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हेल्थ

यूरिक एसिड के मरीजों को गलती से भी नहीं करना चाहिए इन चीजों का सेवन

 पत्ता गोभी, गोभी, मशरूम, चिकन, सीफूड आदि चीजों में प्यूरीन पाया जाता है.यूरिक एसिड की समस्या होने पर इन चीजों को नहीं खाना चाहिए. इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है.

अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा है, तो आप इसे बिल्कुल न खाएं क्योंकि 100 ग्राम किशमिश में करीब 105 एमजी प्यूरीन होता है.  पालक और हरी मटर भी प्यूरीन से भरपूर माना जाता है.

पालक को वैसे कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है, लेकिन यूरिक एसिड वालों को ये नहीं खाना चाहिए. ये आपके शरीर में सूजन और दर्द की परेशानी को बढ़ा सकता है.

सर्दियों में लोग आमतौर पर मूंगफली खाना पसंद करते हैं. ये शरीर में गर्माहट देती है, 100 ग्राम मूंगफली में करीब 75 एमजी प्यूरीन होता है.

ऐसे में गठिया, गाउट के मरीजों जिनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है, तो ये आपके लिए जहर के समान है. शराब में प्यूरीन की मात्रा काफी होती है. इसलिए इसका सेवन पूरी तरह से छोड़ दें.

घर बैठे बिना पैसे खर्च किये आराम से टूटी हड्डी को बनाए मजबूत, जानिए यहाँ

अक्सर ऐसा हो जाता है कि खेलते वक्त बच्चों को या किसी दुर्घटना के चलते बड़ों को बोन फ्रैक्चर जैसी दर्द से भरपूर प्रॉब्लम को फेस करना पड़ता है. नतीजन डॉक्टर का महंगा इलाज हजारों रुपयों का खर्चा.

ऐसे में हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके इस्तेमाल से आप घर बैठे बिना पैसे खर्च किये आराम से मजबूती के साथ अपनी हड्डी जोड़ सकते हैं.

इसके लिए पौधे की पत्तियां स्टेम का यूज किया जाता है. जो पेशेंट महंगा ट्रीटमेंट अफोर्ड नहीं कर पाते उनके लिए ये पौधा किसी संजीवनी से कम नहीं है.

चलिए अब आपको इसके इस्तेमाल का तरीका भी बता देते हैं.
– इस पौधे की पत्तियों को सूखाकर पीस लें.
– पत्तियों के बराबर उदड़ दाल भी मिलाकर पीस लें.
– अब इसका गीला पेस्ट बना लें.
– ऊपर से बांस की लकड़ी को कुशा के सहारे बांध दें. कुशा देसी घास होती है.
– हर तीसरे दिन इस लेप को चेंज करते रहें.

सिर्फ लगाने से नहीं बल्कि इसके साथ आपको कुछ चीज़ें खानी भी पड़ेंगी जिससे इस लेप का असर भी जल्दी देखने को मिल सकता है. इसकी पत्तियों के साथ छोटी पीपली, गेहूं का भुना हुआ आटा, अर्जुन की छाल सभी को इक्वल क्वांटिटी में लेकर बारीक पीस लें. फिर इस बारीक पिसे हुए चूर्ण को 6 ग्राम घी के साथ मिक्स कर लें.

बता दें कि, हड़जोड़ के अंदर नेचुरल कैल्शियम पाया जाता है जो हडि्डयों को जोड़ने में मदद करता है. इसमें एंटीइंफ्लैमटरी गुण भी होते हैं जो हाथ- पैर की सूजन दर्द को कम करते हैं.

अंडरआर्म के कालेपन को दूर करने के लिए आप भी आजमाए ये सीक्रेट ब्यूटी टिप्स

हम अपने चेहरे, हाथों और पैरों की देखभाल करने के लिए बहुत ध्यान देते हैं. ऐसे में शरीर के कुछ हिस्से जैसे अंडरआर्म्स आदि की देखभाल ज्यादा नहीं करते क्योंकि ये ज्यादातर समय ढकी रहती हैं.

 तो डार्क अंडरआर्म्स एक ऐसी चीज है, जिसे आप एक्सपोज नहीं करना चाहेंगे. अंडरआर्म की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है. ऐसे में आसानी से कई प्रकार की त्वचा संबंधित समस्या जैसे कि पिगमेंटेशन , दुर्गन्ध और त्वचा संक्रमण आदि का खतरा होता है.

