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हेल्थ

शरीर में बीमार‍ियां न हों क्या आप भी यही चाहते हैं तो पढ़ ले ये जरुरी खबर

हर कोई अच्‍छी सेहत पाना चाहता है। अच्‍छी सेहत का मतलब है आपका शरीर और मन चुस्‍त-दुरुस्‍त रहे, शरीर में बीमार‍ियां न हों और आप एक स्‍वस्‍थ जीवनशैली जी रहे हों। बीमारी और संक्रमण की चपेट में आने से शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है .

आप खुद को फ‍िट महसूस नहीं कर पाते। अगर अच्‍छी सेहत पाना चाहते हैं, तो डॉक्‍टर के बताए आसान ट‍िप्‍स को जानना जरूरी है। इन ट‍िप्‍स को हर द‍िन फॉलो करेंगे, तो शरीर को फ‍िट रख सकते हैं।

गंदगी के कारण शरीर में संक्रमण होने की आशंका बढ़ जाती है। हर द‍िन स्नान लें और गर्म‍ियों में पसीने से बचें। गर्मियों के द‍िनों में कॉटन के कपड़े पहनें, जरूरत पड़ने पर कपड़ों को एक से ज्‍यादा बार बदल सकते हैं।

कुछ लोग हल्‍के दर्द में भी डॉक्‍टर की सलाह ल‍िए बगैर दवाओं का सेवन कर लेते हैं। ऐसा करने से इम्‍यून‍िटी कमजोर हो सकती है। च‍िक‍ित्‍सा सलाह के बगैर दवाओं का सेवन करने से शरीर पर उनका नकारात्‍मक प्रभाव पड़ सकता है। बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए जरूरी वैक्‍सीन और जांच की जानकारी अपने डॉक्‍टर से लेते रहें।

नीम की पत्तियों को सुबह खाली पेट खाना हैं काफी फायदेमंद

दलते लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण आजकल डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इस बीमारी के कारण मरीज का ब्लड शुगर बढ़ने लगता है। इसके अलावा दवाईयों का सेवन करने और इंसुलिन लेने से भी यह कंट्रोल नहीं हो पाती।

नीम की पत्तियों में एंटी-डायबिटीक गुण पाए जाते हैं। यह गुण मांसपेशियों की कोशिकाओं में ग्लूकोज का स्तर बढ़ाने के लिए इंसुलिन की मदद करते हैं।

नीम के पत्तों में ग्लाइकोसाइड्स, ट्राइटरपेनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स जैसे गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा नीम के पत्तों में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीडायबिटीक गुण भी पाए जाते हैं यह सारे पोषक तत्व ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

नीम की पत्तियों को सुबह खाली पेट खाना काफी फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा आप नीम के पत्तों को कच्चा भी चबा सकते हैं। औषधीय गुणों के लिए आपको नीम के पत्ते कच्चे ही चबाने चाहिए। इससे फायदा ज्यादा होगा।

. इसके अलावा आप नीम की पत्तियों से तैयार किए हुए पाउडर का भी सेवन कर सकते हैं। 1 चम्मच पाउडर को पानी में डालें। इसके बाद लंच और डिनर से आधा घंटा पहले आप इसका सेवन कर सकते हैं।

लौंग का इस्तेमाल करने से आपके स्वास्थ्य को होंगे ये सभी लाभ

लौंग का इस्तेमाल अधिकतर भारतीय रसोई में मसाले के रूप में किया जाता है। हम सभी खाना या चाय बनाते समय लौंग का प्रयोग करते हैं।लौंग न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि शरीर को भी कई लाभ पहुंचाती है। जो शरीर को कई लाभ पहुंचाते हैं। इसके अलावा, लौंग में एंटी-इंफ्लामेटरी, एनलजेसिक, एनेस्थेटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।

इन सभी फायदों के लिए लौंग का सही तरीके से सेवन करना जरूरी होता है। हेल्थ एक्सपर्ट  रोजाना 2 लौंग चूसने से शरीर की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। इससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है.

लौंग में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। लौंग में मौजूद गुण शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने के लिए अच्छे माने जाते हैं। रोजाना 2 लौंग चूसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई बीमारियों से बचाव होता है।

लौंग में यूजेनॉल पाया जाता है, जो दांत के दर्द को कम करने में मदद करता है। रोजाना सुबह खाली पेट लौंग चूसने से दांत में दर्द और कैविटी की समस्या से काफी आराम मिल सकता है। यह साइनस के दर्द से राहत में भी काफी मददगार है।

आम को गलत तरीके से खाने से आपको भी हो सकते हैं अन्य नुकसान

गर्मी के मौसम के आगमन के साथ ही आम का सीजन भी आ गया है. अब बाजारों में हर तरफ आम ही आम देखने को मिलेंगे. यह एक हेल्प फल है जो शरीर को तंदुरुस्त और स्वस्थ रखने में मदद करता है.

