Saturday , November 23 2024

हेल्थ

दस्त, उल्टी, एसिडिटी हैं फूड प्वाइजनिंग के मुख्य लक्ष्ण, देखिए इसका उपाए

आजकल इंसान कई बिमारियों का शिकार हो जाता है जिनका कारण हमारा खाना ही होता है। कभी-कभी कुछ गलत खा लेने या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण कुछ लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। फूड प्वाइजनिंग होने पर दस्त, उल्टी, एसिडिटी और सीने में जलन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।

ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द अस्पताल पहुंच चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. जरा सी देरी या चूक आदमी की जान को आफत में डाल सकती है क्योंकि फूड प्वाइजनिंग में शरीर के भीतर नमक व पानी की मात्रा कम हो जाती है.

लहसुन के इस्तेमाल से फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटी वायरस, एंटी बैक्टीरियल, और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं जो फूड प्वाइजनिंग की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं।

फूड प्वाइजनिंग होने के बाद पेट के भीतर एंजाइम्स नहीं बनते हैं जिसकी वजह से डाइजेशन पाचन की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाती है. आंतों की कार्यक्षमता निर्बल होने से भी खाना पच नहीं पाता है. गैस की दवा जैसे ओमेप्रोजेल, पैंटाप्रेजोल समेत अन्य तरह की दवाएं लेते हैं उन लोगों में एसिड का सीक्रेशन नहीं हो पाता है जिससे फूड प्वाइजनिंग हो सकती है.

बींस और फलियों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हैं बेहद फायदेमंद

अधिकतर लोग अपने मोटापे को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे में वो कई तरह के उपाय कर डालते हैं लेकिन दुबले नहीं हो पाते। इसलिए आज हमको बताएंगे कि आप अपना मोटापा कैसे कम कर सकते हैं। सबसे पहली बात तो ये कि आप सुबह का नाश्ता न मिस करें। साथ ही, आप अपने खाने से धीरे-धीरे करके रोटियां कम करें।

सेब का सिरका

सेब का सिरका वजन घटाने में फायदेमंद साबित हो सकता है। इस विनेगर में मौजूद एसिड हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय कर सकता है। इसकी वजह से वसा का जमाव कम होकर उसका ऊर्जा में इस्तेमाल ज्यादा होता है।

बीन्स और फलियां
बींस और फलियों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कम वसा के साथ एमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व की मौजूदगी के कारण बीन्स और फलियां वसा और कैलोरियों को जलाने में भी मददगार हो सकते हैं। अगर तेजी से वजन कम करना चाहते हैं तो बींस और फलियों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पालक, गोभी, चुकंदर साग और शलजम वजन कम करने में मददगार हो सकते हैं। इनमें कैलोरी कम और कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है।

चिया सीड
तेजी से वजन घटाने के लिए चिया सीड्स काफी फायदेमंद हो सकते हैं। चिया सीड्स फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। यह भूख को कम कर सकते हैं और ज्यादा वक्त तक पेट भरा होने का अहसास करा सकते हैं। चिया सीड्स कई और चीजों में भी फायदेमंद हो सकते हैं।

ओट्स

ओट्स को हेल्थ के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। ओट्स में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो कब्ज और पाचन की समस्या से भी छुटकारा दिला सकते हैं। ओट्स को डाइट में शामिल कर तेजी से वजन को घटा सकते हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन तत्त्व की कमी से हो सकती हैं ये बिमारी

शरीर में होने वाली पोषक तत्त्वों की कमी की पूर्ति के लिए हर चिकित्सा पद्धति में सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. ये मुख्यत: कैल्शियम  आयरन के होते हैं जिन्हें हर आयु और वर्ग के आदमी को देते हैं. प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार होने के कारण ये दुष्प्रभाव नहीं छोड़ते. आइए जानते इनके फायदाें के बारे में :-

बच्चों में उपयोगी : इनमें 4 माह बाद से दांत निकलने प्रारम्भ हो जाते हैं. कैल्केरिया फॉस की 1-1 गोली दिन में तीन बार एक चम्मच पानी में घोलकर देते हैं. वहीं बायो-21 दवा आठ माह से डेढ़ वर्ष तक दो-दो गोली दिन में तीन बार चम्मच में घोलकर देते हैं. ये कम से कम एक वर्ष तक चलती हैं. निर्बल हड्डियां, अधिक पसीना आने, चूना, मिट्टी खाने की आदत होने पर कैल्केरिया कार्ब दिन में 3 बार देते हैं.

