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हेल्थ

कैंसर जैसे भयानक रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता हैं सेब

सेब रेशेदार फलो में से है जिसका स्वाद मीठा होता है और साथ शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। सेब को सलाद या सीधे काटकर ही खाया जा सकता है। रेशेदार फल होने की वजह यह फाइबर से भरपूर होता है। कहा जाता है की रोज़ एक सेब खाए और डॉक्टर से रहे दूर। रोजाना एक सेव खाने से तमाम बीमारियों से दूरी बनायी जा सकती है। तो आइये जानते है इसके सेवन होने वाले फायदों के बारे में…

* एक शोध में पाया गया है कि प्रतिदिन सेब का जूस पीने से अल्जाइमर की समस्या से जीवनभर बचा जा सकता है। सेब के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाओं की रक्षा होती है, जिससे अल्जाइम होने का खतरा न के बराबर होता है।

लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुणों से भरपूर गुलाब के फूल आपको दिलाएंगे ये सभी फायदें

गुलाब के फूल की खुशबू बहुत लुभावनी होती है जो हर किसी को अपने वश में कर लेती है.गुलाब के फूल में भरपूर मात्रा में  एंटीसेप्टिक और एंटीफंगल गुण मौजूद होते है.इसके अलावा इसमें लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुणों की भी भरमार होती है.

लैक्सेटिव और ड्यूरेटिक गुणों से भरपूर होने के कारन यह हमारी बॉडी के मेटाबॉलिज्म लेवल को कण्ट्रोल में रखता है और पेट के टॉक्सिन हटाता है. बॉडी में मेटाबॉलिज्म तेज होने के कारण बॉडी में कैलोरी लॉस बहुत तेजी के साथ होता है और जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है.

वजन कम करने के लिए गुलाब की कुछ पंखुड़ियां लेकर उनको अच्छे से साफ कर लें.अब इनको एक ग्लास पानी में डालकर अच्छे से उबालें. इन पंखुड़ियों को तब तक उबाले जब तक  पानी का रंग भूरा और गुलाबी न लगने लगे.

इसमें थोड़ा सा  इलायची पाउडर और शहद मिला दे. अब इसे छान ले.थोड़ा ठंडा होने पर इसका सेवन  चाय की तरह दिन में कम से कम दो बार लें.गुलाब के पानी के सेवन से वजन तो कम होता है साथ ही इसका अरोमा थकान और तनाव से भी आराम दिलाता है.जिससे  मूड भी अच्छा हो जाता है.

महिलाओं के लिए डाइट में आखिर कौन-कौन से विटामिन्स हैं जरुरी, देखिए यहाँ

वर्किंग वुमन हो या हाउसवाइफ, महिलाओं को सुबह से लेकर शाम तक काम करना पड़ता है। दिनभर काम के चक्कर में महिलाएं अपनी सेहत को लेकर लापरवाह हो जाती है।

कुछ महिलाओं तो अपने खान-पान का भी ध्यान नहीं रखती, जिसके कारण उनके शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है। विटामिन्स की कमी से न सिर्फ शरीर में कमजोरी आती है बल्कि इससे दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम बताएंगे कि महिलाओं के लिए कौन-कौन से विटामिन्स जरूरी है और इनकी

1. विटामिन सी
विटामिन सी महिलाओं को हार्ट प्रॉब्लम से दूर रखने का काम करता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में आंवला, संतरा, नींबू, हरी मिर्च, कीवी, अंगूर, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, पपीता, आलू और टमाटर को शामिल करें।

छुहारा और शहद का सेवन करने से होने वाले इन फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे आप

शहद और छुहारे के सेवन  से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। खासतौर पर इसके सेवन से शारीरिक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। शहद कई तरह के विटामिंस और खनिजों जैसे- फ्रक्टोज, नायसिन, कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी-6, विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम इत्यादि से भरपूर है।

वहीं, छुहारा भी कई पोषक तत्वों जैसे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम इत्यादि से भरपूर होता है। ऐसे में दोनों का मिश्रण हमारे स्वास्थ्य के लिए और अधिक लाभकारी हो सकते हैं।

छुहारा और शहद खाने के फायदे 

छुहारा और शहद का एक साथ सेवन करने से स्मरण शक्ति और शारीरिक ताकत बढ़ती है। इसके अलावा इसके सेवन से शरीर को कई अन्य लाभ होते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में-

1. ताकत बढ़ाने में मददगार

छुहारा और करने से शारीरिक ताकत बढ़ती है। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे हमारे शरीर को भरपूर रूप से ताकत मिल सकती है।

