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हेल्थ

फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को होंगे ये सभी लाभ

अक्सर सलाह दी जाती है कि फाइबर युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए, लेकिन एक सवाल जरूर उठता है कि एक दिन में कितनी मात्रा में फाइबर का सेवन उचित है? दुनिया स्वास्थ्य संगठन ने इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एक अध्ययन किया जिसकी रिपोर्ट हाल ही में ख्यात मेडिकल जर्नल द लानसेट में प्रकाशित हुुई है.

शोध में पाया गया कि अधिक फाइबर का सेवन करने वालों में दिल संबंधी या अन्य बीमारियों से असमय जान गंवाने की संभावना 15-30 फीसदी कम होती है. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कोरोनरी हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज  कोलोन कैंसर की संभावना को भी 16–24 फीसदी कम करता है.  100 ग्राम चने की दाल में 10-11 ग्राम फाइबर होता है.

क्या ज्यादा फाइबर नुकसानदायक है?
रिपोर्ट के लीड ऑथर न्यूजीलैंड में यूनिवर्सिटी ऑफ ओटेगो के प्रोफेसर जिम मन यह सुझाव भी देते हैं कि रोजाना 29 ग्राम से अधिक फाइबर का सेवन करने के  भी अधिक स्वास्थ्य फायदा हो सकते हैं. हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि उनके अध्ययन में फाइबर के अधिक सेवन का कोई प्रतिकूल असर नजर नहीं आया, लेकिन इसका अधिक सेवन उन लोगों के लिए नुकसानदायक होने कि सम्भावना है जो पर्याप्त मात्रा में आयरन या खनिजों का सेवन नहीं करते हैं.

सेहत के लिए क्यों महत्वपूर्ण होती है फाइबर
एम्स के डाक्टर अनुराग शाही के अनुसार, फाइबर कोलस्ट्रॉल  ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता है. साथ ही यह भोजन को पाचन प्रणाली से निकलने में मदद करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण मात्रा में मल निकाल कर शरीर को स्वस्थ्य बनाता है.

गर्मी के मौसम में जामुन का सेवन करने से दूर होगी शरीर से खून की कमी

आप सबने कभी न कभी जामुन जरूर खाया होगा. यह गर्मी के दिनों में बाजार में बहुत अधिक मात्रा में मिलता है. इसके बीज को कई औषधि के रूप में इस्तेाल किया जाता है. इसमें कई ऐमे तत्व पाए जाते हैं जो हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करता है.

खून की कमी को करता है दूर
आपको बता दें के जामुन के रेगुलर सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है. यह बता दें के शरीर के स्वस्थ्य रखने के लिए हीमोग्लोबिन मात्रा सही रखना बहुत जरूरी है.

स्किन के लिए फायदेमंद
आपको बता दें कि जामुन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है. यह चेहरे पर होने वाले दाग धब्बे जैसे- झुरिया, मुंहासे और एक्ने जैसी परेशानियों को कम करता है. इसके साथ ही यह स्किन को खूबसूरत बनाने में मदद करता है.

शुगर लेवल रखता है कंट्रोल
जामुन में भारी मात्रा में पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हार्ट को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है. यह ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल करके डायबिटीज के खतरे को कम करता है.

फटे दूध के इन पौष्टिक गुणो से अनजान होंगे आप, डालिए इसके फायदों पर एक नजर

दूध फटने के बाद हम पनीर बनाते हैं उसके बाद जो पानी बचता है उसे हम आमतौर पर फेंक देते हैं। लेकिन आपको नहीं मालूम होगा torn milk के पानी की पौष्टिकता के बारे में। आम तौर पर घरो में पनीर बनाने के बाद जो पानी बचता है उसे फेंक दिया जाता है।
पर शायद आप इसके पौष्टिक गुणो से अनजान होंगे।

मुलायम चेहरे के लिए

  • इससे चेहरे को धो कर आप उसे मुलायम, टोन्‍ड, नरम और साफ बना सकती हैं।
  • अगर आपके पास बाथटब है तो उसमें 1-2 कप इस पानी को मिलाएं और उसमें खुद को 20 मिनट तक डुबोए रखें।
  • इस पानी में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो कि सिर और त्‍वचा का pH बैलेंस बनाए रखते हैं।

