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हेल्थ

35 से 40 घंटे तक हफ्ते में काम करने वालो में बढ़ जाता हैं डायबिटीज का खतरा

देर रात तक जागने से आपको भी हो सकती हैं डाइजेशन की प्रॉबल्म

पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं में पेट में गैसबनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक भोजन करना, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा भोजन करना, ऐसा भोजन करना जो पचने में कठि‍न हो, शराब पीना, कुछ बीमारियों व दवाओं के सेवन के कारण भी पेट में गैस सकती है।

देर रात तक जागना
अगर आपकी देर रात तक जागने की आदत है तो सबसे पहले अपनी इस आदत को अवश्य बदल लें। क्योंकि देर रात तक जागने से इनडाइजेशन की प्रॉबल्म पैदा होती हैं, जिससे कि पेट में बहुत गैस बनने लगती है।

जल्दबाजी में न खाएं
कई लोग ऐसे होते हैं जो खाना बहुत जल्दबाजी में खा लेते है और जल्दबाजी में खाया हुआ खाना वे अच्छे से चबा भी नहीं पाते। इससे खाना डाइजेस्ट होने में समय लगाता है और पेट में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जिससे कि पेट में गैस की गंभीर समस्या पैदा होने लगती हैं।

लगातार बैठे न रहे
कई बार क्या होता है कि लोग खाना खाने के बाद एक जगह टीक कर ही बैठे रहते हैं जिससे खाना सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं हो पाता और फिर गैस की प्रॉबल्म भी बनने लगती हैं।

नमक का सही प्रकार इस्तेमाल करें अथवा आपको भी हो सकती हैं ये बीमारी

बदलती लाइफस्टाइल में जीने का तरीका और खान-पान सब कुछ बदल चुका है और इन बदलावों का असर सेहत पर भी हुआ है। इससे सेहत से जुड़ी कई परेशानियां शुरू हुई हैं। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर उनमें से एक है।

नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए। रक्तचाप को संतुलित रखने के लिए दवाओं के साथ-साथ ब्लड प्रेशर डायट चार्ट सही रखना बेहद जरुरी है।

नमक का सही प्रकार इस्तेमाल करें- गनेरीवाल का कहना है कि आपको गैर रिफाइन नमक के रूप में गुलाबी नमक, काला नमक या सेंधा नमक खाना जरूरी है. ये नमक सोडियम और पोटैशियम का शानदार संतुलन पेश करते हैं. इसके विपरीत, आयोडीन युक्त नमक सिर्फ सोडियम मुहैया कराता है और पोटैशियम नहीं देता है.

प्रोसेस्ड और पैकेट फूड न खाएं- उसमें फूड को सुरक्षित रखने के न सिर्फ रसायन से भरपूर होते हैं, बल्कि प्रोसेस्ड और पैकेट फूड खाना पोषण को अवशोषित करने की क्षमता को कम भी कर सकता है. ये फूड्स सोडियम और पोटैशियम के अनुपात और पानी के संतुलन को प्रभावित करते हैं. जिसके नतीजे में ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है.

चेहरे के दाग-धब्बे गायब करने हैं तो आंवला आपके लिए रहेगा बेस्ट

आंवला पेट के रोग दूर करने के साथ ही दिमाग को ठंडक पहुंचाने के लिए भी अत्यंत गुणकारी है. इसके अतिरिक्त भी आंवला के कई फायदे हैं. आंवला चाहे हरा हो या सूखा, उसकी कुछ कलियों को पानी में पीसकर चेहरे पर कुछ देर लगाएं. चेहरे के दाग-धब्बे कुछ दिनों के इस्तेमाल के बाद दूर होंगे.

 

आंवले का चूर्ण रात को सोने से पूर्व खाने पर मोशन ठीक रहता है. कब्ज की शिकायत मिट जाती है. पेट में अजीर्ण, गैस, एसिडिटी हो रही है, तब भी आंवले की कली नमक लगाकर चूसें, शीघ्र फायदा पहुंचता है.

ब्लडप्रेशर, दिल रोगों में आंवला बहुत लाभ देता है. यह विटामिन-सी का बहुत अच्छा स्रोत है. मसूढ़ों में समस्या हो या दांत का दर्द, एक दो आंवले की कलिया चूसें.

आंवले का मुरब्बा  अचार हडि्डयों को मजबूत बनाता है. सुबह-सुबह आंवले का मुरब्बा खाने से याद्दाश्त बढ़ती है. डायबिटीज के रोगी आंवले का मुरब्बा न खाएं.

जिन लोगों की आंखों के सामने अक्सर अंधेरा छा जाता है, वे दो चम्मच आंवले का रस एक गिलास पानी में मिलाकर दस-पंद्रह दिनों तक सेवन करें. निश्चित रूप से फायदा मिलेगा.

