Thursday , November 21 2024

बिज़नेस

ममता बनर्जी ने जीवन, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने की मांग का किया समर्थन, कही यह बात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर लगे माल व सेवा कर (जीएसटी) को हटाने की मांग का गुरुवार को समर्थन करते हुए कहा कि यह लोगों की अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों का ख्याल रखने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

 

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से लागू जीएसटी को हटाने की मांग की है। विपक्ष के कई नेताओं ने भी उनकी इस मांग का समर्थन किया है।

बनर्जी ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी एक पोस्ट में इस मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि लोगों की स्वास्थ्य अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लागू जीएसटी को हटा दे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह जीएसटी खराब है क्योंकि यह लोगों की अपनी जरूरतों का ध्यान रख पाने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अगर भारत सरकार जन-विरोधी जीएसटी वापस नहीं लेती है तो हम सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।’’

गडकरी की तरफ से अपनी सहयोगी मंत्री को लिखे पत्र में की गई इस मांग को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय और राष्ट्रीय जनता दल के सांसद ए डी सिंह समेत कई विपक्षी नेताओं का भी समर्थन मिला है।

जीएसटी से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद की इसी महीने बैठक होने वाली है। इसकी पिछली बैठक जून में हुई थी।

शुरुआती कारोबार में 300 अंक चढ़ा सेंसेक्स, पहली बार 82,000 के पार, निफ्टी का नया रिकॉर्ड

शेयर बाजार में गुरुवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 300 अंक ऊपर उठ कर पहली बार 82 हजार के आंकड़े को पार कर गया। इसके अलावा निफ्टी में भी 108 अंकों का उछाल देखा गया। इसी के साथ निफ्टी भी पहली बार 25,000 अंकों के आंकड़े को पार कर गया।

सेंसेक्स में सूचीबद्ध कंपनियों में से मारुति के शेयरों में 2.93 प्रतिशत की तेजी आई। अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी तेजी आई। दूसरी ओर, एमएंडएम, सन फार्मा, आईटीसी, इंफोसिस और टीसीएस के शेयरों में गिरावट आई।

एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की नुकसान में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी फायेद में रहा। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 80.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में बुधवार को बिकवाल रहे और शुद्ध रूप से 3,462.36 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर बेचे।

डॉलर के मुकाबले रूपये में एक पैसे की बढ़त
रुपया शुरुआती कारोबार में एक पैसे की बढ़त के साथ 83.67 प्रति डॉलर पर खुला। विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में मामूली गिरावट आई। हालांकि, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी से स्थानीय मुद्रा की बढ़त सीमित हो गई। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.96 पर रहा।

अदाणी समूह के प्रमुख ने वायनाड हादसे पर संवेदना जताई, मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए पांच करोड़ रुपये

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने वायनाड में भूस्खलन के कारण हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की है। अदाणी समूह के मुखिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “वायनाड में लोगों की दुखद मौत से गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। अदाणी समूह इस कठिन समय में केरल राज्य के साथ एकजुटता से खड़ा है। हम विनम्रतापूर्वक केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 5 करोड़ रुपये का योगदान देकर अपना समर्थन दे रहे हैं।”

वायनाड में भूस्खलन से 291 लोगों की जा चुकी है जान
केरल के वायनाड जिले में मंगलवार को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 291 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 लोग लापता हैं। मरने वालों का आंकड़ा अभी और भी अधिक बढ़ सकता है। वहीं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है।

वायनाड में जारी है बचाव अभियान
वायनाड में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से बचाव अभियान लगातार जारी है। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा, ‘लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा। बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है। पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले की स्थितियों में भी किया है। मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वे लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर फिल्मांकन करने से बचें। आप उनसे शिविरों के बाहर बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।

