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हेल्थ

तो इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अधिक होता हैं हार्ट अटैक का खतरा, जरुर देखे

हार्ट अटैक का खतरा हर किसी को बना रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप यह बताने में सक्षम है कि आपके जीवन को हार्ट अटैक से कितना खतरा है। हाल ही में नीदरलैंड में हुए एक शोध से यह पता चला है।

इस शोध पर भरोसा करें तो ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में (ए, बी, एबी) ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 9 फीसदी ज्यादा रहती है।

शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि वॉन विलेब्रैण्ड फैक्टर की ज्यादा मात्रा की वजह से खतरा ज्यादा हो जाता है।विलेब्रैण्ड फैक्टर एक रक्त का थक्का जमाने वाला प्रोटीन है, जो कि थ्रोम्बोटिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।

ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के लिए जाना जाता है, जो कि दिल के दौरे का प्रमुख जोखिम कारक है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा, गैर ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों में गैलेक्टिन-3 की उच्च मात्रा होती है। गैलेक्टिन-3 प्रोटीन सूजन और दिल के मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

मस्तिष्क के लिए चाय हैं लाभदायक ये हानिकारक शोध में हुआ चौकाने वाला खुलासा

चाय दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय कैफीनयुक्त पेय पदार्थों में से एक है। पेय में बहुत सी किस्में होती हैं और प्रत्येक में कैफीन का स्तर भिन्न होता है। इसी समय, इसे एक व्यापक, लगभग सार्वभौमिक अपील मिली है, भले ही तैयारी और व्यंजनों में अंतर हो।

चाय पीने के लाभों को इंगित करने वाले कुछ बिखरे हुए सबूत हैं, जिनमें कुछ अध्ययनों में मस्तिष्क के लिए चाय के लाभों के बारे में बात करना शामिल है।एक शोध में पता चला है कि चाय का हमारे मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव पड़ता है. अध्ययन पता चला है कि नियमित रूप से चाय पीने वाले उन लोगों की अपेक्षा फायदे में होते हैं, जो लोग चाय नहीं पीते हैं.

सभी प्रतिभागियों ने अपने मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, दैनिक जीवन शैली और समग्र स्वास्थ्य के बारे में विवरण प्रदान किया है. आंकड़ों के आधार पर, प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया था. एक चाय पीने वाले और दूसरे चाय नहीं पीने वाले. इसके बाद सभी की एमआरआई स्कैन और अन्य जांच की गईं.

इसमें सवाल था कि उनके पास कितने प्रकार की चाय है और कितनी बार वो लोग चाय पीते हैं. शोध के लिए जिन प्रतिभागियों को शामिल किया गया था उनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक थी.

 

वेट लॉस करने के लिए नहीं होगी अब जिम की जरूरत बस इन पावरफुल टिप्स का करें अनुसरण

वेट लॉस कैसे करें और जल्द वजन घटाने के क्या पावरफुल टिप्स है, यह हरकोई जानना चाहता है। एक बात जो सबसे अहम है वो ये कि वेट लूज टिप्स तभी काम आते हैं जब आप उसका ठीक से और नियमित पालन करें।

मिसाल के तौर पर कई लोग वेट लूज टिप्स या एक्सरसाइज शुरु तो करते हैं लेकिन जल्दी परिणाम नहीं मिलने से उसे बीच में ही छोड़ देते है। दरअसल वेट लॉस की किसी भी कयावद को आपको मनोयोग से करना होता है तभी उसके परिणाम सामने आते है। हम आपको आज ऐसे तीन वेट लूज टिप्स बता रहे हैं जिसके जरिए आप अपना वजन तेजी से कम कर सकते हैं। ये तीनों टिप्स आपके डायट प्लान से जुड़े हुए हैं।

चॉकलेट
मीठा दो तरह से काम करता है. सबसे पहले शरीर में फील-गुड हार्मोन सेरोटोनिन का उत्पादन करते हैं. दूसरी बात, चॉकलेट में फिनाइलथाइलामाइन नाम के एक कम्पाउंड की थोड़ी मात्रा होती है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को डोपामाइन रिलीज करने के लिए उत्तेजित करती है.

