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हेल्थ

गैस्ट्रिक हेडेक की वजह से रहते हैं परेशान तो आप भी जान ले इससे छुटकारा पाने के उपाए

कई बार पेट और आंतों की समस्‍या ब्रेन से जुड़ा होता है. कुछ लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में विकार होने पर सिर में दर्द की समस्‍या होती है. सिर में होने वाले इस दर्द को गैस्ट्रिक हेडेक  भी कहा जाता है.

 शोधों में पाया गया है कि कई बार लोगों को पेट में गैस होने, इंफ्लामेटरी बॉवल डिजीज, अल्‍सर, कब्‍ज, अधिक देर तक खाली पेट रहने, गट में बैक्‍टीरिया संक्रमण आदि की वजह से सिर में तेज दर्द होने लगता है.

अगर आप भी इस तरह की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से गैस से होने वाले इस सिर दर्द में आराम पा सकते हैं.

दहेल्‍थलाइन के मुताबिक, अगर आपको गैस के कारण सिर दर्द हो रहा है तो आप एक तौलिये में कुछ बर्फ के टुकड़े को लपेटें और इससे 15 मिनट तक सिर पर रखें. फिर 15 मिनट का ब्रेक लें और दोबारा ऐसा करें. आपको आराम मिलेगा.

आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ डालें और 3-5 मिनट तक उबालें. अब इसे चाय की तरह पी लें. यह पेट में सूजन, गैस से आराम दिलाता है.

 

लो-ग्रेड फीवर के ये हैं मुख्य लक्ष्ण, देखिए इससे छुटकारा पाने का तरीका

कोरोना काल (Corona) में जब भी किसी को हल्का सा भी बुखार होता है, तो लगता है कि कहीं कोविड तो नहीं हो गया. जरूरी नहीं कि बुखार होने का कारण कोरोना ही हो, कई अन्य कारणों, इंफेक्शन या शारीरिक समस्याओं से भी आपको बुखार हो सकता है.

हालांकि, बार-बार बुखार हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. सामान्य रूप से एक व्यक्ति के शरीर का तापमान लगभग 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है, लेकिन दिन भर इसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है.  जब तापमान सामान्य रेंज से ऊपर चला जाए.

चाहे कोई भी बुखार हो, यहां तक ​​कि एक निम्न-श्रेणी का भी बुखार होना इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में कोई ना कोई समस्या है. बुखार होना इस बात की तरफ इशारा करता है.

आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस, जीवाणु या अन्य बाहरी कारक द्वारा किए गए हमले के खिलाफ रक्षा कर रही है. शरीर के तापमान में वृद्धि के साथ शरीर इंफेक्शन और बीमारियों के प्रति प्रतिक्रिया करता है, लेकिन कुछ रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं के उच्च तापमान में पनपने की संभावना कम होती है, इसलिए लो-ग्रेड फीवर होता है.

शरीर का बढ़ता हुआ वजन हैं तनाव और डिप्रेशन की निशानी, ऐसे पाए इससे छुटकारा

हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया कि लगातर तनाव की गिरफ्त में रहने से वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। लंबे समय तक तनाव झेलने के बाद आपकी वजन पर इसका असर साफ दिखाई देता है। शोध बताता है कि तनाव और डिप्रेशन का गहरा संबंध है। इससे समझने के लिए आएये जानते हैं क्या कारण हैं?

तनाव से वजन बढ़ता है. जब आप तनाव में रहते हैं तब शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जिसकी वजह से आपके ब्लड में ग्लूकोज रिलीज होता है. इससे आपका वजन बढ़ता है.

तनाव की वजह से हम हर चीज खाते हैं जो भी आंखों के सामने होती है. खासकर हम ऐसी चीजें खाना पसंद करते हैं जो आसानी से मिल जाए. फास्ट फूड हमारा पसंदीदा आहार बन जाता है जिसकी वजह से वजन तेजी से बढ़ने लगता है.

इस मोटापे की वजह से थायराइड का भी खतरा बढ़ता है। आपके बता दें कि देश में डायबटीज के बाद थायरायड की समस्या सबसे बड़ी है। विशेषज्ञों के अनुसार 4 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा भारतीयों को थायराइड की समस्या है।

वजन घटाना इस समय की डिमांड है, हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि आप खुद को भूखा रखें. आप खाने में पौष्टिक आहार खाएं. खाने में प्रोसेस्ड चीजों की जगह हेल्दी चीजों का चुनाव करें.