कंडीशनर

  • बालों को शैंपू करने के बाद, दुबारा इस पानी से सिर को धोएं।
  • फिर 10 मिनट तक ऐसे छोड़ दें।
  • फिर हल्‍के गरम पानी से सिर को साफ कर लें।
  • जब बाल सूख जाएं तब उसमें कंघी करें, जिससे बाल उलझे नहीं।

आटे को गूंदने में

  • आटे को गूंदने के लिये पानी की जगह फटे दूध के पानी का इस्‍तमाल करें।
  • इससे आपकी रोटियां या पराठे नरम बनेंगे और प्रोटीन से भर जाएंगे।
  • आप इसे थेपला या अन्‍य आटे में डाल सकती हैं।

उपमा में मिलाएं

  • इस पानी का हल्‍का फ्लेवर होता है जिसे उपमा में मिलाने से उसका स्‍वाद और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है।
  • अगर आप उपमा में टमाटर या दही मिलाती हैं, तो इसे न मिलाएं।

पौधे में डालें

  • इस पानी को सादे पानी के साथ मिला कर पौधों को सींचे।
  • इसे पानी में घोल कर ही प्रयोग करें क्‍योंकि यह बहुत ज्‍यादा एसिडिक होता है, जिससे पौधे जल सकते हैं।

 

 

गर्मियों में पसीने की वजह से पैरो से आती हैं दुर्गन्ध तो जरुर जानिए इसे दूर करने का उपाए

अक्सर देखा जाता है की हम बहुत देर तक ऑफिस ,स्कूल ,कालेजों से जब आते हैं तो हमारे पैर Smell  करने लगते हैं। अगर आप भी इस समस्या से ग्रसित हैं तो यहाँ लिखे उपायों पर ध्यान दीजिये।

इस तरह दूर करें पैरो की Smell

अगर आप पैरो में होने वाली दुर्गन्ध से परेशान हैं हो हम बताते है कैसे इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। बस कुछ छोटे छोटे उपायों से आप अपने पैरो के दुर्गन्ध को दूर कर सकेंगे।

  • जुराबों को सिरके और पानी के मिश्रण से धोकर पहने।
  • एक टब में गुनगुने पानी में सेब का सिरका डालें और इसमें पैरों को डुबायें इससे पैरों की दुर्गन्ध दूर हो जायेगी।
  • चावल को पानी में आधे घंटे के लिये भिगो दें और फिर इस पानी को छानकर निकाल लें। इस पानी को टब में डालकर पैर भिगोये।
  • खाने में प्याज, काली मिर्च और लहसुन का प्रयोग कम मात्रा में करें। इनकी तासीर गर्म होती है जिससे पैरों में पसीना आता है।
  • पैर धोने के लिये एंटीबैक्टीरियल साबुन का इस्तेमाल करें।
  • गर्म पानी में चाय की पत्ती डालें और इस पानी से पैरों को डुबोकर सिंकाई कर लें, पैरों की बदबू दूर हो जायेगी।
  • सूती जुराबें ही पहने।
  • प्रतिदिन धुली हुई जुराबें ही पहनें।

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आप भी फॉलो करें मेडिटेरियन डाइट चार्ट

इंसान को अपनी हड्डियों को मजबूत रखने के लिए खास मेडिटेरियन डाइट लेना चाहिए।इंसान की बढ़ती उम्र में ह​ड्डियां कमजोर होने लगती हैं।अगर बच्चों की हड्डियां कमजोर हों।बच्चों के लिए मेडिटेरियन डाइट बहुत ही फायदेमंद होती है।

हड्डियों को मजबूत करने के लिए मेडिटेरियन डाइट में आपको ताजा फल, सब्जियां, ग्रेन्स, आलू, जैतून का तेल, सीड्स, फिश, कम सैचूरेटेड फैट्स, डेरी प्रोडक्ट्स और रेड मीट शामिल करना चाहिए।जो आपकी हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होगा।

मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए है खास

मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए मेडिटेरियन डाइट बेस्ट रहती है। ऐसा विशेषज्ञों का भी मानना है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन लेवल के कम होने से बोन मास कम हो जाता है।

