Saturday , November 23 2024

हेल्थ

आयोडाइज्ड साल्ट की कमी के कारण आपके शरीर में भी हो सकती हैं थायरॉइड की परेशानी

खानपान में अत्यधिक ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट वाली चीजें लेने और तनाव से हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, थायरॉइड की संभावना बढ़ती है. अल्कोहल और वायरल इंफेक्शन से भी डायबिटीज होती है. आयोडाइज्ड साल्ट की कमी से थायरॉइड की परेशानी होती है. सामान्यत: 150 माइक्रोग्राम लेनी चाहिए

सुबह सूर्योदय से पहले जागें
सुबह छह से पहले उठने की आदत डालें. रात में दस बजे तक बिस्तर पर जाएं. दवाओं के साथ परहेज भी करें. नियमित व्यायाम करें. शारीरिक गतिविधि से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. इन बीमारियों में लाभ मिलता है.

इनफर्टिलिटी : वर्किंग कपल में परेशानी बढ़ी
हाल ही एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें स्पर्म काउंट कम होता है. वर्किंग कपल में तनाव और प्रदूषण से भी फर्टिलिटी कम होती है. पुरुषों में टाइट अंडरगारमेंट, स्मोकिंग, अल्कोहल कारण है. खुश रखें. हफ्ते में एक दिन आउटिंग पर जाएं. चाइनीज और जंक फूड में पाया जाने वाला मोनो सोडियम ग्लूटामेट स्पर्म काउंट घटाता है.

जागरूक रहें
महिलाओं में हाइपो थायरॉइड,पीसीओडी और पुरुषों में मम्स इन्फेक्शन से स्पर्म बनने में परेशानी होती है. शीघ्रपतन भी प्रमुख कारण है. ज्यादा चिकनाई वाली चीजें न लें.

क्या आप जानते हैं स्वास्थ्य के साथ साथ आपकी इन समस्याओं का इलाज़ हैं गन्ने का रस

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

विटामिन A, K और B12 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर दूध का इस समय करे सेवन

आयुर्वेद के अनुसार दूध शरीर के लिये सबसे जरुरी चीज़ है जिसका हमारे आहार में शामिल होना महत्‍वपूर्ण है। आयुर्वेद, सभी को नियमित रूप से हल्‍का गर्म दूध पीने की सलाह देता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थायमाइन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल्‍स जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं।

दूध पीने का सही समय क्या है इस बात को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा होती है। दूध पीने का सही समय क्या है। कई लोग कहते हैं दूध पीना सुबह में अच्छा होता है। तो कभी कुछ लोग नाश्ते के साथ दूध पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद समझते है। अगर रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके नींद लाने में काफी मददगार साबित होता है।

सुबह में दूध पीना बच्चों के लिए फायदेमंद है। और बुजुर्गों के लिए दोपहर में दूध पीना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और यही दुध हम रात में पी ले तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे मे दिन भर का थकान दूर होता है। और हमें नींद भी काफी अच्छे आती है। दूध में कैल्शियम का स्रोत होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में साबित होता है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए दूध आपके लिए बहुत जरूरी है

खाने में इन चीजों का सेवन करने से आप भी हो सकते हैं Bad Breath का शिकार

खाने के चक्कर में हम भूल जाते हैं कि उससे सांस की बदबू भी हो सकती है.  की बदबू आपके पूरे दिन को खराब कर सकती है. अगर आप ऐसी कठिन स्थिति से निकलना चाहते हैं, तो हमेशा खाने प ध्यान दें अगर ऐसा फूड से होता है, तो सांस की बदबू को कम करना सुनिश्चित करें. कुछ फूड्स के बारे में बताया जा रहा है जो आपके मुंह की बदबू का कारण बन सकते हैं.

लहसुन- लहसुन में सल्फर बड़ी मात्रा में पाया जाता है. उसकी गंध बहुत मजबूत होती है. लहसुन चबाने के बाद तेज गंध मुंह से आने लगती है. लहसुन के निगलने या लहसुन वाले फूड खाने से भी मुंह में सांस की बदबू होती है, जो पेट के अंदर से आती है.

प्याज- प्याज और लहसुन एलियम पौधे के परिवार से संबंध रखते हैं. लहसुन की तरह, प्याज में भी सल्फ्यूरिक यौगिक की बड़ी मात्रा होती है. कच्चा प्याज खाने के कारण मजबूत गंध मुंह से आना शुरू हो जाती है. उसकी बदबू और स्वाद कम हो जाती है.

