुई मॉनेटरी पॉलिसी बैठक  में सेंट्रल बैंक ने बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया था। इससे पहले लगातार तीन बार में रेपो रेट में 50-50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई थी।

पिछले साल मई महीने के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक ने शॉर्ट टर्म लैंडिंग रेट में 225 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।   रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बाद ग्लोबल सप्लाई चेन की दिक्कतों के कारण पूरी दुनिया महंगाई की स्थिति से जूझ रही है।

बता दें कि आज से आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी  की बैठक सोमवार यानी आज से शुरू होकर 3 दिन चलेगी। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर 8 फरवरी को सार्वजनिक करेंगे।

पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की अंतिम तारीख 31 मार्च, लिंकिंग नहीं करने पर होगा ये…

सरकार ने पैन  को आधार  से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए 31 मार्च, 2023 की समय सीमा तय की गई है. कुल 61 करोड़ पैन में से करीब 48 करोड़ को अब तक आधार से जोड़ा जा चुका है .

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस  के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने रविवार को कहा कि अब भी कई करोड़ पैन को आधार से नहीं जोड़ा गया है लेकिन 31 मार्च की डेडलाइन खत्म होने तक इस काम के भी पूरा हो जाने की उम्मीद है.

31 मार्च, 2023 तक आधार से नहीं जोड़े गए व्यक्तिगत पैन इस तारीख के बाद निष्क्रिय घोषित कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि मौजूदा समय से 31 मार्च के बीच पैन को आधार से जोड़ने के लिए 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा.

सीबीडीटी पिछले साल जारी एक सर्कुलर में यह साफ कर चुका है कि पैन के निष्क्रिय हो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति को इनकम टैक्स एक्ट के तहत निर्धारित सभी परिणामों का सामना करना होगा. इसमें इनकम टैक्स रिटर्न न दाखिल कर पाना और पेंडिग रिटर्न का प्रोसेसिंग न हो पाने जैसी स्थितियां शामिल हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं इन्वेस्ट तो यहाँ जानिए लेटेस्ट रेट

 बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी, डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी, एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी और एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी के अलावा कार्डानो क्रिप्टोकरेंसी का लेटेस्ट रेट क्या है।

 चौबीस घंटे के दौरान बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी की अधिकतम कीमत 23,581.20 डालर और न्यूनतम कीमत 23,252.31 डॉलर रही है। जहां तक रिटर्न की बात है तो 1 जनवरी 2023 से अब तक बिटक्वाइन क्रिप्टोकरेंसी ने 41.20 फीसदी का पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 1,660.87 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 0.43 फीसदी की तेजी है। इस रेट पर एथेरियम क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 198.47 बिलियन डॉलर है।  क्रिप्टोकरेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 4,865.57 डॉलर रही है।

एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी का इस वक्त क्वाइनडेस्क पर रेट 0.40860235 डॉलर का चल रहा है। इसमें इस वक्त 0.01 फीसदी की गिरावट है। इस रेट पर एक्सआरपी क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप 40.88 बिलियन डॉलर है।  एक्सआरपी क्रिप्टो करेंसी की ऑलटाइम हाई कीमत 3.40 डॉलर रही है।

Renault की लोकप्रिय डस्टर एसयूवी को रिबूट कर सकती है कंपनी, नए अवतार में मार्केट में होगी पेश

रेनो और निसान  अपनी नई पार्टनरशिप के दम पर भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में अपना फुटहोल्ड मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.  कंपनियां उन वाहनों का वैल्यूएशन कर रही हैं जिन्हें वे 2025 से लॉन्च कर सकते हैं,रेनो के लोकप्रिय डस्टर एसयूवी को रिबूट कर सकती है.

रेनो-निसान भी भारत में क्रॉस-बैजिंग वाहनों की स्ट्रैटिजी फिर से अपना सकती है, इसका लक्ष्य इनपुट कॉस्ट कम करना है. उदाहरण के लिए, डस्टर एसयूवी को निसान और रेनो दोनों ब्रांडों के तहत लॉन्च करने पर विचार किया जा रहा है.

रेनॉल्ट भारत के लिए अपनी मास-मार्केट Kwid छोटी कार के इलेक्ट्रिक संस्करण पर विचार कर रही है, रॉयटर्स ने पिछले महीने रिपोर्ट किया था.कंपनियों ने अपनी नई रणनीति के बारे में ज्यादा डिटेल्स शेयर नहीं किए हैं.

जिसे रॉयटर्स के मुताबिक अगले सप्ताह की शुरुआत में पब्लिक किया जा सकता है. दोनों कंपनियां मिलकर भारत में अपना मार्केट शेयर बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं. वर्तमान में ये भारत में मारुति, टाटा, हुंडई जैसी कंपनियों की तुलना में बहुत कम हैं.