2. कामोत्तेजना बढ़ाए

छुहारा और शहद का सेवन नियमित रूप से करने से कामोत्तेजना बढ़ाया जा सकता है, जो आपकी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर कर सकता है। इसके लिए 2 से 3 छुहारे को दूध में भिगोकर रात भर छोड़ दें। इसके बाद सुबह इस छुहारे से बीज निकाल लें।

3. भूख को बढ़ाए

छुहारे और शहद का सेवन करने से भूख में कमी की परेशानी को दूर किया जा सकता है। दरअसल, इन दोनों का मिश्रण आपके शरीर के मेटाबॉल्जिम रेट को बूस्ट करता है, जिससे भूख लगती है।

4. पुरुषों के लिए फायदेमंद

छुहारा और शहद का सेवन करने से पुरुषों में मर्दाना ताकत बढ़ती है। इससे उन्हें शारीरिक ताकत बढ़ती है, जिससे सेक्स लाइफ बेहतर होता है। साथ ही स्पर्म काउंट में भी बढ़ावा दिया जा सकता है।

 

लौंग का सेवन करने से आपको भी मिल सकता हैं इन सभी परेशानियों से निजात

मसाले खाने को स्वादिष्ट बनाने के ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़ीं कई परेशानियों को भी ठीक करते हैं। जैसे, लौंग का इस्तेमाल खाने के साथ चाय को स्वादिष्ट बनाने में भी किया जाता है। लौंग के कई फायदे हैं।

दांत दर्द में राहत – लौंग खाने से दांत का दर्द ठीक होता है। लौंग में दर्द को शांत करने वाले गुण पाए जाते हैं। ऐसे में अगर आपके दांत में दर्द हो तो लौंग को अपने दांत के बीच में दबाकर रखें।

इंफेक्शन को दूर करता है – लौंग में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। जिसका मतलब है कि यह बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीवों से होने वाले संक्रमण से बचाव प्रदान कर सकता है। स्किन पर कहीं इंफेक्शन होने पर गुस जगह पर लौंग का पेस्ट लगाने की सलाह दी जाती है।

पिंपल्स को ठीक करने में कारगर – आपको अगर ऑयली स्किन की वजह से चेहरे पर पिंपल्स हो जाते हैं, तो आपको लौंग का पेस्ट एलोवेरा जेल में डालकर पिंपल्स पे लगाना चाहिए। इससे पिंपल्स ठीक हो जाते हैं।

मुंह की बदबू को दूर करें – आपके मुंह से अगर सुबह उठने पर बदबू आती है या मसूड़ों में दर्द रहता है, तो आप रोजाना एक लौंग को अपने मुंह में दबा लें, इससे धीरे-धीरे मुंह से बदबू आनी बन्द हो जाएगी।

 

 

कच्चा प्याज खाने के यदि आप भी हैं शौकीन तो आपको भी हो सकती हैं साल्मोनेला की बीमारी

अगर आप भी कच्चा प्याज खाने के शौकीन हैं और सलाद में खीरा, टमाटर के साथ प्याज काटना बिल्कुल नहीं भूलते तो अगली बार ऐसा करने से पहले थोड़ा सतर्क हो जाएं। जी हां, अमेरिका में इन दिनों साल्मोनेला के कीटाणु से होने वाले रोगों का खतरा बढ़ गया है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने इसके लिए कच्ची प्याज में पाए जाने वाले साल्मोनेला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि लाल, सफेद और पीले रंग की प्याज इस प्रकोप के लिए दोषी है। आइए जानते हैं आखिर क्या है साल्मोनेला, इसके लक्षण,बचाव के उपाय और यह कैसे आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

क्या है साल्मोनेला? – साल्मोनेला बैक्टिरिया के ग्रुप का नाम है, जो आपकी आंतों को प्रभावित करती है। यह एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो भोजन से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। इस बैक्टीरिया से दूषित खाद्य पदार्थ खाने से व्यक्ति की आंतें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं, जिससे पेट से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।बैक्टीरिया की वजह से होने वाली बीमारियों को साल्मोनेलोसिस कहा जाता है।

साल्मोनेला बैक्टीरिया के लक्षण- साल्मोनेला बैक्टीरिया के लक्षण कुछ घंटे या फिर 2 से 3 दिन के भीतर नजर आ सकते हैं। इसमें व्यक्ति को पेट में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द , मल में खून आना शामिल है।

