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हेल्थ

गर्मी के मौसम में क्या वर्कआउट के बाद ठंडा पानी पीना चाहिए या नहीं जानिए यहाँ

बढ़ती गर्मी में अक्सर लोग ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं। ठंडा पानी पीने से शरीर काफी ठंडा हो जाता है। लेकिन क्या आपको वर्कआउट के बाद ठंडा पानी पीना चाहिए? क्या यह हमारे शरीर के लिए स्वस्थ है?

वर्कआउट के बाद ठंडा पानी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। दरअसल, वर्कआउट के बाद आपका शरीर गर्म रहता है। ऐसे में जब आप ठंडा पानी पीते हैं तो इससे आपके शरीर का तापमान अचानक नीचे गिर जाता है। ऐसे में आपके वर्कआउट की मेहनत खराब हो सकती है। इसके अलावा यह रेफ्रिजरेंट की शिकायत होने की संभावना है।

वजन बढ़ने की संभावना
वर्कआउट के बाद ठंडे पानी से नहलाने के बाद आपका वजन बढ़ सकता है। खासतौर पर इससे पेट बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में अगर आप वर्कआउट से वजन घटाने की सोच रहे हैं तो ठंडा पानी पीने से आपकी मेहनत रंग लाई हो सकती है. इसलिए वर्कआउट के तुरंत बाद ठंडा पानी न पिएं।

हृदय गति गिरती है

वर्कआउट के बाद ठंडे पानी का सेवन करने के बाद यह हृदय गति को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, वर्कआउट के दौरान आपकी नसों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। ऐसे में जब आप अचानक से ठंडा पानी बचाते हैं तो यह आपकी नसों को जल्दी ठंडा कर सकता है। ऐसे में गति और रक्त संचार धीमा हो जाता है। कई बार यह स्थिति गंभीर भी हो सकती है। इसलिए वर्कआउट के तुरंत बाद ठंडे पानी का सेवन न करें।

 

विश्व लिवर दिवस: लिवर को स्वस्थ और बीमारियों से बचाने के लिए क्या करें, यहाँ जानिए

शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य में लिवर की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को लिवर से संबंधित बीमारियों और स्थितियों के बारे में अधिक जागरूक बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को ‘वर्ल्ड लिवर डे’ के रूप में मनाया जाता है.

मस्तिष्क के बाद लिवर शरीर का दूसरा सबसे बड़ा और कॉम्प्लेक्स अंग होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि लिवर कई मुख्य कार्य करता है. यह शरीर की प्रतिरक्षा, पाचन और चयापचय को सही तरीके से काम करने में मदद करता है.

जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान, एल्कोहल का सेवन, मोटापा, हेपेटाइटिस बी, सी आदि से लिवर पर नकारात्मक असर पड़ता है और कई तरह की लिवर से संबंधित बीमारियों के होने के खतरा बढ़ जाता है.

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें

  • यदि आप लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन हेल्दी डाइट लें. इसमें हरी पत्तेदार सब्जियों को खूब शामिल करें. पालक, ब्रोकली, केल आदि हरी और पत्तेदार सब्जियों का अच्छी मात्रा में सेवन करें. ये सब्जियां शरीर में नेचुरल क्लिंजिंग प्रॉसेस को शुरू करने में मदद करती हैं.
  • अखरोट, एवोकाडो और जैतून के तेल का सेवन करें, क्योंकि इनमें गुड फैट होते हैं, जो लिवर के लिए हेल्दी होते हैं.

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या न करें

  • बहुत ज्यादा चॉकलेट, कैंडी और सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से बचें, क्योंकि ये लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. बहुत ज्यादा रेड मीट खाने से भी परहजे करें, क्योंकि ये लिवर को फैटी बनाने का काम करते हैं.
  • संतृप्त या सैचुरेटेड और ट्रांस फैट के अधिक सेवन से भी हर किसी को बचना चाहिए, क्योंकि इन्हें शरीर के लिए बैड फैट की तरह जाना जाता है. इसमें तला-भुना खाना भी शामिल है.
  • शराब का सेवन लिवर के लिए सबसे अधिक हानिकारक होता है. शराब एक डिहाइड्रेटिंग एजेंट के रूप में काम करती है, जिससे लिवर के लिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है.

