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हेल्थ

कोरोना के ये लक्ष्ण यदि आपके शरीर में भी दिख रहे हैं तो हो जाएं सावधान

कोरोना का संक्रमण तो बढ़ ही रहा हैं बल्कि साथ में यह फेफड़ों को भी सीधे नुकसान पहुंचा रहा हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते कोरोना के लक्षणों की पहचान की जाए और सतर्क होकर उचित इलाज लिया जाए। इस बार के लक्षण पहले के मुकाबले काफी अलग हैं.

जो लोगों की जान तक ले रहे हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे लक्षणों की जानकारी लेकर आए हैं जो कोरोना के संकट को दर्शाते है। इन लक्षणों की पहचान कर बिना घबराए उचित इलाज पाया जा सकता है। तो आइये जानते हैं इन लक्षणों के बारे में।

जब हम ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं, या बैठकर कोई काम करते हैं, तो हमारा बदन दर्द होता है। लेकिन कोरोना वायरस का नया लक्षण भी बदन दर्द होना है। अगर आपको दवाई लेने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा है और साथ ही बदन दर्द के साथ ही जोड़ों में भी दर्द है, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जो लक्षण सामने आया है, उसमें शरीर में कमजोरी आना भी है। इसमें जहां शरीर में कमजोरी बनी रहेगी, तो वहीं कई बार आंखों के सामने अंधेरा छाना और चक्कर आना शामिल है। इसलिए अगर आपको ऐसा कुछ हो रहा है, तो आपको तुरंग डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

 

 

क्या आप भी नेल्स पर रोजाना अप्लाई करती हैं नेल पेंट ?

 

आजकल महिलाएं अपनी स्किन के साथ साथ अपने हाथों और नाखूनों का भी ध्यान रखती है। महिलाएं नाखूनों को सुंदर बनाने के लिए नेल पेंट का इस्तेमाल करती है। अलग अलग नेल पॉलिश और नेल आर्ट की मदद से महिलाएं अपने नाखूनों से पूरे हाथ का लुक बदल देती है।

रोज रोज  पॉलिश लगाने से नाखून कमजोर हो जाते है। ऐसे में रोज रोज नेल पॉलिश नहीं लगाना चाहिए।कुछ महिलाएं अपने आउटफिट से मैचिंग कलर की नेल पेंट लगाना पसंद करती हैं। ऐसे में पुराने नेल पेंट को हटाने के लिए नेल पेंट रिमूवर का यूज करती है।

नेल पेंट लगाने से पहले बेस लगाना चाहिए।नेलपेंट लगाने के कुछ दिन बाद नेल पॉलिश धीरे धीरे उतरनी शुरु हो जाती है। ऐसे में ज्यादातर महिलाएं नेल पॉलिश रिमूव करने की जगह उसे खुरचकर उतारने की कोशिश करती हैं।

इस तरह से नाखून खराब हो जाते है। आप इस आदत को छोड़ दे वरना नाखून कमजोर हो सकते हैं।अगर आप ज्यादा नेलपेंट रिमूवर का इस्तेमाल करती है तो इससे नाखून खराब हो जाते है।

ज्यादा नेल पेंट रिमूवर में एसीटोन पाया जाता है जो कि नाखून के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए नेल पेंट रिमूवर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।कई बार महिलाएं पहले की लगी हुई नेल पेंट के ऊपर नहीं नेल पेंट लगा लेती हैं।

एक ही जैसी लस्सी का सेवन कर रहे हैं तो जानिये इसे बनाने का नया तरीका

 गर्मियों के मौसम में अधिकतर लोग लस्सी का सेवन करना पसंद करते हैं. कई सारे लोग खाने के बाद एक गिलास लस्सी पीते हैं. गर्मियों की शुरुआत के साथ, अब अपनी रसोई में लाजवाब लस्सी वापस लाने का सही समय है.