फल
सेब, केला, जामुन, तरबूज, स्ट्रॉबेरीज और पपीता जैसे फलों में डोपामाइन का उत्पादन बढ़ाने वाले केवल क्वेरसेटिन और टायरोसिन नहीं होते हैं बल्कि वे विटामिन से भी भरे होते हैं.

शाकाहारी प्रोटीन
यदि शाकाहारी हैं तो सोयाबीन, फलियां और बीन्स जैसे विकल्प हैं, जो टाइरोसिन की अच्छी खुराक देते हैं और इसके साथ डोपामाइन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं.

दूध और डेयरी
पनीर, दूध, दही मूल रूप से सभी डेयरी उत्पाद टायरोसिन का एक बड़ा स्रोत हैं और इस तरह डोपामाइन उत्पादन को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका हैं.

मांसाहारी भोजन
चिकन, अंडे और मांस से लेकर मछली और झींगे तक प्रोटीन से भरपूर सभी चीजें टाइरोसिन से समृद्ध होती हैं. इसका सीधा सा मतलब है कि नॉन-वेज सेवन को बढ़ाने से डोपामाइन का स्तर भी बढ़ सकता है.

पैरों को आराम देने के साथ साथ उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकते हैं सॉक्स, देखिए कैसे

मोजा हमारे पहनावे का जरूरी हिस्सा है, लेकिन गर्मियों में काफी देर तक मोजा पहनने या बेहद कसा हुआ मोजा पहनना आपको परेशान कर सकता है। कई लोग सोते समय भी मोजा पहने रहते हैं। यह भी गलत है। पैरों को आराम देने के लिए रात में मोजा उतार कर ही सोएं…

फंगल इंफेक्शन का खतरा
पैरों से जो पसीना निकलता है मोजा उसे सोखता है। देर तक मोजा पहनने से या टाइट मोजा पहनने से ये पसीना सूख नहीं पाता, जिससे नमी के कारण मोजे में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा हो जाते हैं। इन्हीं बैक्टीरिया से आपके पैरों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

एड़ी सुन्न हो सकती है
दिनभर मोजा पहनने से एड़ी के हिस्से में खून कम पहुंच पाता है। इस वजह से कई बार एड़ी सुन्न पड़ जाती है और पैर काम करना बंद कर देते हैं। शरीर के हर हिस्से को काम करने के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है।

एडीमा हो सकता है
एडीमा में शरीर के हिस्से में तरल पदार्थ एक जगह जम जाता है जिसकी वजह से उस हिस्से में सूजन आ जाती है। देर तक मोजा पहने रहने से और टाइट मोजा पहनने से ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है और पैरों में सूजन आ सकती है।

 

बढ़ते वर्क लोड की वजह से हो रहा हैं डिप्रेशन और स्ट्रेस तो डाइट में आज ही करे बदलाव

अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो आप शारीरिक तौर पर भी खुद को सेहतमंद महसूस कर पाएंगे। अगर हम मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ और मजबूत महसूस कर रहे हैं, तो आसपास की गतिविधियों को भी सहजता के साथ संपन्न करने में सक्षम रहेंगे।
आज के समय में खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखना वाकई एक चुनौती से कम नहीं है। खुद को शांत रखना, किसी बात को ज्यादा न सोचना मन से स्ट्रॉन्ग रहने के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां
पालक, मेथी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां कोशिकाओं को विषाक्‍त या टॉक्‍सिक होने से बचाती हैं. इनका सेवन करने से मस्तिष्क तेज होता है. साथ ही इनमें विटामिन ए, सी, ई और के के अलावा आयोडीन और मैग्‍नीशियम भी मौजूद होता है.

फल
फलों में भी काफी सारे पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं. खासतौर पर सेब में फाइबर होने के साथ ही आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है. डायबिटीज के मरीज रोज एक सेब आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि इसका जीआई काफी कम होता है.