कॉफी- पेशेवर काम के दौरान खुद को तरोताजा और सक्रिय रखने के लिए कई कप कॉफी पी जाते हैं. कॉफी के बीज से सांस की बदबू होती है. कॉफी में एक सल्फर यौगिक पाया जाता है. उसमें मौजूद कैफीन हमारे मुंह में लार को सुखा देता है.

शरीर से थकान को मिटाने के लिए बेहद कारगर हैं मटर का सेवन

मटर में कई पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. डायबिटीज, कमजोर हड्डियों और थकान में मटर का सेवन मुफीद है. मटर प्रोटीन और फाइबर का प्राकृतिक स्रोत है. फाइबर पेट साफ रखने में मददगार साबित होता है.  कुछ मामलों में मटर का सेवन कम करना चाहिए. आज हम आपको अपनी इस स्टोरी में बताएंगे कि मटर कब नहीं खानी चाहिए और कब खानी चाहिए

थकान में मटर कारगर
क्या आप हर समय खुद को थका और उदास महसूस करते हैं? अगर हां, तो ऐसे में आपको अपनी किसी डाइट में मटर को जरूर शामिल करना चाहिए. मटर प्रोटीन हासिल करने का प्राकृति स्रोत होने के साथ शरीर को ऊर्जा देने का भी काम करता है. मटर के इस्तेमाल से आपकी थकान दूर होगी और आप ज्यादा सक्रिय रह सकेंगे.

डायबिटीज रोगियों के लिए
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए मटर जरूर इस्तेमाल करना चाहिए. दिन के एक भोजन में किसी न किसी रूप में मटर शामिल करना मुफीद साबित होगा. मटर में मौजूद प्रोटीन आपके शरीर में इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके अलावा मटर के इस्तेमाल का ये फायदा होगा कि आपके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ नहीं पाएगा. इससे शुगर लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है.

कमजोर हड्डी के लिए
कमजोर हड्डी की शिकायत वाले लोगों को भी नियमित रूप से मटर खाना फायदेमंद रहेगा. दिन में एक बार किसी भी भोजन में मटर को शामिल कर इस्तेमाल कर सकते हैं. मटर में पाया जानेवाला विटामिन के हड्डियों का व्यास सही बनाए रखने और मजबूती देने का काम करता है. शरीर के लिए विटामिन के के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता. उसकी कमी से हड्डियां खोखली और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से जूझना पड़ सकता है. ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी से जुड़ी एक बीमारी है. ऐसी स्थिति में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.

पेट के कैंसर को रोके

मटर पेट के कैंसर से सुरक्षा प्रदान कर सकता है. 2009 में मैक्सिको शहर में किए गए एक रिसर्च से पता चला कि मटर और फलिया के रोजाना सेवन से पेट के कैंसर का खतरा 50 फीसद तक कम हो गया.

कब पहुंचता है नुकसान?
अगर आपको पेट फूलने की समस्या से जूझना पड़ता है तो मटर का सेवन कम कर देना चाहिए. पाचन ठीक नहीं होने से मटर का अधिक सेवन गैस बनाने का काम करेगा. कब्ज होने पर भी मटर के इस्तेमाल से बचना चाहिए. एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि मटर उसी वक्त फायदेमंद हो सकता है, जब आपका पेट ठीक हो.

जिन लोगो को दस्त की समस्या है या जो लोग अधिक मात्रा में मटर का सेवन करते है तो उनको इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए. वहीं जो लोग अपना वजन कम करना चाहते है तो उन लोगों को मटर का सेवन नहीं करना चाहिए क्यूंकि मटर में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है.

