Saturday , November 23 2024

हेल्थ

करेले का रस पीने से पुरानी खांसी को दूर करने में मिलेगी मदद, जानिए इसके अन्य लाभ

करेला का नाम सुनते ही लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन खाने में करेला जितना कड़वा लगता है, आपकी हेल्‍थ के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। खासतौर पर इसे डायबिटीज का काल माना जाता है।

गर्मियों में रोजाना सुबह करेला का जूस पीने से आप अपनी डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। इतना ही नहीं यह आपकी स्किन प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने से लेकर बालों और हेल्‍थ के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

कैंसर से बचाता है

करेले का जूस कैंसर कोशिकाओं की क्षमता को सीमित करता है और इस प्रकार कोशिकाओं के ऊर्जा स्रोत को कम करता है और साथ ही उसे मार देता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि करेला का जूस स्तन कैंसर का इलाज कर सकता है.

अस्थमा के इलाज में मदद करता है

नियमित रूप से करेला का रस पीने से पुरानी खांसी को दूर करने में मदद मिलती है. करेला का रस अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है.

त्वचा में निखार लाता है

करेला शरीर में खून को शुद्ध करने में मदद करता है. यह त्वचा से रेखाओं को हटाने में भी मदद कर सकता है. इस प्रकार, करेला का रस त्वचा को साफ करने के खास होता है.

हाई कोलेस्ट्रोल लेवल से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर हैं ये घरेलू उपाए

आपने भी सुना ही होगा कि छोटी-छोटी चीजें बड़े काम आती हैं। हमारी डायट में भी यही नियम लागू होता है। जिम में थोड़ी और मेहनत करने के साथ आप थोड़ा ज़्यादा पानी पीते हैं और वजन घटाने की कोशिश करते हैं।

वेट लॉस की कोशिश में लोग अलग-अलग तरीके आजमाते हैं और हेल्थ ड्रिंक्स भी पीते हैं। खैर, अगर आप अपनी नियमित डायट और एक्सरसाइज पर बहुत ध्यान देते हैं, तो आपके लिए एक और टिप है जो वेट लॉस की आपकी कोशिश में मददगार साबित हो सकता है।

उससे शरीर के कार्य करने की क्षमता में भी सुधार आता है और बीमारियों जैसे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रोल लेवल से भी छुटकारा मिलता है. मौसमी बीमारियों , मोटापा, पेट की समस्या, आंत की सफाई और चुस्त-दुरुस्त रहने में किचन की तीन सामग्रियां बेहद कारगर हैं. अजवाइन, जीरा और सौंफ से तैयार कहवा सुबह-शाम इस्तेमाल करने से फैट घुलाने समेत कई बीमारियों के खिलाफ शरीर को सुरक्षा मिलता है.

सौंफ पेट और आंत से जुड़ी बीमारियों के लिए बेहतरीन दवा का काम करता है, सौंफ के इस्तेमाल से देर तक भूख नहीं लगती. जीरा और अजवाइन शरीर और पेट के आसपास जिद्दी फैट घुलाने के लिए शानदार है. अजवाइन के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल लेवल संतुलित रहता है और भोजन के साथ शरीर में पहुंची अतिरिक्त चर्बी को निकालने का काम करता है.

शरीर को ठंडक देने के साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है खरबूजा

खरबूजा गर्मियों में मिलने वाला बहुत स्वादिष्ट फल होता है. यह गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करता है. इसके सेवन से कई प्रकार की सेहत संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

खरबूजे में भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है, जिसके कारण इसे खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. खरबूजे में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी मौजूद होते हैं. आज हम आपको खरबूजा खाने के कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.

खरबूजे में विटामिन-सी की दैनिक जरूरत का एक बड़ा हिस्सा मौजूद होता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम के लिए काफी जरूरी है। कई शोधों में यह बात सामने आई है .