पेट की खराबी की वजह से अगर मुँह में हो गए हैं छाले तो ऐसे पाए इससे निजात

मुंह में छाले होना एक आम समस्या हैं जो कि पेट में कब्जियत और गर्मी के कारण होने लगते हैं। वैसे तो ये छाले अपनेआप ही ठीक हो जाते हैं लेकिन इनके द्वारा मिलने वाली तकलीफ असहनीय होती हैं जिसकी वजह से भोजन करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं।

 इसलिए जरूरी है कि कुछ उपायों की मदद से इससे जल्द राहत पाई जाए। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे है और इससे राहत पाना चाहते हैं तो आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ उपाय लेकर आए हैं जिनकी मदद से आप घर पर ही खुद इसका इलाज कर सकते हैं।

एलोवेरा जूस

एलोवेरा जूस के अंदर सूदिंग प्रॉपर्टी होती है, लगातार इस्तेमाल करने पर यह यह दर्द को कम करता है। छालों से राहत पाने के लिए थोड़ा सा एलोवेरा जूस अपने छालों पर लगाइए।

नारियल का तेल

नारियल का तेल एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्वों से भरपूर होता है। छाले होने पर आप छाले वाली जगह पर नारियल का तेल लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें। इससे छालों में राहत मिलेगी।

शहद

शहद में एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होती है, जो मुंह के छालों को ठीक करने में बहुत असरदार है। यह मुंह के छालों को नमी प्रदान करता है और उसे सूखने से बचाता है। अगर आप शहद के साथ एक चुटकी हल्दी डालकर लगाएंगे तो वह बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे।

रात में 6 घंटे से भी कम सोने की आदत आपके दिमाग के साथ इम्यूनिटी को बना सकती हैं कमज़ोर

पूरी नींद लेना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है. कहते हैं कि एक व्यक्ति को रात में करीब 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. लेकिन अगर किन्हीं कारणों से वह ठीक से नींद नहीं ले पा रहा है, तो इसका बुरा असर सबसे ज्यादा दिमाग  पर पड़ता है.

इससे भी गंभीर है 6 घंटे से भी कम सोना. कई लोगों को आदत होती है कि वे ठीक से 6 घंटे भी नहीं सोते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 6 घंटे या उससे कम की नींद लेने के कारण आपकी इम्यूनिटी  कमजोर पड़ सकती है.

इस कारण आप अक्सर सर्दी-जुकाम व अन्य शारीरिक समस्याओं से ग्रस्त रहेंगे. कम नींद लेने का असर दिमाग पर जल्दी दिखने लगता है. हम इस लेख में आपको बताएंगे कि कम नींद लेने या सोने के कारण दिमाग पर किस-किस तरह इसका बुरा असर पड़ता है.

अगर आप 6 घंटे या उससे कम की नींद लेते हैं, तो एक समय पर आपकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगेगी और आप स्ट्रेस का शिकार बनने लगते हैं. ये स्ट्रेस कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि लोग डिप्रेशन तक से ग्रस्त हो जाते हैं.

कम नींद या अनिद्रा से ग्रस्त लोगों के दिमाग पर इतना बुरा असर पड़ता है कि उनकी ध्यान लगाने की क्षमता भी कमजोर पर पड़ने लगती है. वे चाहकर भी किसी जरूरी चीज में ध्यान नहीं लगा पाते हैं और इस कारण उनका बड़ा नुकसान भी हो सकता है.