साल्मोनेला बैक्टिरिया के साइडइफेक्ट्स- टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली खतरनाक बीमारी है। अगर यह बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में पहुंच गए, तो निश्चित तौर पर यह मास्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के ऊतकों, हार्ट, बोन, बोन मैरो और ब्लड वेसेल्स की लाइनिंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा साल्मोनेला में व्यक्ति को कई महीनों तक जोड़ों में दर्द भी महसूस हो सकता है।

साल्मोनेला बैक्टीरिया का इलाज- साल्मोनेला बैक्टीरिया में उलटी और डायरिया की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यही वजह है कि इस इन्फेक्शन से पीड़ित रोगी को ग्लूकोज़ चढ़ाने के साथ तरल पदार्थ और इलेकट्रोलाइट दिए जाते हैं।जिसके बचाव के लिए डॉक्टर रोगी को एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं।

सिर दर्द से मुक्ति पाने के लिए घर पर रहकर ही आजमाएं ये नुस्खे व पाए इससे निजात

आज कल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सिरदर्द की परेशानी तेजी से बढ़ती जा रही रही है। समय असमय कभी भी सिरदर्द का अचानक उठना परेशानी का बड़ा कारण बन रहा है। अक्सर हर दूसरे दिन किसी न किसी कारण से आमतौर पर लोगों के सिर में तेज दर्द हो जाता है? अगर वाकई आप हर रोज ही सिरदर्द की समस्या से जूझ रहे हैं तो साफ है कि समय रहते इससे निजात पाया जाना बेहद जरूरी है।

सिरदर्द हर किसी ने अंदर अलग अलग तरीके से होता है, कभी आधे सिर में दर्द, कभी पूरे सिर में दर्द, कभी केवल माथे में दर्द होता है। लेकिन इतना साफ है कि ये दर्द आपके सिर के किसी भी हिस्से में हो लेकिन इस दर्द के साथ कुछ भी कर पाना आसान नहीं होता है।

अदरक और दालचीनी
अगर कभी अचानक आपको सिर दर्द में दर्द उठता है तो आप घर पर रहकर ही ये नुस्खा आजमा सकते हैं. आपको केवल अदरक और दालचीनी लेना है दोनों को पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लेना है, इसके बाद अच्छी तरह से उबल जाने के बाद उसमें थोड़ा सा गुड़ मिला लें। फिर जब गुड़ मिस्क हो जाए तो इस मिश्रण को धीरे धीरे पी लीजिए।

खास मुद्रा से मिलेगा आराम
सिर दर्द से मुक्ति पाने के लिए आप एक खास मुद्रा को अपना सकते हैं। आपको बस अपनी छोटी अंगुली यानी की अनामिका को अपने अंगूठे से कुछ देर के लिए दबाए रखना है, इसके साथ ही आपको अनामिका को दबाने के साथ-साथ हल्का सा रगड़ना भी है। कहते हैं इसको करने से आपको खासा आराम मिलेगा।

सांस लेने के तरीके से दूर करें सिर का दर्द
अगर आपके सिर को दर्द को किसी भी तरीके से आराम नहीं मिल पा रहा है तो संभव हो तो ध्यान मुद्रा में सीधे बैठ जाएं। फिर आपको केवल 10-15 मिनट के लिए केवल सांस लेना औऱ छोड़ना हैं।

लगातार 2 घंटे तक स्क्रीन को देखने से आपकी आंखों को हो सकते हैं ये सभी समस्याएँ

कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी आदि का आज के वक्त में हर कोई काफी देर तक यूज करता रहता है। ज्यादा देर तक इन चीजों को देखते-देखते कम उम्र में ही आंखों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अगर आप लगातार 2 घंटे तक स्क्रीन को देख रहे हैं तो ये आपकी आंखों के लिए हानिकारक है। इन दिनों कोविड के बाद से बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन हो रही है, जिससे बच्चों को भी आंखों में परेशानियां हो रही हैं। हमारे शरीर और दिमाग को वक्त वक्त पर आराम चाहिए होता है, वैसे ही आंखों को भी रेस्ट की जरुरत होती है।

ऐसे में आंखों को रेस्ट देने के साथ ही डाइट ऐसी होनी चाहिए, जो आंखों को स्वस्थ रखें, जिससे रोशनी बढ़े औऱ फुल पोषण मिले।

आंखों को स्वस्थ रखने वाले फूड्स 
1- अगर आप भी लंबे समय तक अपनी आंखों को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इसके लिए रोशनी आदि बढ़ाने के लिए प्रतिदिन शहद का सेवन करना चाहिए, आंखों के लिए शहद एक नेचुरल स्वीटनर है। इसको खाने से लाभ प्रदान होगा।