  • हड्डियों के कमजोर होने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • जिसे कंट्रोल रखने में मेडिटेरियन डाइट बहुत ही फायदेमंद साबित होती है।
  • मेडिटेरियन डाइट से बोन मास और मसल में बढ़ती उम्र में भी बढ़ोत्तरी होती है।

Pregnancy के दौरान महिलाओं को रखना चाहिए इन बातों का ख़ास ध्यान

ईश्वर ने पुरुषों के अपेक्षा महिलाओं को एक अलग ही खास वरदान दिया है- माँ बनने का वरदान। लेकिन इस दौरान बहुत बातें ध्यान में रखने पड़ती है। Pregnancy  महिलाओं के लिए जितना खास होता है वहीँ इस दौरान महिलाओं को बहुत सारी परेशानिया भी आती है।

गर्भवती महिला को रहन-सहन, खान-पान, चाल-चलन का महत्वपूर्ण ध्यान देना पड़ता है,ये गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन परिवर्तन होने की संभावना थकान का मुख्य कारण होता है। इस समय आपका शरीर बच्चे को पोषक तत्व प्रदान करने के लिए अधिक रक्त उत्पादन करता है।

कम पानी पीना अक्सर गर्भावस्था में थकान, जलन और दर्द का कारण बनता है, अपने शरीर को निरोगी रखने के लिए आप जितना हो सके भरपूर पानी पीये। इसके अलावा हाइड्रेट रहने के लिए स्वादिष्ट सूप, फलो का शेक पी सकते है। स्वस्थ सब्जिया और अच्छी कैलोरी वाले और प्रोटीन युक्त भोजन करे।

नारियल खाना और इसका पानी पीना दोनों आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है और इससे भी शरीर में तुरंत भरपूर एनर्जी आती है। नारियल खाने से मोटापा कंट्रोल होता है और याददाश्त तेज होती है। इसे खाने से नींद अच्छी आती है और शरीर को भरपूर पोषण मिलता है।

गर्भावस्था के दौरान जितना हो सके अपने शरीर को आराम दें। रात को आराम से बायीं ओर करवट लेकर सो जायें। इसके अलावा अगर दिन में 2 घंटे आराम ले लें तो आपके थकान को कम करने में मदद मिलेगी। इससे आपके पेट में पल रहे भ्रूण को आराम मिलेगा और उसके शरीर पर ऊर्जा की मात्रा सुचारु रूप से मिलेगी। आराम करना आपके और आपके बच्चे के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

सफेद ब्रेड का ज्यादा सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हैं लाभदायक या हानिकारक ?

ब्रेकफास्ट से लेकर स्नैक्स तक में अक्सर ब्रेड को शामिल किया जाता है। इनदिनों यह बेहद सुविधाजनक आहार बन गया है, जिसे कभी ब्रेड सैंडविच तो कभी ब्रेड टोस्ट के रूपों में अपनी डाइट में शामिल किया जाता है। लेकिन कई लोग इससे होने वाले नुकसान से बिल्कुल अंजान है।

ब्रेड में नमक की मात्रा ज्यादा होती है. इसका ज्यादा सेवन आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. वैसे ब्रेड के एक टुकड़े के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन नियमित इसके सेवन से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

खासकर सफेद ब्रेड का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं होते हैं। अगर आप पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना चाहते हैं तो इसकी जगह पर साबुत अनाज से रोटी खाएं। आइए जानते हैं क्यों ब्रेड नहीं खाना चाहिए।

ब्रेड में कार्ब, नमक और रिफाइंड शुगर होते हैं. ये सेहत के लिहाज से सही नहीं है. इसका रोज सेवन करने से वजन भी बढ़ सकता है.अगर आप बहुत ज्यादा ब्रेड खाते हैं तो आपको कब्ज हो सकती है. रोज नाश्ते में ब्रेड खाने से भी आपको हो सकती है.

अधिकांश सफेद ब्रेड में फ्रुक्टोस कॉर्न शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। सफेद ब्रेड को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले अनाज मेंनुकसानदेह फाइटिक एसिड भी होता है जो शरीर में कैल्शियम, आयरन और जिंक को सोखने की प्रक्रिया को रोकता है.