पर्याप्त विटामिन-सी का सेवन करने से सामान्य जुकाम जैसे कई रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से राहत मिलती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन-ए भी शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

खरबूजा का सेवन करने से ना सिर्फ वजन नहीं बढ़ता, बल्कि यह वेट लॉस में भी मददगार हो सकता है। सबसे पहली बात यह है कि यह एक लो कैलोरी फ्रूट है और इसमें 90 प्रतिशत के करीब पानी होता है। इस तरह से यह बिना कैलोरी के आपके शरीर को हाइड्रेट करता है। शरीर के हाइड्रेट होने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और आपका वजन कम होने लगता है।

इन 3 तरीकों से पुदीने को करें स्टोर लंबे समय तक रहेगा ताज़ा व हरभरा

पुदीना स्वाद और सेहत दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है. खाने में अगर पुदीने की चटनी, रायता, परांठा या सलाद में पुदीना डाल दिया जाए तो मजा आ जाता है. पुदीने का इस्तेमाल जलजीरा और शिकंजी में भी किया जाता है.  तो इन 3 तरीकों से पुदीने को स्टोर कर सकते हैं. इससे आपका पुदीना पूरे साल चलेगा. जानते हैं कैसे

पुदीने की पत्तियों को ज्यादा लंबे समय तक चलाने के लिए आप पुदीने के बंडल को घर लाकर खोल दें. इन पत्तियों का इस्तेमाल आप सब्जी या फिर चटनी बनाने में कर सकते हैं. पत्तियों को किसी गीले कपड़े ढ़क दें और इसे फ्रिज में रख दें. इससे पुदीना 15 दिन तक आसानी से चल जाएगा.

पुदीने को स्टोर करने का दूसरा तरीका है. कि आप एक पेपर टॉवल लें और उसे थोड़ा गीला कर लें. अब इसमें पुदीने की पत्तियों को रख दें. अब पुदीने को टॉवल समेत प्लास्टिक बैग में रख दें. इस बैग को बंद करके फ्रिज में रख दें. इससे काफी लंबे समय तक पुदीने की पत्तियां फ्रेश रहेंगी.

बिना किसी टेंशन के आप पुदीने को पूरे 1 साल तक सुखाकर रख सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले पुदीने को धो लें फिर पत्तियों को साफकरके उन्हें एक टॉवल से पोछ लें. पत्तियों को किसी अखबार या पेपर टॉवल में रैप करके रख दें.

गाय का घी हमारे दिमाग को तेज और कुशाग्र करने में हैं कारगर, देखिए इसके अन्य लाभ

देसी घी का उपयोग भारत में वैदिक काल के पूर्व से होता आ रहा है। पूजा पाठ मे घी का उपयोग अनिवार्य है। अनेक औषधियों के निर्माण में देसी घी काम आता है। मक्खन और घी मानव आहार के अत्यावश्यक अंग हैं। इनसे आहार में पौष्टिकता आती है ओर भार की दृष्टि से सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

– आपको बता दें कि देसी गाय के घी से दिमाग तेज होता है. इसी के साथ ऐसा गायों की अलग-अलग प्रजाति और उनके दूध से मिलने वाले अलग-अलग गुणों के कारण होता है.

– बहुत कम लोग जानते हैं देसी गाय का घी हमारे दिमाग को तेज और कुशाग्र बनाता है. इसके अलावा जर्सी गाय और भैंस का दूध हमारे शरीर को बलवान बनाने का काम करता है इसका मतलब है मसल्स बनानी हैं तो भैंस के दूध और घी का उपयोग करना चाहिए.

– आप नहीं जानते होंगे दोनों समय के भोजन और नाश्ते में भी मध्यम मात्रा में देसी घी का उपयोग किया जा सकता है. लेकिन जिन लोगों को हार्ट, शुगर या कोई अन्य गंभीर रोग है, उन्हें अपनी डायट में किसी भी नई चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

लहसुन की कच्ची कली दूर कर सकती हैं वजन और बीपी की समस्या, देखिए कैसे

लहसुन खाने के फायदे तो आपको मालूम होंगे ही लेक‍िन अक्सर सलाह दी जाती है कि अगर आपका कोलेस्ट्रोल बढ़ा है तो लहसुन की कच्ची कली खाइए। वजन और बीपी नियंत्रित करने में भी लहसुन का नुस्‍खा सबसे बढ़ि‍या माना जाता है।

