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हेल्थ

कोविड-19: सक्रिय मामले हुए 6 महीने में सबसे कम, देश में अबतक दर्ज़ हुए 26,115 नए मामले

कोरोना मरीजों की रिकवरी बेहतर होने की वजह से सक्रिय मामले पांच महीने बाद सबसे कम हुए हैं। हालांकि कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

साथ ही वायरस में लगातार हो रहे म्यूटेशन नए खतरे की आशंका को और अधिक मजूबत कर रहे हैं। करीब 150 दिन बाद सक्रिय मरीजों की संख्या कम होकर अब 3,18,181 दर्ज की गई है। देश में सक्रिय दर 0.95 फीसदी है। इसके अलावा कोरोना रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ते हुए अब 97.72 फीसदी है।

24 घंटे की अवधि में सक्रिय कोविड-19 केसलोड में 8,606 मामलों की कमी दर्ज की गई है।केरल ने 15,692 ताजा कोविड-19 मामलों और 92 मौतों की सूचना दी, जिससे केसलोड 45,24,185 और मरने वालों की तादाद 23,683 तक पहुंच गई।दैनिक सकारात्मकता दर 1.85 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पिछले 22 दिनों से यह 3 फीसदी से भी कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया, पिछले एक दिन में 30,256 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं और 295 लोगों की मौत हो गई है।

ब्लड शुगर से लेकर कोलेस्ट्रोल तक को बिगाड़ सकती हैं आपके lifestyle से जुडी ये आदते

शरीर ठीक तरह से काम करें, वजन नियंत्रित हो और बीमारियां भी न लगें, इसके लिए जरूरी है कि आपका मेटाबॉलिज्म ठीक तरह से काम करें. जब यह सही से काम नहीं करता तो खाया हुआ शरीर को लगता नहीं, वजन कंट्रोल नहीं होता और ब्लड शुगर से लेकर कोलेस्ट्रोल तक सब कुछ बढ़ता है.

जितनी कैलोरीज की शरीर को जरूरत हो उतना या उससे कम खाना वजन नियंत्रित करने के लिए जरूरी है लेकिन इस फेर में बहुत कम भोजन करना उचित नहीं. ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचाता है.

ठीक से न सोना या भरपूर नींद न लेना केवल मेटाबॉलिज्म को ही नहीं पूरी सेहत को बिगाड़ता है. जिन लोगों को नींद ठीक से पूरी नहीं होती वे अक्सर मोटापे के शिकार होते हैं. यही नहीं इससे डायबिटीज, डिप्रेशन, हार्ट डिजीस जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है

रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स सेहत के लिए ठीक नहीं होते. ये आसानी से डाइजेस्ट होकर ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हैं और आपका शरीर एनर्जी बनाने के लिए इनका कम इस्तेमाल करता है. इसलिए बहुत कार्ब लेने से आपका मेटाबॉलिज्म स्लो होता है.

टीकाकरण के बाद इन 3 चीजें को अपनाकर आप भी पा सकते हैं कोरोना के नए Variant से निजात

कोरोना नियमों का पालन करते रहना जरूरी है कोरोना को टीकाकरण बढ़ाकर रोका जा सकता है हर्ड इम्यूनिटी के भरोसे बैठा रहना गलतकोरोना महामारी के मामले में हालात पिछले साल की तुलना में बेहतर हुए हैं.

वर्तमान में, दुनिया भर में प्रशासित किया जा रहा टीका म्यूटेंट वायरस पर उतना प्रभावी नहीं है। हमें यह समझने की जरूरत है कि इस समय, संक्रमण के जोखिम को कम करने और लंबे समय तक कोरोना की संभावना को कम करने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र तरीका है।

टीका लगवाना न केवल संक्रामक वायरस से खुद को बचाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी बचाना है। टीकाकरण का कोई विकल्प नहीं है। टीकाकरण के लिए पात्र सभी लोगों के लिए यह अनिवार्य है कि वे जल्द से जल्द टीका लगवाएं।