सफेद बालों के लिए भी आंवले का चूर्ण या त्रिफला का चूर्ण बहुत गुणकारी है. त्रिफला चूर्ण पानी में भिगो दें. लोहे का पात्र हो तो  भी उत्तम. इस पानी से सिर धोएं. कुछ समय में सफेद बाल काले होने लगेंगे. रूसी या जुएं की समस्या से भी निजात मिल जाएगी.

अच्छे स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए रोजाना करें व्यायाम

आज की जीवन शैली के अनुसार, वक़्त अति बहुमुल्य है | आज हमारे पास ऐसे कुछ उपकरण हैं जिससे हम अपने परिवार, मित्रों और अंजान लोगों के साथ जुड़े रह सकते हैं | इसके फलस्वरूप हम अपनी दिशा खो देते हैं और सभी की तरह एक आम इंसान बन जाते हैं |

अच्छे स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए, आपको प्रकृति की लय के साथ अपनी रूटीन नींद की दिनचर्या को सिंक करना होगा. सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें, जब सूर्य उदय हो जाए, लगभग 6:00 बजे तक उठ जाना चाहिए. जल्दी उठने से आपके पूरे दिन के काम आसानी से मैनेज हो जाते हैं.

रात भर सोने के दौरान कुछ न खाने के कारण सुबह जब लोग उठते हैं तो उनकी एनर्जी लेवल कम रहता है. ऐसे में अपनी इम्यूनिटी और एनर्जी को दोबारा से एक्टिव करने के लिए जागने के 90 मिनट के अंदर नाश्ता कर लेना चाहिए.

जब एक्सरसाइज करने की बात आती है तो लोगों की अपनी प्राथमिकताएं होती हैं. लेकिन कुछ स्टडीज के मुताबिक, अगर लोग सुबह के समय एक्सरसाइज करते हैं तो वे इसके आदी हो जाते हैं. वैसे भी व्यायाम के लिए सुबह का समय दोपहर या शाम की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जाता है.

तिल के बीज बालों की कई समस्याओं से निजात दिलाने में हैं कारगर

अगर आप वेट लॉस डाइट पर हैं तो आपने सब्जा बीज के बारे में जरूर सुना होगा. सभी न्यूट्रीशिनिस्ट इसे खाने की सलाह जरूर देते हैं क्योंकि ये बीज काफी देर तक आपकी भूख को शांत रखते हैं जिससे आपको वजन कम करने में काफी मदद मिलती है.

सब्जा को इस्तेमाल करने से पहले इसे कुछ घंटो तक पानी में भिगोकर रखना पड़ता है उसके बाद ही आप इसे शरबत, डेजर्ट या मिल्कशेक में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

बालों की समस्या में लाभकारी

अगर आप अपने बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं और आपके बाल बढ़ भी नहीं रहे हैं तो तिल के बीज आपके बालों के लिए रामबाण साबित हो सकते हैं. तिल बालों की ज़ड़ों को मजबूत करता है. इसमे मौजूद ओमेगा फैटी एसिड बालों की ग्रोथ में भी मदद करता है

स्किन के लिए चमत्कार से कम नहीं है तिल

त्वचा संबंधी समस्याओं में तिल बेहद असरदार है. तिल के बीजों में मौजूद ऑयल स्किन पर जादुई असर करता है. यह स्किन को कोमल और मुलायम बनाता है. इसके साथ ही तिल के बीज में मौजूद एंटी-इंफलेमेटरी गुण स्किन की लालिमा और दाग-धब्बों को भी ठीक करते हैं.

डाइजेशन सिस्टम को रखता है ठीक

काले तिल के बीज में हाई फाइबर और असंतृप्त फैटी एसिड पाया जाता है. तील के बीजों के सेवन से कब्ज में काफी राहत मिलती है. दरअसल तिल के बीज में मौजूद तेल आंतों को चिकनाई देता है और मल त्याग में मदद करता है.

पीरियड्स के असहनीय दर्द से निजात दिलाएगा ये सरल घरेलू नुस्खा

पीरियड्स हर महीने स्त्रियों की कठिनाई का सबब बनता है इस दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन होता है  स्त्रियों को पेट दर्द, मूड स्विंग्स  तनाव का सामना करना पड़ता है ऐसे में आप चिडचिडि भी हो जाती हैं  इससे राहत पाना चाहती हैं ऐसा होता नहीं है

अगर आप भी पीरियड्स के दौरान अक्सर तनाव  उदास रहती हैं तो हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताते हैं इन टिप्स को आजमाकर आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है तो चलिए आपको बता देते हैं किस तरह रखें खुद को खुश

दर्द में गर्म पानी की थैली- गर्म पानी की थैली से सेंक करने पर रक्त संचार ठीक से होता है पेट में ऐंठन  दर्द कम हो जाता है, इसलिए गर्म पानी की थैली से सिकाई करें ताकि पीरियड्स का दर्द कम हो जाए

