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हेल्थ

Mind Stress को दूर करने के साथ डायबीटीज के रोगियों के लिए कारगर है साइकिलिंग

अभी तक आप साइकिलिंग करके वजन घटाने की बात ही जानते होंगे ,पर क्या आप ये जानते हैं कि साइकिलिंग करके अपना Mind Stress भी दूर कर सकते हैं। साइकिलिंग द्वारा आप डिप्रेशन में जाने से भी बच सकते हैं।

साइकिलिंग ऐरोबिक एक्सर्साइज है जिसके कई फायदे हैं। इससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है। साईकल चलाने से सिरोटोनिन, डोपामाइन व फेनिलइथिलामीन जैसे रसायनों का दिमाग में उत्पादन बढ़ता है, जिससे आप खुशी महसूस करते हैं और तनाव दूर होता है।

  • डायबीटीज के रोगियों को साईकल चलाने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • टाइप-1 डायबीटीज के रोगी यदि 1 घंटे से ज्यादा साईकल चलाते हैं तो उन्हें कुछ कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार साथ में रखना चाहिए।
  • डायबीटीज वाले मरीज यदि नियमित तौर पर लंबी दूरी साईकल से तय करते हैं तो उन्हें एक्सर्साइज से पहले व बाद में ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। यह जांच फिंगर स्टिक स्टाइल ब्लड ग्लूकोज मीटर से हो सकती है।

क्या आप जनते हैं सिगरेट पीने से शरीर के साथ फेफड़ों को होने वाले ये नुक्सान

सिगरेट पीना सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। सिगरेट पीने के सबसे ज्यादा नुकसान Lungs फेफड़ों को होता है। लेकिन कुछ तरीकों से आप अपने फेफड़ों को काफी हद तक नुकसान पहुंचने से बचा सकते हैं।

सिगरेट पीने से काफी हद तक Lungs कमज़ोर हो जाते हैं। कमजोर फेफड़ों के चलते व्यक्ति की मौत की आशंका बढ़ जाती है, जो कि दिल की बीमारियों और फेफड़ों के कैंसर के कारण होती है।

सिगरेट पीने से फेफड़ों को काफ़ी नुकसान होता है जो लोग सिगरेट छोड़ देते हैं और टमाटर और फल ज्यादा खाने लगते हैं, उनमें 10 साल में फेफड़ों की कार्यप्रणाली में गिरावट कम होती है।

इससे यह भी पता चलता है कि फलों को खाने में शामिल करने से फेफड़ों की प्राकृतिक क्षय धीमा हो जाता है भले ही आप कभी सिगरेट न पीते हों या सिगरेट पीना छोड़ चुके हों लेकिन टमाटर और सेब खाना आपके लिए हमेशा ही अच्छा और सेहतमंद होगा।

 

क्या आप जानते हैं Green Chilli का सेवन करने से स्वास्थ्य को होने वाले ये फायदें

हरी मिर्च Green Chilli को लोग आम तौर पर भोजन में या भोजन के साथ उसका जायका बढ़ाने के लिए प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं.

भोजन को पकाते समय या फिर सलाद इत्यादि में, Green Chilli  का अलग ही स्थान है। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में अगर आप अनजान हैं तो हम बताते है इसके चमत्कारी फायदे –

  • कैंसर से लड़ने और शरीर को सुरक्षित रखने के लिए भी हरी मिर्च फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की आंतरिक सफाई के साथ ही फ्री रेडिकल से बचाकर कैंसर के खतरे को कम करती है।
  • हरी मिर्च के सेवन से फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम होता है। अत: धूम्रपान का सेवन करने वालों को हरी मिर्च को अपने भोजन में ज्यादा शामिल करना चाहिए, क्योंकि उन्हें फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
  • आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी हरी मिर्च काफी फायदेमंद होती है। इसके अलावा यह शरीर के अंगों में होने वाले दर्द को भी कम करने में सहायक होता है।

डाइजेशन के लिए फायदेमंद हैं गन्ने के जूस का सेवन, जरुर देखें इसके लाभ

चिलचिलाती गर्मी में सबसे असरदार कुछ है तो वह है गन्‍ने का जूस. हालांक‍ि गन्‍ने का जूस पीने से पहले यह तय कर लें क‍ि उसमें बर्फ न म‍िली हो. बर्फ वाला गन्‍ने का जूस पीने से खांसी-जुकाम हो सकता है. साथ ही क‍िसी साफ दुकान से ही गन्‍ने का जूस खरीदें. यहां पर हम आपको गन्‍ने के जूस के फायदों के बारे में बता रहे हैं:

अक्सर गर्मी के दिनों में ज्यादा टेंपरेटर की वजह से खूब सारा पसीना निकलता है और डिहाइड्रेशन महसूस होता है. ऐसे में गन्ने के रस का सेवन आपको मजेदार एहसास दिलाता है और त्वरित ऊर्जा शरीर भर देता है.

