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हेल्थ

दिल स्वस्थ रखने के साथ रक्तचाप में सुधार लाता हैं अनार का जूस

सेहत के लिए फल वरदान हैं, लेकिन कभी-कभी यही फल नुकसानदाय‍क भी प्रतीत होते हैं। आपको जानकर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन एक बार इसे पढ़ने के बा आप भी जान जाएंगे इस फल के नुकसान को। अगर आपकी तासीर ठंडी है या फिर आप इंफ्लूएंजा, खांसी अथवा कब्ज से पीड़ित हैं तो आपको अनार का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपको नुकसान हो सकता है।.

अनार का जूस पीने से रक्तचाप में सुधार होता है, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है, और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम हो जाता है. अनार का सेवन संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है.अनार के जूस के सेवन से दिल स्वस्थ रहता है. अनार का जूस स्वास्थ्यवर्धक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. तो य‍ह हानिकारक हो सकता है।

 इन सब के अलावा अनार खाने का एक नुकसान यह भी है कि इसे खाने के लिए मेहनत करनी होती है, जिसमें छिलके उतारकर अनाक के दाने अलग करना शामिल हैं।अनार के रस में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो गठिया से लड़ने में मदद करता है और मेमोरी में सुधार कर सकते हैं. अनार का रस याददाश्त बढ़ाने में मददगार हो सकता है.

पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है ‘गरमा-गरम कॉफी’, हो जाए सावधान !

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग को दूर करेगा शहद, देखिए इसके फायदे

शहद का उपयोग सदियों से खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।

रोजाना प्रात:काल इस आसन को करने से आपके शरीर को मिलेंगे जबर्दस्त लाभ

धनुरासन एक ऐसा आसन है, जिसको करने पर शरीर की मुद्रा धनुष के समान दिखाई देती है. ये आसन पाचन तंत्र मजबूत करने और हड्डियों की मांसपेशियों का तापमान बढ़ाता है.

धनुरासन सस्कृंत शब्द से मिलकर बनाया गया है. धनु का अर्थ धनुष व आसान का अर्थ मुद्रा है. यह आसान करने पर धनुष की मुद्रा बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहते है. जिन लोगों को उच्च रक्तचाप है उनको यह आसान करने से बचना चाहिए, चलिए धनुरासन करने के तरीके के बारे में बताते है.

धनुरासन करने की विधि ?

  1. धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं.
  2. घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं और अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ें.
  3. अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं.
  4. अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें.
  5. पैरों को पकड़कर आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें.
  6. अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें.
  7. सांस को धीरे धीरे छोड़े और छाती, पैर को जमीन पर रख आराम करें.

धनुरासन करने के फायदे

  • यह आसन डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में फायदेमंद रहता है.
  • यह मोटापा को कम करता है और शरीर को संतुलित रखता है.
  • पेट की मांसपेशियो को मजबूत करने में प्रभावी होता है.
  • यह आसन मासपेशियों और हड्डियों को लचीला बनाता है.
  • पीठ या कमर दर्द जैसी समस्या से राहत दिलाने में मददगार
  • इस आसन को करने से हाथो व बाहों में कसावट बनी रहती है.
  • हिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है.
  • इसको करके रीढ़ की हड्डियों की मजबूत किया जा सकता है.
  • इस आसन से अपच, अजीर्ण और पेट के विकार भी दूर होते हैं.
  • इस आसन को करने से भूख बढ़ती है.

इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की मदद से आप भी मात्र 10 दिन में बढ़ा सकते हैं वजन

पतले दुबले लोग वजन बढ़ाने के लिए बहुत परेशान रहते हैं. हर वो तरीका अपनाते हैं जिनसे उनका वजन बढे. अगर आप खाने-पीने में लापरवाही बरतते हैं तो आपको अपनी डाइट को ठीक रखना जरूरी है.

आज आपको कुछ आयुर्वेदिक तरीका बताते हैं जिनसे आपका वजन बढ़ सकता है. इसके अलावा शरीर को मज़बूत भी ये आयुर्वेद के नुस्खें बना पाएंगे. मोटा होने के लिए डाइट है.

वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक इलाज

1- अश्वागंधा चूर्ण- वजन बढ़ाने के लिए आप दूध के साथ अश्वगंधा चूर्ण का सेवन जरूर करें. अश्वागंधा चूर्ण का उपयोग आयुर्वेद में काफी किया जाता है. रोज दूध अश्वागंधा साथ में लेने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.

2- शतावर चूर्ण- आयुर्वेद में शतावर चूर्ण को बहुत कारगर माना जाता है. दूध में मिला कर पीएं. आपका वजन जल्दी बढ़ेगा. ये एक एंटी डिप्रेस की तरह भी काम करता है. इसे आप छाछ , दूध के साथ ले सकते हैं.