लाइफस्टाइल में ये बदलाव करके आप भी खुदको रख सकते हैं फिट एंड हेल्थी

हम जाने या अनजाने में रोज ही अपनी लाइफ स्‍टाइल के साथ खि‍लवाड करते हैं। इसका बहुत गहरा असर हमारी सेहत पर पड़ सकता है। ऐसे में एक अच्‍छी लाइफ स्‍टाइल को फॉलो करना बेहद जरूरी है।

एक तरफ  लोगों में डर भर दिया, वहीं लंबे समय तक लॉकडाउन में रहने की वजह से इसका असर लोगों की मानसिक स्थिति पर भी पड़ा। एक तरह से कहें तो लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव हुआ। ऐसे में जरूरी है कि साल की शुरुआत में कुछ संकल्‍प लिए जाएं।

चाय-कॉफी को कहे नो
हम अपने दिन की शुरुआत चाय, कॉफी से करते हैं। जिन लोगों को एसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्‍य समस्‍याएं होती हैं, उनके लिए यह बिल्‍कुल सही नहीं कहा जा सकता। इसलिए अपने दिन की शुरुआत गुनगुना पानी पानी से करें तो यह ज्‍यादा बेहतर रहेगा।

नाश्‍ता करें
हम अक्‍सर नाश्‍ता नहीं करते। अच्‍छी सेहत के लिए सुबह ब्रेकफास्ट जरूरी है। इससे आप दिन भर फ्रेश बने रहेंगे और इसका सेहत पर भी अच्‍छा असर पड़ेगा। भीगे हुए बादाम के अलावा गेहूं की रोटी और फल अपने ब्रेकफास्‍ट में शामिल करें।

जंक फूड खाने से बचें
कम पानी पीना सेहत के लिए अच्‍छा नहीं होता। इसके अलावा ज्‍यादा मीठा खाने की आदत भी अवॉइड करना चाहिए। साथ ही ज्‍यादा तला भुना भी खाने से बचें। ज्‍यादा जंक फूड के सेवन से बचें, वरना डायबीटिज और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही इससे वजन भी बढ़ सकता है। सेहत दुरुस्‍त रहे इसके लिए घर का खाना ही खाएं।

यदि आपकी भी नही बढती हैं Height तो इन सिंपल नुस्खों को करें फॉलो

वैसे तो इंसान का कद आनुवांशिकता पर निर्भर करता है, लेकिन शरीर की सही ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए डाइट में पर्याप्त पोषक तत्वों का होना भी जरूरी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मैक्सिमम हाइट पर पहुंचने के बाद इंसान की लंबाई बढ़ना मुश्किल है.

क्या आप जानते हैं खाने की बहुत सी चीजें हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाकर कद बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. शारीरिक विकास, टिशू रिपेयर और इम्यून फंक्शन में प्रोटीन की बड़ी भूमिका होती है.

फलीदार सब्जियां– फलीदार सब्जियों में प्रोटीन के अलावा कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. प्रोटीन इंसुलिन ग्रोथ फैक्टर 1 (IGF-1) के स्तर को बढ़ाने का काम करता है. फलीदार सब्जियों में आयरन और विटामिन-बी भी पाया जाता है, जो एनीमिया से आपका बचाव करता है.

चिकन– प्रोटीन और कई न्यूट्रिएंट्स से भरपूर चिकन भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद चीज है. चिकन विटामिन-बी12 का भी अच्छा स्रोत माना जाता है. यह पानी में घुलनशील एक ऐसा विटामिन है जो आपकी लंबाई बढ़ाने का काम कर सकता है. इसमें टॉरिन नाम का भी एक तत्व पाया जाता है जो कि एक अमीनो एसिड है.

शकरकंद– विटामिन-ए से युक्त शकरकंद हड्डियों की सेहत को सुधारकर लंबाई बढ़ाने में मदद करती है. इसमें सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों प्रकार के तत्व होते हैं, जो आपकी डायजेस्टिव हेल्थ को प्रमोट करते औंर आंतों के लिए अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं. यह विटामिन-सी के अलावा मैग्नीज, विटामिन बी6 और पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है.

अंडा– अंडा न्यूट्रिशन का पावरहाउस है. इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसमें हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. 874 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से अंडा खाने वाले बच्चों की हाइट बढ़ती है. अंडे के पीले भाग (यॉक) में मौजूद हेल्दी फैट भी शरीर को फायदा दे सकता है.