गन्ने का जूस आपको पेशाब के दौरान होने वाली जलन और दर्द से निजात दिला सकता है. इसके अलावा जिन लोगों को किडनी स्टोन में भी गन्ने का रस पीना चाहिए.सदियों से पीलिया से पीड़ित मरीजों को गन्ने का रस दिया जाता है.

क्योंकि इसका जूस पीलिया के कारण लिवर को प्रभावित करने वाला बिलीरुबिन नामक तत्व (लिवर में पाए जाने वाला भूरे-पीले रंग का द्रव्य, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनता है) को कम करता है, जिससे लिवर धीरे-धीरे मजबूत बनता है.

गन्ने का जूस डाइजेशन के लिए भी बढ़िया माना जाता है. इस जूस में नेचुरल पोटैशियम और फाइबर मौजूद होते हैं. इससे पेट हल्का रहता है और पाचन दुरुस्त. कब्ज से परेशान लोग भी गन्ने के जूस के सेवन कर सकते हैं.

 

तुलसी में मौजूद औषधीय गुण आपके शरीर को दिलाएंगे ये सभी लाभ

हमारे देश में तुसली का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व बहुत ज्यादा है. यही वजह है कि लगभग हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है. तुलसी का उपयोग कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित रोगों में किया जाता है.

तुलसी मिल्क बनाने के लिए आपको सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध को उबालना है. दूध के उबलने पर इसमें 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उसे और थोड़ी देर उबालना है. जब दूध लगभग एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें.

दूध के हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करें. याद रखें इस दूध का नियमित सेवन करने से ही आपकी इम्यूनिटी स्टॉग बनेगी और आप कई तरह के रोगों से दूर रहेंगे.

तुलसी में मौजूद औषधीय गुण हमें कई बीमारियों के खतरे से भी दूर रखते हैं. रोज तुलसी के पत्ते खाने से शरीर स्वस्थ रहता है. इसके अलावा तुलसी शरीर में मौजूद संक्रमण को खत्म करने का काम भी करती है.

अगर आपके शरीर में किसी तरह की कोई सूजन हैं तो तुलसी के बीजों का सेवन करने से आपको फायदा होगा. तुलसी के बीज में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो शरीर की सूजन को कम करते हैं. इसके अलाव लूज मोशन होने पर भी तुलसी के बीज फायदा करते हैं.

 

डिप्रेशन जैसी बीमारी से आपको निजात दिलाने में बेहद लाभदायक हैं ये नुस्खा

इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि अब हमारे समाज में भी अवसाद यानी डिप्रेशन को एक गंभीर बीमारी के रूप में देखा जाने लगा है और ये बदलाव सराहनीय है। पिछले कई सालों तक डिप्रेशन से घिरे इंसान को कमज़ोर माना जाता था। लेकिन अब इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब इसे एक गंभीर मानसिक स्वास्थ की तरह देखा जाता है, जिसे उचित इलाज की ज़रूरत होती है।

अवसाद के कुछ ही लक्षण होते हैं, लेकिन लक्षणों की गंभीरता एक व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे तीन लक्षणों के बारे में जिनसे पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप भी डिप्रेशन में तो नहीं!

कुछ लोगों के लिए सामाजिक सपोर्ट सिस्टम तैयार करने का मतलब दोस्तों या परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाना हो सकता है. आप अपने प्रियजनों को अपने डिप्रेशन को ठीक करने की दिशा में मदद में ला सकते हैं.

डाइट और मेंटल हेल्थ के बीच संबंध खोजने के लिए शोध अभी भी जारी है. अब तक ऐसे कई स्टडीज हुए हैं, जिनमें पोषण में सुधार की बात कही गई है. इसके चलते मानसिक बीमारी को रोका जा सकता है और इसका इलाज भी किया जा सकता है. कई ब्रेन एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स ऐसे हैं जो डिप्रेशन को प्रभावित कर सकते हैं.

कुछ के लिए ये एक डिप्रेशन सपोर्ट ग्रुप के रूप में हो सकती है. इसमें एक समुदाय समूह शामिल हो सकता है जो आपके इलाके में ही मौजूद हो या आपको एक ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी मिल सकता है.

काली मिर्च का शहद के साथ सेवन करने से आपको मिलेंगे ये सभी फायदें…

आप सभी ने अब तक काली मिर्च के फायदे के बारे में तो सुना ही होगा. काली मिर्च वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ जबरदस्त काम करती है. जी हाँ और इससे सेहत को बड़े फायदे होते है.काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 4 बार चाटने से खांसी दूर हो जाती है

जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है।

वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।

कहा जाता है घी और मिश्री के साथ काली मिर्च का चूरण चाटने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है.अगर गले का इंफेक्शन दूर करना है तो आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर पानी से गरारें करें.

