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हेल्थ

रोटी बनाते समय गेहूं के आटे में मिलाएं ये सभी चीजें जिससे शरीर को होगा लाभ

न्यूट्रीशनिस्ट एंड डाइटीशियन के अनुसार एक भारतीय थाली में गेहूं की रोटी, चावल, दाल, सब्जी, चटनी, रायता (दही) पापड़ आदि होने चाहिए.

रोटी बनाने के लिए सिर्फ गेहूं ही नहीं बल्कि कभी मक्का, बाजरा, रागी या कई प्रकार के मिले-जुले अनाजों का आटा इस्तेमाल करें. मक्खन या शुद्ध घी लगी हुई गेहूं की गर्म रोटी या परांठे, ब्रेड या अन्य विकल्पों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक हैं.

हल्की मोटी पिसाई वाला, चोकरयुक्त, ऑर्गेनिक और हल्का भूरा दिखने वाला आटा चुनें. इसमें फाइबर, विटामिन-बी, कैल्शियम, आयरन  जिंक ज्यादा होते हैं जिससे बनी रोटी को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए.

रोटी  सब्जी का अनुपात 1:2 रखें ताकि फाइबर के अतिरिक्त प्रोटीन और मिनरल भी मिलते रहें. मिक्स या भिन्न-भिन्न दाल  धनिया, पुदीना या टमाटर की चटनी के अतिरिक्तदही खाएं जो एक अच्छा प्रोबायोटिक है.

किशमिश का पानी आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में हैं फायदेमंद

किशमिश सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है ये हर कोई जानता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको बता दें, इसका पानी इससे भी ज्यादा लाभकारी होता है.

पीने से कई बीमारियां दूर होती हैं. लगभग एक मुठ्ठी किशमिश धोकर रातभर भिगोकर रख दें. सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं और किशमिश को चबाकर खा लें. इसी के साथ जानें इसके फायदे.

* किशमिश का पानी आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. ये खाना को पचाने में मदद करता है. इसलिए आपको कब्ज या गैस जैसी परेशानी नहीं होती है.

* इसमें मौजूद एंटीबैक्टिरिअल प्रोपर्टी मुंह से आने वाली बदबू को दूर करती है. इतना ही नहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम से हड्डियां भी मजबूत होती हैं और आयरन एनीमिया से बचाता है.

* ये आपके लीवर को साफ करने का अचूक उपाय है. ये लीवर से गंदगी निकालकर इसे स्वस्थ रखता है और आपको इसकी खराबी से होने वाली बीमारियों से दूर रखता है.

अधिक मात्रा में नींद लेना भी आपकी सेहत पर डाल सकता हैं बुरा असर

अगर आप अधिक मात्रा में नींद लेते हैं तो आपको मोटापा जैसे गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ेगा इसका प्रमुख कारण है कि जब आप कुछ भी खाना खाते हैं और अधिक मात्रा में नहीं लेते हैं साथ में आपका शरीर का वजन भी बढ़ जाता है इसलिए आप अधिक मात्रा में नींद का ना लें नहीं तो आपको इसको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

जैसा कि आमतौर पर आपने देखा होगा कि जब आप अधिक मात्रा में और देर तक सो कर उठे हैं तो आपके सिर में दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न जाती है  तो आपके शरीर में हार्मोन संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण आप के मस्तिक में जो हारमोंस का प्रभाव है .

वह रुक जाता है और आपको सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है  आप अधिक मात्रा में नींद ना ले नहीं तो आपको सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

आप जब अधिक मात्रा में नींद लेते हैं तो आपको कमर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इसका प्रमुख का न्याय की जब आप अधिक देर तक सोते हैं तो आपके मांसपेशियों में ऐंठन और अकड़न जैसी समस्या उत्पन्न जाती है

जिसके कारण आपका कमर बहुत ही बुरा से प्रभावित होता है और नसें आपकी दब जाती है इससे आपको काफी पीड़ा का अनुभव भी करना पड़ता है इसलिए आप अधिक मात्रा में नींद ना ले। नहीं तो आपको कमर दर्द जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ेगा।

रोजाना मोमोस का सेवन करने से कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों का आप भी हो सकते हैं शिकार

