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हेल्थ

कच्चे प्याज के इन औषधीय गुणों के बारे में नहीं जानते होंगे आप…

सब्जियों का सेवन करना अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. ये आपको फिट और बीमारियों से दूर रखने में मदद करती हैं. सब्जी खाने के बहुत सारे फायदे हैं. जो लोग हेल्दी सब्जी और फल खाते उन्हें क्रोनिक बीमारी होने का खतरा कम होता है.

सब्जियों से आपको न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं. प्याज इन सब्जियों में से एक है. जिसका इस्तेमाल सिरदर्द, हृदय रोग और मुंह के छाले को सही करने के लिए किया जाता था. जानिए आपको क्यों इसका सेवन हर दिन करना चाहिए.

कच्चे प्याज में न्यूट्रिएंट्स की मात्रा ( एक कप कटा हुआ प्याज)

कैलोरी 64
कार्बोहाइड्रेट 15 ग्राम
फैट – 0 ग्राम
फाइबर – 3 ग्राम
प्रोटीन- 2 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल – 0 ग्राम
शुगर – 7 ग्राम
प्याज के 10 फायदे

प्याज से Bad cholesterol कम होता है. ये आपके हृदय को हेल्दी रखता है.

प्याज में Chromium होता है. ये आपके ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करता है.

शहद और प्यास के रस मिश्रण का सेवन करने से बुखार, सर्दी और एलर्जी ठीक होती है.

प्याज में फोलेट होता है इससे डिप्रेशन कम और अच्छी नींद के लिए मदद करता है.

प्याज में विटामिन A, C और K होता है. ये आपके बाल और स्किन को हेल्दी रखता है.

अगर आप कच्चा प्याज चाबाते हैं तो ये आपके oral हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं. ये दांतों में होने वाले बैक्टीरिया और मसूड़ों की समस्याओं के लिए फायदेमंद हैं.

ऐसा कहा जाता है कि प्याज ऑक्सीडेटिव- स्ट्रेस को कम करने, एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ाने और हड्डियों को कमजोर होने से रोकने में मदद करता है. इस वजह से ऑस्टियोपोरोसिस को रोका जा सकता है और इससे हड्डियां मजबूत रहती हैं.

गर्मियों के मौसम में बॉडी को फिट रखने में बेहद कारगर हैं दही का सेवन

गर्मियों में रोज दही के सेवन से न सिर्फ आपका शरीर ठंडा रहता है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर  होता है।  जब आप खाने के साथ दही खाते हैं, तो कई पोषक तत्व आपको शरीर में पहुंचते हैं।

इनसे प्राप्त होने वाला पोषण केवल हमारे शरीर को अंदर से ही मजबूत नहीं बनाता है।  दही में दूध की अपेक्षा अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है। यहां जानें दही खाने के फायदे…

इम्यूनिटी मजबूत बनाता 

दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के कारण संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है और यह आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करता है। गर्मियों में रोजाना दही का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

वजन कम करने में मददगार

दही प्रोटीन से भरपूर होता है और इसमें जरूरी पोषक तत्वों के साथ हेल्दी फैट भी होता है। इसका उपयोग अच्छे फैट वाले आहार के लिए किया जाता है। दही वजन घटाने में भी आपका मदद करता है।

पेट की गर्मी शांत करे 

मई और जून ये दो महीने सबसे अधिक गर्म होते हैं। इससे मुंह के छाले भी ठीक होते हैं और घमौरी निकलने की समस्या में भी आराम मिलता है। यदि पेट में जलन या एसिडिटी  हो रही हो तो एक कटोरी दही खाने से तुरंत आराम मिलता है।

क्या आप जानते हैं नाश्ते में खाया जाने वाला पोहा आपके स्वास्थ्य के लिए हैं कितना लाभदायक

पोहा  एक आम सी डिश है जिसे हम सभी ज्यादातर नाश्ते के रूप में खाना पसंद करते है। पोहे मे बहुत से स्वास्थवर्धक फायदे होते हैं। पोहे न केवल उत्तर भारत में ही पाये जाता है। पोहे का सेवन नियमित रूप से कर के अपना मोटापा कम कर सकते है।

आसानी से पच जाता है: यह शरीर द्वारा आसानी से पच जाता है इसलिए इससे ब्रेकफास्ट में खाया जाता है। इससे खाने से पेट कभी भारी नहीं लगता है।

एनर्जी से भरपूर: आपका ब्रेकफास्ट हेल्थी होने के साथ एनर्जी देने वाला भी होना चाहिए। लंच टाइम तक आपको अगर एनर्जी से भरा रहना है तो पोहा खाए।

आयरन पाया जाता है: पोहे में काफी सारा आयरन पाया जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो यह शरीर में आयरन की कमी को पूरा भी करता है। इसे प्रेग्नेंट महिलाएं और छोटे बच्चे नियमित रूप से खा सकते है। शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए पोहा जरूर खाना चाहिए।

कार्बोहायड्रेट का अच्छा स्त्रोत: आप कार्बोहायड्रेट के लिए पोहे पर निर्भर रह सकते है। अगर शरीर में सही मात्रा में कार्बोहायड्रेट नहीं है तो आप अपने प्रतिदिन का कार्य ठीक से नहीं कर सकते है। पोहे में काफी मात्रा में फाइबर भी होता है। तो आज से ही इसे अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए।

सुबह की शुरुआत कुछ इस तरह करना आपके लिए पड़ सकता हैं भारी, हो जाएं सावधान

स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है. ये कहावत तो हम सभी बचपन से ही सुनते आ रहे है. लेकिन अब इस पर अमल करने की जरुरत है. स्वस्थ शरीर पाना है तो इस के लिए हमे एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाने की जरुरत है. साथ ही डाइट का भी ख्याल रखना होगा.