आधा चम्मच पिसी काली मिर्च को थोड़े से घी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.कहा जाता है काली मिर्च को बारीक पीसकर घी में मिलाकर दाद-फोड़े और फुंसी पर लगाने से लाभ होता है.

सैचुरेटेड फैट वाली चीजें को डाइट में शामिल करने से आपको हो सकते हैं ये नुक्सान

खानपान में अत्यधिक ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट वाली चीजें लेने और तनाव से हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, थायरॉइड की संभावना बढ़ती है. अल्कोहल और वायरल इंफेक्शन से भी डायबिटीज होती है. आयोडाइज्ड साल्ट की कमी से थायरॉइड की परेशानी होती है. सामान्यत: 150 माइक्रोग्राम लेनी चाहिए.

 

सुबह सूर्योदय से पहले जागें
सुबह छह से पहले उठने की आदत डालें. रात में दस बजे तक बिस्तर पर जाएं. दवाओं के साथ परहेज भी करें. नियमित व्यायाम करें. शारीरिक गतिविधि से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. इन बीमारियों में लाभ मिलता है.

इनफर्टिलिटी : वर्किंग कपल में परेशानी बढ़ी
हाल ही एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें स्पर्म काउंट कम होता है. वर्किंग कपल में तनाव और प्रदूषण से भी फर्टिलिटी कम होती है. पुरुषों में टाइट अंडरगारमेंट, स्मोकिंग, अल्कोहल कारण है. खुश रखें. हफ्ते में एक दिन आउटिंग पर जाएं. चाइनीज और जंक फूड में पाया जाने वाला मोनो सोडियम ग्लूटामेट स्पर्म काउंट घटाता है.

जागरूक रहें
महिलाओं में हाइपो थायरॉइड,पीसीओडी और पुरुषों में मम्स इन्फेक्शन से स्पर्म बनने में परेशानी होती है. शीघ्रपतन भी प्रमुख कारण है. ज्यादा चिकनाई वाली चीजें न लें.

रोजाना सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करने से होते हैं ये सभी फायदें

हज़ारों सालो से भारत और पूर्वी देशों में हल्दी का प्रयोग खाने के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में होता रहा है Haldi एक बहुत ही अच्छी प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करती है। हमारे घरों के बड़े-बूढ़े अक्सर हमें सर्दी-जुखाम,या चोट लगने जैसी conditions में हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते रहे हैं। हल्दी दूध के फायदे अनगिनत हैं जिनको जानने के बाद पिछले कुछ वर्षों से पश्चिमी देशों में भी इसके प्रति काफी आकर्षण देखने को मिला है।

– गठिया के निदान के लिए एक बढ़िया और असरकारक पेय हल्दी वाला दूध हो सकता है. – हल्दी वाला दूध पीने से जोड़ों के दर्द को कम करता है और मांसपेशियां लचीला बनाकर दर्द करने में मददगार माना जाता है.

– आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है. यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करने में सहायक माना जाता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत चाहिए तो हल्दी वाला दूध मददगार हो सकता है.

– शोध की माने तो हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं
– हल्दी वाला दूध पीने से कान के दर्द में राहत मिलती है. ऐसा दूध पीने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. जिससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है.

दिमागी विकास के लिए किसी औषधि से कम नहीं हैं इस हरी सब्जी का जूस

आमतौर पर सभी जानते हैं कि करेला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है, लेकिन कड़वा होने के कारण कम ही लोग इसे पसंद करते हैं। इसके अलावा, करेले मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार भी प्रदान करता है। कारमेल में इंसुलिन को नियंत्रित करने वाले मधुमेह जैसे पोषक तत्व होते हैं।

इन्हें पॉलीपेप्टाइड पी या पी इंसुलिन के रूप में जाना जाता है। ये तत्व स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करते हैं। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्ला का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कार्ला का रस शरीर के इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे लगातार ब्लड शुगर कांपता है।

ताकि चीनी वसा में परिवर्तित न हो और शरीर में जमा न हो। इस तरह से जूस भी बढ़ते वजन को रोकता है। प्रत्येक दिन आपके द्वारा लिए जाने वाले करेला के रस की मात्रा डॉक्टर द्वारा बताई जानी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की खुराक अलग होती है। कैरला को साफ करें और उसमें सफेद अवशेषों को हटा दें।

नींबू और नमक को छोटे टुकड़ों में जोड़ा जा सकता है, कड़वाहट को दूर करने के लिए, आधे घंटे के लिए पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद रस को मिक्सर में बनाया जा सकता है।अगर पाचन संबंधी कोई समस्या है तो करेले का जूस उसमें भी फायदा करता है।

साथ ही यह दिमागी विकास में भी मदद करता है और उसे सेहतमंद रखता है।करेले में ऐंटी-माइक्रोबियल और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो खून को साफ करने में मदद करती हैं। इस वजह से एक्ने और पिंपल जैसी स्किन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।