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हेल्थ

पसीने की गंदी बदबू से छुटकारा पाने के लिए इस तरह करें कच्ची हल्दी का प्रयोग

पसीना आना एक सामान्य स्थिति है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में आता है, तो इससे इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से असहज हो जाता है।

इस स्थिति पर लोगों का जल्दी ध्यान भी नहीं जाता और कुछ लोग इसके लिए गंभीर भी नहीं होते, जबकि यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।आज हम आपको कुछ उपाय बताएंगे अगर आपके उपाय करते हैं तो आपको पसीना नहीं आएगी .

सबसे पहले आप कच्चे हल्दी का पेस्ट बना लें और उसे उस जगह पर लगाएं जहां आपको सबसे ज्यादा पसीना आता है इससे आपको क्या फायदा होगा कि जल्दी पसीना नहीं आएगा.

आप कहीं भी बाहर जा रहे हैं या फिर बाजार जा रहे हैं तो उससे पहले आप नीम की पानी से स्नान कर ले इससे आपको पसीना भी नहीं आएगा और अगर आप नीम के पानी से स्नान करते हैं तो बहुत सारे बीमारियों को भी खत्म करता है |

आप खीरे का इस्तेमाल करके भी पानी पसीने से छुटकारा पा सकते हैं आपको खीरे का पेस्ट बनाना है और जहां भी पसीना आता है वहां पर खीरे का पेस्ट लगा दे तो आपको पसीने से छुटकारा मिल सकता है या फिर पसीना कम आएगा

पैरों में सूजन की समस्या को न करें नज़रंदाज़ अथवा आपको हो सकती हैं ये बीमारी

पैरों में सूजन एक आम समस्‍या है जो कि गलत जीवनशैली, पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधियां न करने या मोटापे की वजह से उत्‍पन्‍न होती है। देर तक खड़े रहने या बड़ती उम्र, प्रेग्‍नेंसी, प्रीमैंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम और पैरों में ठीक तरह से रक्‍त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है।

विटामिन ए
विटामिन ए आपके इम्यून सिस्टम और गार्ड्स को मज़बूत बनाने का काम करता है जिसकी वजह से आप किसी भी प्रकार की इंफेक्शन युक्त बीमारी से बचे रहते हैं. इसलिए हमारी सलाह है कि आप एक से दो हफ्ते तक विटामिन ए कि गोलियों का सेवन करें, इससे आपको ज़रूर ही फायदा पहुंचेगा और आपको अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे. मुख्य तौर से यह मछली, दूध व अंडे आदि में पाया जाता है.

ब्रोमेलिन
ब्रोमेलिन जैसा पोषक तत्व अनानास में पाया जाता है. यह एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है जो आप के इम्यून सिस्टम के लिए बहुत अच्छे व लाभदायक होते हैं. इसका प्रयोग कई बार कुछ चोटें जैसे कि रीढ़(स्पाइन) आदि को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. आप इसकी टैबलेट या कैप्सूल ले सकते हैं.

कैप्सैसिन
ये तत्त्व लाल मिर्ची में पाया जाता है. इसका काम प्रोटीन के एक समूह को रोकना है जो आपके शरीर की सूजन की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है. आप कैप्सैसिन को उन उत्पादों में पा सकते हैं जिन्हें आप सीधे अपनी त्वचा पर लगाते हैं. आप एक चौथाई चम्मच से कैप्सैसिन की शुरुआत कर सकते हैं.

महिलाओं में तेज़ी से बढ़ रहे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के केस, जानिए आखिर क्या हैं इसके लक्ष्ण

देश में जिस तेजी से दिल की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है वो चिंताजनक है एक तरफ देश के युवाओं में नशे की आदत बढ़ रही है तो दूसरी तरफ तनाव शहरों में रहने वालों की धड़कने बढ़ा रहा है. भागती-दौड़ती जिंदगी और टैंशन के बीच अपने दिल को सेहतमंद रखना आज किसी चेलेंज से कम नहीं है.

