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हेल्थ

ड्राय फ्रूट्स की मदद से सिर्फ दिमाग ही नहीं होगा तेज़ बल्कि मिलेंगे ये सभी लाभ

क्‍या आप वजन कम करने के ल‍िए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन किन्‍ही कारणों से वजन कम नहीं हो रहा हैं। अगर आप भी सच में वेटलॉस करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में ड्राय फ्रूट्स यानी कि सूखे मेवों को जरूर शामिल करें।

अगर आप काजू का तेल आपकी त्वचा पर इस्तोमाल करते हैं, तो यह आपके लिए चमत्कारी सिद्ध हो सकता है. काजू के तेल में सेलेनियम, जस्ता, मैग्नीशियम, लोहा और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

खाने की रूटीन में मेवें जुड़ जाए तो आप वजन को बहुत हद तक कंट्रोल में कर सकते हैं। दरअसल मुठी भर मेवा खाने से बहुत देर तक भूख का एहसास नहीं होता और एनर्जी का स्तर भी बना रहता है, इतना ही नहीं इसी वजह से जंक फूड के लिए जी भी नहीं ललचाता।

काजू के तेल में कॉपर मेलेनिन तत्व पाया जाता है, जो आपकी त्वचा और बालों के पिगमेंट के उत्पादन में सहायक होता है. इसके इस्तेमाल से आपके बालों के रंग बरकरार रहता है.

अगर आप हर रोज एक सीमित मात्रा में काजू का सेवन करते हैं, तो आपको खून से संबंधित रोगों से बचने में मदद कर सकता है. काजू में कॉपर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, यह आपके शरीर से मुक्त कणों को बाहर निकालने में उपयोगी होता है.

खट्टी चीजों में पाया जाता हैं भरपूर विटामिन ‘सी’, जिससे ब्‍लड शुगर लेवल कण्ट्रोल करने में मिलेगी मदद

भारत में लगातार कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जा रही है कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमारी इम्यूनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत मजबूत होगी, तभी इस वायरस से बच पाएंगे।

जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इमली एक तरह से वजन कम करने के लिए एक औषधि (Medicine) के रूप में भी काम करती है. यह फाइबर से भरपूर होती है और इसमें फैट की मात्रा बिल्‍कुल नहीं होती है.

गौर करने वाली बात यह है कि घर में रखी हुई कई चीजों में विटामिन ‘सी’ पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सक्षम होता है। वैसे भी खट्टी चीजों में भरपूर विटामिन ‘सी’ होता है और घर में रखी खट्टी-मीठी इमली तो सभी को पसंद है। इमली कई गुणों से भरपूर भी होती है।

इमली हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड से भरपूर होती है, जो एमिलेज को रोककर भूख को कम करती है. यह एक एंजाइम है, जो कार्बोहाइड्रेट को फैट में परिवर्तित करने के लिए जिम्मेदार होता है.डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इमली डायबिटीज मरीजों के लिए भी लाभकारी है.

इसे ब्‍लड शुगर लेवल को स्थिर करने और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अग्नाशय के टिश्‍यु की क्षति को रोकने के लिए जाना जाता है. इमली में पाया जाने वाला एंजाइम अल्फा-एमिलेज ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है. जिसे इमली से एलर्जी हो वह इसे न लें.

कम्प्यूटर के सामने बैठने वालों को अक्सर इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

महिलाएं अपने मेकअप और स्किन केयर को लेकर काफी परेशान हैं। कोरोना वायरस के बीच घर में रह कर अपने आपको कैसे फिट रखें और अपनी स्किन का ध्यान कैसे रखें।आज हम आपको यहाँ बताएँगे कुछ आसान टिप्स:

आंखों को आराम देना
फ्रेश दिखने के लिए आंखों को आराम देना भी बेहद जरूरी है। ज्यादा देर तक कम्प्यूटर के सामने बैठने वालों को थोड़ी-थोड़ी देर बाद खिड़की के बाहर या देखना चाहिए  इससे आंखों को आराम मिलता है।