बेकिंग सोडा

लगभग हर घर में पाया जाने वाला बेकिंग सोडा अंडरआर्म्स के कालेपन को दूर करने में मदद करता है. इसके लिए आवश्यकता अनुसार बेकिंग सोडा ले. इसमें पानी मिलाएं. अब इस पेस्ट को हफ्ते में दो बार अपने अंडरआर्म्स पर लगाएं. इससे अंडरआर्म्स को स्क्रब करें. स्क्रबिंग करने के बाद सादे पानी का इस्तेमाल करके इसे धो लें.

सेब का सिरका

सेब का सिरका न केवल फैट को कम करता है बल्कि मृत कोशिकाओं को भी हटाता है. इसमें हल्के एसिड होते हैं जो प्राकृतिक किलींजर के रूप में काम करते हैं. 2 चम्मच बेकिंग सोडा और 2 चम्मच एसीवी को एक साथ मिलाएं और इस मिश्रण को अपनी अंडरआर्म्स पर लगाएं.

नींबू

नींबू को एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट माना जाता है. नहाने से पहले दो-तीन मिनट के लिए रोजाना आधे नींबू को डार्क एरिया पर मलें और आपको काफी फर्क नजर आने लगेगा.

हल्दी वाला पानी आपकी बॉडी को Detox करने के साथ दिलाएगा ये सभी बेनिफिट्स

कोरोना  के दौर में आपने बहुत लोगों को हल्दी का अलग-अलग तरह से इस्तेमाल करते देखा होगा. कोई खाने में ज्यादा हल्दी डाल रहा था. तो, कोई हल्दी वाला दूध पी रहा था. भई, अब हल्दी में गुण ही इतने हैं कि कोई कैसे न लें.

अगर आप भी हेल्दी रहना चाहते हैं तो हल्दी  को किसी न किसी तरह से लेते रहें.  हम हल्दी को किसी तरीके से लेने के भरपूर फायदे बताएंगे. ज्यादा ताम-झाम नहीं करना बस, एक गिलास पानी उसमें मिलानी है हल्दी.

अब कुछ ऑफिस ने दे रखा है वर्क फ्रॉम होम. अब, ऐसे में एक ही जगह पर बैठे-बैठे काम करना, ना एक्सरसाइज, भरपूर खाना वगरैाह. अब, ऐसे में वजन तो बढ़ेगा ही. तो, चलिए जरा किचन में जाइए हल्दी निकालिए.

सर्दियों में ड्राई डल स्किन से कौन छुटकारा नहीं पाना चाहता. तो, बता दें अगर आप हल्दी के पानी को रोजाना पीते हैं तो ये आपकी स्किन को अंदर से हेल्दी बनाता है जिससे उसकी बाहरी खूबसूरती भी बढ़ती है.

हल्‍दी में ट्यूमर को रोकने वाली क्वालिटीज भी मौजूद होती हैं. ऐसे में हल्‍दी का पानी पीने से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. ये कार्डियोवस्‍कुलर डिजीज स्‍ट्रोक बता दें हल्दी कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करती है. इसके साथ ही ये अंदरूनी लेवल पर बल्ड क्लॉट को जमने से रोकती है.

इन हेल्थी हैबिट्स को अपने रूटीन में शामिल करके आप भी खुदको रख सकते हैं हेल्दी

आप भले ही कितना सिंपल लाइफस्टाइल जीते हो लेकिन, अगर आप हेल्दी है तो जिंदगी भी सही से चलती है. अगर हम बीमारियों से दूर है एनर्जी से भरपूर है. तो, वैसे भी लाइफ  को जीने की इच्छा बढ़ जाती है.

लेकिन, हेल्दी रहना भी इतना आसान नहीं है. उसके लिए थोड़ी बहुत मेहनत तो करनी पड़ेगी. ज्यादा कुछ नहीं बस डेली रूटीन में कुछ हेल्दी आदतों  को अपनाना पड़ेगा. तभी आप फिजिकली मेंटली दोनों तरीके से स्वस्थ रहेंगे.

8 घंटे की नींद है जरूरी
हेल्दी रहने के लिए ये बहुत जरूरी है कि आप रोजनाा 8 घंटे की नींद जरूर लें. जिससे आप स्ट्रेस फ्री (health tips) महसूस कर सकें.

कुछ नया सीखने की चाह
अपनी लाइफ में एक गोल जरूर सेट करें कि हर दिन कुछ नया सीखेंगे. इससे दो काम होंगे. एक तो आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा दूसरा नया सीखने से आपका ब्रेन भी एक्टिव रहता है. ये इन्फलेमेशन (healthy hacks) को भी कम कर सकता है.