3- यष्टिमधु या मुलेठी – वजन कम होने पतले होने की एक बड़ी वजह है पाचनशक्ति का कमजोर होना. आयुर्वेद में मुलेठी का इस्तेमाल पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए किया जाता है. वजन बढ़ने के लिए आप मुलतेहि का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4- सफेद मुसली- सफेद मुसली खाने से स्ट्रेंथ बढ़ती है कमजोरी दूर करने में मदद मिलती है. सफ़ेद मुलेठी तनाव को कम करता है. वजन बढ़ाने में मदद करता है.

5- च्यवनप्राश- च्यवनप्राश शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है. वजन बढ़ाने के लिए भी च्वनप्राश सबसे पॉपुलर फॉर्मूला है. इससे पाचन शक्ति बढ़ाने बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है. रोज़ 1 से 2 चमच आप च्यवनप्राश खा सकते हैं.

लूज़मोशन की समस्या से हैं परेशान तो दवा लेने की जगह आजमाएं ये देसी उपाए

गर्मियों के दिनों में बाहर का कुछ खाने पीने से पेट की समस्याएं अक्सर देखने को मिल जाती है. लूज़मोशन की समस्या हमेशा अचानक ही देखि गई है.

तो चलिए आज आपको बताते हैं लूज़मोशन के कुछ घरेलू उपाए. अक्सर लोग इस समस्या में दवा ले लेते हैं लेकिन हमेशा दवा लेना सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है. यहां देखें लूज़मोशन से जुड़े कुछ घरेलू उपाए.

1- खूब पानी पीएं – जब भी लूज मोशन होता है तो सबसे पहले शरीर में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में खुद को हाइड्रेट रखने के लिए समय पर पानी पीते रहे इसके अलावा आप नमक पानी के घोल का भी सेवन कर सकती हैं.

2- दही खाएं- लूस मोशन के दौरान आप दही को डाइट में शामिल कर सकती हैं. दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स तत्व कई रूप से हेल्प भी करते हैं लूज मोशन की समस्या से दूर भी रखते हैं. दही डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम देती है.

3- जीरा या अजवाइन – किचन में मौजूद जीरा की मदद से लूज मोशन को रोका जा सकता है इसके लिएएक चुटकी जीरा को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें. इसे धीरे-धीरे चबाना है. इसके अलावा आप जीरा या अजवाइन काला नमक का सेवन भी कर सकती हैं.

 

अगर आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं तो इन घरेलू नुस्खो को जरुर आजमाएं

एक उम्र के बाद शरीर कमज़ोर जोड़ों में दर्द होने लगता है. जोड़ो का दर्द भी इंसान को सताने लगता है. इस दर्द की वजह से उठने बैठने में काफी तकलीफ झेलनी पड़ती है. कई घरेलू नुस्खे अपनाते हैं. लेकिन ये दर्द दुबारा पलट कर वहीं का वहीं रहता है. ऐसे में अगर आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान रहती हैं तो इन यहां दिए गए कुछ घरेलू उपाए हैं .

1-लहसुन- आयुर्वेद में लहसुन का काफी ज़िक्र है. कई बीमारियों को दूर करने के लिए लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कच्चा लहसुन के सेवन करने से दर्द कुछ ही दिनों में गायब हो जाता है.

2-पिपरमिंट तेल-  जिनके नियमित मालिश के भी जोड़ों के दर्द को कुछ ही दिनों में दूर किया जा सकता है.  पिपरमेंट ऑयल के साथ नारियल के तेल को हल्का गुनगुना करके सुबह शाम मालिश करने से दर्द को दूर किया जा सकता है.

3- विटामिन-डी- जोड़ों में या शरीर में दर्द अगर हमेशा रहता है तो आप सुबह सुबह की धुप में बैठ सकते हैं. इसके साथ-साथ विटामिन-डी युक्त आहार को भी शामिल करना बेहद ज़रूरी होता है. इससे इम्‍यूनिटी भी ठीक रहती है.

4- पपीता- जोड़ों के दर्द को दूर करना है तो पपीता आप खा सकते हैं. जानवरों के मुताबिक इसके नियमित सेवन से शरीर के किसी भी जोड़े के दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है. पपीता में विटामिन सी पाया जाता है.

इंग्लैंड टीम के कोच बनेंगे जस्टिन लेंगर! लगातार मिल रही हार से परेशान इंग्लिश टीम ने लिया फैसला

ऑस्ट्रेलिया को इंग्लैंड के खिलाफ 2019 और 2021 मे एशेज जिता चुके कोच जस्टिन लेंगर अब इंग्लैंड की टीम के साथ जुड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं. लैंगर ने एशेज सीरीज के बाद ऑस्ट्रेलिया के कोच पद से इस्तीफा दे दिया.

