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हेल्थ

लूज मोशन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? जानिए हेल्थ एक्सपर्ट्स से उनकी राय

बदलते मौसम में लोगों को तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है। इन्हीं में से एक लूज मोशन की समस्या है। आजकल अधिकतर लोग लूज मोशन, उल्टी और चक्कर आना जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

वैसे तो दवाई लेने से लूज मोशन की समस्या 2-3 दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन लूज मोशन की वजह से होने वाली कमजोरी का अनुभव लंबे समय तक रहता है।  लूज मोशन या दस्त होने पर व्यक्ति के शरीर से तरल पदार्थ अधिक मात्रा में निकल जाता है। इससे कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है।

लूज मोशन के दौरान नमक और चीनी का पानी पीना काफी फायदेमंद होता है।  शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। आपको कमजोरी और थकान का अनुभव भी नहीं होगा। लूज मोशन में नमक और चीनी का पानी पीने से पेट को भी आराम मिलता है। अलावा, लूज मोशन में नारियल पानी, छाल, दही आदि का सेवन करना भी अच्छा होता है।

टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल और ठीक करना चाहते हैं तो पढ़े ये खबर

असंतुलित जीवनशैली और खराब खानपान के कारण आजकल बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, युवाओं में भी डायबिटीज के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।

डायबिटीज होने पर व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ या घट सकता है, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज दो प्रकार का होता है – टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज।  खानपान और जीवनशैली में बदलाव करके टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल और रिवर्स करने भी काफी मदद मिल सकती है। आज इस लेख में हम आपको जीवनशैली से जुड़े ऐसे 5 बदलाव बता रहे हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद मिलेगी –

ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी है। रोजाना व्यायाम करने से आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी और तनाव का स्तर भी कम होगा।

डायबिटीज रोगियों को रिफाइंड कार्ब्स की बजाए साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, आपको अपने आहार में अनसैचुरेटेड फैट को भी जरूर शामिल करना चाहिए। यह आपको लंबे समय तक भरा रखने में मदद करेगा। अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल को कम करने और शरीर में सूजन को कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है।

प्रेग्नेंसी में मह‍िलाओं की थकान को दूर करेंगे ये हेलथी फूड्स

प्रेग्नेंसी में, पहली ति‍माही के बाद, मह‍िलाओं को थकान महसूस होती है। कई मह‍िलाओं को सामान्‍य से ज्‍यादा थकान हो सकती है। इसके पीछे कई कारण होते हैं।

शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के बढ़ जाने के कारण थकान हो सकती है। प्रेग्नेंसी में नींद न पूरी करने के कारण भी थकान हो सकती है। प्रेग्नेंसी में संतुल‍ित आहार न लेने के कारण भी शरीर, थकान और कमजोरी का श‍िकार हो जाता है।  थकान दूर करने के ल‍िए कुछ हेल्‍दी व‍िकल्‍पों को डाइट में शाम‍िल कर सकते हैं।

शरीर की ऊर्जा बढ़ाना चाहती हैं, तो प्रेग्नेंसी में ओटमील खाएं। ओट्स में कॉर्ब्स, फाइबर, कैल्‍श‍ियम, आयरन, व‍िटाम‍िन बी6, व‍िटाम‍िन ए आद‍ि पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। ओट्स इंसुलिन सेंसेटिविटी में मदद करता है।

प्रेग्नेंसी में शरीर की ऊर्जा बढ़ाने के ल‍िए दाल का सेवन करें। दाल में प्रोटीन मौजूद होता है। इसका सेवन करने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है। प्रेग्नेंसी में दाल का पानी पीना भी फायदेमंद माना जाता है। इसके साथ ही फल‍ियों को अपनी डाइट में शाम‍िल करें। फल‍ियों में फाइबर, व‍िटाम‍िन्‍स, प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है।

सेब में करीब 90 कैलोरीज होती हैं। सेब में प्रोटीन और कार्ब्स भी पाया जाता है। शरीर की इम्‍यून‍िटी बढ़ाने के ल‍िए, सेब का सेवन फायदेमंद होता है। ज‍िन मह‍िलाओं को शुगर की समस्‍या है, वो भी सीम‍ित मात्रा में सेब का सेवन कर सकती हैं।

डायबिटीज जैसी जानलेवा बीमारी से हमेशा के लिए पाएं छुटकारा

डायबिटीज इन दिनों सबसे ज़्यादा होनेवाली बीमारी है, इसकी चपेट में युवा से लेकर बुजुर्ग हर कोई आ रहा है. इसलिए इसके मरीजों को अपने खानपान के अलावा अपनी लाइफस्टाइल का भी खास ध्यान रखना चाहिए.

 डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता. लेकिन सही जीवन शैली और आदतों को अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है. आज हम आपको शुगर पेशेंट द्वारा किये जानेवाले ऐसी गलतियों के बारे में बताएंगे जो वो अक्सर करते हैं.

शुगर के मरीजों को दिन में चार बार फास्टिंग, ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद शुगर लेवल की जांच जरूर करनी चाहिए। आप भोजन के दो घंटे बाद शुगर लेवल की जांच कर सकते हैं।

डायबिटीज पेशेंट को मीठी चीजों का सेवन करने के लिए मना किया जाता है।  इसका मतलब ये नहीं है कि आप फल खाना ही छोड़ दें। कुछ फल बेशक मधुमेह पेशेंट को नहीं खाना चाहिए। लेकिन कुछ फल ऐसे हैं जो शुगर पेशेंट को फायदा पहुंचाएंगे। जैसे कि अमरूद, संतरा, कीवी, सेब, नाशपानी और पपीता।

नवरात्रि के व्रत में इन फूड्स से वजन घटाने में मिलती हैं मदद

धर्म और आस्था के पर्व नवरात्रि में मां दुर्गा ने नौ रूपों की पूजा करने का विशेष प्रावधान होता है. कहते हैं कि इन दिनों में देवियों की उपासना करके विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है.चैत्र नवरात्रि के दौरान भी मां दुर्गा के भक्त पूजा-अर्चना के अलावा कई तरीकों से उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं.

नवरात्रि में व्रत रखने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप कुछ दिनों तक उन चीजों को खाने से बच पाते हैं जो वजन बढ़ाने का काम करती है. बाहर के फूड के बंद होने के साथ-साथ भूखा रहना पेट के लिए फायदेमंद होता है. नवरात्रि के फूड्स में पोषक तत्वों के अलावा फाइबर भी होता है. कब्ज या दूसरी पेट की समस्याओं को दूर रखने में फाइबर का अहम रोल है.

नवरात्रि में व्रत के दौरान बिना नमक के चिप्स या दूसरे फूड्स को खाना आज आम है पर ये चीजें सेहत को नुकसान पहुंचाती है. मूंगफली या मखाने जैसी चीजों को रोस्ट करके खाने से भूख मिटती है साथ ही इनके पोषक तत्व हेल्दी वेट गेन करने में मदद करते हैं.

नवरात्रि के दौरान व्रत खोलते समय ज्यादातर भारतीय कुट्टू के आटे की रोटी खाते हैं आपको सिंघाड़े के आटे से बनी चीजों का चयन करना चाहिए. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें फाइबर होता है और जिससे मेटाबॉलिक रेट सुधार आता है.

अंगूर खाना पसंद करते हैं तो क्या आप जानते हैं काले और हरे अंगूर में अंतर ?

हरे अंगूर की तुलना में काले अंगूर की कीमत थोड़ी अधिक होती है, हालांकि स्वाद थोड़ा अलग होता है , लेकिन क्या स्वाद कीमत को प्रभावित करता है ? या फिर इस फल के महंगे होने के पीछे कोई और वजह है.

हरे अंगूर की तुलना में काले अंगूर की कीमत अधिक होने के कई कारण हैं।आपको एक विशेष जलवायु और मिट्टी की जरूरत होती है। बहुत ठंडे और बहुत गर्म मौसम में आप इसकी खेती नहीं कर सकते हैं. काले अंगूरों को अपेक्षाकृत अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।

ऐसे में लागत और उपज को लेकर काले अंगूर के दाम बढ़ जाते हैं.काले अंगूरों की मांग हरे अंगूरों की तुलना में अधिक है, लेकिन इसकी आपूर्ति मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है, अगर वही काम मशीन से किया जाता है तो कीमत थोड़ी कम होगी। इसकी खास तरह की पैकिंग भी इसकी ऊंची कीमत के लिए जिम्मेदार है।

चुप यानी मौन रहने का महत्व नहीं जानते होंगे आप

 हर तरफ शोर-शराबे और भाग-दौड़ के बीच खामोशी की अपनी अलग ही खासियत है. आपने कई कविताओं में भी पढ़ा होगा कि मौन रहकर एक दूसरे की बात को समझना सबसे सुंदर संवाद है.