सामग्री-

1- एक लहसुन की कली

2- एक गिलास पानी

3- एक चुटकी कसा हुआ अदरक

4- एक चम्मच नींबू का रस

5- एक चम्मच शहद

सबसे पहले आप एक गिलास पानी को उबालें और इसके बाद इसमें कसे हुए अदरक और लहसून को पीसकर डाल दें और 15 से 20 मिनट तक इसे पकने दें, फिर आंच को बंद करके इसे 10 मिनट तक इसे ऐसे ही छोड़ दें।

अब इस पानी को छान लें और इसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिला दें जिससे यह स्वादिष्ट और मीठा हो जाए, इस तरह आपकी यह चाय तैयार हो जायेगी और नींबू और अदरक होने की वजह से लहसून की दुर्गन्ध भी आपको नहीं आएगी और आप आसानी से इसके औषधीय गुणों का लाभ ले सकते हैं।

ज्यादा गर्मी में लहसुन की चाय पीने से रक्तस्त्राव की समस्या हो सकती है। इसलिए, अगर किसी की कोई सर्जरी होने वाली है, तो उससे पहले लहसुन का सेवन न करें। लहसुन से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।

 

 

क्या आप जानते हैं रसोई में पाई जाने वाली मेथी कंट्रोल कर सकती हैं कोलेस्ट्रॉल

रसोई में पाया जाने वाला ये मसाला आपके शरीर को रख सकता है स्वस्थ, व मेथी में घुलनशील फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। मेथी दानों का सुबह खाली पेट सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।

हालांकि इसकी पत्तियों का उपयोग एक स्वादिष्ट पकवान और यहां तक कि परांठे तैयार करने के लिए किया जाता है। ये बीज गुणों से भरे होते हैं जो डायबिटीज , पाचन संबंधी समस्याओं और यहां तक कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं।

मेथी के बीज पेट के कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में भी मददगार हो सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी और कब्ज से निपटने में फायदेमंद हो सकते हैं।

यह डायबिटीज को कंट्रोल करने और मधुमेह से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं। ब्लड शुगर लेवले को कंट्रोल करने के घरेलू उपायों में आप मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

मन को शांत और तनावमुक्त रखने के लिए आप भी अपने लाइफस्टाइल में इन प्राणायाम को करें शामिल

जब माहौल में भय और आशंका व्याप्त हो, हर तरफ बीमारी की चर्चा हो और दिन-रात घर में ही रहने को विवश होना पड़े, तो मन में तनाव पैदा होना बहुत स्वाभाविक है। मन को शांत और तनावमुक्त रखने में योग, ध्यान और प्राणायाम के महत्व को विज्ञान जगत भी स्वीकार करता है।

शीतकारी प्राणायाम – नाक से एक गहरी सांस अंदर लें और फिर मुंह से हिस्स की आवाज़ करते हुए सांस बाहर निकालें। सांस अंदर लेने से ज्यादा वक्त सांस बाहर निकालने का होना चाहिए। लंबी सांस फेफड़ों से शरीर के दूसरे अंगों तक का फ्लो बढ़ाती है जिससे एनर्जी बूस्ट होती है।

चंद्रभेदी प्राणायाम-
पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। कमर, गर्दन, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। बाएं हाथ को बाएं घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें। दाएं हाथ के अंगूठे से नासिका का दायां छेद दबाकर बंद करें। अब नासिका के बाएं छेद से श्वास बाहर करें और अपनी क्षमतानुसार श्वास रोकें। अब दाएं हाथ से नाक के बाएं छिद्र को बंद करें और दाएं नासिका छिद्र से श्वास निकालें।

शिअत्सू थेरेपी-
शिअत्सू जापानी शब्द है। शिका यानी उंगली और अत्सू मतलब दबाव। इस थेरेपी में ऊर्जा के उसी चैनल का प्रयोग होता है, जिसे मेरेडियन कहते हैं। तनाव दूर करने के लिए पहले पद्मासन या सुखासन में बैठें और फिर दाएं हाथ के अंगूठे से बायीं हथेली के बिलकुल बीच वाले पॉइंट को पांच से दस सेकंड तक दबाएं।

खाने के तुरंत बाद पानी पीना आयुर्वेद के अनुसार हैं लाभदायक या हानिकारक जानिए यहाँ

सेहत बनाने के लिए लोग अच्छा से अच्छा भोजन लेते हैं लेकिन कई बार उसका बेहतर परिणाम मिलता नही दिखता है जानते हैं क्यों? ..क्योंकि अच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार लेना ही काफ़ी नहीं है.

