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हेल्थ

डाइटिशन के अनुसार फास्टिंग के दौरान करना चाहिए ब्लैक कॉफी का सेवन

आंतरायिक उपवास (आईएफ) एक संशोधित खाने का दृष्टिकोण है जो उपवास के लाभों को दोहराने के लिए चाहता है, लेकिन अधिक मध्यम और प्राप्त करने योग्य प्रोटोकॉल के साथ। यदि आपकी कमर से अधिक लाभ होता है; यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने, सूजन को कम करने और आपके दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।

फास्टिंग के दौरान कॉफी पीने आपके लिए अच्छा है. इसमें कम कैलोरी होती है. इसलिए डाइटिशन आपको ब्लैक कॉफी पीने की सलाह देते हैं. ब्लैक कॉफी में 2 से 3 कैलोरी काउंट होता है. इसमें मिनरल और प्रोटीन की मात्रा कम होती है. कॉफी पीने की वजह से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है.

तो आंतरायिक उपवास के दौरान कॉफी ठीक है? जवाब है, यह निर्भर करता है।यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति रुक-रुक कर उपवास क्यों कर रहा है। उनके लक्ष्य क्या हैं? क्या वे इसे वजन घटाने या दीर्घायु और एंटी-एजिंग उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं?

अगर आप दिन भर में 2 से 3 कप कॉफी पीते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म और वेट लॉस पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है. इसलिए ब्लैक कॉफी पीना फायदेमंद है.

कॉफी कम कैलोरी इनटेक ड्रिंक है. यह आपकी भूख को भी शांत रखता है. रोजाना 2 से 3 कप ब्लैक कॉफी पीना ठीक है. लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा कॉफी पीते है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.

 

High Uric Acid की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए ये टिप्स हैं बेहद लाभदायक

शरीर में यूरिक एसिड बढ़ना आजकल बहुत सामान्य समस्या बनती जा रही है।  यदि आपको भी यूरिए एसिड बढ़ने की समस्या है तो यहां जानें कि किन घरेलू और आसान तरीकों से आप इस बढ़े हुए एसिड को नियंत्रित कर सकते हैं…


1- वजन कम रखें-
 यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आपको वजन कम रखना बहुत जरूरी है. हेल्दी बॉडी वेट से गाउट फ्लेरेस के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. वजन बढ़ने से गाउट का खतरा बढ़ जाता है. वजन बढ़ने से मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है. जिससे हार्ट, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.

2- शुगर वाले ड्रिंक और शराब से बचें- यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए शराब और मीठे ड्रिंक्स कम पीएं. सोडा, कोल्डड्रिंक जैसे मीठे रस से गाउट का जोखिम बढ़ जाता है. इनमें कैलोरी ज्यादा होती है. जिससे वजन बढ़ने और चयापचय की समस्या हो सकती है.

3- विटामिन सी भरपूर लें- यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए विटामिन सी से भरपूर भोजन खाना चाहिए. इससे गाउट का खतरा कम हो जाता है. रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन सी से ब्लड में यूरिक एसिड का लेवल कम होता है.

 

कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां हो गई हैं कमज़ोर तो आजमाएं ये उपाए

हमारा लाइफस्टाइल और खान-पान ऐसा हो गया है कि हमारा शरीर कब किस बीमारी की गिरफ्त में आ जाता है हमें पता ही नहीं चलता। तला भुना और मसालेदार खाना हमारा प्रमुख भोजन बनता जा रहा है।

खाने से पोष्क तत्व गायब होते जा रहे है। हेल्दी खाने के नाम पर सिर्फ वसा का सेवन भरपूर मात्रा में कर रहे हैं। नतीजा हमारा वजन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा, हड्डियां कमजोर होती जा रही है। हड्डियों के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण कैल्शियम की कमी होना है। कैल्शियम की कमी को हाइपोकैल्सीमिया भी कहा जाता है।

1 तिल- अगर आप दूध-दही का सेवन नहीं करते हैं तो आप कैल्शियम के लिए खाने में तिल जरूर शामिल करें. कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए तिल काफी फायदेमंद हैं. एक टेबल स्पून तिल में करीब 88 मिग्रा कैल्शियम पाया जाता है. आप तिल का इस्तेमाल सूप, सीरियल्स या सलाद में डालकर भी कर सकते हैं. तिल के लड्डू भी आप खा सकते हैं.

