Friday , November 22 2024

हेल्थ

कब्ज या गैस जैसी परेशानी से हैं ग्रसित तो किशमिश का पानी हैं आपके लिए फायदेमंद

किशमिश सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है ये हर कोई जानता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको बता दें, इसका पानी इससे भी ज्यादा लाभकारी होता है. इसे पीने से कई बीमारियां दूर होती हैं.

एक कप किशमिश के पानी से आप खुद को ताउम्र सेहतमंद रख सकते हैं. एक कप पानी उबाल लें. इसमें लगभग एक मुठ्ठी किशमिश धोकर रातभर भिगोकर रख दें. सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं और किशमिश को चबाकर खा लें. इसी के साथ जानें इसके फायदे.

* किशमिश का पानी आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. ये खाना को पचाने में मदद करता है. इसलिए आपको कब्ज या गैस जैसी परेशानी नहीं होती है.

* किशमिश का पानी आपके शरीर में बढ़े कोलेस्ट्रोल को ऑक्सिडाइज करता कर इसे बढ़ने से रोकता है. इससे आपको हार्ट से जुड़ी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है.

* ये आपके लीवर को साफ करने का अचूक उपाय है. ये लीवर से गंदगी निकालकर इसे स्वस्थ रखता है और आपको इसकी खराबी से होने वाली बीमारियों से दूर रखता है.

ब्लड शुगर लेवले को कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में करें मेथी के बीजों का इस्तेमाल

रसोई में पाया जाने वाला ये मसाला आपके शरीर को रख सकता है स्वस्थ, व मेथी में घुलनशील फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। मेथी दानों का सुबह खाली पेट सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।

हालांकि इसकी पत्तियों का उपयोग एक स्वादिष्ट पकवान और यहां तक कि परांठे तैयार करने के लिए किया जाता है। ये बीज गुणों से भरे होते हैं जो डायबिटीज , पाचन संबंधी समस्याओं और यहां तक कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं।

मेथी के बीज पेट के कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में भी मददगार हो सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी और कब्ज से निपटने में फायदेमंद हो सकते हैं।

मेथीकोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है. इसमें लिपोप्रोटीन (एलडीएल) जो कोलेस्ट्रॉल के स्‍तर कम करने में मदद करता है. मेथी में भरपूर विटामिन पाए जाते हैं. जो स्वास्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है.

दिल की बीमारियों के लिए भी लाभदायकहरी मेथी की सब्जी का प्रयोग आपके दिल को सेहतमंद रखने में मदद करता है. मेथी में गैलेक्टोमनैन की उपस्थिति के कारण दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है.

मेथी में पोटेशियम की उच्च मात्रा शामिल है. जो रक्त संचार को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.यह डायबिटीज को कंट्रोल करने और मधुमेह से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं। ब्लड शुगर लेवले को कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में आप मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

गले में खराश हो या जुकाम अदरक की चाय से मिलेगा झटपट आराम

देसी घी हिंदुस्तान के हर घर में फेमस है. खिचड़ी हो या दाल, या फिर कोई भी तरह की डिश उसमे घी डालकर खाना हिंदुस्तानी घरों की पहचान है. घी खाने से सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं ये आपने सुना होगा.

 

काली मिर्च  भी आपने कई बार खाई होगी कोरोना के इस दौर में काढ़े चाय के जरिए भी इसका सेवन किया होगा. गले में खराश हो या जुकाम अदरक की चाय या काली मिर्च की चाय सबको बहुत फायदा पहुंचाती हैं.  घी काली मिर्च को मिलाकर क्या फायदा होता है.

घी काली मिर्च खाने से जोड़ों के दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है. जिनको सर्दियों में जॉइंट पेंट रहता है वो घी काली मिर्च को एक साथ मिलाकर किसी भी खाने में थोड़ा सा डालकर खा सकते हैं. जिनको शुगर लेवल कंट्रोल करना है वो भी इसका सेवन कर सकते हैं.

घी काली मिर्च के मिक्सचर को खाने से या किसी खाने में इस्तेमाल करने से डीएनए सुरक्षित रहता है.दोनों को साथ में खाने से याददाश्‍त भी तेज होती है. साथ ही मिक्सचर तनाव को भी दूर करता है. वहीं इम्यूनिटी की बात करेंगे तो ये दोनों इम्यूनिटी मजबूत बनाने का काम करते हैं.