गर्भावस्था में लाभदायक : प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन तत्त्व की कमी से एनीमिया रोग आम है. ऐसे में गर्भावस्था के दौरान चौथे माह से महिला को फैरम फॉस आठवें माह तक दिन में 4-4 गोली तीन बार लेने की सलाह देते हैं.

वृद्धावस्था : आयु के इस पड़ाव पर 50-60 साल की आयु के बाद ज्यादातर पुरुष और स्त्रियों की मांसपेशियां  हड्डियां निर्बल होने लगती हैं. ऐसे में कैल्शियम फॉस दिन में तीन बार 4-4 गोली  जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए कैल्केरिया फ्लोर देते हैं.

प्राकृतिक स्रोत से पूर्ति: महत्वपूर्ण पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए खाए जाने वाले सप्लीमेंट्स तभी प्रभाव करते हैं जब इनके प्राकृतिक स्रोतों को नियमित लेते रहें. जैसे कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध और आयरन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खानी चाहिए. कई बार इन्हें खाने के बावजूद आंतें इनमें उपस्थित तत्त्वों को अवशोषित नहीं कर पाती. होम्योपैथी सप्लीमेंट इनके अवशोषण और काम को ठीक करने में मददगार है.

पासासन और परिघासन की मदद से आप रख सकते हैं अपनी किडनी को स्वास्थ्य

किडनी हमारे शरीर का एक जरूरी अंग है, यह शरीर से दूषित पदार्थ बाहर निकाल कर रक्त शाेधन का कार्य करती है. इसलिए आवश्यक है कि इसे स्वास्थ्य वर्धक रखा जाए. किडनी की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए खानपान के साथ कुछ योगासन किए जा सकते हैं.

इनमें अद्र्ध भेकासन, पासासन और परिघासन ऐसे आसन हैं जिनके एक्सरसाइज के दौरान पेट पर दबाव पड़ने से किडनी का काम सुचारू होता है. साथ ही विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं  आदमी स्वस्थ रहता है. आइए जानते हैं उनके बारे में:-

परिघासन
ऐसे करें : दोनों घुटनों के बीच थोड़ी दूरी बनाते हुए इनके बल बैठ जाएं. अब दायां पैर दाईं ओर इस तरह फैलाएं कि पैर के तलवे जमीन पर  अंगुलियां दीवार की ओर हों. गहरी सांस लेते हुए बाएं हाथ को ऊपर उठाएं  दाएं हाथ को दाएं पैर पर रख दें. सांस छोड़ते हुए बायां हाथ दाईं ओर ले जाएं. सिर  शरीर का बाकी भाग भी दाईं ओर झुकने दें. इस अवस्था में 5-10 मिनट के लिए रुककर गहरी सांस लेते और छोड़ते रहें. अब सांस लेते हुए बायां हाथ सीधा करें. दाएं पैर के घुटने को मोड़कर बाएं घुटने के पास रखें. इस एक्सरसाइज को बाईं तरफ से भी दोहराएं.

ध्यान रखें: घुटने, पैर और कूल्हे के जोड़ या मांसपेशी में दर्द या कठिनाई महसूस होने पर न करें.

पासासन
ऐसे करें : गहरी सांस लेते हुए ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं. फिर घुटनों को मोड़ते हुए सारा वजन पैर पर रखते हुए बैठ जाएं. अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए घुटनों को हल्का सा बाएं  शरीर को दाईं ओर मोड़ें. इस दौरान ध्यान रखें कि शरीर का ऊपरी भाग दाईं जांघ को छुए. बायां हाथ ऊपर उठाएं  दाएं पैर के सामने की ओर लाएं. फिर दायां हाथ पीठ की तरफ से पीछे ले जाते हुए इससे बाईं हथेली पकडऩे की प्रयास करें. बाएं हाथ की मदद से शरीर को उलटी दिशा में घुमाने का कोशिश करें  सिर को दाईं ओर पीछे की तरफ घुमाएं. कंधे को घुटने की सीध में लाएं. कुछ समय के लिए इस मुद्रा में रुकने के बाद प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. दूसरी तरफ से भी इसे दोहराएं.