किताबें पढ़ें
वो कहावत तो आपने सुनी होगी कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त (read books) होती हैं. तो, अगर आपके पास दोस्त कम भी हैं या नहीं है. तो, आप किताबों को अपना दोस्त बनाएं. इन्हें पढ़ने से आपकी स्माइल तो इम्प्रूव होगी साथ ही आप अपने फोन से भी कुछ देर के लिए दूर रह सकेंगे जो आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छा (good habits) है.

World Cancer Day: मैदे में मौजूद होती हैं शुगर की अधिक मात्रा जिससे बढ़ सकता हैं कैंसर

हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए साल 1933 में इसकी शुरुआत हुई थी। कैंसर से लड़ने के लिए देश और दुनिया भर में कई कदम उठाए जा रहे हैं।

ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर रोग का पता शुरुआती चरणों में ही लगा लिया जाए तो कैंसर मरीज की जान बचाई जा सकती है। विश्व कैंसर अनुसंधान के मुताबिक, रोजमर्रा खाए जाने वाले कुछ ऐसे फूड्स हैं, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

मैदे में सफेदी ब्लीच की प्रक्रिया के कारण आती है। यह ब्लीच क्लोरीन गैस से की जाती है। इसी ब्लीच का इस्तेमाल तरल रूप में कपड़ों के लिए भी किया जाता है। इससे इस सफेद आटे में से सारा पोषण धुल जाते है। इसके साथ ही मैदे में शुगर की अधिक मात्रा होती है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाती है।

माइक्रोवेव बैग में पॉपकॉर्न तैयार कैंसर का कारण बन सकता है। वह PFOA नामक एक उत्पाद के साथ मिला होता है, जो अग्न्याशय, गुर्दे, लिवर और मूत्राशय के कैंसर के पीछे का कारण बन सकता ई।  लेकिन केवल तभी तक जब इसे गैस स्टोव या चूल्हे पर तैयार किया गया हो।

ये 4 एक्यूप्रेशर पॉइंट्स आपको दिला सकते हैं बंद नाक की समस्या से छुटकारा

बंद नाक की समस्या होने पर सांस लेने में काफी ज्यादा असुविधा होती है। साइनस से पीड़ित मरीजों को बंद नाक की समस्या काफी ज्यादा होती है।  साइनस का अटैक बंद नाक की परेशानी को बढ़ा देता है।

ऐसे में कई घरेलू उपायों और पारंपरिक उपचार की मदद से आप बंद नाक की परेशानी से राहत पा सकते हैं। जी हां, कुछ ऐसे एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स होते हैं, जिसे दबाने से आप बंद नाक की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

 LI20

एक्यूप्रेशर प्वाइंट को दबाने से बंद नाक, साइनस और भरी नाक की परेशानी से राहत दिला सकता है। यह एक्यूप्रेशर प्वाइंट नाक के दोनों ओर आधार के पास होता है।

  • जहां आपकी नाक आपके गाल से जुड़ती है, वह हिस्सा LI20 प्वाइंट होता है। यह नाक के दोनों ओर होता है।
  • हल्की उंगली से धीरे-धीरे इस हिस्सो को कुछ मिनटों तक प्रेश करें। इससे आपको काफी आराम महसूस होगा।

BL2

एक्यूप्रेशर प्वाइंट आपकी नाक के पुल और आपकी आइब्रो के अंदरूनी हिस्से के बीच स्थित होता हैं। बंद नाक और करने के लिए आप इस प्वाइंट को प्रेश कर सकते हैं।

  • इस प्वाइंट को प्रेश करने के लिए अपने दोनों हाथों का उपयोग करते हुए अपनी तर्जनी को अपनी नाक के पुल के ऊपर रखें।
  • इस स्थान पर अपनी उंगलियों को थोड़ी देर के लिए रखें।

 GV24.5

एक्यूप्रेशर बिंदु को यिंटांग  नाम से भी जाना जाता है। कई लोग इसे तीसरा नेत्र बिंदु भी कहते हैं। यह आइब्रो के बीच स्थित होता है। यह सिर्फ एक ही एक्यूप्रेशर बिंदु है।

  • इस प्वाइंट को दबाने के लिए अपनी आइब्रो के बीच एक या दो उंगुलियां रखें।
  • अब अपनी नाक के पुल के ठीक ऊपर का क्षेत्र ढूंढे, जहां आपका सिर नाक से जुड़ हुआ हो। उस स्थान पर अपनी उंगली रखें।
  • अब कुछ मिनट्स के लिए इन बिंदुओं को अच्छी तरह से प्रेश करें। इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है।

