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हेल्थ

सिरदर्द में राहत के लिए अदरक का उपयोग हैं बेहद फायदेमंद, जरुर देखें

लोगो को Headache सिरदर्द होना एक आम बात हो गई है। अक्सर देखा गया है कि लोग सिरदर्द से परेशान होकर फ़ौरन ही दवाओं/पेनकिलर का सहारा ले लेते हैं। इस तरह ली गयी दवाएं आपके स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करती हैं।

ऐसे में लोग इस दर्द से निजात पाने के लिए पेनकिलर का सहारा लेते हैं। पेनकिलर के साइड इफ़ेक्ट से बचने के लिए पहले इन घरेलू उपायों को आजमाकर देखना चाभयंकर सिरदर्द है तो नीलगिरी के तेल से सिर में मालिश कराएं। इस दौरान आंखें बंद रखें तो ज्यादा फायदा होगा।

  • सिरदर्द में राहत के लिए अदरक का उपयोग बहुत ही लाभदायक है। अदरक को पानी में डालकर उबालें और फिर उससे भाप लें, इससे आपको फायदा होगा।
  • इसके अलावा अदरक के रस और नींबू के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में एक या दो बार पिएं।
  • पुदीने की पत्तियों का रस निकालकर सिर पर लगाएं, सिर दर्द में आराम मिलता है।

कई बीमारियों को जड़ से मिटाए Black pepper, जानिए इसके कुछ फायदें

काली मिर्च का प्रयोग लोग आमतौर पर भोजन का ज़ायका बढ़ाने के लिए करते हैं। लेकिन ये कई चीजों के लिए फायदेमंद है। Black pepper काली मिर्च कई बीमारियों को जड़ से समाप्त करने में कारगर है।

अगर आप दवा का सेवन करते हैं तो यह दवा के असर को भी बढ़ाने में भी काम आती है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे कई महत्वपूर्ण तत्व होते हैं।काली मिर्च को नींबू पानी के साथ काला नमक, अजवाइन मिलाकर कर सेवन करने से पाचनतंत्र मजबूत होता है।

गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च खाने से गला बैठक ठीक हो सकता है। अगर आप मसूड़ों की समस्या से परेशान हैं तो सरसों तेल के साथ काली मिर्च को मिलाकर मसूड़ों पर लगाए यह फायदेमंद होगा।

काली मिर्च खांसी में भी काफी लाभदायक होती है। सुबह गुनगुने पानी से चेहरे को धोएं तो कील मुंहासे ठीक हो जाएंगे। काली मिर्च और घी को मिलाकर खाना खाने के बाद सेवन करने से खांसी छुट जाएगी। काली मिर्च को गुलाब जल के साथ पीसकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं।

 

घर में हो रही सीलन भी बन सकती हैं साँस सम्बंधी बिमारी की मुख्य वजह

अगर आपके घर के दीवारों में भी सीलन रहती है तो इसे बहुत ही गंभीरता से लेने की ज़रूरत है। सीलन की वजह से आप अनेक तरह के रोगों को न्योता दे रहे हैं।

घर में हो रहे सीलन से श्वास सम्बंधी गम्भीर रोग हो सकते हैं इसलिए अपने घर में पानी के रिसाव और उससे होने वाली सीलन को रोकने के लिए उचित उपाय करना अत्यावश्यक है। घर नया हो या पुराना, उसे सीलन से बचाना जरूरी है और इसके लिए वाटरप्रूफिंग कराना अनिवार्य होता है।

  1.  जमीन के नीचे – सतह का पानी समय की अवधि में बढ़ता जाता है और आपके घर में प्रवेश कर सकता है, दीवारों को नुकसान पहुंचाता है।
  2. आंतरिक गीले क्षेत्र – ये क्षेत्र 365दिनों तक यानी लगातार पानी के संपर्क में आते हैं, आंतरिक दीवारों पर पेंट खराब हो जाता है और पपड़ी देने लगता है।
  3. छत – तापमान में होने वाले परिवर्तन के साथ ही छत की सतह में भी बदलाव होता है, आपकी सुंदर छत पर पानी का रिसाव होने लगता है और इससे पूरे घर में नमी आती है।
  4. कंक्रीट वाटर टैंक – दरारों के गठन के कारण ये पानी के टैंक सतह के माध्यम से रिसाव का कारण बनते हैं। इसलिए इस क्षेत्र की सही ढंग से वाटरप्रूफिंग करना महत्वपूर्ण है।
  5. बाहरी दीवारें – तापमान में परिवर्तन के कारण बाहरी दीवारों में दरारें पैदा होने लगती है, जिससे नमी आने लगती है और इसलिए आपके घर का लुक भी बिगड़ने लगता है।