कुछ लोगो अपनी सुबह की शुरुआत गरमा-गरम चाय या कॉफी के साथ करते हैं. जिसे डॉक्टर सबसे ज्यादा नुकसानदेह मानते हैं. आइये जानते हैं सुबह-सुबह क्या खाना सेहत के लिए सबसे ज्यादा अच्छा होता है.

चिया बीज- छोटे से दिखने वाले चिया के बीज बहुत सेहतमंद होते हैं. इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है क्योंकि इनमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं. चिया बीज शरीर के लिए जरूरी फैटी एसिड, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन बी से भरे होते हैं. एक चम्मच चिया बीज को रात भर पानी में भिगोएं और उन्हें सुबह खा लें.

इसे स्मूदी, ताजे फलों और नाश्ते में डालकर भी खाया जा सकता है. पपीता- सुबह-सुबह खाली पेट पपीता खाना बहुत अच्छा होता है. पपीता में क्लींजिंग गुण होते हैं और यह पेट को साफ करने में मदद करता है. पपीता स्किन के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. पपीता खाने के कम से कम एक घंटे के बाद कुछ भी खाने से बचें. खाली पेट पपीता खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी दूर होती है.

यदि आप भी पैरों में मोजा पहन कर सोते हैं तो जान लें इसके कुछ नुक्सान

मोजा हमारे पहनावे का जरूरी हिस्सा है, लेकिन गर्मियों में काफी देर तक मोजा पहनने या बेहद कसा हुआ मोजा पहनना आपको परेशान कर सकता है। कई लोग सोते समय भी मोजा पहने रहते हैं। यह भी गलत है। पैरों को आराम देने के लिए रात में मोजा उतार कर ही सोएं…

फंगल इंफेक्शन का खतरा
पैरों से जो पसीना निकलता है मोजा उसे सोखता है। देर तक मोजा पहनने से या टाइट मोजा पहनने से ये पसीना सूख नहीं पाता, जिससे नमी के कारण मोजे में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा हो जाते हैं। इन्हीं बैक्टीरिया से आपके पैरों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

एड़ी सुन्न हो सकती है
दिनभर मोजा पहनने से एड़ी के हिस्से में खून कम पहुंच पाता है। इस वजह से कई बार एड़ी सुन्न पड़ जाती है और पैर काम करना बंद कर देते हैं। शरीर के हर हिस्से को काम करने के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है।

एडीमा हो सकता है
एडीमा में शरीर के हिस्से में तरल पदार्थ एक जगह जम जाता है जिसकी वजह से उस हिस्से में सूजन आ जाती है। देर तक मोजा पहने रहने से और टाइट मोजा पहनने से ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है और पैरों में सूजन आ सकती है।

 

मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव डालती है चाय, शोध में हुआ ये चौकाने वाला खुलासा

चाय दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय कैफीनयुक्त पेय पदार्थों में से एक है। पेय में बहुत सी किस्में होती हैं और प्रत्येक में कैफीन का स्तर भिन्न होता है। इसी समय, इसे एक व्यापक, लगभग सार्वभौमिक अपील मिली है, भले ही तैयारी और व्यंजनों में अंतर हो।

चाय पीने के लाभों को इंगित करने वाले कुछ बिखरे हुए सबूत हैं, जिनमें कुछ अध्ययनों में मस्तिष्क के लिए चाय के लाभों के बारे में बात करना शामिल है।एक शोध में पता चला है कि चाय का हमारे मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव पड़ता है. अध्ययन पता चला है कि नियमित रूप से चाय पीने वाले उन लोगों की अपेक्षा फायदे में होते हैं, जो लोग चाय नहीं पीते हैं.

सभी प्रतिभागियों ने अपने मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, दैनिक जीवन शैली और समग्र स्वास्थ्य के बारे में विवरण प्रदान किया है. आंकड़ों के आधार पर, प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया था. एक चाय पीने वाले और दूसरे चाय नहीं पीने वाले. इसके बाद सभी की एमआरआई स्कैन और अन्य जांच की गईं.

इसमें सवाल था कि उनके पास कितने प्रकार की चाय है और कितनी बार वो लोग चाय पीते हैं. शोध के लिए जिन प्रतिभागियों को शामिल किया गया था उनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक थी.