Weight Loss Tips: अब वेट लॉस करने के लिए नहीं पड़ेगी जिम जाने की जरूरत, देखिए कैसे

आप वजन घटाने  के लिए जिम जाने का प्लान बना रहे हैं.? अगर हां तो सबसे पहले आप इन तरीकों को आजमा लें. क्योंकि ये खास तरीके 7 दिन में 10 किलो तक वजन कम कर सकते हैं.

इन वेट लॉस उपायों  से आप एक सप्ताह या हफ्ते में तेजी से वजन घटाते हैं. इन घरेलू और जीवनशैली के उपायों में आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है. कुछ लोग तेजी से वजन कम करने के लिए दवाइयों का उपयोग करने लगते हैं.

जब आपका शरीर डिहाइड्रेटेड होता है, तो ये आसानी से शरीर के अपशिष्ट और टॉक्सिन्स को नहीं हटा सकता. पानी किडनी की टॉक्सिन्स को फिल्टर करने में मदद करता है. शरीर के डिहाइड्रेटेड रहने पर किडनी तरल बनाए रखता है. डिहाइड्रेशन कब्ज का कारण भी बन सकता है. पानी कठोर मल को हल्का कर मल की गति में मदद करता है.

रिसर्च से ये बात सामने आई है कि लंच और डिनर से आधा घंटा पहले एक ग्लास पानी पीने के बड़े फायदे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक एक ग्लास पानी पीने से भोजन के दौरान आपको ज्यादा खाने से रुकने में मदद मिलेगी. भोजन से पहले पानी पीने से कैलोरी की संख्या को करीब 13 फीसद तक घटाता है.

सब्जी का स्वाद बढाने वाला चक्रफूल आपको सर्दी खांसी से दिलाएगा छुटकारा

चक्रफूल यानी स्टार एनिस एक प्रकार का गर्म मसाला है, जिसका इस्तेमाल भारतीय खानपान में काफी होता है।इस मसाले का एक अलग ही फ्लेवर होता है जो खाने को खुशबु और स्वाद देता है। लेकिन इसके अलावा इस मसाले में कई और गुण होते हैं।

स्थानीय रूप से चक्र फूल के रूप में जानें जाने वाले इस मसाले को आपके शरीर के लिए किसी सुपर फूड से कम नहीं माना जा सकता है क्योंकि ये ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ से भरा हुआ है

इस चक्री में मुख्य सक्रिय तत्व में से दो थाइमोल, टेरपिनोल, सर्दी, खांसी और किसी भी प्रकार की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं। इस मसाले के एंटीवायरल गुणों पर अभी भी अध्ययन चल रहा है सांस संमंधी परेशानियों से लड़ने में प्रभावी हो सकता है।

शायद आपको ये बात पता हो कि बहुत सारी खांसी की दवाईयों के साथ-साथ टेमीफ्लू सहित फ्लू ड्रग्स में चक्र फूल मुख्य घटक होता है। इसके अलावा भी इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। ये चक्री शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

 

गर्मी के मौसम में सत्तू की मदद से आप भी कण्ट्रोल कर सकते हैं पाचन संबंधी समस्या

गर्मियों मे लू से बचने के लिए कारगर है सत्तू लेकिन क्या आप जानते हैं. यह शरीर के तापमान को सामान्य कर मांसपेशियों को मजबूत करने और शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है. इसे बाकी मौसम में भी खाने के कई फायदे हैं।

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के लिए 

लेकिन सिर्फ गर्मियों में ही नहीं प्रेग्नेंसी दौरान और माहवारी के दिनों में महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सत्तू एक बेहतरीन औषधि है। सत्तू में मौजूद विटामिन्स और प्रोटीन्स शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर देते हैं।

ध्यान रखें
डायबिटीज के मरीज या अधिक वजन वाले विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही इसे लें क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है. साथ ही अन्न से एलर्जी की समस्या वाले फिजिशियन की सलाह के बाद लें.