आज के इस युग में लोगों ने खुद को टेक्नोलॉजी से घेर लिया है. लेकिन मौन को मन में बैठाने की दिशा में पहला कदम यह है कि आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को अन्य सभी पहलुओं से बढ़कर समझें और फिर उन तकनीकों को शामिल करने का सचेत प्रयास करें जो आपको मौन रहने की आत्मीय उदारता और शक्ति का अनुभव करने की अनुमति दे.

गाड़ियों के बेतहाशे हॉर्न से लेकर आस-पास बजने वाले म्यूजिक, ऑन-डिमांड शो और लोगों की चटर-पटर से लेकर आपकी बिल्डिंग के ऊपर से उड़ते हुए हवाई जहाज की आवाज तक हर तरफ एक घना शोर है, कभी-कभी खुद की भी आवाज नहीं सुन पाते. आपके अंतर्रमन की आवाज, जिसे सुनने से आपके जीवन की आधी परेशानी का समाधान मिल सकता है. वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी बात नहीं है.

खेलने और कूदने के कारण क्या आपके बच्चों के पैरों में भी होता हैं दर्द ?

छोटे बच्चे खेलने और कूदने के कारण अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। जिससे कम उम्र में ही उनके पैरों में दर्द होने लगता है। पैरों में दर्द बच्चे के गलत खान-पान और कम शारीरिक गतिविधि के कारण भी हो सकता है।

 एक जगह बैठना उनके लिए शारीरिक परेशानी का कारण बन सकता है।तुम्हें बच्चों को दौड़ाना चाहिए। यह बहुत ही आसान व्यायाम है। इसे बच्चे भी आसानी से कर पाएंगे। अगर आप बचपन से ही बच्चों में दौड़ने की आदत डालेंगे तो उनके शरीर का भी काफी विकास होगा। इससे उन्हें पैरों के दर्द और मांसपेशियों के दर्द से भी राहत मिलती है।

आप अपने बच्चों को साइकिल से भी ले जा सकते हैं। इससे उनके पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही उनका ओवरऑल हेल्थ भी अच्छा रहता है। आप बच्चों को सुबह या शाम कभी भी साइकिल से ले जा सकते हैं। साइकिल चलाने से बच्चों का दिल भी रहेगा स्वस्थ

ट्यूबरकुलोसिस जैसी घटक बीमारी से लड़ने का उपाए

टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक बीमारी है लेकिन इसका इलाज भी संभव है. लोगों को टीबी के गंभीर रोग के प्रति जागरुक करवाने के मकसद से हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी डे मनाया जाता है. आपको बता दें कि दुनियाभर के कुल टीबी मरीजों के एक चौथाई भारत में पाए जाते हैं.

कैसे हुई टीबी डे मनाने की शुरूआत

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने टीबी रोग का कारण बनने बनने वाले माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबकुलोसिस की खोज 1882 में आज ही के दिन यानी 24 मार्च को की थी.पहली बार साल 1982 में वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाने लगा था.

कितने प्रकार का टीबी

  • लेटेंट टीबी
  • एक्टिव टीबी
  • पल्मोनरी टीबी
  • एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी

कैसे करें टीबी की पहचान

  • दो हफ्तों से ज्यादा खांसी आनी
  • ठंड लगना
  • बुखार
  • बलगम में खून आना
  • वजन कम होना
  • रात में पसीना
  • भूम कम लगना

दिल को रखना चाहते हैं हमेशा के लिए सेहतमंद तो आप भी डाइट में शामिल करें ये चीजें

सीने में धड़कता दिल हमारे शरीर को चलाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन यही दिल आज लोगों की चिंता का कारण बनता जा रहा हैं क्योंकि दुनिया भर में लगभग एक तिहाई मौतें दिल के रोगों के कारण हो रही हैं।

ऐसे में दिल की सेहत को लेकर लोग काफी फिक्रमंद रहने लगे हैं। अपनी उचित कार्यविधि करने में मदद मिलती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाने का काम करते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका दिल स्वस्थ धड़कता रहे, तो यहां बताए जा रहे इन सुपरफूड को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

प्रोटीन पावरहाउस होने के अलावा अंडा दिल को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। रोजाना अंडे का सेवन करने से हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। अध्ययन के निष्कर्ष से सामने आया है कि रोज 1 अंडा खाने से हृदय संबंधी रोगों का खतरा काफी कम हो जाता है।

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जामुन का सेवन जरूर करें।इनमें ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं। जामुन के अलावा आप स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी भी खा सकते हैं। बेरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हार्ट के जोखिम को कम करते हैं।