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हेल्थ

यदि आपको भी हैं भूलने की आदत हैं तो जल्द हो सकती हैं ये गंभीर बिमारी, शोध में हुआ खुलासा

बाइक की चाबी इधर-उधर रखने की आदत से परेशान हैं? बाद में चाबी खोजते समय पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं? अगर हां तो भूलने की इस बीमारी को हल्के में न लें। यह हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की निशानी हो सकती है। अमेरिका स्थित मेयो क्लीनिक का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।

इसमें स्मृति, ध्यान, मौखिक प्रवाह और एकाग्रता जैसी चीजें शामिल हैं। 120 mmHg-129 mmHg सिस्टोलिक (शीर्ष संख्या) या उच्चतर के उच्च रक्तचाप को उच्च माना जाता है। सिस्टोलिक दबाव 130 मिमी एचजी से अधिक है। डायस्टोलिक दबाव (कम संख्या) 80 मिमीएचजी या अधिक उच्च रक्तचाप माना जाता है।

यह स्थिति तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं पर भारी पड़ती है और वे दम तोड़ने लगती हैं। इससे न सिर्फ याददाश्त, बल्कि तर्क शक्ति और एक साथ कई काम निपटाने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है।

किसी भी उम्र में रक्तचाप के समान प्रभाव: ब्राजील में यूनिवर्सिड फेडरल डे मिनस गेरैस में मेडिसिन के प्रोफेसर और अध्ययन लेखक सैंडी एम। बरेटो ने कहा कि हमने शुरू में यह अनुमान लगाया था कि संज्ञानात्मक कार्यों पर उच्च रक्तचाप का नकारात्मक प्रभाव तब अधिक महत्वपूर्ण है, जब उच्च रक्तचाप कम उम्र में शुरू होता है, लेकिन हमारे परिणामों से पता चलता है कि संज्ञानात्मक प्रदर्शन में एक समान गिरावट तब देखी जाती है जब उच्च रक्तचाप मध्यम आयु या यहां तक ​​कि बड़ी उम्र में शुरू होता है।

सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर जैसी बिमारियों से आपको निजात दिलाएंगे ये सभी विटामिन

उत्तर पश्चिमी भारत में दिन-प्रतिदिन ठंड बढ़ती ही जा रही है। लगातार मौसम में गिरावट आने से लोगों को बहुत-सी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सर्द हवाओं के कारण 5 मे से 3 तीन लोग सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर, गला खराब, जोड़ो में दर्द, हाथों- पैरों में सूजन जैसी समस्याएं से ग्रस्त हो ही जाते हैं। इन बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए लोग बहुत सी दवाओं का सेवन करते हैं लेकिन कई बार इन से साइड- इफैक्ट भी हो जाता है।

सर्दियों का मौसम खाने के लिए सबसे बढ़िया मौसम होता है. इसलिए इस वक्त में हमें अपने खाने में घी, सरसों के तेल और नारियल तेल, मक्खन जैसे चीजों को शामिल करना चाहिए. चिकित्सक के अनुसार वसा ऊतकों के सबसे गहरे हिस्से द्वारा अवशोषित होती है, जो आपकी त्वचा को नमीयुक्त रखने और शुष्कता को रोकने में मदद करती है. इसके साथ ही सर्दियों में वसा की जरूरत विटामिन ए, ई, के और डी के अवशोषण के लिए भी होती है. ये सभी विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है.

यूं तो साबुत अनाज हर मौसम में ही सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि साबुत अनाज में कई सारे पोषक तत्व होते हैं. जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाते हैं. जई,जौ और मक्का जैसे अनाज ठंड के मौसम में आपके शरीर को गर्मी प्रदान करते है और स्वस्थ बनाते हैं. साबुत अनाज खाने से आपके शरीर को पूरे वर्ष में आसानी से जटिल कार्ब्स टूट सकते हैं.