 भारतीयों पर मोमोज जैसे चाइनीज फूड का क्रेज काफी चढ़ गया है. इंडिया में लोग चिकन या वेज के अलावा तंदूरी और फ्राइड मोमोज को बड़े शौक से खाते हैं. इसे यंग जनरेशन का फेवरेट स्नैक तक माना जाता है.
फूड्स स्टॉल्स पर यंग पीपल की भीड़ नजर आती है. पर क्या आप जानते हैं कि टेस्ट में लाजवाब इस फेवरेट फूड से कैंसर तक का खतरा बना रहता है. अगर मोमोज को हद से ज्यादा खाया जाए तो ऐसे में कैंसर, डायबिटीज या दूसरी बीमारियों का शिकार बनना तय है. जानें मोमोज को गलत तरीके से खाने पर कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं.
केमिकल सीधे पेनक्रियाज को प्रभावित करता है और इससे इंसुलिन हार्मोन रिलीज होने लगते हैं. ऐसे में शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है और ऐसे में हम डायबिटीज के मरीज बन सकते हैं.

फाइबर की कमी होने के चलते आपको कब्ज रहने लगती है और एक समय पर पाइल्स यानी बवासीर की समस्या हो जाती है.  ये किसी बडे़ खतरे से कम नहीं है.  मोमोज के साथ खाई जाने वाली स्पाइसी चटनी से हाई बीपी की प्रॉब्लम भी हो सकती है. टेस्ट न होने के बावजूद लोग इसे बड़े शौक से खाते हैं.

आपके लिवर को प्रभावित कर सकती हैं ये चीजें, डाइट में सोच समझकर करें शामिल

ज का खाना आपके लिवर को बहुत जल्दी खराब कर रहा है। अगर आप इसे खाना बंद नहीं करते हैं जो शरीर में 500 से अधिक कार्य करता है।आज हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो आपके लिवर को ज्यादा प्रभावित करती हैं।

अपने लीवर को लंबे समय तक चलने में मदद करने के लिए आज से ही इन चीजों का सेवन बंद कर दें।लीवर से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि अगर इस बीमारी को नजरअंदाज किया गया तो आगे चलकर यह बीमारी एक बड़ा रूप ले लेगी और फिर आपके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। अगर लीवर से जुड़ी कोई बीमारी है तो उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।

जो लोग कैंडी, कुकीज, सोडा और फलों के रस जैसी मीठी चीजों का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें लिवर की समस्या होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उच्च चीनी सामग्री वाले फलों में लिवर की चर्बी बढ़ जाती है।

50 से अधिक उम्र की महिलाओं को हृदय रोग से बचने के लिए करना चाहिए ये…

जीवन की उच्च गुणवत्ता बनाए रखने और बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए 50 के बाद स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है। 50 वर्ष की आयु के बाद, शरीर में परिवर्तन होते हैं  जैसे मांसपेशियों का द्रव्यमान, कमजोर हड्डियां और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।

50 से अधिक उम्र की महिलाओं को हृदय रोग, स्ट्रोक, टाइप 2 मधुमेह और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। नीचे बताए गए तीन नियमों का पालन करें और हमेशा स्वस्थ रहें।

स्वस्थ आहार: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर को कम कैलोरी की आवश्यकता होती है, लेकिन फिर भी हमें पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार की आवश्यकता होती है।  प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, शर्करा युक्त पेय और संतृप्त वसा का सेवन सीमित करें। आप अपने लिए आहार योजना बनाने के लिए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं।

नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है, साथ ही हृदय रोग और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। घंटा व्यायाम करने का लक्ष्य रखें। कोई भी नया व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

कोल्ड थेरेपी के फायदे नहीं जानते होंगे आप, यहाँ डालिए एक नजर

 ठंडे पानी में कुछ देर बैठने से भी शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाए जा सकते हैं. यहां हम कोल्ड इम्मर्सन की बात कर रहे हैं जिसे कोल्ड थेरेपी या क्रायोथेरेपी के रूप में भी जाना जाता है.
हेल्थ बेनिफिट्स के चलते लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुई है.  कोल्ड शॉवर्स, आई बाथ और दूसरे तरीकों को शामिल किया जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको कोल्ड थेरेपी क्या होती है, इसके फायदे क्या है और इसके कुछ रिस्क के बारे में बताने जा रहे हैं. जानिए.

कोल्ड थेरेपी क्या होती है कोल्ड थेरेपी में हमें ठंडे पानी के अंदर बैठना होता है जिसका तापमान करीब-करीब 60 डिग्री फारेनाइट होता है. इस तापमान को हम 50 डिग्री फारेनाइट तक भी रख सकते हैं.

