Saturday , November 23 2024

हेल्थ

कच्ची मूली का सेवन करने से आपको मिलेगा सर्दी-जुकाम से छुटकारा

मूली का सेवन करने से कई फायदे होते है आप मूली की सब्जी और सलाद बनाकर भी सेवन कर सकती है आज हम आपको मूली से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते है |

सर्दी-जुकाम
कच्ची मूली का 20-30 मिली जूस निकालकर मिले लें। इसे सर्दी-जुकाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

एसिडिटी को करे छूमंतर
अगर आप एसिडिटी की समस्या से परेशान है तो कच्ची मूली का सेवन करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।

पीलिया 
पीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में मूली काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए मूली के ताजे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे दूध में डालकर उबाल लें। जब झाग ऊपर आ जाए तो इसे उबालकर पी लें।

पथरी
पथरी की समस्या से निजात दिलाने में भी मूली फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसके लिए 100 ग्राम मूली के पत्तों का रस निकाल लें। इसे दिन में करीब 3 बार पिए। इससे स्टोन यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाएगा।

मूली का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है मूली में विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है |मूली का सेवन करने से ह्रदय विकारो का खतरा कम होता है यह एंथोसाइनिन का एक अच्छा स्त्रोत है |

 

अपनी डायबिटिक डाइट में कॉम्पलेक्स कार्ब्स को कैसे शामिल करें, देखिए यहाँ

डायबिटीज जटिल बीमारी है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल की हेल्दी रेंज बनाए रखने से जोखिम को काफी कम किया जा सकता है. ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में डाइट, एक्सरसाइज, पानी , नींद , टेंशन के लेवल और ओवरऑल लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है.

जब आप ब्लड शुगर को मैनेज करने की बात करते हैं, तो इसमें कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से बाहर करने की सिफारिश नहीं की जाती है. बल्कि हम ऐसे आहार की ओर रुख कर सकते हैं ,जो कॉम्पलेक्स कार्ब्स का सही अनुपात हमारे शरीर को देता हो.

  • रिफाइंड गेहूं के आटे की रोटियों को मल्टीग्रेन या ओट्स रोटियों से बदलें.
  • सफेद चावल को ब्राउन राइस से बदलें.
  • जब भी संभव हो, आप ब्राउन राइस को दलिया या कीनुआ (quinoa) से भी बदल सकते हैं.
  • फ्रेंच फ्राइज़ और पैकेज्ड स्नैक्स से बचें-घर में बने खाकरा और वेजिटेबल एयर-फ्राइड क्रिस्प्स ट्राई करें. डायबिटीज वाले लोगों के लिए, डेली मेनू में कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख अनुपात के साथ कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट को फोलो करना ब्लड शुगर लेवल में जरूरी बैलेंस लाया जा सकता है.

8 से 10 तुलसी की पत्तियां दूध में डालकर इसका सेवन करने से मिलेंगे ये लाभ

हमारे देश में तुसली का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व बहुत ज्यादा है. यही वजह है कि लगभग हर घर में तुलसी का पौधा जरूर होता है. तुलसी का उपयोग कई तरह के स्वास्थ्य संबंधित रोगों में किया जाता है.

तुलसी मिल्क बनाने के लिए आपको सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध को उबालना है. दूध के उबलने पर इसमें 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उसे और थोड़ी देर उबालना है. जब दूध लगभग एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें.

दूध के हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करें. याद रखें इस दूध का नियमित सेवन करने से ही आपकी इम्यूनिटी स्टॉग बनेगी और आप कई तरह के रोगों से दूर रहेंगे.

तुलसी में मौजूद औषधीय गुण हमें कई बीमारियों के खतरे से भी दूर रखते हैं. रोज तुलसी के पत्ते खाने से शरीर स्वस्थ रहता है. इसके अलावा तुलसी शरीर में मौजूद संक्रमण को खत्म करने का काम भी करती है.