2- नारियल या तिल के तेल से पैरों के तलवों में हल्के हाथों से रोज मालिक करें इससे आपकी आंखों को लाभ होता है और रोशनी पर भी अच्छा असर पड़ता है।

3- खाने में ज्यादा ये ज्यादा प्रोटीन से भरपूर चीजों को शामिल करें। दाल, अंडा का सेवन करें. मूंग दाल का सेवन काफी लाभदायक होता है क्योंकि यह आंखों की रोशनी को बढ़ा सकती है। इसके साथ ही हरी पत्तियों और सलाद को खाएं, इससे शरीर में आयरन की कमी दूर होती है।

4-आंवला आंखों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है, अगर आप आंवला खाते हैं तो आपकी आंखें अच्छी बनी रहती हैं.सुबह खाली पेट आंवले का रस पिएं। इसके साथ ही आंवले का मुरब्बे का भी सेवन कर सकते हैं।

5- आपको बता दें कि गाजर भी आंखों के लिए लाभदायक होती है क्योंकि इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन (Beta Carotene) आंखों को स्वस्थ रखती है। आप गाजर का खाली पेट जूस पिएं, जिससे आंखों की कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं। इसके अलाव बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स भी भी डाइट में शामिल करें।

टीबी लक्षण और इस बचाव के लिए आजमाएँ ये उपचार, जल्द मिलेगा निजात

बिना पोषण का आहार केवल पेट ही नहीं भरता बल्कि कई बीमारियों का कारण बनने वाले जीवाणु तथा कीटाणु भी हमारे शरीर में भरता है और शरीर को कमजोर बनाता है। ज्यादातर मरीज बीमारी के इलाज के लिए दवाइयां खाते हैं लेकिन आहार में सही बदलाव नहीं करते जिस कारण शरीर और भी तेज़ी से कमजोर पड़ने लगता है तथा इसकी वजह से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम या खत्म होने लगती है, जिससे फेफड़े कमजोर होना शुरू हो जाते है।

(टीबी) के लक्षण-
1. तीन हफ़्तों से जयादा तथा लगातार खांसी का बना रहना।
2. खांसी के साथ साथ बुखार का आना तथा ठण्ड लगना ।
3. सीने में दर्द होना तथा खांसी आते समय अधिक दर्द होना।
4. कमजोरी तथा थकाबट।
5. भूख न लगना तथा वजन का कम होना।
6. रात में तथा सोते समय अधिक पसीना आना।

उपचार तथा देखभाल-
चूंकि क्षय रोग (टीबी) श्व्सन सम्बन्धी रोग है जिस कारण यह शरीर के अन्य हिस्से जैसे की हड्डिया, मष्तिष्क, पेट, पाचन तंत्र, किडनी तथा लिवर को संक्रमित कर सकता है। इस रोग का इलाज डॉक्टर तथा डाइइटीशियन की सलाह तथा सुझाव के साथ महीनो तक तथा लगातार चलने वाला इलाज है। टीबी के इलाज के दौरान कई प्रकार की एंटीबायोटिक दवाये मरीज को दी जाती है जो की माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु को नष्ट तथा नियंत्रित करती है।

 

Kasuri methi त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं से आपको दिलाएगी निजात

कसूरी मेथी (Kasuri methi) एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आयुर्वेद में भी कसूरी मेथी (Dried fenugreek leaves) को औषधि माना गया है और इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन-सी होता है जो शरीर को कई प्रकार के इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होता है जो त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए एक बेहतर विकल्प है।

जिन लोगों के पेट में इंफेक्शन रहता है, उन्हें हर दिन कसूरी मेथी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, कसूरी मेथी का रोजाना सेवन करने से दिल, गैस्ट्रिक और आंतों की समस्या नहीं होती है। अगर पेट की समस्या है, तो पत्तियों को सुखाकर पीस लें और इसमें कुछ बूंदें नींबू की मिलाएं। इसके बाद इसे उबले पानी के साथ लें।

भारत में हर 4 में से 3 महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए मेथी का सेवन करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए, यदि एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो आहार में मेथी के पत्तों को जरूर शामिल करना चाहिए।

कसूरी मेथी के पत्तों को चबाकर बहुत ही कम समय के अंदर वजन को कम कर सकते हैं। इसका खाली पेट सेवन करें। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर से पेट जल्दी भर जाता है और बार-बार भूख नहीं लगती है।