आयुर्वेद कहता है कि पानी पीना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन खाने के तुरंत बाद पानी पीना सही नहीं है। आप खाने के तुरंत पहले या तुरंत बाद अगर पानी पीते हैं तो ये शरीर के लिए खराब होता है।

आहार का पचना और उसके पोषक तत्वों का शरीर को मिलना भी ज़रूरी होता है। कई बार ऐसा हो नहीं पाता, वजह हो सकती है खाने के बाद आपकी कुछ आदतें… ज़रा नज़र दौड़ाइए उन आदतों पर, जो आप खाना खाने के बाद करने के आदी हों। इन आदतों का ख़ामियाज़ा आपकी सेहत को भुगतना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं ऐसी ही कुछ बुरी आदतें, जो दबे पांव आपको कर रही हैं बीमार।

सूरज की रौशनी में जाना और ब्लड सर्कुलेशन और नर्व्स की गतिविधियों को स्किन की तरफ ले आता है। ऐसे में जरूरी अंगों की तरफ कुछ हद तक ये सप्लाई कम हो जाती है और इनमें से एक पेट भी है और इससे मेटाबॉलिज्म पर असर होता है।

स्विमिंग, तेज़-तेज़ लंबी दूरी तक चलना, गाना, ट्रैवल करना या खाने के बाद एक्सरसाइज करना ये सभी एक ही कैटेगरी में आता है। अब आप सोच रहे होंगे कि खाना खाने के बाद चलना अच्छा होता है पर यहां मना क्यों किया गया है तो मैं आपको बता दूं कि ये लंबी दूरी तक चलने के लिए कहा गया है।

सोते समय आने वाले खर्राटे से हैं परेशान तो इससे निजात पाने के लिए अपनाए ये टिप्स

खर्राटे की समस्या अमूमन हर घर में किसी न किसी मेम्बर को होती है. सोते वक्त खर्राटे आने का मुख्य कारण नशा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाना, स्ट्रेस, नशा या फिर हार्मोनल में परिवर्तन के वजह से होता है.

इतना ही नहीं बल्कि यदि मौसम में परिवर्तन के कारण जुकाम, खांसी या बुखार होने वाला हो तो खर्राटे इसका इशारा भी देते हैं. खर्राटों से आने वाली आवाज से न सिर्फ उन्हें ही समस्या होती है, साथ ही इर्द-गिर्द सोने वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं. ऐसे में खर्राटे से निजात पाने के लिए कुछ टिप्स बता रहा है, जिसे आप जरूर आजमाना चाहेंगे.

-घी को गर्म करें. इसके बाद गुनगुना होने के बाद 2 या 3 बूंदे नाक में डालें. रोज रात को सोने से पहले ऐसा करने पर खर्राटों में राहतमिलेगी.

-एक कप पानी में आधा-आधा चम्मच चायपत्ती, अदरक पाउडर, दो लौंग  नींबू के रस को उबालें. इस काढ़े को रात में सोने से पहले पीएं.

-बॉडी में पानी की कमी से नाक  गले में कफ बढ़ जाता है, जिससें सांस में रूकावट आती है. ऐसे में दिन में 3 से 4 लीटर गुनगुना पानी पीएं.

-एक गिलास पानी में पुदीने के ऑयल की 4-5 बूंदें डालकर इससे गरारा करें. खर्राटों में तुरंत आराम मिलेगा.

-नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करें. ऐसा करने पर गले की नसों में होने वाली सूजन अच्छा होती है  खर्राटों से राहत मिलती है.

-सोने से पहले एक चम्मच शहद पीएं. इससे गले की नशों मं आराम मिलेगा  खर्राटों की समस्या भी समाप्त होगी.

-एक कप पानी में एक अदरक का छोटा टुकड़ा उबालकर 5 मिनट बाद में एक चम्मच शहद मिलाकर पींए. ऐसा दिन में 2-3 बार करें. खर्राटों की समस्या समाप्त होगी.