 

प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक ने अडानी ग्रुप को दिया हैं इतना कर्ज़

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों से अडानी ग्रुप पर कर्ज को लेकर जानकारी मांगी थी। अब प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक ने जवाब दिया है कि अडानी ग्रुप को बैंक की ओर से दिया गया कर्ज। बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी देते हुए कहा कि हम किसी भी कंपनी को सिक्योरिटी, देनदारी और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर ही लोन की रकम देते हैं।

बैंक ने आगे ​कहा कि इस कारण अडानी को दिए गए लोन पर हम सहज हैं। बैंक ने बताया कि फंड आधारित लोन 0.29 प्रतिशत है, जबकि नॉन फंड आधारित लोन 0.58 प्रतिशत है।

बैंक ने अपने फाइलिंग में जानकारी दी है कि अडानी ग्रुप के पावर, ट्रांसमिशन, पोर्ट, गैस डिस्ट्रीब्यूशन जैसे सेक्टरों को लोन दिया गया है। एक्सिस बैंक से पहले देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की ओर से भी अडानी ग्रुप को दिए गए लोन के बारे में जानकारी दी गई थी। बैंक ने कहा था कि किसी तरह की कोई चिंता की बात नहीं है।

एक्सिस से पहले एसबीआई ने बताया था कि 27000 करोड़ रुपए का लोन दिया था। वहीं दूसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का 7000 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा, बैंक ऑफ बड़ौदा का कुल 7,000 करोड़ रुपए का बकाया है। बैंकों ने किसी भी चिंता को लेकर इनकार किया है।

पतंजलि फूड्स के शेयर में दिखी गिरावट, एक सप्ताह में मार्केट कैपिटल 7 हजार करोड़ रुपये कम

योगगुरु रामदेव की शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी पतंजलि फूड्स के निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है। बीते एक हफ्ते से पतंजलि फूड्स के शेयर में गिरावट का सिलसिला चल रहा है।

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन पतंजलि फूड्स के शेयर में लोअर सर्किट लगा और यह 903.35 रुपये के भाव तक लुढ़क गया।  कारोबार के अंत में शेयर का भाव 906.80 रुपये रहा, जो एक दिन पहले के मुकाबले 4.63% की गिरावट को दिखाता है।  कंपनी का मार्केट कैप 32,825.69 करोड़ रुपये है

एक हफ्ते पहले यानी 27 जनवरी की बात करें तो शेयर का भाव 1102 रुपये के स्तर पर था।  मार्केट कैपिटल करीब 40 हजार करोड़ रुपये के स्तर पर रहा। इस लिहाज से एक सप्ताह में मार्केट कैपिटल 7 हजार करोड़ रुपये कम हुआ है। यह निवेशकों के नुकसान को दिखाता है।

पतंजलि फूड्स ने 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी ने बताया था कि प्रॉफिट 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 269 करोड़ रुपये है जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 234 करोड़ रुपये था। यह संख्या विश्लेषकों के अनुमान से कम रही क्योंकि उच्च मार्जिन वाले कारोबार में दबाव देखा जा सकता है।

मास्टरकार्ड के NFT लीड सात्विक सेठी ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए कंपनी से दिया इस्तीफा

 अक्सर हम मानते हैं कि दुनिया की बड़ी कंपनी में नौकरी करने वालों की ऐश ही ऐश होती है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड में टॉप पोजीशन पर काम करने वाले भारतीय मूल के सात्विक सेठी ने कंपनी पर जो आरोप लगाए हैं वह वाकई में चौंकाने वाले हैं।

सात्विक ने गुरुवार 2 फरवरी को मास्टरकार्ड पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। सात्विक सेठी ने अपना इस्तीफा उसी NFT यानि नॉन फंजीबल टोकन के रूप में दिया है, जिसके वे प्रमुख हुआ करते थे

2020 में इंग्लैंड की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट अभी तक मास्टर कार्ड के NFT प्रोडक्ट के हेड थे।सेठी ने लिखा कि मैंने मास्टरकार्ड से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि, पिछले एक साल से, उन्होंने कंपनी में एनएफटी उत्पाद लीड के रूप में काम किया था, जहां उन्होंने “मास्टरकार्ड के लिए वेब3 का नेतृत्व किया, इसमें हमारी रीजनल टीमों के साथ-साथ हमारे सभी फॉर्च्यून 500 ग्राहक और भागीदार भी शामिल हैं।

ट्विटर पर सेठी ने बताया कि इतनी बड़ी कंपनी के लिए काम करने के बावजूद सेठी को काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। सेठी ने बताया कि न्यूयॉर्क से लंदन ट्रांसफर किए जाने के बाद कुछ वीजा समस्या के कारण, उनका वेतन 40% कम हो गया था।

अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जारी गिरावट, फ्रांसीसी कंपनी टोटल एनर्जीज ने दिया सहारा

अडाणी ग्रुप पर मंडराने वाला संकट अब टलता हुआ नजर आ रहा है. अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में मची उथल-पुथल के बाद रेटिंग एजेंसियों, बैंकों और उसके साझेदारों ने जबरदस्त तरीके से सहारा दिया है.

 शुक्रवार के कारोबार के दौरान अडाणी ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट तक लगने की नौबत आ गई थी. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को अडाणी पोर्ट्स और अडाणी इलेक्ट्रिसटी की साख को बरकरार रखते हुए दोनों कंपनियों के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक डाल दिया.

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप में कंपनी संचालन के स्तर पर काफी गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इस रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में तीव्र गिरावट आई है.  असर ग्रुप की कंपनियों के बॉन्ड की कीमतों और प्रतिफल भी पड़ा है.

ग्रुप के संचालन और खुलासा स्तर को लेकर निवेशकों में चिंता है. हमने अपनी रेटिंग में जितना इस पर गौर किया है, चिंता उससे कहीं बड़ी है और यह एक जोखिम है. नई जांच और नकारात्मक बाजार धारणा से पूंजी की लागत बढ़ सकती है

24 जनवरी के बाद पहली बार अडाणी ग्रुप की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए.  दिन के कारोबार में कंपनी के शेयर 35 फीसदी तक गिर गए थे. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में आरोप लगाए जाने के बाद से ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की गई.