 आप रोजाना नई किस्म की लस्सी बनाने के लिए कई अन्य सामग्रियों के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं.वजन घटाने के लिए लस्सी बेहतरीन है. आज हम आपको अलग-अलग तरह लस्सी की रेसिपी बताएंगे, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.

ओजी लस्सी
इसे बनाने के लिए 750 ग्राम दही, 50 ग्राम बर्फ के टुकड़े, ½ छोटा चम्मच भुना जीरा पाउडर और स्वादानुसार सेंधा नमक की जरूरत पड़ेगी. सबसे पहले एक गिलास पानी को एक ब्लेंडर में बर्फ के टुकड़े पीस लें. इसमें दही, पानी, भुना जीरा पाउडर और सेंधा नमक मिलाएं. एक मिनट के लिए ब्लेंड करें. ठंडा करके परोसें.

मैंगो लस्सी
इसे बनाने के लिए 125 मिली दही, 200 मिली ठंडा पानी, 1 आम (कटा हुआ) और कुछ सूखे पुदीने के पत्ते की जरूरत पड़ेगी. सभी सामग्री को एक साथ ब्लेंडर में ब्लेंड करें और ठंडा ही परोसें.

गुलाब लस्सी
इसे बनाने के लिए 300 ग्राम सादा दही, आधा गिलास पानी, 1 चम्मच गुलाब जल और 10-15 गुलाब की कलियां. सबसे पहले एक बड़ा कटोरा लें और उसमें सादा दही डालें. हैंड ब्लेंडर की मदद से इसे चिकना कर लें. पानी डालें और अच्छी तरह मिलाएं. गुलाब जल और कुछ गुलाब की कलियां डालें. कम से कम एक घंटे के लिए फ्रिज में रखें और ठंडा परोसें.

 

डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए गन्ने का रस हैं जानलेवा

 गन्ने का रस एक स्वादिष्ट और ताजा ड्रिंक है जो भारत के कई राज्यों में लोकप्रिय है, खासकर गर्मियों के दिनों में. स्वादिष्ट ड्रिंक होने के अलावा, यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है.

गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कैल्शियम और मैग्नीशियम से भी भरपूर होता है, जो अच्छी सेहत को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं. ये पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने, हड्डियों की ताकत में सुधार करने और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.

ड्रिंक होने के बावजूद ऐसे कई सारे लोग हैं, जिन्हें गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए. क्योंकि यह उनकी तबीयत या बीमारी ज्यादा मुश्किल पैदा कर सकता है. आइए जानते हैं कि किन-किन लोगों को गन्ने का जूस नहीं पीना चाहिए.गन्ने के रस में प्राकृतिक शुगर अधिक होती है, जिसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है. इसीलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए गन्ने का रस हानिकारक हो सकता है.

हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए बेहद फायदेमंद हैं अखरोट

गलत? तो ऐसे में आपको बता दें, कि ड्राई फ्रूट्स में अखरोट को आप आराम से गर्मियों में खा सकते हैं. दरअसल, अखरोट में मौजूद कुछ गुणों के कारण इसे गर्मी के मौसम में भी खाया जा सकता है. हालांकि, इस मौसम में अखरोट के सेवन का तरीका थोड़ा बदल जाता है.

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य शरीर के साथ स्वस्थ मस्तिष्क के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.  हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने के समेत कई अन्य लाभ पहुंचा सकता है.

1. दूध के साथ खाएं अखरोट
अखरोट को दूध में उबालकर या फिर रात को सोने से पहले भीगे हुए अखरोट को गुनगुने दूध के साथ ले सकते हैं.  अखरोट की गर्मी कम होती है और अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है.

2. शेक या स्मूदी के साथ लें
आप अपने शेक और स्मूदी को अखरोट के टुकड़ों से सजा सकते हैं.  अखरोट का सेवन करने का यह बहुत ही स्वादिष्ट और सेहतमंद तरीका है.