इससे शरीर को कई विटामिन और मिनरल मिलते हैं, जो शरीर के बेहतर कामकाज और ताकत के लिए जरूरी है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि अगर आम का गलत तरीके से सेवन किया जाए तो शरीर में कई समस्याएं हो सकती है. आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे.

कई एक्सपर्ट के अनुसार, आम में फाइटिक एसिड होता है. अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो शरीर में 3 चीजों की कमी हो जाएगी. एनसीबीआई के शोध में पाया गया है कि यह शरीर में जाने के बाद जिंक, आयरन और कैल्शियम का अवशोषण कम कर देता है.

आम को अधिक मात्रा में खाने से पेट में अस्वस्थता या एसिडिटी की समस्या हो सकती है. अधिक मात्रा में आम खाने से आपको डायबिटीज और मोटापा की समस्या हो सकती है.आम को खाने से पहले उसे ठंडे पानी से अच्छी तरह से धो लें. इससे आपको किसी भी तरह की त्वचा या अन्य समस्याओं से बचाया जा सकता है.

गर्मियों में प्याज का सेवन करने से आपके शरीर को मिलेंगे अनेक फायदें

र्मी का मौसम शुरू हो गया है। तापमान लगातार बढ़ रहा है। इस मौसम में शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन किया जाता है लेकिन डाइट में प्याज जरूर शामिल किया जाता है।

प्याज के कई फायदे होते हैं. इसके सेवन से गर्मी में लू नहीं लगती, शरीर ठंडा रहता है।  आप एक निश्चित सीमा से ज्यादा इसका सेवन करते हैं तो यह नुकसान भी पहुंचाता है।

  1. प्याज में फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है जो गैस संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। ज्यादा प्याज खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
  2. गर्भवती महिलाओं को प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से खट्टी डकारें।
  3. आपने कई बार देखा होगा कि बहुत से लोग प्याज खाने से परहेज करते हैं और ज्यादा प्याज खाने वालों के पास जाने से बचते हैं क्योंकि उनके मुंह से प्याज की गंध आती है।

मिट्टी के घड़े का पानी शरीर को देगा ठंडक व मिलेंगे ये सभी लाभ…

मिट्टी के घड़े का पानी न केवल प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है, बल्कि इससे भरे पानी को पीने के और भी कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। खासकर गर्मी का मौसम आते ही स्टील और तांबे के बर्तनों को हटा दिया जाता है और अधिकतर घरों में मिट्टी के बर्तनों में पानी रखा जाता है।

मिट्टी के घड़े या बर्तन में मिट्टी के विशेष गुण होते हैं, जो पानी से अशुद्धियों को दूर कर लाभकारी खनिज प्रदान करते हैं। मटके या कटोरी के पानी का पीएच बैलेंस सही रहता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर एक उचित पीएच संतुलन बनाते हैं, जो शरीर को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है और संतुलन को बिगड़ने नहीं देता।

गर्भवती महिलाओं के लिए मिट्टी के बर्तन में रखा ठंडा पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, इसमें पाई जाने वाली मिट्टी की सुगंध अच्छी होती है। डॉक्टर भी गर्भवती महिलाओं को फ्रिज का ठंडा पानी पीने की सलाह नहीं देते हैं।

 

टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कमकर सकती हैं ये हैबिट, नहीं जानते होंगे आप

 डायबिटीज एक ऐसी क्रोनिक कंडीशन है, जिसका जड़ से कोई इलाज नहीं है.हाल ही में डायबिटीज को लेकर जो रिसर्च सामने आई है, वो अपने आप में चौंकाने वाली है. इस नई रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग दिन में तीन बार ब्रश करते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कम रहता है. वहीं, जिन लोगों को दांतों की समस्या है, उन्हें मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होना का खतरा है.

मसूड़ों की बीमारी को पीरियंडोंटाइटिस भी कहा जाता है. ये बीमारी मसूड़ों और हड्डियों के बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है. अगर इस बीमारी का समय रहते इलाज न करवाया जाए, तो इससे दांतों की समस्याएं और ज्यादा बढ़ सकती हैं.

