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हेल्थ

दांतों की देखभाल करने के लिए आप भी फॉलो करें ये सिंपल स्टेप्स

शरीर को स्वस्थ रखने और सुंदर दिखाने के लिए लोग जितनी मेहनत करते हैं, कई बार उतनी ही लापरवाही दांतों की देखभाल करने में दिखा देते हैं! बदलते लाइफस्टाइल का जितना असर हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.

दांतों में कैविटी का मुख्य कारण खाने की चीजों का जमना व बैक्टीरिया का पनपना होता है! इसके लक्षणों की बात की जाए तो अगर दांतों में दर्द महसूस हो रहा है या काले धब्बे दिखाई दे रहे हैं तो ये कैविटी हो सकती है! इससे बचने के लिए डेंटल एक्सपर्ट्स खाना खाने के बाद कुल्ला करने की सलाह देते हैं!इसका मुख्य कारण गलत तरीके से ब्रश करना और खाना खाते समय गलत तरीके से चबाना है!

दांतों की अच्छी हेल्थ के लिए क्या करें?
1) मुलायम ब्रश का इस्तेमाल करें और दांतों को रगड़े नहीं!
2) अच्छे टंग-क्लीनर से जीभ की ठीक से सफाई करें ताकि उसके ऊपर बैक्टीरिया न पनप सकें और मुंह से बदबू न आए!
3) अधिक मात्रा में मीठी या शुगर युक्त चीजें खाने से बचें!
4) पर्याप्त मात्रा में फलों का सेवन करें!
5) खूब सारा पानी पीएं!
6) दांतों में किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें!

हार्ट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए इस तेल का सेवन हैं बेहद फायदेमंद

ऑलिव ऑयल यानी जैतून का तेल हेल्थ एक्सपर्ट्स ज्यादा फायदेमंद होता है. इस तेल का सेवन करने से हार्ट अटैक का रिस्क भी कम हो जाता है. इस तेल से आपकी हार्ट रेट कंट्रोल रहेगी. आपका कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहेगा.

साथ ही दिल से जुडी बीमारियां भी कम होगी. आजकल युवाओं में भी हार्ट से जुड़ी समस्या काफी देखी जा रही है वजह बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल बिना पोषक तत्व वाला खान पान है.

-बता दें कि इस तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो कि सूजन को घटाने कोलेस्ट्रॉल में सुधार लाने में मददगार होते हैं.
– इसके अलावा ऑलिव ऑयल वैस्‍कुलर के कार्य हार्ट की सेहत के साथ ही कार्यक्षमता को बढ़ाता है.
– ऑलिव ऑयल में मिलने वाले पॉलीफेनोल्स हार्ट अटैक स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है.
-इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर में भी यह तेल काफी फायदेमंद होता है.
– इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है.
– यह जैतून का तेल त्वचा के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.
– इसके अलावा बालों के लिए भी यह तेल काफी फायदेमंद होता है. इस तेल से बाल लम्बे घने होते हैं.

 

ऑफिस में लंबे समय तक काम करने के बाद यदि आ रही हैं नींद तो आजमाएं ये टिप्स

आज कल की लाइफस्टाइल के चलते हर कोई थका प्रेशर में होता है. खान पान की वजह से लोगों में पोषक तत्व की कमी होती है. काम का प्रेशर होने के कारण ज्यादातर लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं.

ऐसे में हर वक़्त वो थका हुआ लो महसूस करते हैं. दिन हो या रात हो, नींद सही तरीके से लेना बहुत जरूरी होता है क्योंकि नींद पूरी ना मिलने पर हमारे शरीर के कई सिस्टम अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं.

वाक करें – जैसे ही आपको नींद आने लगे. वैसे ही आप 10 मिनट की एक वॉक ज़रूर लें. इससे आपको एनर्जी मिलेगी. जब भी आपको ऑफिस में नींद आए, पहले वाक करें फिर जा कर चाय या कॉफ़ी पीकर आएं. इससे आप फ्रेश महसूस करेंगे.

आंखों को दे आराम- आप पूरा समय स्क्रीन पर काम करते रहते हैं. इस दौरान आपकी आंखों पर बहुत प्रेशर पड़ता है. इसलिए जब भी आए तो स्क्रीन के सामने से हट जायें. कहीं जाकर वाक करें या बैठ जाएं. इससे आपकी आखों पर असर नहीं पड़ेगा.

हेल्दी स्नैक का करें सेवन- अगर आपको नींद आ रही है साथ ही साथ थकान भी हो रही है तो आप एनर्जी के लिए कोई हाई प्रोटीन स्नेक खा सकते हैं. यह आपकी नींद की समस्या को दूर करेगा.