बढ़ती उम्र में होने लगी हैं शरीर में कैल्शियम की कमी तो उसे ऐसे करें दूर

भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक पूरे दिन काम-काम। समय की इतनी कमी है कि जहां से समय बचाया जा सके लोग बचा लेते है और काम पर लगा देते है। ऐसे में लोग जिंदगी की सबसे जरूरी चीज यानी की शरीर का ध्यान रखना भूल चुके है।

आज लोगों के पास अच्छा खाना खाने तक का टाइम नहीं है, ऑफिस से आने के बाद खाना कौन बनाए, चलो फास्ट फूड खा लिया जाए। दिन में ऑफिस में कई लोग खाना लेकर नहीं जाते, वहीं कुछ बाहर का खाना खा लेते है। पहले बचपन में हमें दूध पीने के लिए कहा जाता था ताकि हड्डियां मजबूत रहे। आज किसी के पास समय ही नहीं है।

ऐसे में शरीर कमजोर पड़ रहा है, शरीर में कैल्शियम की कमी आम सी हो गई है। लोग पहले समझते नहीं लेकिन जब उम्र बढ़ती है तो परेशानियां भी बढ़ती है। तब कुछ काम नहीं आता। अब कुछ लोग कहेंगे कि हमें कैल्शियम की कमी नहीं है लेकिन आप को हो सकती है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे आसान तरीके जिनके जरिए आप जान सकते है कि आपको कैल्शियम की कमी है या नहीं।

दांत में दर्द : हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दांतों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है। यानी की अगर आपको लगातार दांतों में दर्द है तो समझ जाए कि शरीर में कैल्शियम की कमी है।

मसल क्रैम्प : अगर आपको आए दिन मसल क्रैम्प का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हैं। डॉक्टर से संपर्क करे।

एम्यूनिटी में कमी : कैल्शियम सेहतमंद रोग प्रतिरोधक क्षमता बना के रखता है। अगर आप जल्दी बीमार पढ़ते है तो साफ है कि आपके कैल्शियम की कमी है।

नाड़ी की समस्याएं: कैल्शियम की कमी से न्योरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द होना, डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।

धड़कन: कैल्शियम दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है।

आपको ये खबर पढ़कर अगर लग रहा है कि आपको ये सब समस्या है तो देर ना करे और डॉक्टर को जरूर दिखाए। दूध पीए और डॉक्टर की सलाह पर अमल भी करे। जब जिंदगी रहेगी तभी तो काम करोगे जनाब।

एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर पालक आपको दिलाएगी ये सभी लाभ

सभी जानते हैं कि पालक में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारे हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पालक में पाए जाने वाले खनिजों की क्षारीयता शरीर में पीएच को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह आपको अच्छी मात्रा में प्रोटीन भी प्रदान करता है। आईए जानते हैं इसके अनेकों फायदे-

– गर्भवती महिला के लिए पालक किसी वरदान से कम नहीं है। उसमें सारे पोषक तत्व है, जो गर्भवती महिला के शरीर के लिए जरुरी होते है। इसके अलावा ये मां के शरीर में दूध को भी बढ़ाता है।

– अच्छी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाले फ्लैनोनोइड्स और कैरोटीनॉयड निहित होने की वजह से, पालक में उत्तम एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पालक में एक दर्जन से अधिक फ्लोवानोइड यौगिकों की पहचान की है, जो एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध हैं।

– अगर आपको त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है तो पालक का जूस पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। पालक का जूस पीने से त्वचा निखरी और जवान बनी रहती है। ये बालों के लिए भी अच्छा है।

– पालक का नियमित सेवन एनीमिया से बचाता है। यह आयरन का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। आयरन की जरूरत शरीर में ऊर्जा के लिए भी आवश्यक है क्योंकि यह हीमोग्लोबिन का एक कॉम्पोनेन्ट है, जो शरीर के सभी कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाता है।

विटामिन-सी से भरपूर ये फल आपको पेट की समस्याओं से दिलाएगा निजात

फल हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। फलों के लगातार सेवन से हमारे शरीर में विटामिन और आयरन की कमी दूर हो जाती है। सभी फलों में एक है मीठा अमरूद। यह आपके स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद है ही, सुंदरता के लिए भी इसके लाभ बेमिसाल हैं। अगर आप नहीं जानते तो जरूर जानिए अमरूद खाने के यह अनमोल फायदे –

– अमरूद में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। अन्य सिट्र‍िक फल जैसे संतरे की अपेक्षा अमरूद में चार गुना अधि‍क विटामिन सी होता है, जो आपकी सेहत के साथ-साथ सुंदरता के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

– रोजाना अमरूद खाना आपके रक्तचाप के संतुलन को बनाए रखता है, साथ ही आपकी त्वचा को झुर्रियों और अन्य समस्याओं से बचाकर आपको जवां बनाए रखने में मदद करता है।

– कब्जियत या पाचन संबंधी अन्य समस्याएं होने पर अमरूद खाना बेहद फायदेमंद है। यह आपके पाचन को बेहतर बनाएगा और पेट की गड़बड़ियों से निजात दिलाने में मदद भी करेगा।