यदि आपको भी ऑफिस में नाईट शिफ्ट में काम करना पड़ता हैं तो इन चीजों से बनाए दूरी

आज कल की लाइफस्टाइल में कई लोग नाईट शिफ्ट में काम करने लगे हैं. कई लोगों को नाईट शिफ्ट आराम दायक लगती है. बेशक ये एक अच्छी आदत है. रात में काम करना आपको मानसिक शारीरिक रूप से प्रभावित कर सकता है.

डॉक्टर्स, नर्स, पायलेट, जैसे अनगिनत प्रोफेशन में लोगों को नाइट शिफ्ट में काम करना पड़ता है. नाइट शिफ्ट में काम करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखकर सेहत को हेल्दी है.

नाइट शिफ्ट में काम करने के साइड इफेक्ट

रिपोर्ट्स कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार रात को काम करने के चलते लोगों का स्लीपिंग साइकल प्रभावित होता है. जिसके कारण मेटाबॉलिज्म में कमी आना, मोटापा, पाचन तंत्र खराब होना कई तरह की परेशानी होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ आसान तरीकों की मदद से इन परेशानियों की संभावना को कम कर सकते हैं.

डाइट का रखें खास ख्याल

नाइट शिफ्ट में काम करने सही डाइट ना लेने के चलते मोटापा मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम की दिक्कतें उठानी पड़ती है. ऐसे में जंक फूड का सेवन कम से कम करने की कोशिश करें पौष्टिक आहार यानी की फल, या प्रॉपर खाना खाएं.

 

50 साल की उम्र के बाद महिलाओं-पुरुषों में तेज़ी से देखने को मिली ये गंभीर समस्या

शरीर में कुछ खास हॉर्मोन्स का सही से काम न करना बॉडी को मुसीबत में डाल सकता है. यह समस्या महिलाओं पुरुषों दोनों में होती है दोनों में ही 50 साल की उम्र के बाद यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.

लेकिन आज कल की लाइफस्टाइल के चलते ये समस्या युवाओ में भी देखने को मिल रही है. हॉट फ्लैश( Hot Flash) एक ऐसी समस्या होती है, जिसमें शरीर अचानक से गर्म महसूस होता है, घबराहट होने लगती है धड़कनें बढ़ जाती हैं. इसका कारण सही तरीके से ऑक्सीजन न मिलना, खान पान में गड़बड़ी होने की वजह से होता है.

महिलाओं पुरुषों में हॉट फ्लैश

महिलाओं पुरुषों में हॉट फ्लैश के लक्षण एक जैसे ही होते हैं. यानी, शरीर में गर्माहट महसूस होना, बेचैनी होना, धड़कनें बढ़ना, कभी-कभी सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, त्वचा में रूखापन ,शरीर के ऊपरी हिस्से में अधिक पसीना आना, उंगलियों में झनझनाहट महसूस होना. ये सभी समस्याएं एक साथ होती हैं.

हॉट फ्लैश से बचाव के उपाय

दिन में आधा घंटा अपने साथ समय बिताएं. स्मोकिंग ड्रिंकिंग को थोड़ा कम करदें. अगर आपका शरीर रेस्ट मांग रहा है तो उसे आराम करने दें. इस दौरान ध्यान लगाएं. मन को शांत करें. आप पूजा-पाठ या जप इत्यादि भी कर सकते हैं.

 

पसीने की गंदी बदबू के कारण होना पड़ता हैं शर्मिंदा तो आजमाएं ये उपाए

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

गर्मियों के मौसम में इन फलों के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल

हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो गर्मियों के दिनों में सबसे ज्यादा परेशान करती है। जो लोग इस समस्या से गुजर रहे हैं उनके लिए गर्मियों में इस समस्या को कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता है। नियमित जीवनशैली और खानपान पर ध्यान रखकर इस बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। इन फलों के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता हैं ।

तरबूज- यह कम कैलोरी वाला फल मीठा और ताजा होता है। इसे अपने फलों के सलाद, या जूस के रूप में डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें विटामिन सी और ए, पोटेशियम, अमीनो एसिड, लाइकोपीन, सोडियम और एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है जो शरीर को हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में मदद कर सकता है।