2- आंवला- आंवला में भी काफी मात्रा में कैल्शियम होता है. इसके अलावा आंवला में एंटीऑक्सीडेंट गुण काफी होते हैं जो शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं. आंवला खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. आप आंवला का जूस या आंवला को पाउडर के रुप में भी खा सकते हैं.

3- जीरा- जीरा सिर्फ खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है. जीरा खाने से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए आप 1 गिलास पानी उबाल लें अब उसमें 1 टीस्पून जीरा मिला लें. पानी को ठंडा करके दिन में कम से कम 2 बार पिएं.

इन फलों का सेवन करके अपनी कमजोर इम्यूनिटी को बना सकते हैं मजबूत

कोरोना काल में हम सभी एक एक स्ट्रांग इम्यून सिस्टम के महत्व को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। दूसरी लहर में हर कोई अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है।

हर कोई फार्मेसी से लेकर देसी तरीकों के जरिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है ताकि कोविड के अटैक से बचा जा सके। जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि कोरोना वायरस उन्हें अपना शिकार नहीं बनाता जिनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यहां हम आपको कुछ देसी नुस्खे ही बता रहे हैं जिनके जरिए आप घर अपनी इम्यूनिटी को आसानी से बढ़ा सकते हैं।

तीखे फल- विटामिन सी आपके इम्यून सिस्टम को बनाने में मदद करता है. समझा जाता है कि उसके इस्तेमाल से सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है, जो संक्रमण और जुकाम के खिलाफ लड़ाई की बुनियाद है. करीब सभी तीखे फलों में विटामिन सी पाया जाता है. लोकप्रिय तीखे फलों में नींबू, संतरा, चकोतरा माने जाते हैं. स्वास्थ्य के लिए आपको रोजाना विटामिन सी की जरूरत होती है.

लहसुन- लहसुन करीब हर घर में पाया जाता है. ये भोजन का स्वाद बढ़ाता है और आपको स्वस्थ भी रखता है. संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में उसका महत्व शुरुआती सभ्यता से बरकरार है. लहसुन के इम्यूनिटी बढ़ानेवाले गुम सल्फर युक्त यौगिकों जैसे एलीसिन से आते हैं.

कीवी- कीवी में फोलेट, पोटैशियम, विटामिन के और विटामिन सी समेत कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. एक तरफ विटामिन सी संक्रमण से लड़ने के लए सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है जबकि दूसरी तरफ कीवी के दूसरे पोषक तत्व आपके शरीर के बाकी काम को मुनासिब रखते हैं.

आँखो की रोशनी को बढाने में बेहद लाभदायक हैं ये एक्सरसाइज, जरुर करें ट्राई

एक मिनट के लिए अपनी आँखों बन्द करिये, आपने क्या देखा? जाहिर है आपको कला, घना अधेंरा नजर आया होगा । अब जरा सोचिये क्या हो अगर हमें हर जगह यही अधेंरा नजर आए यानि आँखों की रोशनी चली जाए? इसका ख्याल भी हमारे अदंर डर की कपकपी छोड़ देता है ।

क्योकि आँख इंसान के सबसे जरूरी अंगों में से एक है और सबसे जटिल अंग भी है । इसके बिना हम फूलों पर शबनम की बूँदे नही देख सकते, बच्चे की प्यारी मुस्कान और नंगे पहाड पर छाई हरी घास की चादर भी नही देख सकते ।

केवल आँखो रोशनी खराब होने से हम पूरी तरह इस दुनिया से कट जाते है । इस दुनिया में वसी खूबसूरती और प्यार को नही देख सकते । लेकिन अफसोस की बात है की आज लोग कुदरत के द्वारा दिये गए इस दोफे यानी आँखो की रोशनी से खेलते हैं ( मैं भी उनमे से एक हूँ ) ।

जब भी हम लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते हैं तो काम में इतने मगन हो जाते हैं कि एक टक लैपटॉप पर काफी देर तक नजरें गड़ाकर रखते हैं. ऐसे में पलकों को झपकने का मौका काफी देर तक नहीं मिल पाता.