 

आयरन की कमी हो या एनीमिया आपकी हर बीमारी का इलाज़ हैं एक चम्मच शहद

शहद का उपयोग सदियों से खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।

चॉकलेट खाने के शौकीन हैं? तो आपका सुन्दर चेहरा भी हो जाएगा खराब !

हम में से कई लोगों के लिए, मुंहासे पूरे वर्ष की समस्या है. इसे आमतौर पर गर्मियों की समस्या माना जाता है, जब आपकी स्किन ऑयली हो जाती है. जिसकी वजह से पिंपल्स की समस्या होती है.

हार्मोनल समस्या, तनाव, अनहेल्दी डाइट ये कई कारण है जो पूरे साल मुंहासे होनी की समस्या बन सकते हैं. एकमात्र समय होता है, जब हम अपने चेहरे को नियमित रूप से धोने के लिए बहुत आलसी और सुस्ते होते हैं, और उन स्पाइन-चिलिंग फेस पैक को लगाते हैं. जिसका रिजल्ट? बेदाग त्वचा और पिंपल्स!

रिफाइन अनाज से भरपूर फूड जैसे ब्रेड, सफेद पास्ता, मैदा का नूडल्स मुंहासे को प्रेरित करने के लिए जाने जाते हैं. ये फूड में कार्बोहाइड्रेट्स की उच्च गुणवत्ता होती है जिसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर पर पड़ता है.  जबकि जो लोग नियमित तौर पर पेस्ट्री और केक खाते हैं, उनको 20 फीसद ज्यादा खतरा होता है.

क्या आप चॉकलेट खाने के शौकीन हैं? ये आपके लिए चिंता की बात हो सकती है. चॉकलेट खाने का संबंध ब्रेकआउट्स में वृद्धि से जोड़ा गया है. कोको, दूध और शुगर से समृद्ध चॉकलेट आपके इम्यून सिस्टम पर मुंहासे की वजह बननेवाली बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिक्रिया कर सकते हैं. ये आगे चलकर आपके चेहरे पर ज्यादा मुंहासे और दाने की वजह बन सकता है.

तुलसी का अत्यधिक सेवन रक्त को कर सकता हैं पतला जिससे होंगे ये नुक्सान

प्राचीन काल से तुलसी की पूजा की जाती रही है. कई ग्रंथों में इसके औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है. अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है.

तुलसी जिसको अंग्रज़ी में Basil भी कहा जाता है उसके अनगिनत फायदे हैं।तुलसी भारत की एक पारम्परिक औषधी है जिसका आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है.

यह सभी पोषक तत्व आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे हैं।तुलसी का अत्यधिक सेवन रक्त को पतला करते हैं। इसलिए जो लोग पहले से ही खून को पतला करने की दवाइयां ले रहे हैं, उन्हें तुलसी के सेवन से बचना चाहिए।

यदि महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत है तो तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है.कम कैलोरी वाली जड़ी बूटी एंटीऑक्सीडेंट, जलन और सूजन कम करने और जीवाणुरोधी गुणों से समृद्ध है।

इसके अलावा, यह विटामिन ए, सी और के, मैंगनीज, तांबा, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा -3 फैट्स जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से परिपूर्ण है।

वैसे तो मधुमेह रोगियो के लिए तुलसी का सेवन लाभदायक माना गया है। लेकिन अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इससे रक्त में शर्करा का स्तर असामान्य हो जाता है।

एलोवेरा जेल का अधिक उपयोग करने से आपको भी हो सकती हैं ये बीमारी…

ऐलोवेरा जेल को सबसे कारगर ब्यूटी प्रॉडक्ट के रूप में देखा जाता है. चेहरे की सुंदरता को लिए लोग ऐलोवेरा का बहुत उपयोग करते हैं. वहीं कुछ लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए इसे खाते भी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐलोवेरा के सेवन से कई नुकसान भी हो सकते हैं.

आज कल के कामकाज से शरीर में पोटेशियम की मात्रा में कमी आने लगती है जिस कारण से कमजोरी और दिल से संबंधित परेशानी हो सकती हैं. जिन लोगों को दिल से संबंधित परेशानी हैं उन लोगों को एलोवेरा के जूस के सेवन से परहेज करना चाहिए.

वैसे तो एलोवेरा जेल को स्किन के लिए लाभदायक माना जाता है, लेकिन इसका ज्यादा उपयोग करने से स्किन एलर्जी होने का खतरा हो सकता है. एलोवेरा जेल के ज्यादा उपयोग से स्किन पर रैशेज, खुजली और रेडनेस की परेशानी हो सकती है.

गर्भवती महिलाओं को एलोवेरा जूस का सेवन करने से सख्त परहेज करना चाहिए. क्योकि एलोवेरा में लैक्टेटिंग प्रोपर्टी मिलती है जो की गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.

एलोवेरा के रस को सावधानी से ना पिया जाय तो एलर्जी हो सकती है. त्वचा पर दाने या पित्ती, खुजली या सूजी हुई त्वचा, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द और गले में जलन जैसे लक्षण ऐलोवेरा के सेवन की वजह से हो सकते हैं.