शरीर को हाइड्रेट रखें– पर्याप्त मात्रा में शरीर को हाइड्रेट रखने से आपको पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग  पेट फूलने जैसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

भरपूर सोएं- पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं बेकार में लेटे रहने से आपका मूड  बेकार होता है इससे ऊर्जा भी समाप्त होती है इसलिए पर्याप्त नींद लें ताकि आप बिल्कुल खुश  तरोताजा महसूस कर सकें

एक्सरसाइज करें- पीरियड्स के दौरान हल्की-फुल्की अभ्यास आपके मन को खुश कर सकती है इस दौरान वॉकिंग, साइकिल चलाना  स्ट्रेचिंग जैसी अभ्यास कर सकती हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है

डायबिटीज जैसी भयावह बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आजमाएं ये उपाएँ

डायबिटीज जटिल बीमारी है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल की हेल्दी रेंज बनाए रखने से जोखिम को काफी कम किया जा सकता है. ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में डाइट, एक्सरसाइज, पानी , नींद , टेंशन के लेवल और ओवरऑल लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है.

जब आप ब्लड शुगर को मैनेज करने की बात करते हैं, तो इसमें कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से बाहर करने की सिफारिश नहीं की जाती है. बल्कि हम ऐसे आहार की ओर रुख कर सकते हैं ,जो कॉम्पलेक्स कार्ब्स का सही अनुपात हमारे शरीर को देता हो.

अपनी डायबिटिक डाइट में कॉम्पलेक्स कार्ब्स को कैसे शामिल करें?

  • रिफाइंड गेहूं के आटे की रोटियों को मल्टीग्रेन या ओट्स रोटियों से बदलें.
  • सफेद चावल को ब्राउन राइस से बदलें.
  • जब भी संभव हो, आप ब्राउन राइस को दलिया या कीनुआ (quinoa) से भी बदल सकते हैं.
  • फ्रेंच फ्राइज़ और पैकेज्ड स्नैक्स से बचें-घर में बने खाकरा और वेजिटेबल एयर-फ्राइड क्रिस्प्स ट्राई करें. डायबिटीज वाले लोगों के लिए, डेली मेनू में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख अनुपात के साथ कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट को फोलो करना ब्लड शुगर लेवल में जरूरी बैलेंस लाया जा सकता है.

कच्ची मूली आपकी एसिडिटी की समस्या को करेगी छूमंतर

मूली का सेवन करने से कई फायदे होते है आप मूली की सब्जी और सलाद बनाकर भी सेवन कर सकती है आज हम आपको मूली से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते है |

सर्दी-जुकाम
कच्ची मूली का 20-30 मिली जूस निकालकर मिले लें। इसे सर्दी-जुकाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

एसिडिटी को करे छूमंतर
अगर आप एसिडिटी की समस्या से परेशान है तो कच्ची मूली का सेवन करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।

पीलिया 
पीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में मूली काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए मूली के ताजे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे दूध में डालकर उबाल लें। जब झाग ऊपर आ जाए तो इसे उबालकर पी लें।

पथरी
पथरी की समस्या से निजात दिलाने में भी मूली फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसके लिए 100 ग्राम मूली के पत्तों का रस निकाल लें। इसे दिन में करीब 3 बार पिए। इससे स्टोन यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाएगा।

मूली का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है मूली में विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है |मूली का सेवन करने से ह्रदय विकारो का खतरा कम होता है यह एंथोसाइनिन का एक अच्छा स्त्रोत है |

 

चेहरे पर दाग-धब्बे या चोट के निशान हैं तो केसर का इस प्रकार करें उपयोग

केसर के सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं. जी दरअसल केसर का आयुर्वेदिक गुण, कई छोटी-छोटी बीमारियों को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है. ऐसे में आयुर्वेद में केसर के अनेक गुण बताए गए हैं.यह एंटी-फंगल के तौर पर भी काम करता है। केसर को चेहरे पर लगाने से डेड स्किन हट जाती है और साफ और चमकदार त्वचा सामने आती है।

अगर छोटे बच्चे को सर्दी-जुकाम हो, तो इसके लिए बच्चे को दूध में मिलाकर केसर देना चाहिए. अदरक के रस में केसर और हींग को मिलाकर बच्चे या बड़े की छाती पर लगाने से लाभ मिलता है.

अगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे या चोट के निशान हैं तो 5-6 तुलसी के पत्तों को मसलकर उसमें दो चुटकी केसर मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धो दें। इससे चेहरे के मार्क्स हट जाएंगे।

आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 10 केसर के रेशे दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है.असली चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और सिर दर्द नहीं होता है.अजवाइन के साथ केसर मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है. जी दरअसल केसर का सेवन करने से हृदय संबंधी रोग दूर होते हैं.