रोशनी बढ़ाए – ऑफिस में नींद अगर आ रही है तो हो सकता है कि वहाँ की लाइट कम हो जाकर रौशनी में बैठे या रौशनी में बैठकर आगे से काम करें. इससे आपको नींद कम आएगी.

 

आंखों को हेल्दी रखने के साथ खून साफ करता है सौंफ का पानी, देखिए इसके लाभ

आज हम आपके लिए सौंफ के फायदे लेकर आए हैं. सौंफ का सेवन गर्मी के कहर से बचाने में भी काफी मददगार साबित होता है.गर्मी में रोज सुबह खाली पेट सौंफ का पानी पीने से न सिर्फ आप फ्रेश और एक्टिव महसूस करते हैं.

सौंफ का उपयोग स्टैमिना को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. इसके नियमित सेवन से आप कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं.सौंफ को कॉपर, आयरन, मैंगनीज, सिलेनियस, जिंक, कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा सोर्स माना जाता है. जो कि गर्मी में शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है. ये वजन घटाने में भी कारगर होता है.

सौंफ का पानी पीने के फायदे

  1. पीरियड्स के दर्द को कमकरता है.
  2. सौंफ का पानी खून साफ करता है.
  3. सौंफ का पानी आंखों को हेल्दी रखता है.
  4. एसिडिटी की समस्या दूर होती है.
  5. कब्ज और अपच की समस्या दूर होती है.

वजन घटाने में फायदेमंद सौंफ का पानी

जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबररा मुल्तानी कहते हैं कि ‘सौंफ का पानी वजन और चर्बी दोनों घटाने में मदद कर सकता है, क्योंकि सौंफ का पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे आपका शरीर अधिक फैट को बर्न करने में सक्षम होता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करके फैट के भंडारण को कम करता है. जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि सौंफ का पानी मूत्रवर्धक होता है.’

 

मुंह की गंदी दुर्गंध से आपको छुटकारा दिलाएगा गन्ना, देखिए इसे चबाने के लाभ

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

सरसों के ऑयल की मदद से दूर करें शरीर का दर्द, कुछ इस तरह करें मालिश

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

विटामिन A, K और B12 से भरपूर दूध आपको दिलाएगा ये सभी स्वास्थ्य फायदे

आयुर्वेद के अनुसार दूध शरीर के लिये सबसे जरुरी चीज़ है जिसका हमारे आहार में शामिल होना महत्‍वपूर्ण है। आयुर्वेद, सभी को नियमित रूप से हल्‍का गर्म दूध पीने की सलाह देता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थायमाइन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल्‍स जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं।

दूध पीने का सही समय क्या है इस बात को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा होती है। दूध पीने का सही समय क्या है। कई लोग कहते हैं दूध पीना सुबह में अच्छा होता है। तो कभी कुछ लोग नाश्ते के साथ दूध पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद समझते है। अगर रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके नींद लाने में काफी मददगार साबित होता है।

सुबह में दूध पीना बच्चों के लिए फायदेमंद है। और बुजुर्गों के लिए दोपहर में दूध पीना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और यही दुध हम रात में पी ले तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे मे दिन भर का थकान दूर होता है। और हमें नींद भी काफी अच्छे आती है। दूध में कैल्शियम का स्रोत होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में साबित होता है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए दूध आपके लिए बहुत जरूरी है

हाईबीपी व स्लीप एप्निया से पीड़ित मरीज़ ये खबर जरुर पढ़े जिससे आपको मिलेगा सांस की तकलीफ से छुटकारा

मौजूदा समय में लोगों को नींद संबंधी बीमारियां हो रही हैं. कई शोधों में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (ओएसए) और हाईबीपी यानी हाइपरटेंशन के मरीजों में गहरा संबंध पाया गया है.स्लीप एप्निया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें सोते समय सांस लेने में परेशानी होने से खर्राटे आते हैं और नींद बाधित होती है.

दवा का प्रभाव कम
अमरीकन कॉलेज द्वारा किए गए शोध के अनुसार हाईबीपी  स्लीप एप्निया का संबंध पेट से है. खानपान की बेकार आदतें  नींद पूरी न होने से भारतीय लोगों में नींद संबंधी अनियमितता  मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. स्लीप एप्निया का समय रहते उपचार न होने से उच्च रक्तचापabstract sleep apnea में ली जाने वाली दवाओं का असर भी कम होता है. इसके अतिरिक्त समय पर खाना  नींद लेने की आदत को रुटीन में जरूर लाएं.