अगर आपके शरीर में किसी तरह की कोई सूजन हैं तो तुलसी के बीजों का सेवन करने से आपको फायदा होगा. तुलसी के बीज में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो शरीर की सूजन को कम करते हैं. इसके अलाव लूज मोशन होने पर भी तुलसी के बीज फायदा करते हैं.

 

लंबे समय तक मसूड़ों में जलन या घाव की समस्या तो भूल से भी न करें इसे नज़रंदाज़

आपके चेहरे की खूबसूरती सिर्फ आपकी आंखें या आपके होेंठ ही बयां नहीं करते हैं. आपके चेहरे और मुस्कान को सुंदर बनाते हैं आपके चमचमाते मोती जैसे दांत. दांतों का पीलापन इसी खूबसूरती पर ग्रहण लगा सकता है.

इसलिए चेहरे के साथ ही अपनी मुस्कान को भी तरोताजा रखने के लिए अपने दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखना भी जरूरी है.मसूड़ों के लिए नुकसानदायक ब्लीच में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड होता है, इस वजह से इससे मसूड़ों पर जलन होने लगती है इसलिए इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए.

ज्यादा उपयोग करने से मसूड़ों में जलन या घाव की समस्या लंबे समय तक बने रहना नुकसानदायक हो सकता है. इसके अधिक उपयोग से मसूड़े कमजोर भी होते हैं.

यदि हम दिनभर टीवी देखें तो पाएंगे कि कई कंपनियों के टूथपेस्ट के विज्ञापन अलग-अलग तरह से ग्राहकों को लुभाते नजर आएंगे. हर टूथपेस्ट कंपनी खुद को अलग और बेहतर साबित करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बीते जमाने में दांतों को कैसे स्वस्थ और स्वच्छ रखा जाता था.

आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी दातुन के बारे में जिनके नियमित इस्तेमाल से आपके दांतों की बीमारी तो दूर होगी, साथ में प्राकृतिक रूप से दांतों में चमक और खूबसूरती भी आएगी.

मधुमेह, हृदय रोग के लिए जोखिम साबित हो सकता हैं बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल

क्या मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं? प्रोटीन के एक उत्कृष्ट स्रोत के रूप में, मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं। एक बड़े अंडे में, केवल ½ ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यही है, यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक का कारण नहीं होगा।

हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अंडे में उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। मधुमेह रोगियों को हमेशा कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि मधुमेह हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक है।

1-एक पैन में थोड़ा ठंडा पानी लें और उसमें अंडे रखें. ध्यान रखें कि एक बार में बहुत सारे अंडे न डालें. गैस स्टोव जलाएं और जब पानी उबलने लगे तो पैन को आंच से उतार लें. यदि आप चाहते हैं कि आपके अंडे का सफेद भाग थोड़ा हल्का सॉफ्ट, गुदगुदा और योक लिक्विड जैसा रहे तो ठीक 3 मिनट के लिए अंडे उबालें.

2- अगर अंडे का योक थोड़ा कम लिक्विड वाला और उसका सफेद भाग नरम और थोड़ा सा ठोस चाहिए तो अंडे को 4 मिनट तक उबालें.

3- अगर आप चाहते हैं कि अंडे की जर्दी यानी योक नर्म व चिकना रहे और अंडे की सफेदी मुलायम लेकिन ठोस हो तो आपको अंडों को 6 मिनट तक उबालना चाहिए.

4- यदि आपको अंडे का सफ़ेद भाग सॉलिड और योक सॉलिड लेकिन क्रीमी चाहिए तो इसके लिए अंडे को 10 मिनट तक उबालें.