कीवी- एंटीऑक्सिडेंट और खनिज से भरपूर इस फल में फाइबर, विटामिन सी और फोलेट शामिल होते हैं, जो पाचन में सुधार, इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और स्किन के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करते हैं। कीवी रक्तचाप से होने वाली बीमारियों जैसे स्ट्रोक, दिल के दौरे आदि को भी रोक सकते हैं।

 आम- हम आम से प्यार करते हैं क्योंकि यह स्वादिष्ट होते हैं लेकिन, हाई ब्लड प्रेशर के लिए भी आम एक बेहतरीन फल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम फाइबर और बीटा कैरोटीन का एक बड़ा स्रोत है, दोनों ब्लड प्रेशर को कम करने में प्रभावी है

केला- पोटेशियम से भरपूर और सोडियम में कम आहार हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और स्ट्रोक से बचाता है। केला एक ऐसा फल है, जो पाचन को भी बढ़ावा देता है, लोगों को लंबे समय तक पूर्ण महसूस करने में मदद करता है और हाई ब्लड प्रेशर से लड़ने में मदद करता है।

स्ट्रॉबेरी- स्ट्रॉबेरी में एंथोसायनिन (एंटी-ऑक्सीडेंट यौगिक), विटामिन सी, पोटेशियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

सेब का अधिक सेवन सेहत को कौन कौन से नुकसान पहुंचा सकता हैं जानिए यहाँ

किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। फिर चाहे वो फल हो या फिर सब्जी या फिर फास्ट फूड। सेब एक ऐसा फल है जो आपको बाजार में 12 महीने आराम से मिल जाएगा। ये ना केवल स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। लेकिन क्या आपको पता है सेब का अधिक सेवन करना भी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। जानें सेब के अधिक सेवन से सेहत को कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं।

आप एक दिन में कितने सेब खा सकते हैं? शोध के मुताबिक एक व्यक्ति एक दिन में एक से दो सेब खा सकता है. लेकिन अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो संभवतः इसके कुछ खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं.

पाचन संबंधी समस्याएं
फाइबर हमारे पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. लेकिन बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन पाचन संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है.

यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है

सेब अम्लीय होते हैं. इसका बहुत अधिक सेवन आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है.

एलर्जी
सेब उन लोगों के लिए बल्कुल ठीक नहीं है जिन लोगों को इसे खाने से एलर्जी का अनुभव होता है.

यदि आप भी रोजाना करते हैं बादाम का अत्यधिक मात्रा में सेवन तो जान ले इसके नुक्सान

पुरानी कहावत है कि बादाम खाने से दिमाग तेज हो जाता है। बादाम कई मायनों में शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन बादाम कम मात्रा में ही खाने चाहिए। ज्यादा मात्रा में बादाम खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अत्यधिक मात्रा में बादाम खाने से किडनी में पथरी की समस्या भी हो सकती है। बादाम के साइड इफेक्ट्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं।

कब्ज
अगर आप बादाम का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह कब्ज, सूजन और आपके पेट में परेशानी पैदा कर सकता है. बादाम फाइबर से भरपूर होते हैं. बादाम के अधिक सेवन से होने वाले अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हैं जैसे- सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त आदि.

एलर्जी
कुछ लोगों को बादाम खाने से एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में मुंह में खुजली, गले में खराश और जीभ, मुंह और होंठ में सूजन शामिल हैं. जिन लोगों को इससे एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

वजन बढ़ना
बादाम में वसा की मात्रा और कैलोरी अधिक होती है. इसका एक बड़ा हिस्सा मोनोसैचुरेटेड वसा का है, जो हृदय के लिए स्वस्थ हैं. अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं और आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो इससे आपके शरीर में वसा जमा हो सकती है. इसलिये इसका सेवन सीमित मात्रा में करें.