देसी गाय का घी क्या आपके लिए हैं फायदेमंद ? यहाँ डालिए जानिए

देसी घी का उपयोग भारत में वैदिक काल के पूर्व से होता आ रहा है। पूजा पाठ मे घी का उपयोग अनिवार्य है। अनेक औषधियों के निर्माण में देसी घी काम आता है। मक्खन और घी मानव आहार के अत्यावश्यक अंग हैं। इनसे आहार में पौष्टिकता आती है ओर भार की दृष्टि से सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

– आपको बता दें कि देसी गाय के घी से दिमाग तेज होता है. इसी के साथ ऐसा गायों की अलग-अलग प्रजाति और उनके दूध से मिलने वाले अलग-अलग गुणों के कारण होता है.

– बहुत कम लोग जानते हैं देसी गाय का घी हमारे दिमाग को तेज और कुशाग्र बनाता है. इसके अलावा जर्सी गाय और भैंस का दूध हमारे शरीर को बलवान बनाने का काम करता है इसका मतलब है मसल्स बनानी हैं तो भैंस के दूध और घी का उपयोग करना चाहिए.

– आप नहीं जानते होंगे दोनों समय के भोजन और नाश्ते में भी मध्यम मात्रा में देसी घी का उपयोग किया जा सकता है. लेकिन जिन लोगों को हार्ट, शुगर या कोई अन्य गंभीर रोग है, उन्हें अपनी डायट में किसी भी नई चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

विटामिन ए की कमी के कारण आपको भी हो सकती हैं ड्राई स्किन की समस्या

शरीर के हर अंग की सेहत को सुनिश्चित करना संपूर्ण सेहत को बनाए रखने की दिशा में पहला कदम है.  ये इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है, आंख की सेहत को ठीक करता है और हड्डी की मजबूती प्रदान करता है.

टामिन ए से मिलने वाले स्किन को कुछ फायदों के बारे में जानना चाहिए. विटामिन ए की कमी स्किन के ड्राई होने का कारण बन सकती है. इसका मतलब है कि विटामिन स्किन में नमी को बहाल रखने में मदद कर सकता है आपकी स्किन को चमकदार रखेगा.

आप विटामिन ए के लिए अपनी स्किन की जरूरत को इन तरीकों से पूरा कर सकते हैं. अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो आप ब्रोकोली, पालक और शकरकंद जैसे फूड अपनी डाइट में शामिल करें.

आप विटामिन ए का सप्लीमेंट भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सुनिश्चित करें कि डोज किसी विशेषज्ञ की तरफ से निर्धारित हो. अगर आपको स्किन की समस्याएं हैं, तो आप विटामिन ए के साथ स्किन विशेषज्ञ की सलाह के बाद स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

 

आर्टरी डिजीज का खतरा कम करने में बेहद कारगर हैं चॉकलेट का सेवन

हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से जुड़ते हैं.

चॉकलेट ब्लड प्रेसर और ब्लड वेसल लाइनिंग दोनों के लिए फायदेमंद है. रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका के बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के चयक्रिट क्रिटाननॉन्ग के अनुसार, “मैं यह देखना चाहता था कि क्या यह हार्ट (कोरोनरी आर्टरिज) की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है या नहीं. और यदि ऐसा होता है, तो क्या यह फायदेमंद या हानिकारक है?”

सप्ताह में एक बार से कम चॉकलेट खाने की तुलना में, एक बार से अधिक चॉकलेट खाने से आठ प्रतिशत आर्टरी डिजीज का खतरा कम होता है. क्रिटानानॉन्ग के अनुसार “चॉकलेट में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्व होते हैं जैसे कि फ्लेवोनोइड, मिथाइलक्सैन्थिन, पॉलीफेनोल और स्टीयरिक एसिड जो सूजन को कम कर सकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं.”

