Friday , November 22 2024

बिज़नेस

सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बना सकता है केंद्र, घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए लिया जा सकता है फैसला

सरकार पूर्ण बजट में देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने और घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए इस्पात, सौर बैटरी, एल्युमीनियम और लिथियम सेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बना सकती है। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के अध्यक्ष अमेय प्रभु ने कहा, कच्चे माल पर शुल्क से घरेलू कंपनियों और खासकर डाउनस्ट्रीम इकाइयों पर असर पड़ता है। इसलिए, इन क्षेत्रों में घरेलू उद्योग को बढ़ाने के लिए सुरक्षात्मक उपायों की आवश्यकता है। इन उपायों के जरिये हम घरेलू विनिर्माण को मजबूती से बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक केंद्र बना सकते हैं।

मिश्रित पेट्रोलियम गैस पर शुल्क 2.5 फीसदी करने की सिफारिश
आईसीसी अध्यक्ष ने कहा, मिश्रित पेट्रोलियम गैस पर शुल्क को पांच फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी किया जाना चाहिए। ऐसा कर उलटे शुल्क ढांचे में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने सरकार से लाभांश पर कर नही लगाने की भी सिफारिश की है।

राजकोषीय घाटे व वृद्धि पर रह सकता है जोर
अर्थशास्त्री संदीप वेम्पति का मानना है कि मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में राजकोषीय घाटा लक्ष्य और आर्थिक वृद्धि पर जोर दे सकती है। उन्होंने कहा, आरबीआई से अधिक लाभांश मिलने व कर संग्रह में उछाल से राजकोषीय स्थिति बेहतर हुई है। सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को 5.1 फीसदी पर सीमित रखने व 2025-26 तक इसे 4.5 फीसदी से नीचे लाने के लक्ष्य पर टिकी रह सकती है।

अर्थशास्त्री ने कहा, सरकार इस बजट का इस्तेमाल 2030 और 2047 के लिए आर्थिक दृष्टिकोण का संदेश देने के लिए करेगी। इसके लिए वह पूंजीगत खर्च में वृद्धि, कर प्रोत्साहन, ग्रामीण विकास, विनिर्माण, एमएसएमई, स्वास्थ्य व शिक्षा पर खर्च बढ़ा सकती है।

अनंत-राधिका की शादी में नहीं परोसी गई शराब, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने की अंबानी परिवार की तारीफ

अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के भव्य शादी समारोह में शामिल हुए धर्मगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अंबानी परिवार की तारीफ की है। शंकराचार्य ने अपने एक बयान में इतनी भव्य शादी के बावजूद उसमें शराब और मांस नहीं परोसे जाने पर अंबानी परिवार की प्रशंसा की है। अंबानी परिवार ने अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के विवाह के लिए एक भव्य समारोह का आयोजन किया था। जिसमें दुनियाभर के अतिथि शामिल हुए थे। इस शादी समारोह में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का भी स्वागत किया गया था।

शंकराचार्य ने अंबानी परिवार की प्रशंसा में कही यह बात
हाल ही में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से एक बातचीत के दौरान कहा कि अंबानी परिवार ने अपने बेटे का विवाह किया जिसमें लंबे समय तक कई कार्यक्रम को आयोजित किया गया, लेकिन किसी भी दिन शराब नहीं परोसी गई। अलग-अलग मौके पर हजारों व्यंजन बनाए गए लेकिन एक भी दिन मांसाहारी भेजन नहीं परोसा गया। यह बहुत खास है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए विवाह संपन्न किया गया तो हम भी आशीर्वाद देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि जहां देश में ऐसी स्थिति बन गई है कि बिना शराब के कोई कार्यक्रम संपन्न नहीं हो रहा। वहां इतना बड़ा आयोजन बिना शराब और मांसाहारी भोजन के बिना करना वाकई अद्भुत है।

बड़ी राहत, बैंक-बिल्डरों की ओर से घर खरीदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर के उन मकान खरीदारों को बड़ी राहत दी है जिन्हें अब तब बिल्डर से उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिला है। अदालत ने निर्देश दिया है कि ईएमआई भुगतान को लेकर बैंक, वित्तीय संस्थान या बिल्डर घर खरीदारों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे और उनसे संबंधित चेक बाउंस के किसी भी मामले पर विचार नहीं किया जाएगा।

शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने कई मकान खरीदारों की वे याचिकाएं खारिज कर दी थीं जिनमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि जब तक रीयल एस्टेट डेवलपर्स अपने फ्लैटों का कब्जा नहीं दे देते तब तक समान मासिक किस्त (ईएमआई) नहीं वसूला जाए। उच्च न्यायालय के आदेश से असंतुष्ट मकान खरीदारों ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जहां अदालत इस मुद्दे पर गौर करने के लिए सहमत हो गई और संबंधित पक्षों से जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने 14 मार्च, 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर केंद्र, बैंकों और अन्य को नोटिस जारी किए हैं। इस बीच, सभी मामलों में अंतरिम रोक रहेगी। इस दौरान घर खरीदारों के खिलाफ बैंकों/वित्तीय संस्थानों या बिल्डरों/डेवलपर्स की ओर से परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत शिकायत सहित कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

ज्यादातर वित्तीय संस्थानों/बैंकों ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया है। जिन लोगों ने अभी तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है, उन्हें दो सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्य करने का अंतिम अवसर दिया गया है। यह मामला शीर्ष अदालत के समक्ष 27 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। मकान खरीदारों ने शीर्ष न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा है कि वे आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर बैंकों की ओर से सीधे बिल्डर के खाते में अवैध तरीके से कर्ज देने के के पीड़ित हैं।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में इस आधार पर रिट याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ताओं के पास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, दिवाला और दिवालियापन संहिता और रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम जैसे विभिन्न कानूनों के तहत वैकल्पिक उपाय हैं। यह मामला 123 घर खरीदारों से संबंधित है।

पहली तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 7.1% बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये पर पहुंचा, नतीजे जारी

इंफोसिस ने गुरुवार को 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में ₹6,368 करोड़ के समेकित मुनाफे (PAT) की जानकारी दी है। यह एक वर्ष पहले की अवधि में रिपोर्ट किए गए ₹5,945 करोड़ के मुनाफे से 7.1% अधिक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी का परिचालन से राजस्व 39,315 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 37,933 करोड़ रुपये था। इसमें 3.6% की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, अनुक्रमिक आधार पर, कंपनी का समेकित शुद्ध मुनाफा वित्तीय वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 7,975 करोड़ की तुलना में 20.1% कम हो गया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरावट के बीच सोना 50 रुपये बढ़ा, चांदी 500 रुपये लुढ़की

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बाद भी दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का भाव 50 रुपये की तेजी के साथ 75,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन ने बताया कि घरेलू मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई। हालांकि, वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख से बढ़त सीमित रही।

वहीं बात अगर चांदी की करें तो उसकी कीमतें 500 रुपये गिरकर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं। पिछले सत्र में यह 94,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं थीं।विदेशी बाजारों में कॉमेक्स पर हाजिर सोने का 3.51 डॉलर प्रति औंस की गिरावट के साथ 2,407.92 डॉलर प्रति औंस पर हो गया।

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन ने कहा कि सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन पिछले हफ्ते अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डेटा के बाद यह 2,400 अमेरिकी डॉलर से ऊपर रहने में कामयाब रहा। डेटा जारी होने के बाद इसमें अनुमान से कुछ हद तक कम रीडिंग देखी गई। जिससे उम्मीद जगी कि मुद्रास्फीति कम होगी।

वहीं, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में अपडेट से भू-राजनीतिक तनाव के साथ-साथ बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में ईबीजी – कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा कि भले ही सर्राफा में गिरावट सीमित दिख रही है, लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले सत्रों में कुछ सुरक्षित मांग बढ़ेगी।

जून में भारतीय उत्पादों के निर्यात में 2.56% की बढ़ोतरी, 20.98 बिलियन डॉलर पहुंचा व्यापार घाटा

भारतीय उत्पादों के निर्यात ने जून महीने में वैश्विक चुनौतियों के बीच 2.56 फीसदी की छलांग लगाई है। इस छलांग के साथ ही इस निर्यात 35.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर को छू लिया। इसके अलावा इस महीने के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 20.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कच्चे तेल, दालें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवक में बढ़ोतरी के कारण आयात में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके साथ ही यह जून में 56.18 बिलियन डॉलर पहुंच गया।