इससे आपके पेट भी लंबे समय तक भरा रहेगा और भूख भी नहीं लगेगी.कोर्टिसोल का लेवल बढ़ने से शरीर में आलास आ जाता है. आप किसी भी तरह की कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना चाहते हैं.

गु़ड़हल की बनी हर्बल चाय का सेवन करने से आपको मिलेंगे ये सभी लाभ

अपने आसपास ऐसे कई पौधे और फूल होते हैं, ज‍िन्‍हें हम केवल अपने घर के आसपास सुंदरता बढ़ाने के ल‍िए ही उपयोग में लाते हैं। लेक‍िन इनमें कई पौधे व फूल ऐसे भी होते हैं, जो आसानी से भी म‍िल जाते हैं और उनमें आैषधीय गुण भी भरपूर होते हैं।

इनमें ही एक फूल ऐसा भी है, जो शायद आपके आंगन या बाग में भी हो, आपने इसे महज एक फूल ही समझा हो, लेक‍िन यह फूल कई बीमार‍ियों के इलाज में रामबाण साब‍ित हो रहा है। इस फूल का नाम गुड़हल है।

गु़ड़हल को हर्बल चाय, कॉकटेल या काढ़े के तौर पर लिया जा सकता है। फूलों को सुखाकर इसकी हर्बल चाय बनाई जा सकती है। पानी उबलने पर सूखे फूल डाल दीजिए और थोड़ी चीनी मिलाकर चाय तैयार हो जाएगी। कॉकटेल के लिए इसे ठंडा होने दें और बर्फ के साथ पिएं।

गुड़हल का फूल विटामिन सी का बढ़िया स्रोत है और इससे कफ, गले की खराश, जुकाम और सीने की जकड़न में फायदा मिलता है।

गुड़हल की पत्तियां प्राकृतिक हेयर कंडीशनर का काम देती हैं और इससे बालों की मोटाई बढ़ती है। बाल समय से पहले सफेद नहीं होते। बालों का झड़ना भी बंद होता है। सिर की त्वचा की अनेक कमियां इससे दूर होती है।

इसकी पत्ती से बनी दवा से प्रसव संबंधी विकार, फोड़े-फुंसियाँ, और सूजन के उपचार में भी मदद मिलती है। गुड़हल का सत्व त्वचा में निखार और दमक लाता है।

हैवी वर्कआउट और एक्सराइज की जगह ये चीज़ करने से भी कम होगा आपका वजन

पैदल चलना न केवल आपके पैसे बचाता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभदायक है। विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ कदम पैदल चलने से कई तरह की बीमारियों से बचाव के अलावा मानसिक मजबूती भी मिलती है। बावजूद इसके, लोग थोड़ा-सा भी पैदल चलने से कतराते हैं। यहां तक कि ऑफिस, कॉलेज या शॉपिंग मॉल में सीढ़ियों की बजाय लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं।

कौन कहता है कि आप सिर्फ हैवी वर्कआउट और एक्सराइज करके कैलोरी बर्न कर सकते हैं. आप आसानी से चलकर वजन घटा सकते हैं. ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना वजन घटाना चाहते हैं और कितने समय में किस स्पीड से वॉक कर रहे हैं.

पूरा दिन घर में लेटने और बैठे रहने से स्टैमिना कमजोर हो जाता है. आपको इसके लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि कुछ देर चलने से आप एनर्जी को बूस्ट कर सकते हैं. दरअसल चलने की वजह से से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है जिससे नॉरपेनेफ्रिन और एपिनेफ्रीन जैसे हार्मोन का लेवल बढ़ता है.