 

खाना खाने के तुरंत बाद अगर पानी पीते हैं तो जरुर पढ़ लें ये जरुरी खबर

अक्सर मां या किसी दूसरे बड़े ने आपको उस समय पक्का टोका होगा जब आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी रहे होंगे… ऐसा अक्सर सुना तो होता है, लेकिन इसे मानने में दिक्कत होती है. अक्सर हम सामने वाले से पूछ लेते हैं कि क्यों नहीं पीना चाहिए.

 

जो भी आप खाते हैं उसे पचने में तकरीबन 2 घंटे का समय लगता है. यह खाना आपकी ग्रास नली से होकर पेट तक जाता है. इसके बाद वह मल के रूप में बाहर निलकने से पहले आंत में पहुंचता है. इस दौरान पेट में बनने वाले तरल पाचन में मदद करने का काम करते हैं. अगर आप खाने से पहले पानी पी लेते हैं तो यह प्रक्रिया प्रभावित होगी।

खाने के बाद जब आप पानी पी लेते हैं तो खाने को पेट से आंत तक जितने समय में जाना चाहिए, उससे कम समय में वह आंत तक पहुंच जाता है. ऐसा होने पर शरीर को भोजन में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।

खाना खाने के तुरंत बाद अगर पानी पीते हैं तो आपका वेट गेन होता है. अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहें तो खाने के दौरान या तुरंत बाद पानी पीने से बचें. दरअसल खाने के तुरंत बाद पानी पीने से खाना ठीक से पचता नहीं और भोजन में मौजूद ग्लूकोज फैट में तब्दील हो जाता है.

खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पेट में मौजूद खाना पचने की जगह खराब होने लगता है जिससे गैस बनने लगता है. अगर आप तला और मसालेदार खाना खाते हैं तो आपको एसिडिटी भी हो जाती है. खाने के बीच पानी पीने से एसिडिटी और ज्यादा बढ़ जाती है.

मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाने में हैं कारगर

मक्‍खनको अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

 

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.

क्या आप भी डल बालों को शाइनी बनाने के लिए ब्लीच करवाती हैं ?

अपने बालों का कलर चेंज करने के लिए या इन्हें शाइनी बनाने के लिए कई महिलाएं ब्लीच करती हैं। लेकिन वे यह नहीं जानती हैं कि बालों को गलत तरह से ब्लीच करने से उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए बालों को ब्लीच करने से पहले और ब्लीच करते हुए कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है।

एक बार जब आप अपने बालों को ब्लीच करते हैं, तो ये उसमें नमी और प्रोटीन संतुलन को बनाए रखने में विफल रहता है. नतीजे के तौर पर, आपके बाल झड़ने या टूटने लगते हैं

रंग भरने में बहुत समय नहीं लगता है, लेकिन ये बालों की जड़ को बुरी तरह प्रभावित करता है. इसलिए आप बालों को रंगने के बाद अपनी खोपड़ी पर जलन का अहसास कर सकते हैं. ऐसा ब्लीच के मजबूत रसायों की वजह से होता है.

हेयर ब्लीच कई तरह की आती हैं, जैसे क्रीम, आॅयल, लिक्विड और पावडर। आप अपनी पसंद के अनुसार ब्लीच का इस्तेमाल कर सकती हैं। सभी हेयर ब्लीच समान रूप से काम करते हैं। हेयर ब्लीच हमेशा बालों के अंतिम सिरे से लगाते हुए ऊपर की ओर जाएं। इससे ब्लीच अच्छी तरह बालों में लग जाती है।

अगर वास्तव में यह वास्तव में दर्दनाक या खुजली हो जाता है, तो फौरन ब्लीच को हटा दें. आपको ब्लीच से एलर्जी हो सकती है या रासायनिक जलन, जो दोनों आपके लिए ठीक नहीं है. वास्तव में, ब्लीच एक मजबूत रसायन होता है.

 

कोरोना से रहना हैं दूर तो अपने लाइफस्टाइल में शामिल करें अभ्यास

कोरोना वायरस तेज़ी से  अपने पैर पसार रहा है लेकिन इससे बचने के लिए आपके पास कई सारे विकल्प हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए भारत के लोगों को लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है.

इसके अलावा दुनिया के कई हेल्थ एक्सपर्ट मानते है कि योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हमारे प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं.