– अगर आप रोजाना अमरूद का सेवन कर रहे हैं, तो आपके रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहेगा। इसके अलावा फाइबर से भरपूर अमरूद आपके शरीर में शर्करा के पाचन में सहायक होगा साथ ही इंसुलिन की मात्रा भी बढ़ाएगा।

– मोटापा और कोलेस्ट्रॉल कम करने में अमरूद खाना एक बेहतरीन उपाय है। जो आपको भरपूर ऊर्जा देने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और आपके वजन को कम करने में मदद करता है।

– अगर आपको थायरॉइड संबंधी समस्या है, तो आपके लिए सबसे बेहतरीन उपाय है अमरूद का सेवन। यह हार्मोन्स में संतुलन बनाए रखने में काफी मददगार होता है और थॉयरॉइड ग्रंथि‍ की समस्याओं में फायदेमंद है।

बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से भारी राहत प्रदान करती हैं अदरख की चाय

सर्दी-जुकाम की समस्या मौसम बदलने के साथ ही आम हो जाती है। हालांकि यह कोई गंभीर तो बीमारी नहीं है। लेकिन इसमें दवाइयों का असर भी कम होता है। इसके लिए सबसे अच्छा और घरेलू उपाय है देसी नुस्खों का इस्तेमाल।

अदरख के यूं तो तमाम फायदे हैं लेकिन अदरख की चाय सर्दी-जुकाम में भारी राहत प्रदान करती है। गर्म पानी या फिर गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से सर्दी जुकाम में तेजी से फायदा होता है।

नींबू और शहद के इस्तेमाल से सर्दी और जुकाम में फायदा होता है। दो चम्मच शहद में एक चम्मच नींबू का रस एक ग्लास गुनगुने पानी या फिर गर्म दूध में मिलाकर पीने से इसमें काफी लाभ होता है।

तुलसी और अदरख को सर्दी-जुकाम के लिए रामबाण माना जाता है। इसके सेवन से इसमें तुरंत राहत मिलती है। एक कप गर्म पानी में तुलसी की पांच-सात पत्तियां ले। उसमें अदरख के एक टुकड़े को भी डाल दे। उसे कुछ देर तक उबलने दे और उसका काढ़ा बना ले। जब पानी बिल्कुल आधा रह जाए तो इसे आप धीरे-धीरे पी ले। यह नुस्खा बच्चों के साथ बड़ों को भी सर्दी-जुकाम में राहत दिलाने के लिए असरदार होता है।

इम्युनिटी बूस्टर और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाती हैं ये चीज़, हेल्दी डाइट के लिए हैं फायदेमंद

मौजूदा वक्त में कोरोना महामारी के बीच स्वस्थ रहने के लिए हम लोग कई तरीके आजमा रहे हैं, जिसमें नियमित रूप से मल्टीविटामिन सी का सेवन, विटामिन सी युक्त फूड्स का अधिक सेवन आदि जैसी तरीके शामिल हैं।

लेकिन जब से देश अनलॉक हुआ है तब से फिर वही भागदौड़ भरी जिंदगी शुरू हो चुकी हैं और ऐसे में हेल्दी डाइट लेना बहुत सा मुश्किल हो गया है। हेल्दी डाइट न लेने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े-बुजुर्ग अक्सर हमें हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते हैं

अनिद्रा भगाए

भागती दौडती जिंदगी में अनिद्रा की समस्या ज्यादातर लोगों को है। लोग पैसा तो कमा लेते हैं पर इन दिनों नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। ऊपर से कोरोना के इस दौर में अनिद्रा की समस्या और बढ़ी है। लोगों में भय है, डर है, अपनों को खोने की चिंता है। खुद को भी बचाने की जद्दोजहद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुनगने पानी के साथ हल्दी पीने से आपकी नींद की समस्या भी खत्म होती है।

इम्युनिटी बूस्टर

होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षणता को बढाने में मदद करता है। कोरोना के इस दौर में अगर आप भी इम्युनिटी को बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं तो रोजाना एक गिलास सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ हल्दी पिएं। हल्दी में कई ऐसे गुण होते हैं जो शरीर में जाकर आपको फायदा पहुंचाती है। हल्दी के इस गुण की वजह से इसे खाने से सर्दी-खांसी जैसी परेशानियां भी दूर रहती हैं।

वजन कम करे

हल्दी में करक्युमिन गुण पाया जाता है। जो मदद करता है। जो लोग तमाम उपाय अपनाकर भी वजन कम नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, वे घर में रखी हल्दी को गुनगुने पानी के साथ पीएं। इससे आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगेगा। पानी शरीर से विषैले पदार्थ निकालता है। इसलिए ये दोनों मिलकर शरीर को अच्छे से डिटॉक्स करते हैं।