हर चार सेकंड में अपनी पलकों को लगातार झपकाएं और फिर आंखें तेजी से बंद कर लें. कुछ सेकंड बंद रखें और फिर आंखों को खोल लें. दिन में 4 से 5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं. इससे तनाव कम होगा, आंखों की थकान दूर होगी और आंखों में दुबारा से लुब्रिकेशन हो जाएगा.

इसके लिए एक पेन या पेंसिल को एक हाथ की दूरी पर रखकर अपनी आंखों के सामने पकड़ें और उसकी टिप पर फोकस करें. धीरे-धीरे उसे अपनी आंखों की ओर लेकर आएं. जब तक टिप आपको एक से दो न दिखाई देने लगे, तब तक उसे देखते रहें. जैसे ही टिप दो भागों में बंटे, इसे फिर से दूर ले जाएं और इस क्रम को फिर से दोहराएं. एक बार में ये क्रम 10 से 15 बार दोहराएं.

ब्लड प्रेशर की समस्या से हैं पीड़ित तो यहाँ जान लें इससे निजात के उपाए

बदलती लाइफस्टाइल में जीने का तरीका और खान-पान सब कुछ बदल चुका है और इन बदलावों का असर सेहत पर भी हुआ है। इससे सेहत से जुड़ी कई परेशानियां शुरू हुई हैं। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर उनमें से एक है।

नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए। रक्तचाप को संतुलित रखने के लिए दवाओं के साथ-साथ ब्लड प्रेशर डायट चार्ट सही रखना बेहद जरुरी है।

नमक का सही प्रकार इस्तेमाल करें- गनेरीवाल का कहना है कि आपको गैर रिफाइन नमक के रूप में गुलाबी नमक, काला नमक या सेंधा नमक खाना जरूरी है. ये नमक सोडियम और पोटैशियम का शानदार संतुलन पेश करते हैं. इसके विपरीत, आयोडीन युक्त नमक सिर्फ सोडियम मुहैया कराता है और पोटैशियम नहीं देता है.

प्रोसेस्ड और पैकेट फूड न खाएं- उसमें फूड को सुरक्षित रखने के न सिर्फ रसायन से भरपूर होते हैं, बल्कि प्रोसेस्ड और पैकेट फूड खाना पोषण को अवशोषित करने की क्षमता को कम भी कर सकता है. ये फूड्स सोडियम और पोटैशियम के अनुपात और पानी के संतुलन को प्रभावित करते हैं. जिसके नतीजे में ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है.

पेट में गैस की समस्या हैं तो आप भी आज ही छोड़ दें ये गलत आदते

पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं में पेट में गैसबनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक भोजन करना, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा भोजन करना, ऐसा भोजन करना जो पचने में कठि‍न हो, शराब पीना, कुछ बीमारियों व दवाओं के सेवन के कारण भी पेट में गैस सकती है।

देर रात तक जागना
अगर आपकी देर रात तक जागने की आदत है तो सबसे पहले अपनी इस आदत को अवश्य बदल लें। क्योंकि देर रात तक जागने से इनडाइजेशन की प्रॉबल्म पैदा होती हैं, जिससे कि पेट में बहुत गैस बनने लगती है।

जल्दबाजी में न खाएं
कई लोग ऐसे होते हैं जो खाना बहुत जल्दबाजी में खा लेते है और जल्दबाजी में खाया हुआ खाना वे अच्छे से चबा भी नहीं पाते। इससे खाना डाइजेस्ट होने में समय लगाता है और पेट में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जिससे कि पेट में गैस की गंभीर समस्या पैदा होने लगती हैं।