विटामिन सी से भरपूर अंगूर का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को मिलेंगे ये सभी लाभ

 अंगूर पोषक तत्वों का पावरहाउस है। अंगूर विटामिन सी से भरे होते हैं, यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है

साथ ही अंगूर  स्वास्थ्य, संयोजी ऊतक विकास और घाव भरने के लिए भी जरूरी होता है। इसके साथ ही अंगूर में विटामिन के भी होता है, जो रक्त के थक्के जमने और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।

वैसे तो अंगूर को सीधे तौर पर भी खाया जा सकता है यानी अंगूर को धोया और सीधा खा लिया। लेकिन आप चाहें तो अंगूर को अलग-अलग तरीकों से भी खा सकते हैं। इसमें आप अंगूर की स्मूदी, जूस आदि बना सकते हैं।

आप अंगूर की स्मूदी बना सकते हैं। इसमें अंगूर को पालक, खीरा, केला, केल और पुदीना साथ में ब्लैंड कर सकते हैं।इसके अलावा आप अंगूर को दही के ऊपर डालकर भी खाया जा सकता है।अंगूर का सेवन सलाद के रूप में किया जा सकता है।

अंगूर की मिठाई बनाई जा सकती है। इसके लिए कटे हुए सेब, स्ट्रॉबेरी और डार्क चॉकलेट के साथ अंगूर मिलाएं।अंगूर का जूस पीना भी फायदेमंद होता है। आप अंगूर का जूस निकालकर पी सकते हैं।

अंगूर सेहतमंद होते हैं, इसलिए आपको भी इसे अपनी डाइट में जरूरी शामिल करना चाहिए। लेकिन अगर आप कोई स्पेशल डाइट फॉलो कर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अंगूर खा सकते हैं।

Summer में डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाव के लिए ठंडाई का करें सेवन

चिलचिलाती गर्मी  में बहुत से लोग थकान महसूस करते हैं. ऐसे में डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम बात है. इसके चलते बहुत से लोग ठंडे फूड्स का सेवन करते हैं.

गर्मी को मात देने के लिए लोग बहुत से ठंडे ड्रिंक्स  का भी सेवन करते हैं. इसमें ठंडाई भी शामिल है. ये एक ठंडा और रिफ्रेशिंग ड्रिंक है. इस ट्रेडिशनल ड्रिंक का सेवन होली के दौरान लोकप्रिय रूप से किया जाता है.

ठंडाई आपको ऊर्जा प्रदान करती है

भीषण गर्मी में लोग थका हुआ और सुस्त महसूस करते हैं. ऐसे में ठंडाई का सेवन कर सकते हैं. ठंडाई में बादाम, काजू और तरबूज के बीज आदि होते हैं. ये आपको ऊर्जा देते हैं.

ठंडाई पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है

गर्मी के मौसम में अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसमें कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं शामिल हैं. ठंडाई में खसखस, सौंफ, गुलाब की पंखुड़ियां, मेवे जैसी सामग्री होती हैं.

सौंफ जैसी सामग्री में एंटी-इंफ्लेमेटरी और कूलिंग गुण होते हैं. ये गैस्ट्रिक समस्याओं को दूर रखती है. ठंडाई में इस्तेमाल की जाने वाली गुलाब की पंखुड़ियां पेट में ठंडक पहुंचाती हैं.

ठंडाई मेमोरी को तेज करती है

ठंडाई बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले सूखे मेवे विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं. ये मस्तिष्क के लिए बहुत अच्छे होते हैं. इनमें प्रोटीन, ओमेगा 3 , विटामिन और जिंक जैसे पोषक तत्व होते हैं.

पेट में वॉटर रिटेंशन के लक्षण और कारण को समय रहते समझे, डाले एक नजर

जल प्रतिधारण या वॉटर रिटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें द्रव पेट के अंदर रिक्त स्थान में जमा हो जाता है। इसे द्रव प्रतिधारण या जलोदर भी कहा जाता है।

अगर यह गंभीर है, तो दर्दनाक हो सकता है। यह द्रव शरीर के अन्य हिस्सों में भी जा सकता है, सूजन पैदा कर सकता है। वॉटर रिटेंशन होने पर पेट में सूजन, वजन बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत और अपच जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

वॉटर रिटेंशन की स्थिति में शरीर में सूजन आ जाती है, व्यक्ति को चलने-फिरने और रोजमर्रा के काम करने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज के इस लेख में विस्तार से जानते हैं पेट में वॉटर रिटेंशन के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय-