रात में सोने से पहले दूध में एक चम्मच घी डालकर इसे पीने से आपको मिलेंगे ये लाभ

रोजाना की हुई कई छोटी-छोटी चीजें हमें सेहतमंद रखती हैं। स्वस्थ रहना एक प्रक्रिया है, एक दिन में हम स्वस्थ नहीं हो सकते। जैसे, आप रोजाना दूध पीते हैं, तो इससे न सिर्फ आपको कैल्शियम मिलता है बल्कि आपकी हड्डियां भी मजबूत होती हैं। आज हम आपको दूध की गुडनेस बढ़ाने के लिए एक और उपाय बता रहे हैं, आप अगर रात में सोने से पहले दूध में एक चम्मच घी डालकर पिएंगे, तो इससे आपको कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलेंगे।

घी और दूध दोनों ही प्राकृतिक मॉइस्चराइजर होते हैं। साथ ही घी त्वचा को अंदर से बाहर तक सुधारते हैं। हर शाम दूध और घी पीने से त्वचा सुस्त और जवां दिखने में मदद कर सकती है। अपने दूध के गिलास में घी को मिलाकर सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्म तेज हो सकता है और पाचन तंत्र को मजबूती मिल सकती है। यह दूध में घी मिलाकर सेवन करने का सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है।

हड्डियों को दूध की हाई कैल्शियम सामग्री को अवशोषित करने में मदद करता है, इस प्रकार आपके शरीर की स्वाभाविक रूप से मजबूत हड्डियों को बनाने की क्षमता को मजबूत करता है। दूध में घी शरीर के अंदर पाचन एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करके पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। ये एंजाइम सरल खाद्य पदार्थों में जटिल फूड्स को तोड़ते हैं, जो बेहतर पाचन में मदद करता है। घी तनाव कम करके मूड को रिफ्रेश करता है। जब इसे एक कप गर्म दूध में मिलाया जाता है, तो यह नसों को शांत करने और आपको नींद की स्थिति में भेजने के लिए फायदेमंद माना जाता है।

बादाम को रात भर भिगो कर खाना आपके लिए हो सकता हैं लाभदायक, देखिए इसके लाभ

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. खासकर जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों. इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

बादाम को रात भर भिगो कर खाना स्वास्थ्य वर्धक होता है. हालांकि, सर्दियों में, बादाम को घी में भुना जा सकता है, स्वादिष्ट स्नैक के तौर पर आप उन पर थोड़ा नमक छिड़क सकते हैं. शरीर को गर्म रखने के लिए सर्दियों के मौसम में बादाम को दूध में मिलाकर भी सेवन किया जाता है. यदि आप मधुमेह प्रबंधन के लिए पेय का सेवन कर रहे हैं, तो चीनी न डालें.

मोटापे के कारण हर साल 2.8 मिलियन लोगों की होती हैं मौत, WHO ने स्टडी में किया दावा

मोटे व अधिक वजन वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है, हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया है कि हायर बॉडी वेट या हाई बॉडी मास इंडेक्स कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है.

नॉन स्माल सेल लंग कैंसर के लिए एक सामान्य इम्यूनोथेरेपी उपचार, एटिजोलिजुमाब के नैदानिक परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, फ़्लिंडर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ दवा के इस्तेमाल ज्यादा लाभकारी पाया है.

ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय में कार्यरत अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक गणेशन किचेनदास ने बोला कि यह एक दिलचस्प परिणाम है व यह अन्य कैंसर व अन्य कैंसर-रोधी दवाओं के साथ आगे की जाँच करने की क्षमता को बढ़ाता है. हमें बीएमआई व संबंधित सूजन के बीच संभावित लिंक में व अध्ययन करने की जरूरत है, जो कैंसर के इस उपचार के रूप में विरोधाभासी रिएक्शन के पीछे के तंत्र को समझने में मदद कर सकता है.

WHO का अनुमान है कि अधिक वजन या मोटापे के कारण कम से कम 2.8 मिलियन लोगों की हर वर्ष मृत्यु हो जाती है. अधिक वजन व फैट की चर्बी रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स व इंसुलिन प्रतिरोध पर प्रतिकूल मेटाबॉलिज्म असर को दर्शाता है. कोरोनरी हार्ट डिजीज, इस्केमिक स्ट्रोक व टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के खतरे लगातार बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ बढ़ते हैं.