खिलाड़ियों की सलाह पर उनका कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया गया था. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में इस मुद्दे पर जमकर बहस भी हुई थी, जिसमें कई पूर्व खिलाड़ियों ने नए कप्तान पैट कमिंस की जवाबदेही तय की थी.

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और कोच जस्टिन लैंगर इंग्लैंड की टीम का कोच बनने की तैयारियों में जुट गए हैं. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार लैंगर इंग्लैंड के कोच बनने के इच्छुक हैं. इस साल की शुरुआत में खेली गई एशेज सीरीज में इंग्लैंड की बुरी हार के बाद कोच क्रिस सिल्वरवुड की छुट्टी कर दी गई थी.

बतौर कोच जस्टिन लैंगर को 2018 में हुए सैंडपेपर विवाद के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम का कायाकल्प करने का श्रेय दिया जाता है. उनके नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एशेज सीरीज के साथ पिछले साल खेला गया टी-20 विश्व कप भी अपने नाम किया था.

इंग्लैंड की टीम टेस्ट चैम्पियनशिप में मौजूदा वक्त में आखिरी पायदान पर है. इंग्लैंड को इस साल घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने सीजन का आगाज करना है, उससे पहले इंग्लैंड एक नए कोच का चयन कर सकता है. इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया में बुरी हार का सामना करना पड़ा था.

 

स्किन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा जेल नही हैं किसी औषधि से कम

आंखों के आस-पास पड़ी झुर्रियां आपकी वास्तविक उम्र को ज्‍यादा का दिखाती हैं। उम्र बढ़ना एक आम प्रक्रिया है, जिसे हम कभी नहीं रोक सकते। आज कल खराब आहार, कंप्‍यूटर पर लम्बे समय तक काम, स्‍किन ड्रायनेस, ज्यादा रोना, शराब का सेवन, नींद की कमी और मानसिक तनाव आदि से न सिर्फ आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं, बल्‍कि झुर्रियां भी दिखाई देती हैं।

आप झुर्रियों को ठीक करने के लिए जैतून तेल यूज कर सकती है। इससे त्वचा को गहराई से पोषण मिलेगा। झुर्रियों की परेशानी दूर होकर होंठों में लंबे समय तक नमी बरकरार रहेगी। होंठों के आसपास पड़ी झुर्रियों को दूर करने में भी इसे यूज कर सकती हैं। इसके बाद 1 छोटा चम्मच एलोवेरा जेल लेकर होंठों के आसपास की स्किन पर मसाज करें।

त्वचा की बढ़ती उम्र के पीछे सन प्रमुख कारणों में से एक है। सूर्य की कठोर किरणें त्वचा में गहराई तक प्रवेश करती हैं और त्वचा की झुर्रियों को जन्‍म देती हैं। अपनी त्वचा को हमेशा धूप से सुरक्षित रखें। धूप में बाहर निकलने से पहले एक उच्च एसपीएफ वाली सनस्क्रीन लगाएं।

पपीता सेहत के साथ स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है। यह डेड स्किन सेल्स साफ करके नई स्किन दिलाने में मदद करता है। इसके लिए पपीते का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर 2 मिनट तक मसाज करें। फिर 5 मिनट तक इसे लगा रहने दें ‌ बाद में ताजे पानी से इसे साफ कर लें।

 

तनाव को कम करने के साथ खून की कमी को दूर करेगा कमल ककड़ी का सेवन

कमल ककड़ी को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. कमल-भारत का राष्ट्रीय पुष्प है जिसकी गिनती दुनिया के चुनिंदा खूबसूरत फूलों में की जाती है. ये फूल जितना देखने में खूबसूरत है इसकी जड़ उतनी ही फायदेमंद है. कमल की जड़ को कमल ककड़ी के नाम से जाना जाता है. इसे अंग्रेजी में लोटस रूट भी कहा जाता है. कमल ककड़ी को औषधी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.

कमल ककड़ी ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करती है. इसमें डाइटरी फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करते हैं. तो वहीं इसमें मौजूद इथेनॉल अर्क ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता करता है.

कमल ककड़ी तनाव को कम करने में भी सहायता करती है. इसमें अच्छी मात्रा में पायरोडॉक्सीन पाया जाता है जो तनाव को कम करने में मदद करता है.

खून कमी की समस्या है या जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी से पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता. उन्हें कमल ककड़ी का सेवन करना चाहिए. ये शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद कर सकती है.

शरीर को डिटॉक्स करने में भी कमल ककड़ी सहायता करती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो लिवर और किडनी पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं और शरीर को डिटॉक्स करते हैं.