स्नान करने से भी चेहरे पर रौनक आती है। हालांकि 10 मिनट से ज्यादा देर तक नहीं नहाना चाहिए। गर्म पानी से देर तक नहाने से त्वचा पर लाल धब्बे भी पड़ सकते हैं।

ध्यान केंद्रित करना
दोपहर के समय लगभग हर किसी को नींद आने लगती है। काम के बीच समय में से 5 मिनट निकालकर भी आंखें बंद करें, तो यह फायदेमंद होता है।  यह हार्मोन खुशी के एहसास के लिए जिम्मेदार होता है।

मटके का पानी खांसी या सर्दी से पीड़ित लोगों के लिए हैं फायदेमंद

शरीर को गर्मी से बचाने के लिये आप पानी का भरपूर सेवन करें। ऐसे में हम आपसे येही कहेंगे कि फ्रिज का पानी पीने की बजह आप मिट्टी के घड़े का पानी पिएं। जी हां, मिट्टी के घड़े का पानी स्‍वास्‍थ्‍य के लिये किसी अमृत से कम नहीं है।

मिट्टी के घड़े को गरीबों का फ्रिज भी कहते हैं। मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, चयापचय या पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है। आज हम आपको मटके का पानी पीने के यह बेशकीमती फायदे बताने जा रहे है

गले की तकलीफों के लिए मटके का पानी खांसी या सर्दी से पीड़ित लोगों के लिए एक आदर्श पेय है. गर्मियों के दौरान सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि फ्रिज का पानी पीने में ठंडा हो सकता है और प्लास्टिक की बोतलों में बाहर रखा पानी बहुत गर्म होता है. मिट्टी के मटके का पानी प्यास बुझाने के लिए मिट्टी के गुणों से भरपूर होता है.
मेटाबॉलिज्म में सुधार
मिट्टी के बर्तन में जमा पानी से शरीर की प्राकृतिक मेटाबॉलिज्म प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. इसका कारण यह है कि यह पानी किसी भी प्रकार के रासायनिक घटकों के संपर्क में नहीं आता है.

हीलिंग गुण से भरपूर
मिट्टी के मटके में हीलिंग यानी उपचार के गुण होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि मिट्टी का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के खनिजों और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा में बर्तन बनाने के लिए किया जाता है. जब बर्तन में पानी भर जाता है और फिर पिया जाता है, तो लाभ शरीर में स्थानांतरित हो जाते हैं.

सफ़ेद बालों की समस्या से आपको छुटकारा दिलाएगी एक कप आंवले की चाय

आंवला जिसे इंडियन गूसबेरी भी कहा जाता है, हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद फायदेमंद है। यदि आप रोजाना एक आंवला खाते हैं, तो यह आपको को कई तरह की बीमारियों से बचाता है।

आंवला का सेवन  समय काफी अच्‍छा माना जाता है। सर्दियों में आंवला आप कई तरीके से खा सकते हैं, आप चाहें तो अचार, आंवला मुरब्‍बा, सुखा आंवला पाउडर, कच्‍चा आंवला या आंवला कैंडी के रूप में खा सकते हैं। आप आंवला ड्रिंक के रूप में भी सेवन कर सकते हैं।

-आप आंवले की सब्ज़ी बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं. आप इसको आलू या किसी अन्य सब्ज़ी के साथ मिलाकर पका और खा सकते हैं.
-आंवले का सेवन आप चटनी की तरह भी कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो केवल आंवले को पीसकर इसकी चटनी बना सकते हैं. अगर न चाहें तो हरे धनिया या पुदीने की चटनी में इसको पीसकर, सेवन कर सकते हैं.

-आंवले की चाय बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है. इसके लिए आप आंवले को पीसकर, पानी में उबाल कर, इसका सेवन चाय की तरह से कर सकते हैं.

गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग की समस्या से निजात पाने के लिए आजमाएं ये उपाए

आजकल इंसान कई बिमारियों का शिकार हो जाता है जिनका कारण हमारा खाना ही होता है। कभी-कभी कुछ गलत खा लेने या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण कुछ लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। फूड प्वाइजनिंग होने पर दस्त, उल्टी, एसिडिटी और सीने में जलन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।

ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. जरा सी देरी या चूक आदमी की जान को आफत में डाल सकती है क्योंकि फूड प्वाइजनिंग में शरीर के भीतर नमक व पानी की मात्रा कम हो जाती है.

लहसुन के इस्तेमाल से फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल, और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं जो फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।

फूड प्वाइजनिंग होने के बाद पेट के भीतर एंजाइम्स नहीं बनते हैं जिसकी वजह से डाइजेशन पाचन की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाती है. आंतों की कार्यक्षमता निर्बल होने से भी खाना पच नहीं पाता है. गैस की दवा जैसे ओमेप्रोजेल, पैंटाप्रेजोल समेत अन्य तरह की दवाएं लेते हैं उन लोगों में एसिड का सीक्रेशन नहीं हो पाता है जिससे फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.

अजवाइन की चाय बनाएगी आपके दिल और दिमाग को स्वास्थ्य

भारत में ज्यादातर लोग चाय के शौकीन है। चाय काफी तरह की होती है और हर कोई चाय सेहत के लिए लाभदायक होती है। अजवाइन की चाय सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अजवाइन की चाय में एंटी-औक्सीडेंट्स के गुण काफी मात्रा में होते हैं। आज हम आपको बताएंगे अजवाइन की चाय हमारे लिए कैसे फायदेमंद है।

अस्थमा की प्रॉब्लम के लिए अजवाइन की चाय बहुत फायदेमंद है। अस्थमा अटैक में शहद की मिठास के साथ अजवाइन की चाय का सेवन करने से बहुत जल्द लाभ मिलता है।

अजवाइन की चाय में ओमेगा 3 फैटी एसिड के गुण काफी मात्रा में होते है जो दिल और दिमाग दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।

अजवाइन की चाय में फाइबर काफी मात्रा में होती है। फाइबर शरीर में फैट की मात्रा को नियंत्रित रखने में मदद करता है जिस वजह से आपका वजन नियंत्रण में रहता है।

बड़ों ही नहीं बल्कि बच्चों में भी तेज़ी से बढ़ रहा डाइबिटीज की समस्या का खतरा

आज के समय में छोटे बच्चो में भी काफी देखी जा रही है डाइबिटीज एक बेहद गंभीर बीमारी है इ एक मेटाबोलिक विकार है जिससे शरीर में शुगर यानी काबोर्हाइड्रेट का अपघटन सामान्य रूप से नहीं होता और इसका सीधा असर दिल, नसों, किडनी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ सकता है डाइबिटीज का लम्बे समय तक ध्यान नहीं दिया गया तो इसका असर आँखों पर भी पड़ सकता है।

बच्चो में डाइबिटीज की समस्या के कारन आज हम आपको इसके लक्षण बताने रहे है जिससे आप इसकी समय पर पहचान करके इसका इलाज जल्द ही शुरू कर सकते है।

अगर बच्चो में थकान, सिर में दर्द, ज्यादा प्यास लगने, ज्यादा भूख लगने, व्यवहार में बदलाव, पेट में दर्द, बेवजह वजन कम होने, खासतौर पर रात के समय बार-बार पेशाब आने, यौन अंगों के आस खुजली है तो उसे डाइबिटीज हो सकती है बच्चो में टाईप 1 डायबिटीज के लक्षण कुछ ही सप्ताहों में तेजी से बढ़ जाते हैं।

टाईप 2 मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई मामलों में महीनों या सालों तक इनका निदान नहीं हो पाता इसके लिए बच्चो को इंसुलिन थेरेपी दी जाती है कसर बच्चो को निदान के पहले साल में बच्चे को इंसुलिन की कम खुराक दी जाती है इसे ‘हनीमून पीरियड’ कहा जाता है।