भारतीय उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 के जून महीने में आयात और निर्यात के बीच 19.19 डॉलर का अंतर था। वहीं, इस वर्ष मई महीने में भारतीय उत्पादों के निर्यात में 9.1 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। इसके अलावा व्यापार घाटा बढ़कर 23.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया। यह सात महीनों का सबसे उच्च स्तर है।

अप्रैल से जून की तिमाही के आंकड़े
इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून की तिमाही में उत्पादों का निर्यात 5.84 फीसदी के साथ 109.96 बिलियन डॉलर पहुंच गया। इसके अलावा निर्यात भी 7.6 फीसदी की बढ़त के साथ 172.23 बिलियन पहुंच गया। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल से जून की तिमाही में व्यापार घाटा बढ़कर 62.26 बिलियन डॉलर पहुंच गया। बीते वर्ष इस समयावधि में व्यापार घाटा 56.16 बिलियन डॉलर था।

भारत के छोटे शहरों में अब 65 प्रतिशत लेनदेन डिजिटल, इसमें भी जेन एक्स सबसे आगे

भारत के छोटे शहरों में अब 65 प्रतिशत लेनदेन डिजिटल से किया जा रहा है। किर्नी इंडिया और अमेजन पे इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल भुगतान क्रांति का नेतृत्व भारत के सहस्राब्दी (25-43 वर्ष की आयु) और जेन एक्स (44-59 वर्ष की आयु) द्वारा किया जा रहा है। बूमर्स (60 वर्ष और उससे अधिक) के पास युवा समूहों की तुलना में अधिक कार्ड और ई-वॉलेट का उपयोग किया जाता है।

भारत के छोटे शहरों में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है। इसको लेकर अमेजन पे ने एक रिपोर्ट पेश की है जिससे पता चला कि भारत के छोटे शहरों में उपभोक्ताओं द्वारा लगभग 65 प्रतिशत लेनदेन अब डिजिटल हो रहा है, जबकि बड़े शहरों में यह अनुपात लगभग 75 प्रतिशत है।

किर्नी इंडिया और अमेजन पे इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल भुगतान में क्रांती आई है, जिसका नेतृत्व भारत के सहस्राब्दी (25-43 वर्ष की आयु) और जेन एक्स (44-59 वर्ष की आयु) द्वारा किया जा रहा है। पार्टनर, फाइनेंशियल सर्विसेस लीड, किर्नी इंडिया की शाश्वत शर्मा, ने कहा, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों लेनदेन में युवा डिजिटल भुगतान को व्यापक रूप से अपनाने से लेकर बीएनपीएल (अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें) जैसी उभरती भुगतान ट्रेंड को लेकर भारत में भुगतान का परिदृश्य बदल रहा है।

लेन-देन हुआ आसान
उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट 120 शहरों, 6,000 से अधिक उपभोक्ताओं और 1,000 व्यापारियों के सर्वेक्षण पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, नकद लेनदेन कम होने के कारण यूपीआई, डिजिटल वॉलेट और कार्ड का व्यापक आकर्षण बढ़ रहा है, जिसमें 69 प्रतिशत व्यापारिक लेनदेन डिजिटल मोड से हो रहे हैं। अमेजॉन पे इंडिया के सीईओ विकास बंसल ने कहा, भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति क्षेत्रों में हो रही है, जो उपभोक्ताओं और व्यापारियों द्वारा समान रूप से प्रेरित है। सड़क विक्रेताओं और छोटे शहरों में भी डिजिटल लेनदेन के प्रवेश के साथ, हम अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। अमेजन पे इस बदलाव में सबसे आगे रहने और सभी क्षेत्रों में भारतीयों को यह सुविधा देना चाहता है।

शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट, सेंसेक्स 207 अंक गिरा, निफ्टी 24,380 पर

शेयर बाजार बुधवार सुबह गिरावट के साथ खुला। जहां सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 207.47 अंक गिरकर 80,144 अंक पर रहा, वहीं निफ्टी 49.6 अंक फिसलकर 24,383 अंक पर खुला।बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 207.47 अंक गिरकर 80,144 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी शुरुआती कारोबार में 24,461 अंक के अपने नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, लेकिन शुरुआती सौदों के बाद 49.6 अंक गिरकर 24,383 अंक पर आ गया।