पेट में वॉटर रिटेंशन के लक्षण 

  • पेट में सूजन
  • वजन बढ़ना
  • मतली या उल्टी
  • अपच
  • निचले पैरों में सूजन
  • सांस लेने में दिक्कत
  • बवासीर
  • भूख न लगना

पेट में वॉटर रिटेंशन के कारण

पेट में वॉटर रिटेंशन के लिए कई कारण जिम्मेदार हते हैं।

1. हॉर्मोन में बदलाव

2. अधिक मात्रा में नमक का सेवन और

3. शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा होना वॉटर रिटेंशन के प्रमुख कारण होते हैं।

वॉटर रिटेंशन के कारण का पता लगाने के लिए पेट से तरल पदार्थ का नमूना लिया जाता है। यह नमूना सूई की मदद से लिया जाता है। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड की मदद से भी इसकी जांच की जाती है।

यदि लंबे समय तक नए जूते पहनने से कट जानते हैं पैर तो इस तरह करें देखभाल

नई चीज लेने का हर कोई शोकिन होता है। लेकिन जब वही चीज जब आपके लिए मुसीबत बनने लगे तो समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसा ही कुछ नए खरीदी चप्पल के साथ होता है। पहनते ही यह पैरों को लगने शुरु हो जाते हैं।

पैरों में छाले आने लगते हैं। कभी-कभार तो दर्द बरदाश्त से बाहर हो जाता है।ऐसे तरीके जिनके जरिए आप इस दर्द से छुटकारा आसानी से पा सकेंगे।

नारियत के तेल का करें प्रयोग

आप पैरों पर हुए घाव के लिए नारियल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपके पैरों की त्वचा को मॉइश्चराइज करने के अलावा जलन भी कम करेगा।

टूथपेस्ट का करें प्रयोग

टूथपेस्ट जले कटे पर इस्तेमाल होने वाली औषधीय चीज है। किसी भी घाव पर इसका इस्तेमाल करने से राहत मिलती है। इसमें पाया जाने वाला बेकिंग सोडा, मैंथॉल, पैरॉआक्साइड आपके घाव भरने में बहुत ही फायदेमंद साबित होंगे।

शहद का करें प्रयोग

शहद भी आपके शरीर के घाव भरने में बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें घाव को भरने के गुण पाए जाते हैं। यह आपको किसी भी दर्द से राहत दिलाने में मदद करेगा। आप शहद में जैतून का तेल मिलाकर घाव पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

आर्थराइटिस से लेकर कैंसर तक के जोखिम को कम करता हैं अनानास

इस बढ़ती गर्मी के तापमान में शेयर रको स्वस्थ बना कर रखना बहुत मुश्किल होता है. इस मौसम में शरीर को पौष्टिक आहार हेल्दी ड्रिंक्स दी जाए तो इससे बहुत फायदा मिल सकता है. मौसमी फलों में मौजूद पोषकता विटामिन्स, इसे सेहत के लिए विशेष फायदेमंद बनाते हैं.

कुछ फल शरीर के पोषक तत्व को पूरा करते हैं तो कुछ फल आर्थराइटिस से लेकर कैंसर तक के जोखिम को कम कर सकते हैं. इन सब में अनानास ऐसा ही एक फल है जिसका सेवन आपके लिए कई तरह से फायदेमंद है.

एक कप अनानास में 78.9 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जो आपकी इस विटामिन की दैनिक आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति कर सकता है. इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए अनानास को आहार में शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है.

कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अनानास का सेवन आपको कैंसर जैसे गंभीर जानलेवा बीमारियों के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकता है. अनानास में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो शरीर को फ्री-रेडिकल्स से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं.

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अनानास में ब्रोमेलैन नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं. शरीर जोड़ों के सूजन को भी कम करने में काफी मददगार है. जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है उन्हें अनानास का जूस पीना चाहिए.