अगर आपका बच्चा मोटा है तो उसमे डाइबिटीज का खतरा ज्यादा है इसके लिए उसका विशेष ध्यान रखे गतिहीन जीवनशैली के कारण शरीर इंसुलिन और रक्तचाप पर नियन्त्रण नहीं रख पाता चीनी से युक्त खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा करे विटामिन और फाईबर से युक्त संतुलित, पोषक आहार के सेवन से टाईप 2 डायबिटीज की संभावना को घटाया जा सकता है

ज्यादा मात्रा में बादाम खाना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हैं हानिकारक, जरुर देखिए

बादाम को सेहत से लेकर दिमाग के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है और यह है भी, इसकी वजह बादाम में प्रोटीन से लेकर विटामिन ए, विटामिन ई, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे कई तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं, लेकिन बादाम के अधिक सेवन से यह उतना ही नुकसदायक हो जाता है। इससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसके अलावा शरीर में कई और समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

ज्यादा बादाम खाने से हो जाती है यह दिक्कत

वैसे तो बादाम खाना कब्ज जैसी समस्या के लिए कारगार उपचार माना जाता है, लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर यह पेट के लिए उतना ही नुकसान दायक बन जाता है। ज्यादा बादाम खाने से कब्ज, पेट में दर्द, लूज मोशन समेत कई दिक्कत हो सकती है। साथ ही बादामा में फैट और कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। यह दिल के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आप अपनी दिनचर्या में फिजिकली ज्यादा काम नहीं करते है तो बादाम के ये विटामिन आपका वजन बढ़ा सकते हैं।

आंखों से धुंधला दिखने की हो सकती है समस्या

सौ ग्राम बादाम में करीब 25 ग्राम विटामिन ई पाया जाता है। वही हमारे शरीर को हर दिन सिर्फ 15 ग्राम विटामिन ई की जरूरत होती है। ऐसे में एक कप बादाम के सेवन से शरीर में तीन गुणा विटामिन ई पहुंच जाता है। इसके खाने से आंखों से धुंधला दिखने के साथ ही कमजोरी और डायरिया जैसी बीमारी हो सकती है। इतना ही नहीं इससे ऐलर्जी होने का खतरा बन जाता है।

20 से 26 साल के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा माइग्रेन का खतरा

माइग्रेन  एक ऐसी समस्‍या है जो इंसान के खान पान रहने के तरीके से ट्रिगर करता है. दरअसल हम जो खाते हैं उसका असर हमारे शरीर पर सीधा असर पड़ता है. माइग्रेन दरअसल एक तरह का सिरदर्द है जिसमें उल्‍टी, घबराहट, तेज आवाज़ में सर में झनझनाहट होती है.

कई बार ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि यह बर्दाश्‍त से बाहर हो जाता है. यह दर्द पहले 35 से 40 साल की उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ता था लाइफस्टाइल में यह 20 से 26 साल के युवाओं में भी देखने को मिलता है.

1.कैफीन वाले ड्रिंक्स

कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार कैफीन माइग्रेन अटैक को रोकने में मदद कर सकता है. लेकिन अगर आप ज्यादा कैफीन लेते हैं तो ये माइग्रेन के दर्द को बढ़ाता है. जैसे चाय, कॉफ़ी को ज्यादा पीना माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर क्र सकती है.

2.चॉकलेट

चॉकलेट में कैफीन बीटा-फेनिलथाइलामाइन दोनों ही ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो सिरदर्द की परेशानी को बढ़ा सकते हैं. ज्यादै मात्रा में डार्क चॉक्लेट खाने से भी दर्द ट्रिगर हो सकता है.

3.मीट

मीट, हैम, हॉट डॉग सॉसेज आदि खाद्य पदार्थों में नाइट्रेट्स नामक तत्‍व होते हैं जो रंग स्वाद को बढाने का काम करते हैं. ये सारे फूड्स दिमाग की नसों में बहने वाला खून पतला करते हैं जिससे माइग्रेन का दर्द ट्रिगर होता है.