ओरल समस्याओं से डायबिटीज हो सकती है? हालांकि कुछ रिसर्च में इसके बारे में जानकारी दी गई है कि मसूड़ों से जुड़ी बीमारी वाले लोगों को डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है. लेकिन इसके साथ ही, रिसर्च में ये भी सामने आया है कि डायबिटीज वाले लोगों को डेंटल समस्याएं होने का खतरा ज्यादा रहता है.

मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स

अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी है. शारीरिक गतिविधियों की कमी से बीमारियों के होने की संभावना बढ़ सकती है जबकि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने से तनाव, चिंता और अवसाद होता है.

फिट रहने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है. ताजी सब्जियां और फल खाएं. अपने भोजन के लिए एक निश्चित कार्यक्रम बनाए रखने का प्रयास करें. संतुलित आहार लेने से न केवल आपको शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद मिलती है बल्कि आपको कैसा महसूस होता है इसे बेहतर बनाने में भी मदद मिल सकती है.

सभी बुरी आदतों जैसे धूम्रपान, शराब आदि को ना कहें. यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है और आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. ये आदतें दुनिया भर में कुछ बड़ी बीमारियों की वजह हैं.

नियमित चेकअप कराना जरूरी है. कुछ रोग ऐसे होते हैं जोकि केवल नियमित स्वास्थ्य जांच के माध्यम से ही पता चल पाते हैं. यह भी सलाह दी जाती है कि अगर आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कोई समस्या है

स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करने के लिए इस उम्र में जरुर करवाएं मेडिकल टेस्ट

कोरोना महामारी के कारण बहुत से लोग स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही लोग सेहत का भी ध्यान रख रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबी उम्र के लिए रेगुलर मेडिकल चेकअप या टेस्ट जरूरी हैं।

 20, 30 और 40 के दशक में लोगों के लिए मेडिकल टेस्ट अलग हो सकते हैं, लेकिन उन्हें करने से हमें शरीर के अंदर होने वाली बीमारियों के बारे में जानने में मदद मिलेगी।

कोलेस्ट्रॉल जांच, नियमित रक्त परीक्षण और 20 वर्ष की आयु में रक्तचाप परीक्षण भविष्य की समस्याओं को रोक सकते हैं। साथ ही इस उम्र में यौन सक्रिय लोगों को एसटीडी के लिए परीक्षण किया जाना चाहिए।

इस उम्र की लड़कियों की बात करें तो उन्हें हीमोग्लोबिन टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। सीबीसी न सिर्फ हीमोग्लोबिन बल्कि ब्लड सेल काउंट के बारे में भी बताता है। इसके अलावा विटामिन और थायराइड की जांच भी करानी चाहिए।

महिलाओं को ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाना चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक 40 साल की उम्र तक की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए हर तीन साल में यह टेस्ट कराना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि 40 की उम्र में कई ऐसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें केवल नियंत्रित किया जा सकता है। इस उम्र में किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए।

कैंसर का खतरा कम कर सकता हैं खीरा, देखिए इससे होने वाले कई फायदें

खीरे के बारे में कहा जाता है कि यह सब्जियों का हीरो है, क्योंकि खीरा जो खासतौर पर गर्मियों में आता है, शरीर की आंतरिक सफाई हो या बाहरी ठंडक, खीरा हमारे लिए हर तरह से लाजवाब होता है।

  1.  खीरा खाने से कैंसर का खतरा कम होता है। खीरा में ईकोसिलेरिक्रीस्नोल, लार्क्रिसनोल और पिनोरिसनॉल होता है। ये तत्व हर तरह के कैंसर से बचाव करने में सक्षम हैं।
  2. खीरा प्यास बुझाता है। पानी की कमी को पूरा करता है। खीरे में 80 फीसदी पानी होता है. खीरा खाने के बाद शरीर को पर्याप्त पानी मिलता है।
  3. खीरे में फाइबर्स होते हैं जो खाने को पचाने में मदद करते हैं. अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो रोजाना खीरा खाएं। यह कब्ज की असरदार औषधि है।
  4. खीरा खाने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. यह आंतों की बहुत अच्छे से सफाई करता है।
  5. हर दिन कुछ विटामिन लेना हमारे लिए बहुत जरूरी है। विटामिन ए, बी और सी की तरह हमें इसे नियमित रूप से लेना चाहिए। खीरा ही हमें हर दिन विटामिन देता है। खीरे के छिलके में विटामिन सी होता है। इसे खाना भी फायदेमंद होता है।