दांत के दर्द से परेशान हैं तो लहसुन का ये घरेलू उपाए एक बार जरुर आजमाएं

दांतों पर चढ़ी बैक्टीरिया युक्त एक चिपचिपी परत होती है। वहीं, मसूड़ों के ऊपर-नीचे विकसित होने वाली बैक्टीरियल परत को टार्टर कहते हैं। इससे मसूड़ों की बीमारी होने का डर बना रहता है।

लहसुन सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है. पेट और ब्लड सर्कुलेशन के लिए सिर्फ लहसुन फायदेमंद नहीं बल्कि दांतों में दर्द के इलाज के लिए भी लहसुन रामबाण इलाज है. लहसुन की एक कली के काफी फायदे होते हैं. इसमें एन्टीबैक्टीरियल गुण दांत के दर्द से राहत दिलाते हैं.

लहसुन की एक कली पीसकर लगाने या नमक में डुबोकर चबाने से दांत दर्द में राहत मिलती है.जब मसूड़ों में मौजूद बैक्टीरिया प्रोटीन व खाने वाली चीजों से मिलते हैं, जिसके कुछ अंश दातों में रह जाते हैं तो प्लैक (plaque) की समस्या हो सकती है।

दांत के दर्द से परेशान हैं तो तीन से चार बूंद सरसों के तेल में एक चुटकी नमक डालकर दांतों और मसूड़ों पर हल्के हाथ से मसाज करें. इससे न सिर्फ दांतों में दर्द से आराम मिलेगा बल्कि मसूड़े भी मजबूत होंगे हैं.सरसों के तेल का इस्तेमाल अगर आप नियमित करते हैं, तो यह आपके दांतों की चमक कभी भी फीकी नहीं पड़ेगी.

संतरे के छिलके को 2-3 मिनट तक दांतों पर रगड़ें। इससे भी दांतों की सफाई हो जाएगी। आप चाहें तो इसका पेस्ट बनाकर भी लगा सकते हैं।जिसमें टार्टर और प्लाक भी शामिल है। इसका कारण कहीं ना कहीं खराब डाइट, स्मोकिंग, तंबाकू या सही तरीके से ब्रश न करना है।

 

विटामिन ई युक्त बादाम आपको दिला सकता हैं त्वचा और बालों की समस्या से निजात

बादाम का तेल पोषक तत्व और विटामिन ई का भंडार होता है जो आपके स्वास्थ्य में सुधार लाने के साथ साथ आपकी त्वचा और बालों को भी सुंदर बनाता है।यहाँ जानिये इसके कुछ फायदे:

1. अगर आपका हीमोग्लोबिन कम है तो आज से ही बादाम के तेल को अलग-अलग रूपों में लेना शुरू कर दें। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने का काम करता है।

2. बादाम तेल के सेवन से कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है। बादाम के नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।

3.बादाम के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड्स होते हैं। ओमेगा-6 दिमाग की सेहत के लिए एक आवश्यक तत्व है। इससे दिमाग को पोषण मिलता है।

4. गर्भावस्था में बादाम तेल के सेवन से डिलीवरी के नॉर्मल होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें मौजूद फॉलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व मां और बच्चे दोनों को फायदा पहुंचाते हैं।

इन बिमारियों से ग्रसित लोगों को भूल से भी नहीं करना चाहिए टमाटर का अत्यधिक सेवन

आप भी टमाटर खाने के शौकीन हैं? अगर हां, तो आपको यह खबर जरूर पढ़नी चाहिए. अगर आप हर दिन टमाटर का सेवन करते हैं, तो सावधान होने की जरूरत है. टमाटर का अत्यधिक इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि टमाटर का अत्यधिक इस्तेमाल आपको बीमार बना सकता है. इसके साइड इफेक्ट के बारे में जान लेते हैं.

टमाटर में एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, ऐसे में इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से ब्लैडर यानी मूत्राशय में जलन होने लगती है। अगर आप पहले से ही मूत्राशय के संक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको टमाटर का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए

टमाटर खाने से मुंह और गले जलन होने लगती है। इसके कारण कुछ लोगों को रैशेज यानी त्वचा पर चकत्ते, खुजली और चेहरे पर सूजन की समस्या भी हो सकती है।

आज के दौर में किडनी की पथरी की समस्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं कई रिसर्च में सामने आया है कि बहुत अधिक टमाटर खाने से शरीर में किडनी की पथरी बन सकती है.