उत्तानपादासन: हाजमे को दुरुस्त रखने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत करता है. मंडूकासन: मधुमेह, कोलाइटिस से मुक्ति में सहायक. पैंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करने में मददगार. ऐसे में आपकी इम्यूनिटी बढ़ जाती है.

ये खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि बीमारियों में लाभकारी होते हैं. योगासन और प्राणायाम करने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर के नस-नाडिय़ों की शुद्धि होती है. साथ ही रोग से लडऩे की क्षमता मिलती है.

नाचोज और टोमैटो सालसा घर पर बनाने के लिए देखें इसकी रेसिपी

नाचोज बनाने की सामग्री

गेहूं का आटा- 1 कप, बेसन- 1/4 कप, ऑयल- 1 टेबलस्पून, हल्दी पावडर- 1/2 टिस्पून, अजवाइन- 1/4 टिस्पून, नमक- स्वादनुसार, टमाटर- 2, हरा धनिया- कटा हुआ, हरी मिर्च- 2, अदरक- 1 इंच, काली मिर्च पावडर- 1 टिस्पून, भुना जीरा पावडर- 1 टिस्पून, ऑलिव ऑयल- 1 टिस्पून, दूध- 1 कप, चीज- 1 कप, मैदा- 2 टेबलस्पून, बटर- 2 टेबलस्पून,

विधि

नाचोज चिप्स बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में गेहूं का आटा लीजिये, अब इसके अंदर बेसन, ऑयल, हल्दी पावडर, अजवाइन, नमक डालकर मिला ले, अजवाइन को क्रस करके डाले| अब इसे थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गूथ ले और फिर ढक कर 10 मिनट के लिए रख दे| अब आटे को ले और अपने हाथों में हल्का सा ऑयल लगाकर फिर से मसल करके गूथ ले, आटा टाइट ही गुथे|

अब आटे को दो भागों में बाँट ले और इसकी लोइया बना कर बेल ले, रोटी को एकदम से पतला बेले, अब इसे पिज्जा कटर मशीन या फिर चाकू से काटकर चौकोर बना ले और फिर बीच से काटकर तिकोना बना ले, इसमें काटे की सहायता से छेद कर ले| अब एक कढ़ाई में ऑयल डालकर गरम करे और नाचोज को डालकर फ्राई कर ले, आंच मध्यम रखे| इसे क्रिस्पी और हल्का ब्राउन होने तक फ्राई करे|

अब टोमैटो सालसा बनाने के लिए सबसे पहले पके टमाटर को भून ले और इसके छिलके निकाल ले| अब इसे टुकड़ो में काट ले और फिर मिक्सर जार में डालकर पीस ले, अब इसके अंदर हरी मिर्च, अदरक, भुना जीरा, काली मिर्च और नमक डालकर मिक्सर चला ले, अब इसमें कटा हरा धनिया और ऑलिव ऑयल डालकर मिला ले और एक बाउल में निकाल ले, आपका टोमैटो सालसा बनकर तैयार हैं|

 

मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन हैं बेहद लाभदायक

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों. इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

 

पाइनेपल आंखों के लिए हैं बहुत फायदेमंद, जानिए इसके कुछ लाभ

पाइनेपल में विटामिन A और विटामिन C भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा फायबर, पोटेशियम, फ़ॉस्फोरस और कैल्शियम भी इसमें काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी तत्व शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक हैं।

 

पाइनएप्पल का जूस पीने के फायदे..पाइनेपल आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पाइनएप्पल में बीटा-कैरोटीन और विटामिन मौजूद होते हैं जो कैंसर जैसी बीमारी से हमारी रक्षा करता है।

1. मसूडों और दांतों को स्वस्थ रखने में पाइनेपल बहुत कारगर है। इससे दांत मजबूत बनते हैं और यह गठिया रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है। पाइनेपल को सूजन कम करने के लिए बहुत कारगर समझा जाता है।

2.हड्डियों की कमजोरी के कारण कई तरह की परेशानियों से हमें दो चार होना पड़ सकता है। लेकिन अगर आप अपने डाइट में अनानास के जूस को शामिल करते है तो हड्डियों की समस्या से आप काफी दूर रह सकते है। अनानास में मौजूद मैंगनीज आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

3.अनानास अपने विशिष्ट गुणों के कारण आंखों की दृष्टि के लिए भी उपयोगी होता है। पूर्व में हुए शोधों के मुताबिक दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ कम होती आंखों की रोशनी का खतरा कम हो जाता है।