प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, रोजाना 20 मिनट भी पैदल चला जाए, तो इससे बिगड़े हुए ग्लूकोज के स्तर को ठीक किया जा सकता है, साथ ही दिल की बीमारियों से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं, पैदल चलने के फायदे:

प्रेगनेंसी के दौरान यदि आपको भी होती हैं इन फ़ूड के लिए क्रेविंग तो हो जाए सावधान

बाहर खाना खाना आज के समय में सोशलाइज होने का एक तरीका बन गया है, फिर चाहे परिवार के साथ अच्छा समय बिताना हो, अपने पार्टनर के साथ मूवी एंजॉय करना हो या काम के बाद कलीग्स के साथ बाहर जाना हो, बाहर खाना खाना अब एक प्रचलन बन गया है। लेकिन जब गर्भावस्था की बात आती है तो आपको कोई भी कदम उठाने से पहले सोचना चाहिए।

चाइनीज फूड दुनिया भर में सबसे पॉपुलर खानों में एक माना जाता है, अगर आप प्रेगनेंट हैं तो आपको थोड़ा रुक कर इस विषय में सोचना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान आपको चाइनीज फूड खाने की क्रेविंग हो सकती, इसलिए आपको किस चीज से परहेज करना चाहिए यह जानना आपके लिए जरूरी है।

मछली और समुद्री फूड- बड़ी मछली जिसमें पारा का उच्च लेवल होता है, उसका इस्तेमाल नवजात या छोटे बच्चे के लिए नुकसानदेह होता है. उसका इस्तेमाल नर्वस सिस्टम और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए, टूना शार्क, स्वोर्डफ़िश, वॉली, मार्लिन जैसी मछलियों के इस्तेमाल से परहेज करें. उसके अलावा, अधपकी मछली को भी न खाएं.

पपीता- प्रेगनेन्सी में पपीता खाना रिस्की और खतरनाक हो सकता है. कच्चा या अधपका पपीता में लाटेकस नामक एंजाइम होता है, जो यूटराइन कॉन्ट्रैक्शन्स को बढ़ावा देता है.

चाइनीज फूड- नूडल्स और चाइनीज फूड से तो प्रेगनेन्सी में बिल्कुल बचा जाना चाहिए. चाइनीज भोजन में अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है. अजीनोमोटो एक तरह का कैमिकल है. अजीनोमोटो को मोनोसोडियम ग्लूटामेट भी कहते हैं. उसके इस्तेमाल से भ्रूण का दिमागी विकास प्रभावित हो सकता है.

मीठे के शौकीन हैं तो आप भी डाइट में शामिल कर सकते हैं ये प्राकृतिक स्वीटनर

खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए अधिकतर व्यंजनों में चीनी का इस्तेमाल किया जाता है. बहुत से लोग मीठे के शौकीन होते हैं. ऐसे में चीनी से बने कई व्यंजनों का सेवन खूब करते हैं. लेकिन चीनी का अधिक सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है.

चीनी का अधिक सेवन डायबिटीज और वजन बढ़ने का कारण बनता है. इसलिए जरूरी है कि एक सीमित मात्रा में चीनी  का सेवन करें. एक सीमित मात्रा में इनका सेवन आपकी सेहत  को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. आइए जानें आप कौन हेल्दी विकल्प चुन सकते हैं.

गुड़ एक प्राकृतिक स्वीटनर है. इसे गन्ने से बनाया जाता है. ये एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल से भरपूर होता है. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. ये शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है.

कोकोनट शुगर को नारियल से बनाया जाता है. ये चीनी की तरह रिफाइंड नहीं होती है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो इस चीनी का सेवन कर सकते हैं. ये कार्बोहाइड्रेट और फ्रुक्टोज से भरपूर होती है. ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है.

मेपल सिरप कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, जिंक और मैंगनीज आदि जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसमें कैलोरी भी कम मात्रा में होती है. आप चीनी की जगह मेपल सिरप का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ज्यादा काम की वजह से यदि महसूस होने लगी हैं थकान तो कुछ इस तरह खुदको करें रिफ्रेश

क्या आप पिछले कुछ दिनों से काफी थका हुआ सा महसूस कर रहे हैं? क्या आप भागती-दौड़ती जिंदगी से थोड़ा आराम चाहते हैं? अगर हां, तो समझ लीजिए कि अब वह समय आ गया है, जिसमें आपके माइंड को थोड़ा रिचार्ज यानी फ्रेश करने की आवश्यकता है।