सोना 550 रुपये मजबूत हुआ, चांदी 600 रुपये उछली

सकारात्मक वैश्विक रुख और घरेलू मांग बढ़ने से गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 550 रुपये की तेजी के साथ 72,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। सरकार की बजट में सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा के कारण भारी गिरावट से उबरने के बाद पीली धातु में लगातार तीसरे दिन तेजी आई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 71,950 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी की कीमत भी 600 रुपये की तेजी के साथ 86,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो पिछले सत्र में 85,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। इस बीच, दिल्ली सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 550 रुपये उछलकर 72,150 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया, जो पिछले कारोबारी सत्र में 71,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा, “मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों के आगे बढ़ने का जोखिम सुरक्षित-हेवन कमोडिटी को गुरुवार को एशियाई सत्र के दौरान ऊपर की ओर ले गया। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स पर सोना 17 डॉलर प्रति औंस की तेजी के साथ 2,490 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा है।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल द्वारा प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित छोड़ने और सितंबर में उधार लेने की लागत में कमी के संकेत के बाद प्रतिफल में गिरावट आने से पीली धातु की कीमतों में और तेजी आई।

शेयरखान बाई बीएनपी परिबा के एसोसिएट उपाध्यक्ष (फंडामेंटल करेंसी एंड कमोडिटीज) प्रवीण सिंह ने कहा, “जेरोम पॉवेल ने अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर फेडरल रिजर्व को वांछित आंकड़े मिलते हैं तो सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी, इससे सोने की कीमतों में मजबूती आई।”

भारत की डिजिटल इकोनॉमी 2026 तक जीडीपी का पांचवां हिस्सा बनने की ओर, आरबीआई की रिपोर्ट में दावा

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांचवां हिस्सा बनने की ओर बढ़ रही है’वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रा और वित्त (RCF) पर रिपोर्ट’ की प्रस्तावना में रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जोर देकर कहा कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण अगली पीढ़ी की बैंकिंग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है और सस्ती कीमत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डिजिटल क्रांति के मामले में सबसे आगे है।

रिपोर्ट के अनुसार देश ने डिजिटल भुगतान में तेजी लाकर न केवल वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) को अपनाया है, बल्कि बायोमेट्रिक पहचान, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल कनेक्टिविटी, डिजिटल लॉकर और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण के मामले में भी उपलब्धि हासिल की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल क्रांति से बैंकिंग ढांचे और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणालियों को बढ़ावा मिल रहा है जो प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और कर संग्रह दोनों में मदद करते करते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार जीवंत ई-बाजार उभर रहे हैं और अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का दसवां हिस्सा है; पिछले एक दशक में देखी गई वृद्धि दर को देखते हुए, यह 2026 तक जीडीपी का पांचवां हिस्सा बनने के लिए तैयार है।

इस क्रांति को सक्रिय करने के लिए अनेक सबल शक्तियां एक साथ आ गई हैं। हालांकि 2023 में भारत में इंटरनेट की पहुंच 55 प्रतिशत थी, लेकिन हाल के तीन वर्षों में इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार में 199 मिलियन की वृद्धि हुई है।

भारत में प्रति जीबी डेटा खपत की लागत वैश्विक स्तर पर सबसे कम 13.32 रुपये (0.16 डॉलर) प्रति जीबी के औसत के साथ है। भारत 2023 में प्रति उपयोगकर्ता प्रति माह औसतन 24.1 जीबी की खपत के साथ दुनिया में सबसे अधिक मोबाइल डेटा खपत वाले देशों में एक है।

रिपोर्ट की प्रस्तावना में आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि यूपीआई ने अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए खुदरा भुगतान अनुभव मामले में क्रांति ला दी है, जिससे लेनदेन तेज और अधिक सुविधाजनक हो गया है। डिजिटल मुद्रा क्षेत्र में, भारतीय रिजर्व बैंक ई-रुपया, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) के पायलट रन के साथ सबसे आगे है।

रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम ओपन क्रेडिट एनेबलमेंट नेटवर्क, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स और फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म जैसी पहलों के साथ जीवंत होता जा रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि फिनटेक बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ ऋण सेवा प्रदाताओं के रूप में सहयोग कर रहे हैं। वे डिजिटल क्रेडिट की सुविधा के लिए प्लेटफॉर्म भी संचालित कर रहे हैं। बिगटेक तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं के रूप में भुगतान ऐप और ऋण उत्पादों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं।

सोना 950 रुपये लुढ़का, चांदी में 2024 में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट, 4500 रुपये टूटी

घरेलू सर्राफा बाजार में सोने कीमतें 950 रुपये सस्ती होकर 71050 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर पहुंच गई। ज्वेलर्स की ओर से मांग में कमी आने के कारण यह गिरावट आई। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार शनिवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 72000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ।

सोमवार 99.5 प्रतिश शुद्धता वाला सोना 1650 रुपये की गिरावट के साथ 70,700 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर कारोबार करता दिखा। इससे पहले शनिवार को यह 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। सोमवार को चांदी की कीमतों मे भी बड़ी गिरावट दिखी। चांदी के भाव 4500 रुपये टूटकर 84500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए। चांदी की कीमतों में 2024 में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आई।

कारोबारियों के अनुसार ज्वेलर्स और खुदरा खरीदारों की ओर से मांग में कमी आने के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है।

पिछले मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में सोने पर लगने वाले सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटकाकर 6 प्रतिशत करने का एलान किया था, उसके बाद से सोने की कीमतों में दबाव देखा जा रहा है। मोतीलाल ओसवाल के सीनियर एनालिस्ट कॉमोडिटी मानव मोदी के अनुसार बजट में सीमा शुल्क में कटौती के एलान के बाद सोने पर प्रीमियम एक दशक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

हालांकि वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स गोल्ड 2,438.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार करता दिखा। इसमें पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में 10.60 डॉलर प्रति औंस की बढ़त दिखी। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें मामूली बढ़त के साथ 28.28 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार करती दिखीं।

रेल बजट में 50 फीसदी हिस्सा नई ट्रेनों की बजाय यात्रियों की सुरक्षा पर होगा खर्च, आएगा कवच 4.0

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजट 2024 पेश कर दिया। वित्त मंत्री से बजट में भारतीय रेलवे के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं करने की उम्मीद थी, लेकिन बजट में रेलवे को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वित्त मंत्री ने अपने बजट 2024 भाषण में भारतीय रेलवे के लिए किसी भी नई योजना या पहल की कोई घोषणा भी नहीं की। रेल यात्रियों को भी उम्मीद थी कि बजट में वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसके अलावा रेल यात्रियों को भी उम्मीद थी कि सफर के दौरान कई सुविधाएं भी मिलेंगी, लेकिन वित्तमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की।

केंद्रीय बजट 2024-25 पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय बजट में रेल मंत्रालय को एतिहासिक राशि का आवंटन हुआ है। रेलवे को बजट में 2.62 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। इस आवंटन का सबसे बड़ा हिस्सा 1.8 लाख हजार करोड़ रुपये सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा। इसमें पुराने ट्रैक की जगह नए ट्रैक लगाना, सिग्नल सिस्टम को नई तकनीक के साथ विकसित करना और फ्लाईओवर-अंडरपास का निर्माण करना और ट्रेनों में कवच प्रणाली स्थापित करने में ये राशि खर्च की जाएगी।

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार ने जो काम किए हैं, उन प्रोजेक्ट्स को हम तीसरे कार्यकाल में दोगुनी गति से इसे आगे बढ़ाएंगे। आने वाले दिनों में हम रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगे, रेलवे इंजन और डिब्बों के मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाएंगे। आमतौर पर निम्न वर्ग और मध्यवर्गीय लोगों सफर के लिए रेलवे का ज्यादा का उपयोग करते हैं। पहले के मुकाबले इन दिनों जनरल कोच में यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में 700 करोड़ लोगों ने रेलवे से यात्री की है। इनमें एक व्यक्ति ने एक से अधिक बार यात्राएं की हैं। इसमें वो आंकड़ा भी शामिल किया गया है।