मोटापा भी जिम्मेदार
अधिकतर रोगी खर्राटों को नजरअंदाज करते हैं जो खतरनाक होने कि सम्भावना है. अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार उच्च रक्तचाप के मरीजों को स्लीप एप्निया की जाँच जरूर करवानी चाहिए. इसका उपचार करके भी हाईबीपी की समस्या को कम कर सकते हैं. सोते समय कंटिनुअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नामक एक मास्क लगाकर भी सांस लेने की प्रक्रिया को सामान्य किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से रक्तचाप को नियंत्रित करने के भी इशारा मिले हैं. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में प्रभावी है.

यदि आपकी डाइट में भी हैं कैल्शियम की मात्रा की कमी तो इन बातों का रखें ध्यान

 हड्डियां शरीर के लिए कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती हैं, जैसे शरीर को स्ट्रक्चर प्रदान करना, अंगों की रक्षा करना, मांसपेशियों को सपोर्ट करना, कैल्शियम स्टोर करना आदि.

बचपन से ही मजबूत और स्वस्थ हड्डियों का निर्माण करना महत्वपूर्ण है. आप वयस्कता में भी हड्डियों की सेहत को बनाए रखने के उपायों को आजमा सकते हैं.  बुजुर्गावस्था में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है. लंबी उम्र तक हड्डियों को स्वस्थ रखना है, तो इन बातों का ध्यान रखें.

कई तरह के कारक हड्डियों की सेहत को प्रभावित करते हैं. आपकी डाइट में कैल्शियम की मात्रा कितनी है, आप कितना फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, धूम्रपान और शराब का सेवन कितना करता है, शरीर में हार्मोन लेवल कितना है.

कैल्शियम के सेवन से भी हड्डियां मजबूत रहती हैं. 19 से 50 वर्ष की आयु के वयस्कों और 51 से 70 वर्ष की आयु के पुरुषों को प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है. वहीं, 51 वर्ष की उम्र की महिलाओं और 71 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुषों के लिए 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है.

वजन कम करने वाले एक्सरसाइज जैसे चलना, टहलना और सीढ़ियां चढ़ना-उतरना आपको मजबूत हड्डियां बनाने और बोन लॉस को धीमा करने में में मदद कर सकते हैं.

चाहते हैं लंबी उम्र तक आपको घुटनों में दर्द ना हो, आराम से चल-फिर सकें, दौड़ सकें, तो आज से ही डाइट में हर तरह की सब्जियों को शामिल करना शुरू कर दें. सब्जियां हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं.

जो हड्डियों को फॉर्म करने वाली कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ाता है. विटामिन सी का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव हड्डियों की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं. साथ ही सब्जियां हड्डियों की घनत्वता को भी बढ़ाती हैं.

बढ़ते हुए बच्चों की हेल्थ और डाइट का कुछ इस तरह आप भी रख सकते हैं ख्याल

 हेल्थ  का ख्याल सबको रखना चाहें बच्चे हों या बड़े। बढ़ते हुए बच्चों की हेल्थ और डाइट  पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देना होता है ताकि बच्चों की ग्रोथ ठीक से हो पाए और उन्हें किसी भी तरह की शारीरिक कमजोरियां घेर न पाएं।

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल की सीनियर डाइटीशियन अंजलि शर्मा  ने हमारे साथ बातचीत में बताया कि ग्रोइंग बच्चों की डाइट न्यूट्रिशस  होने के साथ बैलेंस्ड  भी होनी चाहिए, क्योंकि जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेने पर ओवर वेटेड  होने का रिस्क रहता है तो कम कैलोरी लेने पर वीकनेस आ सकती है। इसलिए उनकी डाइट ऐसी होनी चाहिए, जिससे वे हेल्दी-फिट रहें, बीमारियों से बचे रहें और उनका डेवलपमेंट भी अच्छी तरह से हो सके।

इन्हें करें डाइट में शामिल

  • इस एज में बच्चों को कैल्शियम की अधिक जरूरत होती है, जिससे हड्डियां मजबूत रहें। इसके लिए दूध, दही, पनीर या इससे बने उत्पाद देने चाहिए।
  • हरे पत्ते वाली सब्जियां उन्हें अधिक खिलानी चाहिए। इनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। गुड़ और चना मिक्स कर खाने से आयरन की कमी नहीं होती है।
  • उनके भोजन में कई कलर और न्यूट्रिएंट्स वाले फल-सब्जियां शामिल करें। इससे आपको आवश्यक विटामिन और अन्य आवश्यक तत्व मिलते रहेंगे।
  • प्रतिदिन उन्हें आठ से दस गिलास पानी पीने को कहें, इससे शरीर में नमी बनी रहती है। लेकिन खाना खाने के बीस मिनट बाद ही पानी पीना चाहिए।