लगातार बैठे न रहे
कई बार क्या होता है कि लोग खाना खाने के बाद एक जगह टीक कर ही बैठे रहते हैं जिससे खाना सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं हो पाता और फिर गैस की प्रॉबल्म भी बनने लगती हैं।

हफ्ते में 45 घंटे काम करने से 51 प्रतिशत महिलाओं में बढ़ जाता हैं इस बीमारी का खतरा

छह सप्ताह में पेट की चर्बी घटाने में बेहद फायदेमंद हैं ये सरल उपाए

आपने अक्सर टीवी पर पेट की चर्बी घटाने और मोटापा कम करने के एड जरूर देखें होगें। जिसमें वो ग्रीन टी , हर्बल टी और कई तरह की एक्सरसाइज  या स्वेट बेल्ट के बारे में बताते हैं। लेकिन ये सारे उपाय हमेशा बहुत मंहगे होते हैं। ऐसे में अगर हम आपको घर में ही कुछ आसान उपायों से पेट की चर्बी घटाने मोटापा घटाने के उपाय

इलिनोइस यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में पाया गया कि छह सप्ताह एब्डामनल ट्रैनिंग भी अकेले पेट की चर्बी को कम करने के लिए काफी नहीं थी. इसलिए यदि आप पेट की चर्बी कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको अपने शरीर का वजन कम करना होगा. कई टिप्स को अपनाकर पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है.

पेट की चर्बी बढ़ने में शरीर में हार्मोनल बदलाव भी एक अहम भूमिका निभाते हैं। महिलाओं में अक्सर पेट या कमर में चर्बी यानि फैट 40 साल के बाद बहुत तेजी से बढ़ता है। मोटापे या पेट की चर्बी बढ़ने के लिए जरूरत से ज्यादा तनाव होना भी नुकसानदायक होता है, क्योंकि आमतौर पर लोग तनाव में होने पर बेहिसाब कुछ न कुछ खाते रहते हैं। जिससे पेट पर चर्बी जमा होने लगती है।

कार्डियो एक्सरसाइज महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके लिए ट्रेडिशनल कार्डियो होना जरूरी नहीं है. यदि आप जॉगिंग नहीं करना चाहते हैं हाई इंटेनसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) को ट्राई करें. वहीं, एब वर्कआउट आपको पेट की चर्बी को लूज में मदद नहीं करेगा, लेकिन वे मांसपेशियों को बिल्ड करेगा. यदि आप एब मसल्स का लक्ष्य बना रहे हैं, तो एब वर्कआउट्स को न छोड़ें.

सिर्फ सीने में दर्द ही नहीं बल्कि ये भी हैं हार्ट अटैक के प्रमुख लक्ष्ण

आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. हार्ट अटैक भी इन घातक बीमारियों में से एक है. दरअसल खून में थक्के बनने की वजह से ह्रदय तक रक्त का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता है. इससे सीने में दर्द होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है.

गर्मियों के दिनों में पसीना आना बहुत सामान्य बात है. पर अचानक बिना किसी कारण के बहुत ज्यादा पसीना आना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है. कई बार सीने में दर्द होने के साथ पसीना आना और मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत है.

हाथ, कंधे, जबड़े, दांत या सिर में दर्द की शिकायत भी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं. इस तरह की समस्या में लापरवाही ना बरतें और डॉक्टर की सलाह लें.

ड्रग्स या किसी भी तरह के नशे का सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है. कोकीन का इस्तेमाल दुनिया भर में किसी ना किसी रूप में हो रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार कोकीन का ज्यादा प्रयोग भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.

इसके अलावा हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए. नियमित रूप से प्राणायाम और योगा करें. समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराएं. हेल्दी डाइट फॉले करें. फलों और हरी सब्जियों को अपने भोजन का हिस्सा बनाएं.