इसलिए रेलवे ने हाल ही में 2500 जनरल कोच लगाने का फैसला किया। साथ ही 10 हजार नए जनरल कोच बनाने का निर्णय लिया गया है। इनकी मंजूरी बजट 2024 में मिल गई है। कुछ दिनों पहले ही कवच प्रणाली 4.0 लागू हो गई है। तेजी से इसे ट्रेनों में लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं, आने वाले दिनों में रेलवे प्रोजेक्ट में तेजी लाई जाएगी।

रेलवे का जिक्र नहीं होने से गिरे रेलवे के शेयर
इसी बीच बजट में रेलवे का जिक्र नहीं होने से रेल कंपनियों से जुड़े शेयर धड़ाम हो गए। एक शेयर में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। इसका कारण रहा कि वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए किसी भी घोषणा का जिक्र नहीं किया। हाल ही में हुए ट्रेन हादसों के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और नई ट्रेनों के लिए कुछ घोषणाएं हो सकती हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसी का कारण रहा कि रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को जबरदस्त गिरावट आई है।

एक करोड़ गरीब-मध्यम वर्गीय परिवारों को घर, हाउसिंग सेक्टर को एक साल में 15% वृद्धि का अनुमान

23 जुलाई को वितमंत्री निर्मला सीतारामण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। जिसमें किसानों, महिलाओं और युवाओं के लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। इसके साथ ही एक करोड़ गरीब व मध्यम वर्ग परिवारों को घर मुहैया करवाने के लिए सरकार ने ब्याज पर सब्सिडी योजना का एलान किया है। महिलाओं को विशेषरूप से प्रॉपट्री खरीदने पर राज्य सरकारों से स्टैम्प ड्यूटी पर छूट देने को कहा गया है। जिसमें महिलाएं अपने घर का सपना पूरा कर सकें। बजट भाषण में बोलते हुए वित्तमंत्री ने एलान किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त घरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा औद्योगिक श्रमिक जो कि रोजगार के लिए शहरों में आते हैं उनके लिए सरकार छात्रावास शैली के आवासों के साथ किराये के आवास भी बनाएगी। यह सार्वजनिक और निजी भागीदारी मॉडल (पीपीपी) पर आधारित होगा।

हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ एक साल 10 से 15 प्रतिशत रहने का अनुमान
हिरानंदानी ग्रुप के चेयरमैन एवं एमी नीरजंन हीरानंदानी का कहना है कि बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना को आगे बढ़ाए जाने से हाउसिंग सेक्टर की ग्रोथ अगले एक साल 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ेगी। सरकार ने अफोडेबल हाउसिंग के लिए जो एलान किया है उससे होम फाइनेंस कंपनियों की कारोबारी वृद्धि में 25 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि अगले पांच सालों में जब हम पांच ट्रिलियन की इकॉनमी बनेंगे तो भारत के जीडीपी में हाउसिंग और इन्फ्रा का योगदान 20 प्रतिशत होगा। मौजूदा समय में यह जीडीपी में 7 प्रतिशत की योगदान है।

हाउसिंग फाइनेंस और सीमेंट कंपनियों को मिलेगा लाभ
स्मॉल केस मैनेजर और संस्थापक सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाने की सरकार की घोषणा से रियल एस्टेट मार्केट में तेजी तो आएगी लेकिन इसका सीधा फायदा हाउसिंग फाइनेंस और सीमेंट कंपनियों को होगा। हाउसिंग फाइनेंस फर्मों को लोन की मांग बढ़ने से लाभ होगा जिससे नए बाजार और अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि उन्हें क्रेडिट मूल्यांकन और जोखिम प्रबंधन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सीमेंट कंपनियों को अपने उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। जिसमें बढ़ी हुई मांग को पूरा किया जा सके। कंपनियों का फोकस कच्चे माल की बढ़ती लागत का प्रबंधन करने और उत्पादन क्षमता पर निवेश पर होगा। सैमको सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिव्यम मौर ने कहा, एक करोड़ गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों को घर खरीदने में मदद करने के लिए वित्तमंत्री के 10 लाख करोड़ रुपये के आवंट से आवसीय संपत्तियों की मांग को बढ़ावा मिलेगा साथ ही ब्याज सब्सिडी और फंडिंग से रियल एस्टेट उद्योग डेवलपर्स और छोटी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को बहुत फायदा होगा।