स्कैड
यह तब होता है जब आप के दिल की कोई रक्त धमनी फट जाती है. इसके दौरान आप का खून या तो धीमा हो जाता है या रुक जाता है. जिसके चलते आपको छाती में थोड़ा बहुत दर्द महसूस होने लगता है. इसलिए हमारी सलाह है कि जब भी आपको ऐसे लक्षण महसूस हों आप फ़ौरन अपने डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज शुरू करवाएं.

सूजन
यदि आपको रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस है, तो आपको हृदय रोग की संभावना अधिक होती है. इसके लिए ज़रूरी है कि व्यायाम करें और धूम्रपान करने से बचें. दवाओं के साथ अपनी सूजन को नियंत्रित रखें. लेकिन स्टेरॉयड से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि ये आपके दिल की बीमारी को बढ़ा सकता है. अपने दिल की रक्षा के लिए सबसे अच्छे तरीके के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें.

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम
ये बीमारी पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं में पाई जाती है. ऐसा होने का कारण आप के जज़्बात हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप के स्ट्रेस हार्मोन बहुत अधिक मात्रा में होते हैं तो आप के हृदय का एक हिस्सा अधिक बड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे ब्लड पंप करने में दिक्कत महसूस होती है. और इसी के चलते आपको

प्राकृतिक स्वीटनर कहे जाने वाले शहद और गुड़ का सेवन क्या कर सकते हैं डायबिटीज के मरीज ?

डायबिटीज के मरीजों को बहुत सी पाबंदियों के साथ जीना पड़ता है. डायबिटीज की सबसे खराब बात ये होती है कि आपकी डाइट से चीनी बिल्कुल गायब हो जाती है.लेकिन क्या डायबिटीज के मरीजों को किसी भी तरह की शुगर को लेने से बचना चाहिए?

ज्यादातर लोग, चाहे उन्हें डायबिटीज टाइप 2 है या नहीं, प्राकृतिक स्वीटनर की तरफ सेहतमंद रहने की खातिर रुख कर रहे हैं. गुड़ और शहद को ज्यादा सेहतमंद इसलिए कहा जाता है क्योंकि शुगर के तौर पर प्रोसेस्सड नहीं किया जाता है और कम रसायन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके मुकाबले, ब्राउन और व्हाइट शुगर, गुड़ और शहद बेहतर स्वास्थ्य के विकल्प माने जाते हैं.

डायबिटीज के मरीजों को मीठा से जहां तक संभव हो सके दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रह सके. ऐसा इसलिए क्योंकि इस्तेमाल किए जानेवाले फूड आम तौर से कार्बोहाइड्रेट्स और प्राकृतिक शुगर से भरपूर होते हैं.

थायरॉयड ग्लैंड मूड को नियंत्रित करने में बेहद कारगर हैं विटामिन बी 12 से भरपूर ये फ़ूड

यदि आपका मूड बेकार है तो ओट्स को दूध, शहद व किशमिश के साथ खाने से अपने आप अच्छा हो जाता है. ओट्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने की क्षमता होती है, जिससे रक्त प्रवाह सुधरता है. इसमें उपस्थित मिनिरल, सेलेनियम भी थायरॉयड ग्लैंड मूड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

अंडा
अंडे में उपस्थित लेसिथिन मूड को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें उपस्थित कोलीन पोषक तत्व से भरपूर होता है, जिसके सेवन से मूड अच्छा होता है. शरीर को आराम भी महसूस होता है. विटामिन बी 12 से भरपूर होने से डिप्रेशन भी नहीं होता है.

मछली
मूड अच्छा करने के लिए मछली का सेवन बहुत फायदेमंद है. इसमें विटामिन डी व ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाते हैं.