प्रेगनेंसी में महिलाओं को डाइट में शामिल करना चाहिए विटामिन-डी और कैल्शियम

प्रेगनेंसी में महिलाओं को लगभग सभी विटामिन्स की जरुरत होती है लेकिन विटामिन-डी और कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होने के साथ बच्चे की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है। इसलिए डाइट में ऐसी चीजें जरूर खानी चाहिए जिससे कि गर्भवती को कैल्शियम की पूर्ति हो सके।

संतरा

गर्भावस्था के समय संतरा कैल्शियम पाने सबसे अच्छा विकल्प है। इससे इम्यून सिस्टम बढ़ता है। संतरा में कैल्शियम की लगभग 50 मिलीग्राम मात्रा पाई जाती है।

खजूर

खजूर में मिलने वाला कैल्शियम बच्चे की हड्डियां और दांत बनाने में मददगार होता है। इसमें मौजूद फोलेट दिमाग से जुड़ी संभावित बीमारियों और कमजोरियों से बच्चे की रक्षा करता है।

बादाम

कैल्शियम की कमी के इलाज के लिए बादाम बढ़िया विकल्प है। 100 ग्राम बादाम में 264 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के साथ दिमाग भी तेज करता है।

मसूर की दाल

प्रेगनेंसी की कैल्शियम डायट में मसूर की दाल को शामिल करना चाहिए। मसूर दाल में 19 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।

दूध और इससे बनी चीजें 

दूध तथा दही दोनों में 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। कम वसा वाले दही यानी योगर्ट में कैल्शियम भरपूर मात्रा पाया जाता है।

यूरिन से जुडी इन परेशानियों से आपको हमेशा के लिए छुटकारा दिलाएगा ये घरेलू उपाए

यूरिन करते समय दर्द, जलन या कोई दूसरी समस्या महसूस होना आम बात है। लेकिन अक्सर हम ऐसी समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाने में आनाकानी करते हैं। कई लोगों के लिए पेशाब को रोक पाना बहुत मुश्किल हो जाता हैं जो दूसरों के सामने शर्मिंदा भी कर सकता हैं।

इसके कई कारण हो सकते हैं।हम तब तक इस तरह की दिक्कत को अनदेखा करते हैं, जब तक कि यह असहनीय ना हो जाए। ऐसा करके हम अपनी ही स्थिति को और अधिक खराब कर लेते हैं.

ये एलकेलाइन होता है जो बार-बार पेशाब आने के लक्षणों को कम करता है और जिन स्थितियों के कारण ये समस्‍या होती है, उन्‍हें भी ठीक करता है। एक गिलास पानी में आधा चम्‍मच बेकिंग सोडा डालकर पी लें। दिन में एक बार इस पानी को पीने से फायदा होगा।

ग्रीन टी भी आपको इस परेशानी से राहत दिला सकती है क्‍योंकि इसमें माइक्रोबियल-रोधी गुण होते हैं। एक कप गर्म पानी में 5 से 7 मिनट के लिए एक चम्‍मच ग्रीन टी डालकर रखें। इसमें स्‍वादानुसार शहद मिलाकर दिन में दो बार पिएं।

गर्मी में नहीं डाइजेस्ट होता हैं दूध तो आप आजमाएं ये सिंपल टिप्स

गर्मियों के इस मौसम में सेहत की सही देखभाल के लिए अच्छे खानपान की जरूरत होती हैं और दूध से अच्छा आहार कोई हो ही नहीं सकता हैं जो हर युवा वर्ग के लिए जरूरी हैं।

कुछ लोगों को दूध पीने के बाद हजम नहीं हो पाता। उन्‍हें पेट फूलने या फिर बार खराब होने की समस्‍या से जूझना पड़ता है। पहले ज़माने के मुकाबले आज कल दूध की क्‍वालिटी में गिरावट आने की वजह से ऐसा होता है।

आयुर्वेद में पंचकोल यानी की पीपल पीपलामूल चित्रस्य सौंठ को 1 गिलास पानी में उबालें और जब मात्र 50 ग्राम रह जाए तो इसे छान कर पी लें। इसे पीने के बाद आप कितना भी दूध पी लें, सब हजम हो जाएगा।

अक्सर किसी न किसी वजह से हम रात का खाना नहीं खा पाते। आयुर्वेद के अनुसार, ऐसी स्थिति में एक चुटकी जायफल और केसर डाल कर दूध पी लें। इससे नींद भी अच्‍छी आती है

अगर आप से दूध नहीं पिया जाता तो आप दूध में हल्दी या शिलाजीत डालकर भी पी सकते हैं। ऐसा करने से दूध आसानी से हजम हो जाएगा और आप कई बीमारियों से भी दूर रहेंगे।