पाचन संबंधी समस्या होने पर-
शरीर को ठंडक पहुंचाने के अतिरिक्त यह पेट की गर्मी दूर करता है जिससे पेट से जुड़े रोगों से बचाव होता है. कब्ज, पेप्टिक अल्सर, एसिडिटी आदि में यह बहुत ज्यादा लाभकारी होता है.

खाने के साथ साथ आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं ऑलिव ऑयल

आजकल लोगों की मांग ऑलिव ऑयल को लेकर दिन-प्रतिदन बढ़ती जा रही है। वैसे तो कई अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑलिव ऑयल हमारी सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद है।

जोड़ों के लिए लाभकारी – ऑलिव ऑयल और नींबू के मिश्रण में एंटीऑक्सीडेंट्स बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं जिससे हड्डियों की जकड़न बहुत कम होती है और दर्द में बहुत आराम मिलता है।

बढ़ती उम्र के असर को करें बेअसर – प्रतिदिन इसकी एक चम्‍मच लेने से आपको एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन ई मिलता है जो बढ़ती उम्र को पूरी तरह रोकता है।

ब्ज से छुटकारा – ऑलिव आयल में लैक्सटिव गुण मौजूद होते हैं जिससे कब्ज और पाचन समस्याओं से पूरी तरह छुटकारा मिलता है।

तो ये हैं गले के कैंसर के शुरूआती लक्ष्ण, यहाँ जानिए इसका उपचार

आजकल बहुत ही तेजी से कैंसर की बीमारी फैलती जा रही है, ये तो सभी जानते हैं कि कैंसर की बीमारी खतरनाक और जानलेवा है जिसका समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी है।

कैंसर कोई भी हो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता हैं और कई बार तो कैंसर जानलेवा भी हो बन जाता हैं। गले का कैंसर शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता हैं, ऐसे में एबनॉर्मल सेल्स की संख्या बढ़ जाती हैं जो गठान का रूप धारण कर लेते हैं। आज हम आपको बताएंगे गले के कैंसर के क्या संकेत होते हैं।

कैंसर किसी के भी शरीर में काफी तेजी से फैलने का काम करता है। इसके लक्षणों को समझ पाने में थोड़ी मुश्किलें जरूर होती है लेकिन अगर सही समय पर इसे पहचान लिया जाए तो मरीज को ठीक किया जा सकता है।

एक शोध के मुताबिक, 57 प्रतिशत मामले कैंसर के एशिया में होते हैं और इसमें भी गले और कैंसर के करीब चार लाख मामले सिर्फ भारत में होते हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में धूम्रपान करते हैं उन्हीं लोगों को गले का कैंसर का शिकार होना पड़ता है जबकि ऐसा नहीं है। जिसके बारे में बहुत कम लोगों में जाकरुकता है।

 

शरीर का वजन बढ़ाने के लिए अब नहीं होना पड़ेगा परेशान बस इन टिप्स को अपनाएं

आमतौर पर लोग मोटापा घटाने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। जैसे मोटे लोग अपने वजन को लेकर परेशान रहते हैं, वेसे ही पतले लोग भी अपने दुबलेपन को लेकर चिंता में रहते हैं। ऐसे में आप इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं वजन बढ़ाने के टिप्स।

चलिए जानते हैं विस्तार से-
1 .डाइट-
आपके दुबलापन को दूर करने में डाइट आपकी मदद कर सकता है. अपने प्रतिदिन के आहार में संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक आहार के साथ वर्कआउट को भी शामिल करें. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आएगा.
2 .केला-
सुबह नाश्ते में केला को जरूर शामिल करें. दूध और दही के साथ केला खाना काफी फायदेमंद होता है. बनाना मिल्क शेक भी सेवन कर सकते हैं. यह वजन बढ़ाने का प्रभावी तरीका है.
3 .प्रोटीन युक्त आहार-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन युक्त आहार सेवन करें. इसलिए अपने आहार में चिकन, अंडा, दूध, बादाम, मूंगफली को जरूर शामिल करें.
4 .कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें-
शरीर का वजन बढ़ाने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को आहार में शामिल करें. इसके लिए पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील आदि कार्बोहाइड्रेट के स्रोत है. इसके अलावा हरी साग- सब्जियां भी शामिल करें.