3. हेल्दी स्नैक जैसे खाएं
सौंफ के बीज, धनिया के बीज और पुदीने की पत्तियों जैसी ठंडी जड़ी-बूटियों के साथ अखरोट को भूनकर सेवन करें,  गर्मी को संतुलित करने में मदद मिल सकती है. इस तरह से आप अखरोट को सलाद या दही में भी शामिल कर सकते हैं.

हीमोफीलिया जैसी भयावह बीमारी से छुटकारा पाने के लिए जानिए इसके लक्ष्ण

हीमोफीलिया एक अनुवांश‍िक ब्‍लीड‍िंग ड‍िसआर्डर है। यह रोग, बहुत कम लोगों में पाया जाता है। ज‍िन लोगों को हीमोफीलि‍या होता है, उनके शरीर से बह रहा खून, जल्‍दी रुकता नहीं है।

इस कारण से, व्‍यक्‍त‍ि के शरीर में खून के थक्‍के जमने लगते हैं।  देखभाल के वैश्विक मानक के रूप में रक्तस्राव की रोकथाम’। आगे लेख में जानेंगे, हीमोफील‍िया के लक्षण, इलाज और जरूरी जांचें।

हीमोफ‍ील‍िया के गंभीर लक्षण

1. ज‍िन लोगों को हीमोफ‍ील‍िया हो जाता है, उनकी चोट जल्‍दी ठीक नहीं होती और बहते खून को रोकना मुश्‍क‍िल हो जाता है।

2. हीमोफ‍ील‍िया होने पर व्‍यक्‍त‍ि को बार-बार उल्‍टी आ सकती है।

3. हीमोफ‍ील‍िया से पीड़ि‍त व्‍यक्‍ति‍ को, ज्‍यादा थकान महसूस होती है।

4. यह बीमारी होने पर, घुटने, कोहनी, कूल्‍हे, कंधे, जोड़ों में अचानक दर्द उठ सकता है।

5. हीमोफ‍िल‍िया होने पर जोड़ों में दर्द, सूजन या जकड़न महसूस हो सकती है।

6. दांत की बीमारी में, लगातार ब्‍लीड‍िंग होना, नाक से खून बहना, यूर‍िन या मल के साथ खून न‍िकलना आद‍ि।

सफेद चीनी की जगह कोकोनट शुगर का सेवन करने से होते हैं ये लाभ

कुछ समय से सामान्य यानी सफेद चीनी की जगह लोग ब्राउन शुगर और कोकोनट शुगर का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसे कोकोनट पाम शुगर के नाम से भी जाना जाता है.

जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. अगर आप रोजाना सफेद चीनी की जगह कोकोनट शुगर का सेवन करते हैं, तो इससे आपको कई लाभ हो सकते हैं. आइए जानें कोकोनट शुगर के हेल्थ से जुड़े फायदे तके बारे में…

जानिए क्या है कोकोनट शुगर?

नारियल के पेड़ में जो फूल निकलते हैं, उनके रस से तैयार होने वाले शुगर को कोकोनट शुगर कहते हैं. इसे बनाने के लिए नारियल के फूल के एक सिरे को काटकर उसके रस को स्टोर कर लेते हैं. एक बर्तन में रखकर इस रस को आंच कम आंच पर पकाया जाता है. जब यह सूख जाए तब इसमें जो बचता है, उसे ही कोकोनट शुगर की तरह यूज करते हैं.

कोकोनट शुगर क्यों है सेहत के लिए अधिक फायदेमंद? 
कोकोनट शुगर में एंटीऑक्‍सीडेंट, मिनरल्‍स, फाइबर भी मिलता है. इसमें कैलोरी भी मिल जाती है. कोकोनट शुगर में सफेद चीनी के मुकाबले सुक्रोज और फ्रुक्टोज कम होता है और जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन की मात्रा भरपूर होती है.

 

एसेंशियल ऑयल्स की मदद से आप भी खुदको बना सकते हैं रिफ्रेश और एनर्जेटिक

आज की भागदौड़ भरी लाइफ में हर कोई तनाव से ग्रस्त है. दिमाग न शांत होने की वजह से व्यक्ति उलझा हुआ सा रहता है. इसके कारण लोग कई बार सिरदर्द का शिकार भी हो जाते हैं.