मीट
डाइट में शाकाहारी चीजों के साथ साथ नॉन वेज फूड्स भी कई बार जरूरी होते हैं. मीट में मौजूद हाई प्रोटीन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है. मीट खान से तनाव व स्ट्रेस की समस्या कम नजर आती है.
अखरोट
अखरोट की बनावट भी दिमाग की तरह नजर आती है. यह बच्चों और बड़ों के सुबह के नाश्‍ते को पूरा करने की सबसे अहम चीज है. यह मूड सुधारता है और इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के कामकाज में मदद करते हैं. साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी रोकता है. इसे खाने से स्ट्रेस कम होता है.

गर्म पानी के फायदे जानकार आप भी रह जाएंगे दंग, एक बार जरुर देखें

यूं तो 8 से 10 गि‍लास पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन अगर दिन में तीन बार गर्म पानी पीने की आदत डाल ली जाए, तो शरीर को बीमारियों से बचाया जा सकता है. जानें इसके हेल्‍थ बेनिफिट्स…

प्रातः काल गर्म पानी के फायदे आपको कुछ ही दिनों में देखने को मिल सकते हैं अगर गर्म पानी का सेवन ठीक ढंग से किया जाए.

गर्म पानी के फायदे सारे शरीर से जुड़ी हुए हैं जैसे कि वजन कम करने में मदद, स्कीन के लिए लाभदायक, बालों के लिए लाभकारी आदि. इसके साथ ही आप यह भी जान सकते हैं

गर्म पानी पीने के फायदा कैसे शरीर को बीमारियों से बचाकर रखने में मदद करता है.

अगर आप वजन कम करने की राह पर हैं तो गर्म पानी आपकी लिस्ट में जरुर शामिल होगा. एक्सरसाइज़ व बैलेंस डाइट जितनी महत्तवपूर्ण होती है उतना ही जरुरी है गर्म पानी का सेवन करना है

 

इम्युनिटी बढाने के साथ आपके हृदय के लिए भी फायदेमंद हैं कद्दू के बीज

हृदय के लिए फायदेमंद

कद्दू के बीज में हेल्दी फैट, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जो हमारे दिल के लिए अच्छा है. इसमें मौजूद फैट बेड कोलेस्ट्रोल को कम कर गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने का काम करता है. मैग्नीशियम की मात्रा आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करती हैं.

एंटी इंफ्लेमेटरी

कद्दू के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया के दर्द को कम करने में मदद करते हैं. जोड़ों के दर्द के इलाज में बीज एक आसान घरेलू उपाय के रूप में काम करता है.

इम्युनिटी बढ़ाता है

कद्दू के बीज में एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स की अच्छी मात्रा होती है जो बीमार होने पर इम्युनिटी को बढ़ाने का काम करता है. साथ ही आपको मौसमी संक्रमण से बचाने का काम करता है.

कैस्टर ऑयल की मदद से आप भी पा सकते हैं गंजेपन की समस्या से निजात

अगर आप भी रोजाना गिरते बालों की समस्या से परेशान हैं, अगर आप गंजेपन का शिकार हैं या फिर अगर आपको एलोपीसिया की बीमारी है, इस वजह से तेजी से बाल गिरने लगते हैं,तब हमारे पास आपके लिए एक अच्छी खबर है। थाईलैंड के अनुसंधानकर्ताओं ने नई रिसर्च की है, जिसमें गंजेपन का इलाज खोजने का दावा किया गया है।

 गंजेपन का कारण

– एक उम्र के बाद बाल झड़ने का आम कारण है।
– हार्मोनल असंतुलन के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
– सिर पर दाद के होने से भी गंजेपन को बढ़ावा मिल सकता है।
– शरीर में आयरन की कमी से भी यह प्रॉबल्म आ सकती हैं।
– आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न मिलने से भी।
– कोई बीमारी भी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।
– कई दवाइयों के सेवन से भी यह समस्या आ सकती हैं।

इलाज़:

2 से 3 चम्मच कैस्टर ऑयल( अरंडी का तेल) में 2 चम्मच नारियल तेल मिलाकर हल्का गर्म कर लें। गुनगुना करके इस तेल को बालों के स्कैल्प पर अच्छे से लगाएं और रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। फिर सुबह बालों में शैंपू कर लें। हफ्ते में 3-4 बार ऐसा करें। अरंडी के तेल से बार-बार मालिश करने पर पूरे सिर में रक्त का संचार बढ़ता है, इसमें ओमेगा-6 एसेंशियल फैटी एसिड होते हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनते हैं।