कॉफी
कैफीन के सेवन से अच्छा महसूस होता है. कैफीन भरी एक कप कॉफी के साथ दिन की आरंभ मूड पर प्रभाव डालती है. हालांकि, इसका सेवन नियंत्रित रूप से करें नहीं तो लत जल्दी लग जाती है. ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.

अगर आप भी खाना खाने के तुरंत बाद पीते हैं पानी तो जान ले इसके कुछ नुक्सान

अक्सर मां या किसी दूसरे बड़े ने आपको उस समय पक्का टोका होगा जब आप खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी रहे होंगे… ऐसा अक्सर सुना तो होता है, लेकिन इसे मानने में दिक्कत होती है. अक्सर हम सामने वाले से पूछ लेते हैं कि क्यों नहीं पीना चाहिए. अगर तो सामने वाला ईमानदार है तो वह साफ कह देगा कि उसे नहीं पता, और अगर पता ही नहीं है तो वह अपने सुने-सुनाए बेतुके से जवाब आपको देगा…

तो अगर आप भी आज तक इस सवाल का जवाब नहीं पा सके हैं कि आखिर खाने के तुरंत बाद पानी क्यों नहीं पीना चाहिए, तो चलिए हम आपको बताते हैं-जो भी आप खाते हैं उसे पचने में तकरीबन 2 घंटे का समय लगता है.

खाने के बाद जब आप पानी पी लेते हैं तो खाने को पेट से आंत तक जितने समय में जाना चाहिए, उससे कम समय में वह आंत तक पहुंच जाता है. ऐसा होने पर शरीर को भोजन में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।

खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पेट में मौजूद खाना पचने की जगह खराब होने लगता है जिससे गैस बनने लगता है. अगर आप तला और मसालेदार खाना खाते हैं तो आपको एसिडिटी भी हो जाती है. खाने के बीच पानी पीने से एसिडिटी और ज्यादा बढ़ जाती है.

पेटदर्द और पाचन संबंधित प्राॅब्लम्स को जड़ से दूर करेगा कच्चा पपीता, देखिए यहाँ

कच्चे पपीते में विटामिन ई, सी व ए के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट, फीटोन्यूट्रिएंट्स व अन्य पोषक तत्व पाये जाते हैं, जो कैंसर को समाप्त करते हैं।हम आपको बताते हैं कच्चा पपीता खाने के तमाम फायदे।

पके पपीते की भांति ही कच्चा पपीता का सेवन भी पेट के रोगों में बेहद लाभप्रद है। ये गैस, पेटदर्द और पाचन की प्राॅब्लम्स में लाभप्रद है। और बेहतर पाचन तंत्र के लिए भी उपयोगी है। कच्चा पपीता गठिया और जोड़ों की प्राॅब्लम्स में लाभदायक होता है।

इसे ग्रीन टी के साथ उबालकर बनाई गई चाय का सेवन गठिया को ठीक करने में हेल्प करता है। कच्चा पपीता आपका वजन कम करने में बेहद सहायक साबित हो सकता है। जी हां, इसका नियमित सेवन तेजी से वसा को कम करने में सहायक है जिससे आपका वजन जल्दी कम होता है। मधुमेह के मरीजों के लिए भी कच्चे पपीते के फायदे कुछ कम नहीं हैं।

कच्चा पपीता गैस, पेट दर्द व पाचन की समस्याओं में लाभकारी होता है व बेहतर पाचन तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। आप सभी को बता दें कि इन सभी के अतिरिक्त कच्चा पपीता गठिया व जोड़ों की समस्याओं में लाभदायक होता है।

इन सभी के अतिरिक्त कच्चा पपीता यूरिन इंफेक्शन से बचाव व उसे अच्छा करने में बेहद लाभकारी माना जाता है। कच्चा पपीता पीलिया या लिवर संबंधी अन्य कोई भी समस्या में भी अच्छा होता है।केवल इतना ही नहीं डायबिटीज के लिए भी कच्चे पपीते के फायदे कुछ कम नहीं हैं व यह खून में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद करता है जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।

खानपान में नहीं बरती ये सावधानियां तो आप भी हो सकते हैं इनफर्टिलिटी का शिकार

खानपान में अत्यधिक ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट वाली चीजें लेने और तनाव से हाई कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, थायरॉइड की संभावना बढ़ती है. अल्कोहल और वायरल इंफेक्शन से भी डायबिटीज होती है. आयोडाइज्ड साल्ट की कमी से थायरॉइड की परेशानी होती है.