इसके अलावा शरीर में कहीं अगर सूजन है तो उसे कम किया जा सकता है  एनर्जी को बूस्ट तक किया जा सकता है. स्किन पर रेडनेस हो सकती है और इस प्रॉब्लम को दूर होने में समय लग सकता है. लोगों को इस थेरेपी की वजह से दर्द या सूजन हो सकती है और अगर ये समस्या 48 घंटे में कम न हो तो डॉक्टर से कांटेक्ट करना चाहिए.

स्किन, हेयर, एंटी एजिंग, ब्लड शुगर जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा मखाना

खाना एक सुपरफूड है क्योंकि इसमें कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल कम होता है और कैल्शियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर होता है. इस सुपरफूड को फ्राई करके एक हेल्दी स्नैक के रूप में खाया जा सकता है.
मखाने को खाने का सही तरीका क्या है और अगर इसे ज्यादा खाया जाए तो शरीर को कौन से नुकसान झेलने पड़ते हैं. एक दिन में कितने मखाने खाने चाहिए मखाना से वेट लॉस, स्किन, हेयर, एंटी एजिंग, ब्लड शुगर और पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने जैसे फायदे मिलते हैं.

घी में रोस्ट किए हुए मखाने स्वाद में लाजवाब लगते हैं पर इन्हें हद से ज्यादा खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. ज्यादा मखाना खाने के नुकसान पथरी की समस्या: मखाना कैल्शियम का बेस्ट सोर्स है .

मखाना खाने के बाद आपको स्किन में एलर्जी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. कब्ज की दिक्कत: अगर आपको लगता है कि ज्यादा से ज्यादा मखाना खाने से आप हेल्दी रह सकते हैं तो ये आपकी एक भूल है.

गर्मी के दिनों में कूल और फ्रेश रहने में मदद करेंगे ये ड्रिंक्स

भारत के कई राज्यों में गर्मी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। ऐसे में कूल रहना बहुत जरूरी है। चिलचिलाती गर्मी हमारे शरीर पर अपना असर डाल सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन, थकावट और हीट स्ट्रोक हो सकता हैआज हम आपको ऐसे पांच समर ड्रिंक्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको गर्मी के दिनों में कूल और फ्रेश रहने में मदद करेंगे।

नींबू पानी – नींबू पानी एक बेहतरीन समर ड्रिंक है  शरीर को तुरंत ताज़गी देता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

तरबूज़ का रस – तरबूज पानी की मात्रा से भरपूर और इलेक्ट्रोलाइट्स का एक बड़ा स्रोत है। तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।

नारियल पानी –नारियल पानी एक प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट पेय है । यह कैलोरी में कम, पोटेशियम से भरपूर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है।

आम पन्ना- आम पन्ना कच्चे आम से बना भारत का एक लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पेय है। यह विटामिन सी का एक उत्कृष्ट स्रोत है और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है।

 

विश्व होम्योपैथी दिवस पर जानिए आखिर ये कैसे हैं आपके लिए फायदेमंद

‘होम्योपैथी’ के जनक माने जाने वाले जर्मन मूल के डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को दुनियाभर में ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ मनाया जाता है.

डॉ. हैनीमैन जर्मनी के विख्यात डॉक्टर थे, जिनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को और निधन 2 जुलाई 1843 को हुआ था. डॉ. हैनीमैन चिकित्सक होने के साथ-साथ एक महान विद्वान, शोधकर्ता, भाषाविद् और उत्कृष्ट वैज्ञानिक भी थे.

उसके बाद उन्होंने अंग्रेजी, फ्रांसीसी, इतालवी, ग्रीक, लैटिन इत्यादि कई भाषाओं में चिकित्सा वैज्ञानिक पाठ्यपुस्तकों को सीखा. होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जो औषधियों तथा उनके अनुप्रयोग पर आधारित है.

देश में प्रतिवर्ष केंद्रीय आयुष मंत्रालय होम्योपैथी दिवस की थीम निर्धारित करता है थीम थी ‘होम्योपैथी: पीपुल्स च्वाइस फॉर वेलनेस’.भारत में होम्योपैथी सबसे लोकप्रिय चिकित्सा प्रणालियों में से एक है. मायनों में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति सस्ती कीमत पर चमत्कार करती है.