यह थकान से लड़ने, भावनात्मक और मानसिक तनाव को कम करने के लिए एक बेहतरीन उपचार है. इस थेरेपी में एसेंशियल ऑयल्स की मदद से व्यक्ति को रिफ्रेश करने और एनर्जेटिक एक्सपीरियंस देने की कोशिश होती है. इस थेरेपी में एसेंशियल ऑयल्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं,

1. सफेद चमेली-
सफेद चमेली की खुशबू थोड़ी मीठी और रोमांटिक होती है.  व्हाइट जैस्मिन अवसाद के लक्षणों को दूर कर सकता है और मनोदशा को सुधारने में भी मददगार है.

2. रोजमेरी-
इसमें बहुत ही मिन्टी, वुडी, रिफ्रेशिंग और जड़ी-बूटी की सुगंध होती है रोजमेरी अरोमाथेरेपी आपके मनोदशा को सुधारकर कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है.

3. लेमनग्रास-
यह सबसे लोकप्रिय सुगंधों में से एक है और अरोमाथेरेपी के लिए दुनिया भर में बड़ी संख्या में इस्तेमाल की जाती है. लेमनग्रास अपने नींबू, सिट्रिक और रिफ्रेशिंग फ्रेग्रेंट के लिए जाना जाता है लेमनग्रास की खुशबू माइग्रेन और सिरदर्द को कम करने में मदद कर सकती है.

सांस की बदबू से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय देखिए यहाँ

अनुचित तरीके से दांतों की सफाई और कैविटी के कारण भी सांसों से दुर्गंध आ सकती है। अगर कोई आपसे सामने कहे कि आपके मुंह से दुर्गंध आ रही है तो आप शर्म से सराबोर हो जाएंगे।

जब हम प्याज और लहसुन जैसी चीजें खाते हैं तो हमारे मुंह से अजीब सी गंध आने लगती है जिसके बाद हमें दूसरों के सामने बात करने में शर्म आने लगती है।आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

कम पानी पीना भी सांसों की दुर्गंध का एक कारण हो सकता है। इसलिए बेहतर है कि आप पर्याप्त मात्रा में पिएं। यह आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।

ग्रीन टी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। सांसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए आप चाय के पानी से गरारे कर सकते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सांसों की बदबू को कम करने में मदद कर सकता है

कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठकर लंबे समय तक काम करने के बाद सिरदर्द से राहत दिलाएगा ये उपाए

भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली के चलते इन दिनों ब्रेक लेना और आराम करना काफी जरूरी हो गया है. बहुत से लोग अपने कार्यालयों में कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठकर लंबे समय तक बैठे रहते हैं.

गतिहीन जीवन शैली कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण है. डेस्क पर लंबे समय तक बैठने के कारण आपको सिर, गर्दन और कंधों में भी खिंचाव महसूस हो सकता है.  आराम करने एक शानदार तरीका हो सकता है.

1. सिरदर्द और माइग्रेन से राहत दिलाता है
सिर की मालिश तनाव को कम करके सिरदर्द और माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद कर सकती है. हार्मोन दर्द को दूर करने और तनाव को कम करने में मदद करता है.

2. बालों के विकास को बढ़ावा देता है
सिर की मालिश खोपड़ी में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके बालों के विकास को प्रोत्साहित कर सकती है. सीबम के निर्माण को हटाने में मदद कर सकती है.

3. नींद की गुणवत्ता में सुधार
तनाव और तनाव के कारण नींद की गुणवत्ता काफी प्रभावित होती है. सिर की मालिश के बाद आप तनाव. इससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी.

4. तनाव से राहत
सिर की मालिश सिर, गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को आराम देकर तनाव. यह आपको शांति और विश्राम का अनुभव करने में मदद कर सकता है.