सेंसेक्स में सूचीबद्ध कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे।मारुति, अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी और भारती एयरटेल के शेयर फायदे में रहे।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से 314.46 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर खरीदे। दूसरी तरफ रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.49 पर स्थिर रहा।

डिप्टी गवर्नर राव ने NBFC के खुलासों की गुणवत्ता पर चिंता जताई, संस्थानों के लेखा परीक्षण पर दिया जोर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कुछ गैर बैंकीय वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के खुलासों की गुणवत्ता को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कंपनियों का लेखा परीक्षण (ऑडिट) होना चाहिए। इससे इस बात का पता चल सकेगा कि जमाकर्ताओं और अन्य पक्षों को सही जानकारी दी जा रही है या नहीं। राव ने यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि ऐसी संस्थाएं जमाकर्ताओं के साथ-साथ अन्य पक्षों को भी उचित गुणात्मक जानकारी प्रदान करें।

‘भरोसे को कायम रखना बेहद जरूरी’
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘वित्तीय दस्तावेजों के मामले में सभी पक्षों के भरोसे को कायम रखने के लिए लेखा परीक्षण करना बेहद आवश्यक है। बैंकिंग उद्योग का पूरा तंत्र विश्वास की नींव पर खड़ा है और यहां जमाकर्ता ओर अन्य पक्षों को अलग-थलग और अनियोजित तरीके से रखा गया है।’ एम राजेश्वर राव ने वैधानिक लेखा परीक्षकों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (आईएफआई) के मुख्य वित्तीय अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। राव ने इस बात पर जोर दिया कि बैंकीय और वित्तीय उद्योगों में उच्च स्तर के लेखा-जोखा की आवश्यकता पर आरबीआई का विशेष ध्यान है। इसके साथ ही उन्होंने बाजार में अनुशासन बरकरार रखने के लिए वित्तीय दस्तावेजों में पारदर्शिता पर भी जोर दिया। डिप्टी गवर्नर ने कहा कि आरबीआई द्वारा बीते कुछ समय से विनयमित संस्थाओं (आरई) को व्यावसायिक निर्णयों में लचीलापन लाने पर जोर दिया जा रहा है।

‘सुधारों पर दिया जा रहा है जोर’
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि अपेक्षित ऋण हानि (ECL- Expected Credit Loss) के मामले में केंद्रीय बैंक द्वारा गैर बैंकीय वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) के दस्तावेजों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। राव ने कहा, ‘कुछ एनबीएफसी के दस्तावेजों पर ध्यान देने के बाद हमने पाया कि इनमें बड़े पैमाने पर लेखांकन को दोहराया गया था। इसके अलावा आरबीआई द्वारा विनयमित संस्थाओं (आरई) को अपने काम करने के तरीके को और भी सुधारने पर जोर दिया गया है।’

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया की कंपनियों को भारत आने का दिया न्योता; निवेश की संभावनाएं गिनाईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रिया की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए बुधवार को आमंत्रित किया। उन्होंने बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर जोर डाला। पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद मंगलवार शाम मॉस्को से यहां पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 40 वर्षों में ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा है।

पीएम मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने यहां हॉफबर्ग पैलेस में आयोजित गोलमेज व्यापार बैठक में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने ऑस्ट्रिया और भारत के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) को संयुक्त रूप से संबोधित किया।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित क्षेत्र, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, फिनटेक, स्टार्टअप और नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय और ऑस्ट्रियाई कंपनियों के बीच सहयोग की महत्वपूर्ण संभावना पर जोर दिया। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रियाई कंपनियों को भारत में निवेश करने का न्योता दिया। दोनों देशों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘इंडियाऑस्ट्रिया स्टार्टअप ब्रिज’ फरवरी, 2024 में पेश किया गया था।

भारत-ऑस्ट्रिया द्विपक्षीय व्यापार 2023 (जनवरी-दिसंबर) में 2.93 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है। ऑस्ट्रिया को भारतीय निर्यात 1.52 अरब डॉलर और आयात 1.41 अरब डॉलर रहा है।