रिकॉर्ड तेजी से सेक्टोरल फंड में अच्छा रिटर्न, पावर-इन्फ्रा के साथ इसमें हो सकती है बेहतर कमाई

घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बीच निवेशक अच्छे रिटर्न के लिए सेक्टोरल फंडों में दांव लगा सकते हैं। अर्थव्यवस्था भी इस समय अच्छा काम कर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई ) खरीदारी की होड़ में हैं। इससे इनके और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बीच निवेश का अंतर मुश्किल से 9 फीसदी रह गया है। उम्मीद है कि डीआईआई जल्द ही एफआईआई से आगे निकल जाएंगे। कोई आश्चर्य नहीं कि कोर सेक्टर इस विकास इंजन में सबसे आगे हैं।

पावर, इन्फ्रा व बैंकिंग थीम में हो सकती है कमाई
बोडेविजन इन्वेस्टर्स सर्विसेज के आलोक अग्रवाल का कहना है कि ऐसे उत्साहपूर्ण समय में थीम आधारित सेक्टोरल फंडों में निवेश का अवसर बनता है। पावर, इन्फ्रा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, नवाचार और उपभोग थीम में निवेश से रिटर्न में शानदार वृद्धि देखने को मिल सकती है। निप्पॉन इंडिया पावर एंड इन्फ्रा फंड ने एक साल में 82.73 फीसदी रिटर्न दिया है। फंड हाउस के फार्मा और कंजम्प्शन फंड ने भी क्रमशः 40.92 फीसदी व 39.34 फीसदी रिटर्न दिया है।

आर्थिक प्रगति में भी कर सकते हैं योगदान
अगर आप प्रमुख सेक्टर फंडों में श्रेणी के रिटर्न को देखें तो इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 46.05 फीसदी, कंजम्पशन फंड ने 47 फीसदी, फार्मा फंड ने 47.06 फीसदी और टेक्नोलॉजी आधारित फंड ने 30 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। कुल मिलाकर, पिछले एक साल में सेक्टोरल फंड्स ने निवेश पर 44.40 फीसदी रिटर्न दिया है। रणनीतिक रूप से तैयार किए गए इन फंडों में निवेश कर निवेशक न सिर्फ सेक्टर आधारित ग्रोथ से लाभान्वित हो सकते हैं, बल्कि भारत की दमदार आर्थिक प्रगति में भी योगदान दे सकते हैं।

सात फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी जीडीपी, बेहतर मानसून से कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। कहा, सामान्य से बेहतर मानसून के कारण कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।

एडीबी का यह अनुमान ऐसे समय में आया है, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के लिए अपने जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने पिछले महीने अपने वृद्धि अनुमान को 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया था।

एडीबी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने की राह पर है, जैसा कि अप्रैल, 2024 में अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया, 2022-23 में धीमी वृद्धि के बाद सामान्य से अधिक मानसून अनुमानों को देखते हुए कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। ऐसा जून में मानसून की धीमी प्रगति के बावजूद है। ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि की गति को बनाए रखने के लिए कृषि में सुधार महत्वपूर्ण होगा। विकासशील एशिया के वृद्धि अनुमान के संबंध में एडीबी ने कहा, 2024-25 के लिए पांच फीसदी तक संशोधित किया गया है, जबकि 2025-26 के लिए 4.9 फीसदी पर कायम रखा गया है।