पानी से भरे एक प्याले में 3-5 बूंदें पेपरमिंट ऑयल(पुदीने का तेल) मिलाकर बालों पर लगाएं। फिर 20-30 मिनट के लिए अपने सिर को गर्म तौलिया या शॉवर कैप से ढक लें। इसके बाद माइल्ड शैंपू से बाल धो लें। हफ्ते में 2 बार ऐसा करने से गंजेपन का इलाज किया जा सकता है। इससे ना सिर्फ आपके बाल झड़ना बंद होंगे बल्कि घने व लंबे भी होंगे।

कैंसर होने की आशंका को कम करता हैं मशरूम का सेवन, जानिए इसके कुछ फायदें

इन दिनों मशरूम फास्ट फूड में काफी इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे पिज्जा, बर्गर आदि तरह की डिश में, लेकिन शायद ही आपको ये पता होगा कि मशरूम का सेवन करना न केवल सेहत बल्कि आपके बालों की खूबसूरती के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आइए, जानते हैं नियमित मशरूम खाने से होने वाले फायदे –

विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्‍म को दुरुस्त रखते हैं इसलिए मशरूम का सेवन वजन कम करने में भी साहयक है।मशरूम में विटामिन डी भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है अगर रोजाना मशरूम का सेवन किया जाये तो 20 प्रतिशत विटामिन डी हमे मिल जाता है।

मशरूम में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी अधिक नहीं होती, साथ ही इसके सेवन से काफी वक्त तक भूख भी नहीं लगती।
मशरूम का सेवन केवल सेहत ही नहीं बल्कि बालों और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। यहां तक कि कुछ स्टडी में यह भी बताया गया है कि इसके नियमित सेवन से कैंसर होने की आशंका भी कम होती है।

मशरूम में मौजद सेलेनियम इम्यून सिस्टम के रिस्पॉन्स को बेहतर करता है मशरूम का सेवन करने से दिल की बीमारियों के लिए काफी अच्छा होता है इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम किया जा सकता है।

बिना परिश्रम के शरीर में लगातार थकान रहना कमजोर इम्यूनिटी के हैं लक्षण

अधिकतर समय शरीर को बीमारियों और संक्रमण से इम्‍यून सिस्‍टम बचाता है। हालांकि, कुछ लोगाें का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर होने की वजह से उन्‍हें बार-बार संक्रमण होने का खतरा रहता है। स्‍वस्‍थ रहने और बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्‍यून सिस्‍टम का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है।

सफेद रक्‍त कोशिकाओं, एंटीबॉडीज और अन्‍य तत्‍वों जैसे कि अंगों और लिम्‍फ नोड्स से इम्‍यून सिस्‍टम बनता है। कई विकार प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर देते हैं। ये इम्‍यूनोडेफिशिएंसी विकार हल्‍के से गंभीर हो सकते हैं और व्‍यक्‍ति जन्‍म से ही या पर्यावरणीय कारकों की वजह से भी इम्‍यूनोडेफिशिएंसी विकारों से ग्रस्‍त हो सकता है।

1.काम करने के बाद शरीर में थकान होना स्वभाविक है, लेकिन बिना परिश्रम के शरीर में लगात्तार थकान रहना कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण होता है। इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से अपने शरीर की जांच करवाएं, ताकि शरीर को घातक संक्रमण से बचाया जा सकें।

2.हमारे शरीर का बार-बार बीमार होना भी कमजोर प्रतिरक्षा का संकेत होता है।ऐसे में आप विटामिन—सी युक्त डाइट का सेवन करें।विटामिन—सी हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है।

3.हमारे शरीर में बार-बार किसी तरह की एलर्जी का होना, कमजोर इम्यूनिटी का लक्षण होता है। इस संकेत को अनदेखा करना आपके लिए बहुत परेशानी का कारण बन सकता है।इसलिए आप तुरंत डॉक्टर से सलाह अवश्य लेंवे।