घर और ऑफिस के बीच के भाग-दौड़ में खाना और मौज-मस्ती करने के दौरान आराम करने का समय नहीं मिल पाता है। ऐसे में थकान महसूस होना सामान्य है। लेकिन अगर आप काफी समय से थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो यह अनहेल्दी हो सकता है। ऐसे में आप मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो सकते हैं।

इसलिए अपने शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए आहार पर विशेष ध्यान दें। अधिकतर हेल्थ एक्सपर्ट शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए हेल्दी फैट, प्रोटीन युक्त आहार और गुड कार्बोहाइट्रेट लेने की सलाह देते हैं। इसके लिए आपको अपने आहार में साबुत अनाज और स्टार्च वाली सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है।

अगर आपका शरीर काफी ज्यादा थका हुआ महसूस करता है, तो इस स्थिति में हॉट बाथ लें। हॉट बाथ लेने से शरीर की थकान दूर होती है। नहाने के लिए गर्म पानी में एप्सम सॉल्ट का प्रयोग करें। एप्सम सॉल्ट में मौजूद गुण आपके शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे आपकी मांसपेशियां बेहतर तरीके से कार्य करती हैं।

फूलगोभी और ब्रोकली का करते हैं आप भी सेवन तो जान ले दोनों के बीच अंतर

फूलगोभी और ब्रोकली दोनों ही एक तरह की गोभी हैं, लेकिन फिर भी इन दोनों में कुछ अंतर है। कुछ लोगों को लगता है कि ब्रोकली सेहत को अधिक लाभ पहुंचाती है, तो वहीं कुछ लोग फूलगोभी खाना अधिक पसंद करते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों सब्जियों में क्या अंतर है। अगर नहीं, तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इन दोनों के बीच के फर्क के बारे में बताते हैं-

फूलगोभी
“फूलगोभी” शब्द का अर्थ है “गोभी का फूल।” “फूलगोभी” नाम लैटिन शब्द कौलिस (गोभी) और फ्लोस (फूल) से बना है। फूलगोभी ब्रैसिका ओलेरासिया की प्रजाति से संबंधित है। यह एक पौधा है जो बीज से उगाया जाता है। हालांकि फूलगोभी के सभी भाग खाने योग्य होते हैं, लेकिन इसका सफेद हिस्सा तने की तुलना में अधिक खाया जाता है।

ब्रोकली

वहीं, अगर बात ब्रोकली की हो तो वह गोभी परिवार (ब्रैसिसेकी) का सदस्य है। ब्रोकोली के सिर, तना और डंठल सभी को सब्जी के रूप में व्यापक रूप से खाया जाता है। यह गहरे हरे रंग का होता है और इसमें हल्के हरे रंग का तना होता है। ब्रोकली के डंठल पर कुछ छोटे पत्ते पाए जा सकते हैं। ब्रोकली की संरचना एक पेड़ के आकार की होती है। यह देखने में एक छोटा पेड़ जैसा ही लगता है।

 

आम ही नहीं उसकी गुठलियां भी आपके स्वास्थ्य के लिए हैं बेहद फायदेमंद

ये कहावत तो आप सबने सुनी ही होगी ‘आम के आम गुठलियों के दाम’. कहने का मतलब है एक आम से आप दो फायदे पा सकते हैं. नहीं समझे, तो हम आपको समझाते हैं. आम तो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद फल होता ही है, साथ ही इसकी गुठलियां या बीज भी सेहत के लिए उतनी ही लाभदायक होती हैं.

आम खाने के बाद इसकी गुठलियां तो हम सभी फेंक देते हैं, लेकिन इन्हीं गुठलियों या बीजों से तेल तैयार किया जाता है, जो न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही बनाए रखता है, बल्कि मुंहासे, वजन घटाने आदि में भी बेहद कारगर है. आम की गुठलियों के तेल का रंग सॉफ्ट येलो होता है.

आम की गुठलियों के तेल के सेहत लाभ

  • आम के बीज शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होता है, उन्हें अपने आहार में आम के तेल को शामिल करना चाहिए.
  • यदि आपको डायबिटीज है, तो आप आम की गुठलियों के तेल का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह ऊर्जा के स्तर को बनाए रखते हुए ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. यह शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है.
  • आम और इसके बीज वजन को भी प्रभावी ढंग से कंट्रोल करने में मदद करते हैं. यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह विभिन्न विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है.