हाईबीपी व स्लीप एप्निया के कारण आपको भी हो सकती हैं ये समस्याएँ

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है.

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर ये फल दूर करेगा शरीर में पानी की कमी

गर्मियों का सीज़न शुरू होने के साथ ही शरीर में पानी की कमी से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। ऐसे में तरबूज आपकी सेहत को स्वस्थ रखने के लिए काफी मदद कर सकती हैं। गर्मियों के मौसम में फलों की मात्रा ज्यादा लेने से शरीर स्वस्थ बना रहता है।

सभी फलों में  तरबूज को अहम् माना जाता है। तरबूज भोजन में स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ है जिसमें विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी और पोटेशियम जैसे खनिजों, लाइकोपीन पाया जाता है।

इसका सेवन शरीर में पानी की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें 92 फीसदी पानी पाया जाता है। हालाँकि ज्यादा मात्रा में तरबूज के सेवन से नुकसान का भी सामना करना पद सकता है।

  • 100 ग्राम तरबूज में लगभग 30 कैलोरी और 6 ग्राम शुगर पाई जाती है।
  • दिनभर में 400-500 ग्राम तरबूज खाने से शरीर ठीक रहता है।
  • अधिक मात्रा में तरबूज खाने से शरीर को नुकसान पहुँचता है।

चिलचिलाती हुई गर्मी में लस्सी का सेवन हैं इतना फायदेमंद, जरुर देखें

गर्मी के दिनों में लोग आमतौर पर धूप से बचने के लिए लस्सी का सेवन करते हैं। लस्सी के सेवन से प्यास तो बुझती ही है ,साथ में इसमें बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।गर्मी के दिनों में लस्सी का सेवन करने से बहुत से ऐसे लाभ होते हैं जो गर्मियों के लिए काफी आवश्यक होते हैं।

इम्युनिटी पॉवर

  • लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह इम्युनिटी पॉवर को मजबूत बनाती है।

पाचन तंत्र के लिए बेहतर

  • लस्सी में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होती है जिस वजह से इसके सेवन से पूरा पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
  • अगर आपको पेट से जुड़ी कोई दिक्कत है तो एक गिलास लस्सी पी लें कुछ ही देर में तकलीफ दूर हो जायेगी। लंच के बाद इसका सेवन सबसे उपयुक्त माना जाता है।

एसिडिटी से राहत

  • जो लोग हमेशा एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं उन्हें लस्सी का सेवन ज़रूर करना चाहिये।
  • लस्सी की तासीर ठंडी होती है जिस वजह से हार्टबर्न या अपच की समस्या से राहत दिलाने में यह बहुत असरदार है।

बॉडी हीट कंट्रोल करता है

  • लस्सी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट और पानी की मात्रा आपके शरीर की नमी को बनाए रखते हैं। साथ ही शरीर की गर्मी को भी नियंत्रित रखती है।

क्या RO का पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए हैं लाभदायक, डालिए एक नजर

चिलचिलाती गर्मी में कुछ खाने को मिले या ना मिले पर शरीर को पानी ज़रूर मिलना चाहिए। अगर पानी RO का हो तो,क्या बात है। लेकिन सावधान!! क्या वास्तव में हम आर.ओ. के पानी को शुद्ध पानी मान सकते हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि इसके लगातार सेवन से हृदय सम्बन्धी विकार,थकान,कमजोरी, मांसपेशियों में ऐंठन,सिर दर्द आदि दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह कई शोधों के बाद पता चला है कि इसकी वजह से कैल्शियम और  मैग्नीशियम पानी से पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं जो कि शारीरिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं।

RO के पानी के लगातार इस्तेमाल से शरीर में विटामिन B-12 की कमी भी होने लगती है।वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 400 टीडीएस तक सहन करने की क्षमता रखता है परन्तु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है जो कि नुकसानदायक है।

याद रखें कि लम्बे समय तक RO  का पानी पीने से शरीर कमजोर और बीमारियों का घर बन जाता है। जबकि इसके विपरीत प्राकृतिक (खनिज युक्त) पानी परम्परागत तरीकों से साफ कर के पीना हितकर माना गया है।