 

दांतों को जीवनभर मजबूत और पीलेपन से दूर रखने के लिए भूल से भी न करें ये गलतियाँ

पेय पदार्थो का सेवन न करे – जिन भी खाद्य पदार्थो के सेवन से दांतों पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं, उनका सेवन करने से अवश्य बचें। सोडा, कॉफी, चाय, ब्लूबेरी, चेरी और सोया सॉस उनमें से महत्वपूर्ण हैं। अगर आप इन पेय पदार्थो का सेवन करना तत्काल बंद नहीं कर सकती हैं तो फिर इन्हें स्ट्रॉ से पीएं या हर तीन महीने पर दांतों को क्लीनिक में अवश्य साफ कराएं।

नशे की चीजों का सेवन न करे – शराब न पीएं और धूम्रपान से भी अवश्य बचें। और गुटका और पान मशाला खाने से जरूर बचे।

अधिक मात्रा में पानी पिए – खूब पानी पीएं। इससे न केवल आपके चेहरे पर बहुत अधिक चमक आती है बल्कि दांतों में भी पूर्ण चमक आती है। शादी के खास दिन भी आप पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं, जिससे शरीर और होंठों पर पूरी तरह नमी बरकरार रहेगी और आप बहुत ही सहजता से मुस्कुरा सकेंगी। साथ ही लिपस्टिक भी लम्बे समय तक टिकी रहेगी।

गरीबों के लिए सेब समान हैं ये चीज़ जिससे दूर होगी शरीर में खून की कमी

गाजर के प्राकृतिक गुणों को देखते हुए चिकित्सकों ने इसे गरीबों के लिए सेब के समान माना है जो लोग सेब नहीं खरीद सकते, वे गाजर खाकर उतना ही लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। गाजर का रस पर्याप्त मात्रा में लेने से शरीर मोटा-ताजा और चुस्त हो जाता है।

गाजर का अचार बनाकर सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है।आधे कप गाजर के रस में थोड़ी-सा सेंधा नमक मिलाकर 1 दिन में लगभग 4 बार चाटने से दस्त ठीक हो जाता है। यकृत के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का गर्म काढ़ा सेवन कराने से लाभ मिलता है।हृदय कमजोर होने पर रोजाना 2 बार गाजर का रस पीने से लाभ होता है। हृदय की धड़कन बढ़ना तथा शरीर का खून गाढ़ा होने पर गाजर का सेवन करने से लाभ मिलता है।आग से जले हुए व्यक्ति की जलन और दर्द को दूर करने के लिए गाजर को पीसकर लगाना चाहिये।

कच्ची गाजर को पीसकर आग से जले हुए स्थान पर रखने से जलन नष्ट हो जाती है और पीब भी नहीं बनती है। आग से जल जाने पर जले हुए स्थान पर गाजर का रस लगाने से जख्म नहीं बनता तथा जलन व पीड़ा दूर हो जाती है। शरीर के जले हुए भाग पर कच्ची गाजर का रस बार-बार लगाने से लाभ होता है।250 मिलीलीटर गाजर का रस और पालक का रस मिलाकर पियें।

सर्दी-जुखाम हो या चोट का दर्द हल्दी का दूध आपको दिलाएगा हर समस्या से निजात

हज़ारों सालो से भारत और पूर्वी देशों में हल्दी का प्रयोग खाने के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में होता रहा है Haldi एक बहुत ही अच्छी प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करती है।

इसलिए हमारे घरों के बड़े-बूढ़े अक्सर हमें सर्दी-जुखाम,या चोट लगने जैसी conditions में हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देते रहे हैं। हल्दी दूध के फायदे अनगिनत हैं जिनको जानने के बाद पिछले कुछ वर्षों से पश्चिमी देशों में भी इसके प्रति काफी आकर्षण देखने को मिला है।

– गठिया के निदान के लिए एक बढ़िया और असरकारक पेय हल्दी वाला दूध हो सकता है. – हल्दी वाला दूध पीने से जोड़ों के दर्द को कम करता है और मांसपेशियां लचीला बनाकर दर्द करने में मददगार माना जाता है.

– आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है. यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करने में सहायक माना जाता है. पेट से जुड़ी समस्याओं में राहत चाहिए तो हल्दी वाला दूध मददगार हो सकता है.

– शोध की माने तो हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं
– हल्दी वाला दूध पीने से कान के दर्द में राहत मिलती है. ऐसा दूध पीने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है. जिससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है.