सुबह सूर्योदय से पहले जागें
सुबह छह से पहले उठने की आदत डालें. रात में दस बजे तक बिस्तर पर जाएं. दवाओं के साथ परहेज भी करें. नियमित व्यायाम करें. शारीरिक गतिविधि से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. इन बीमारियों में लाभ मिलता है.

इनफर्टिलिटी : वर्किंग कपल में परेशानी बढ़ी
हाल ही एक रिसर्च में पाया गया कि जो लोग पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें स्पर्म काउंट कम होता है. वर्किंग कपल में तनाव और प्रदूषण से भी फर्टिलिटी कम होती है. पुरुषों में टाइट अंडरगारमेंट, स्मोकिंग, अल्कोहल कारण है. खुश रखें. हफ्ते में एक दिन आउटिंग पर जाएं. चाइनीज और जंक फूड में पाया जाने वाला मोनो सोडियम ग्लूटामेट स्पर्म काउंट घटाता है.

जागरूक रहें
महिलाओं में हाइपो थायरॉइड,पीसीओडी और पुरुषों में मम्स इन्फेक्शन से स्पर्म बनने में परेशानी होती है. शीघ्रपतन भी प्रमुख कारण है. ज्यादा चिकनाई वाली चीजें न लें.

यदि आप भी मुँह की गंदी दुर्गंध के कारण होते हैं शर्मिंदा तो आजमाएं ये सरल नुस्खे

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

गन्ने के रस का सेवन आपको गर्मी के दुष्प्रभाव से बचाकर सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही इन दिनों में होने वाली डि‍हाइड्रेशन की समस्या से निजात दिलाकर शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

देर रात तक जागना आपकी सेहत के लिए हैं बेहद हानिकारक, देखिए यहाँ

पेट से संबंधित कई तरह की समस्याओं में पेट में गैसबनना एक आम समस्या है। छोटी उम्र से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, हर उम्र के व्यक्ति को कभी न कभी इस समस्या का सामना करना पड़ा है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक भोजन करना, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा भोजन करना, ऐसा भोजन करना जो पचने में कठि‍न हो, शराब पीना, कुछ बीमारियों व दवाओं के सेवन के कारण भी पेट में गैस सकती है।

देर रात तक जागना
अगर आपकी देर रात तक जागने की आदत है तो सबसे पहले अपनी इस आदत को अवश्य बदल लें। क्योंकि देर रात तक जागने से इनडाइजेशन की प्रॉबल्म पैदा होती हैं, जिससे कि पेट में बहुत गैस बनने लगती है।

जल्दबाजी में न खाएं
कई लोग ऐसे होते हैं जो खाना बहुत जल्दबाजी में खा लेते है और जल्दबाजी में खाया हुआ खाना वे अच्छे से चबा भी नहीं पाते। इससे खाना डाइजेस्ट होने में समय लगाता है और पेट में एसिड बनना शुरू हो जाता है, जिससे कि पेट में गैस की गंभीर समस्या पैदा होने लगती हैं।

लगातार बैठे न रहे
कई बार क्या होता है कि लोग खाना खाने के बाद एक जगह टीक कर ही बैठे रहते हैं जिससे खाना सही तरीके से डाइजेस्ट नहीं हो पाता और फिर गैस की प्रॉबल्म भी बनने लगती हैं।