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हेल्थ

विटामिन बी12 की कमी से शरीर में दीखते हैं ऐसे लक्ष्ण

 विटामिन बी12 एक पोषक तत्व होता है जो शरीर के लिए जरूरी होता है. यह एक ऐसा विटामिन (Vitamin B12) होता है जो शरीर खुद नहीं बना सकता है, इसलिए इसे नियमित रूप से आहार के माध्यम से लेना जरूरी होता है.

  • पाचन को सुधारता है.
  • खून उत्पादन में मदद करता है.
  • न्यूरोलॉजिकल कामों को संचालित करता है.
  • डीएनए के उत्पादन के लिए जरूरी होता है.

हाथ-पैर देते हैं विटामिन बी12 की कमी के संकेत 
विटामिन बी12 की कमी के कुछ सामान्य संकेत हाथ और पैर से भी मिलते हैं, जैसे- एक अजीब गुब्बारे की तरह लटकते हुए हाथ या पैर. यह आमतौर पर सांस लेने के दौरान अनुभव किया जाता है.

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण 

  • थकान और कम ऊर्जा के साथ सामान्य थकावट
  • मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्थितियों में बदलाव, जैसे कि डिप्रेशन, खिन्नता और उदासी
  • भ्रम, भूख न लगना, और जी मचलना
  • चक्कर आना या बेहोशी
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं में मांसपेशियों का नुकसान

 

महिलाओं में यदि दिखने लगे ये लक्ष्ण तो आप भी हो जाएं सावधान

अधिकतर महिलाएं घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारियों को बखूबी से निभा रही हैं। महिलाएं अपने बच्चों और परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं। ऑफिस में भी अच्छा परफॉर्मेंस देती हैं। लेकिन घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों को निभाते हुए वे खुद की सेहत को नजरअंदाज करना शुरू कर देती हैं। इसकी वजह से महिलाओं को अक्सर तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जब महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रही होती हैं, तो कुछ संकेत नजर आने लगते हैं। तो चलिए, विस्तार से जानते हैं महिलाओं में होने वाले खराब मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लक्षण-

इस स्थिति में महिलाएं अपने किसी भी काम पर फोकस्ड नहीं रह पाती हैं। उदाहरण के लिए, ऑफिस का काम न पाना या फिर बच्चों को न संभाल पाना। इसके अलावा, किचन के काम में बार-बार गड़बड़ी होना भी इसका संकेत हो सकता है।

कई बार महिलाएं चीजों को रखकर भूल जाती है। कभी-कभार ऐसा होना सामान्य है, लेकिन अगर अक्सर ही ऐसा होता है, तो यह भी खराब मानसिक स्वास्थ्य का एक लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में महिलाओं को स्मृति समस्याएं होने लगती हैं। घूमने के दौरान या फिर कोई भी ऐसा काम करके खुशी नहीं होती है, जिसे करके आपको पहले खुशी होती थी। तो समझ जाइए कि आपो तनाव में है।

 

सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं रोटी यदि आप भी ऐसे पकाते हैं…

रोटी या चपाती भारतीय खाने का अहम हिस्सा है, जिसे लगभग सभी मील्स में जरूर खाया जाता है. रोटी को आमतौर पर तवे पर कुछ देर सेका जाता है, फिर सीधे चूल्हे या गैस की आंच पर चिमटे की मदद से पूरी तरह से पकाया जाता है.

 नैचुरल गैस चूल्हा और गैस स्टोव्ज से कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कण पदार्थ निकलते हैं, जिन्हें WHO सेहत के लिए सुरक्षित नहीं मानता है. यह सभी पॉल्यूटेंट्स श्वसन और दिल से जुड़ी बीमारियों के साथ कई तरह के कैंसर की वजह भी बनते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, न्यूट्रीशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित हुई एक दूसरी स्टडी बताती है.

रोटी को पकाते समय कई लोग तवे पर रखी रोटी को किसी कपड़े से दबाते हैं, इससे रोटी सभी तरफ से पक जाती है और इसे सीधे गैस की आंच पर भी नहीं रखना पड़ता है. हालांकि, चिमटे की मदद से लोग आधी रोटी तवे पर पकाते हैं और बाकी को सीधे आंच पर सेकते हैं. इससे रोटी जल्दी भी बन जाती है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, जब ब्रेड गैस की आंच के संपर्क में आती है, तो इससे एक्रिलामाइड नामक एक रसायन का उत्पादन होता है, जो खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान चीनी और कुछ अमीनो एसिड्स को एक साथ गर्म करने पर उत्पन्न होता है

 

कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क होता हैं कई हद तक कम…

 डायबिटीज एक ऐसी लाइलाज बीमारी है, जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है.एक स्टडी में ऐसा दावा किया गया है कि कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कम हो सकता है. क्लीनिक न्यूट्रीशियन जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है.

इस रिसर्च के शोधकर्ताओं ने दो पॉपुलेशन में बांट कर डेटा सेट का विश्लेषण किया, जिसमें यूनाइटेड किंगडम का यूके बायोबैंक और नीदरलैंड का रॉटरडैम शोध शामिल है. साल 2006 से 2010 तक यूके बायोबैंक में 5 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. वहीं, रॉटरडैम शोध में करीब 15 हजार लोगों को शामिल किया गया था.

टाइप 2 डायबिटीज से संबंधित इंफ्लामेशन बायोमार्कर के स्तर में परिवर्तन देखा. रिसर्च के अनुसार, रोजाना 1 कप कॉफी पीने से इंफ्लामेशन कम होने के चलते टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंट का खतरा 4 फीसदी कम होता है.हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज को आंशिक तौर पर एक इंफ्लामेटरी बीमारी माना जाता है.

मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं ये फ़ूड आइटम्स

ह हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह हमारे शरीर को नियंत्रित करने, महसूस करने, सोचने, समझने और सांस लेने का काम करता है। हम इसका बेहतर तरीके से पालन पोषण करें और खान-पान पर ध्यान दें।

यदि आप रोजाना अपने आहार में पत्तेदार हरी सब्जियां जैसे पालक, साग आदि शामिल करते हैं, तो इनमें कई पोषक तत्व होते हैं जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के अनुसार हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन के, बीटा कैरोटीन, फोलेट, विटामिन ई आदि से भरपूर होती हैं। विटामिन ई एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाता है।

यह कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होता है और दिमाग की सेहत के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है।  यह दिमाग की सूजन को कम करने, दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने, याददाश्त तेज करने, दिमाग की कोशिकाओं की मरम्मत करने में भी फायदेमंद है।

ब्लूबेरी दिमाग के लिए काफी फायदेमंद फल माना जाता है। इसे मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए सूची में सबसे ऊपर रखा जा सकता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, मैंगनीज, फाइटोन्यूट्रिएंट्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।  शोध में पाया गया है कि यह अल्जाइमर, डिमेंशिया और बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में भी मददगार है। ,

कॉफी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं या हानिकारक ?

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

गर्मी के मौसम में आखिर क्यों करना चाहिए गन्ने के जूस का सेवन, जानिए यहाँ

ऊर्जा हासिल करने के लिए गन्ने का जूस सबसे अच्छा जरिया है. इससे आप सुनिश्चित होते हैं कि आपको डिहाइड्रेशन न हो. जूस में शुगर शरीर के जरिए आसानी से अवशोषित हो जाता है.

स्वाद में गन्ना बहुत मीठा होता है, उसमें कैलोरी की कम मात्रा पाई जाती है. गन्ने के जूस को नींबू और सेंधा नमक के साथ मिलाने पर ये और भी ज्यादा स्वादिष्ट हो जाता है और शरीर को फौरन ऊर्जा देता है.

पीलिया से पीड़ित शख्स को गन्ने का जूस इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. ये जूस लिवर के लिए बेहद मुफीद होता है. ये लिवर के काम को सुधारता है और उससे जुड़ी बीमारियों को दूर करता है.

गन्ने के जूस में फाइबर की अत्यधिक मात्रा देर तक भरा रखती है और वजन घटाने में आपकी मदद करती है. ये शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल को भी कम करती है और हमारे दिल को सेहतमंद रखने का काम करती है.

स्वस्थ हृदय की तमन्ना हैं तो भूल से भी न करें ये गलतियाँ

स्वस्थ हृदय का होना संपूर्ण स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए जरूरी है। यह हमारे शरीर का सबसे मेहनती अंग है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को लेकर लाखों मीटर ब्लड को शरीर के हर हिस्से में पहुंचाता है।

 विश्व स्तर पर हृदय रोग मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। डराने वाली बात ये है कि हार्ट अटैक से अचानक जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर युवा थे। ऐसे में आपको हार्ट अटैक के कारणों को जानते हुए सतर्क होने की जरूरत हैं।

अनहेल्दी और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से भी आपका दिल खतरे में पड़ सकता है। यह एक हानिकारक आदत है, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम कारक को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे हार्ट अटैक के जोखिम कारकों में से एक मानते हैं।

मायोहेल्थ कहता है कि मोटापा के कारण हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है, यह सभी स्थितियां हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा देती हैं। यही वजह है कि हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए समय रहते अपना वजन कम कर लें।

एनीमिया की शिकायत हैं तो सूखे नारियल का रोजाना करें सेवन

सूखे नारियल का प्रयोग पूजा-पाठ से लेकर कुकिंग तक में किया जाता है। हम में से ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल खीर, हलवा, आइसक्रीम और स्वीट डिश बनाने के लिए करते हैं।

 सूखा नारियल हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है? जी हां, सूखे नारियल में विटामिन बी6, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, फॉस्फोरस, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सूखे नारियल का सेवन करने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं।

ध्यान रखें कि सूखे नारियल की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जो खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

इसे खाने से शरीर में खून की कमी की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। जिन महिलाओं और बच्चों को एनीमिया की शिकायत होती है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर सूखे नारियल का सेवन करना चाहिए।

अकेलेपन की समस्या से हैं परेशान तो जानिए इससे निजात का तरीका

आजकल की बदलती जीवनशैली में अकेलेपन की समस्या से काफी लोग जूझ रहे हैं। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं।

बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति खुद को अकेला महसूस करने लगता है। समाज से अलग-थलग रहना या दूसरों से दोस्ती न कर पाने की वजह से भी अकेलापन महसूस हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि अकेलापन आपके लिए कितना खतरनाक हो सकता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

इंसान को हमेशा सामाजिक होने की सलाह दी जाती है। अकेलेपन से बचने के लिए आप खुद को किसी काम या हॉबी में व्यस्त रखने की कोशिश कर सकते हैं।

अकेलेपन के कारण होने वाली सबसे आम समस्या डिस्थीमिया या लगातार डिप्रेशन रहना है। व्यक्ति ज्यादातर समय अकेले रहना चाहता है। इसकी वजह से आपकी मानसिक सेहत पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।

सोशल एंग्जाइटी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति बाहर निकलने या दूसरे लोगों से मिलने को लेकर काफी ज्यादा चिंतित रहता है। इस समस्या से पीड़ित लोग दूसरों से बात करने में कतराते हैं, डरते हैं और कई मामलों में शर्मिंदगी भी महसूस करते हैं।