ये उपाय करना इस समय और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि डेल्टा और अल्फा जैसे कई संक्रामक वायरस के उभरने के कारण जो भविष्य में एक बड़े प्रकोप का कारण बन सकते हैं।

किसी आयुर्वेद‍िक औषधी से कम नहीं हैं देसी घी का सेवन, जानिए इसके कुछ फायदे

घी खाने का स्‍वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्‍क‍ि इसे एक आयुर्वेद‍िक औषधी भी माना गया है। प्राचीन काल से ही घी का इस्तेमाल आहार में किया जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार घी वात और पित्त को शांत करता हैं। घी में वसा की मात्रा काफी पाई जाती है। यह लीवर को ठीक रखने में मदद मदद करता है।

बच्चे की डाइट में घी शामिल करने के फायदे

  1. यदि आप अपने बच्चे की डाइट में घी को शामिल कर लें तो आपके बच्चे की हड्डियां मजबूत हो सकती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार घी वसा का अच्छा स्रोत होता है।
  2. यदि आप अपने बच्चे को रोजाना कम मात्रा में घी खाने के लिए दें, तो वह हमेशा ऊर्जावान बने रह सकते हैं। जानकारों के मुताबिक बढ़ते बच्चे के विकास के लिए ऊर्जा बेहद जरूरी माना जाता है।
  3. यदि आप कम मात्रा में अपने बच्चे को घी खाने को दें तो उनकी पाचन शक्ति मजबूत होने के साथ-साथ दिमाग का भी अच्छे से विकास हो सकता हैं।
  4. यदि आप कम मात्रा में रोजाना अपने बच्चे को घी खिलाएं, तो उनकी इम्यूनिटी क्षमता मजबूत हो सकती है।

 

अक्‍सर इन गलतियों के कारण आपके लिए योग करना हो सकता हैं हानिकारक

अक्‍सर लोग पीठ और कमर दर्द आदि के लिए योग का सहारा लेते हैं। तो वहीं बहुत से लोग वजन घटाने के लिए भी योग का अभ्यास करते हैं, लेकिन कई लोगों को नियमित अभ्‍यास के बावजूद फायदा नहीं होता है।

तो कौन सी हैं वो गलतियां जो हमें आसन करते समय करने से बचनी चाहिए, आइए जानते हैं।

  1. योग सांसों पर आधारित होता है। अगर आप अपनी सांस रोक रहे हैं और योगासन करते वक्‍त चेहरा ज्‍यादा लाल होने लगे तो आपको रिलैक्‍स होने की जरूरत होगी। जिससे आप आराम से सांस ले सकें। क्‍योंकि सांस लेने और छोड़ने में होने वाली गलती से आपको नुकसान हो सकता है।
  2. योग करते समय कपड़ों का चुनाव सही होना जरूरी है। ज्‍यादा चुस्‍त कपड़े पहनकर योग करने से मसल्‍स में खिंचाव, खरोंच, खुजली आदि हो सकते हैं। तो प्रशिक्षक से सलाह जरूर लें। क्‍योंकि हर किसी का शरीर एक जैसा नहीं होता, इसलिए आपकी शारीरिक रचना के लिए हर मुताबिक योगासन की मुद्रा सही नहीं होगी।
  3. योग के दौरान शवासन व परम विश्राम मुद्रा का भी खास महत्‍व है। अपने योग क्रिया के प्रत्येक चरण को पूरा करने के बाद, अंतिम 5-8 मिनट शवासन में बिताएं।

देश में जल्द कोरोना की तीसरी लहर देगी दस्तक, पिछले 24 घंटे में आए 30 हजार से ज्यादा केस

देश में कोरोना की दूसरी लहर कम होने के बाद फिर से नए मामले बढ़ने लगे हैं। बीते चार दिन से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या 30 हजार के पार है। कोरोना के नए मामलों में हुई बढ़ोत्तरी तीसरी लहर का संकेत है।

केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश. महाराष्ट्र, मिजोरम समेत कई राज्यों में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है। केरल तो अब भी कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है।

राज्य में रोजाना 20 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मरीज निकल रहे हैं।देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 30,773 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 309 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 38,945 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट गए हैं।

देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं। करीब एक दर्जन राज्यों में कोरोना के दैनिक मामले एक हजार से ऊपर आ रहे हैं। इससे तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है।

जादू-टोना और साजिश के भ्रम में अक्सर लोगों को हो जाती हैं ये जानलेवा बिमारी

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति की सोच, समझ और व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। ऐसा मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक असंतुलन के कारण होता है।बिना किसी वजह के हर बात और हर शख्स को शक की नजर से देखना, कल्पना की दुनिया में खोये रहना, वैसी ध्वनि सुनाई देना, जो वास्तव में नहीं होती आदि एक मनोरोग है। इस मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सिर्फ खुद की कल्पनाशील बातों पर ही विश्वास करता है। उसे दूसरों की बातें झूठ लगती है।

भ्रम के हैं कई रूप
नियंत्रण का भ्रमः  इससे पीड़ित व्यक्ति में एक ऐसा गलत विश्वास या सोच बैठ जाता है कि उसका मन, उसके विचार, या बर्ताव पर किसी दूसरे इंसान का नियंत्रण होता है।
बेवफाई का भ्रमः  इसमें लगता है कि पति या पत्नी का किसी और से अफेयर चल रहा है। अकसर इससे भ्रमित इंसान सुबूत जुटाने की कोशिश में लगता है, जो वास्तव में अफेयर है ही नहीं।
आरोपी मानने का भ्रमः ऐसे भ्रम में मरीज पश्चाताप या अपराधी होने की गलत भावना का शिकार होता है।
भव्य भ्रमः इसमें पीड़ित सोचता है कि उसमें कुछ विशेष शक्तियां, बहुत ताकत, जानकारी या क्षमताएं मौजूद है, जो किसी दूसरे में नहीं है।
संदर्भ का भ्रमः इसमें पीड़ित को लगता है कि उसके चारों तरफ होने वाली नकारात्मक घटनाएं उससे जुड़ी हुई हैं।
दैहिक भ्रमः इसमें इंसान को बिना किसी वजह लगता है कि वह बीमार है, जबकि वास्तव में वह बीमार नहीं होता।
साजिश का भ्रमः इसमें पीड़ित को लगता है कि लोग उसके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उसे महसूस होता है कि सभी उसके बारे में बातें करते हैं या उसे घूर रहे हैं। रोगी को ऐसा भी लगता है कि जैसे कुछ लोग उसके ऊपर जादू-टोना करवा रहे हैं या फिर उसके खाने में जहर मिलाया जा रहा है।

थकान को ठीक कर चेहरे को ब्राइट बनाने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स

हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा हमेशा खूबसूरत और जवां दिखे लेकिन प्रदूषण और काम के बोझ की वजह से ऐसा हो नहीं पाता। दिन भर काम करने के बाद थकान आपके चेहरे पर साफ दिखने लगती है। ऐसे में अगर किसी पार्टी या दोस्तों की शादी में जाना पड़ जाए तो किसी तरीके से चेहरे पर आई इस थकान को छिपाना पड़ता है। चेहरे पर दिखने वाली यह थकान कुछ नुस्खों से तुरंत दूर की जा सकती है।

नेचुरल मास्क – थकावट को दूर करने के लिए प्राकृतिक चीजों के मास्क का इस्तेमाल करें। यह चेहरे को रिफ्रेश करने में मदद करता है। खीरे और पुदीने के पेस्ट को मिलाकर मास्क बना लें और चेहरे पर लगा लें। इसे कम से कम 15 मिनट तक चेहरे पर लगे रहने दें। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।

चेहरे की नमी के लिए मॉइश्चराइजर – चेहरे की थकावट दूर करने के लिए अगर आप किसी तरह के मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रही हैं तो उससे पहले मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना ना भूलें।

होठों के लिप बॉम – सूखे होंठ आपकी सुंदरता पर बट्टा लगाते हैं। चेहरे को ब्राइट दिखाने के लिए आप ब्राइट कलर के लिप बॉम का इस्तेमाल करें। ध्यान रहे कि आपके होंठ नम रहें। इससे भी चेहरे की थकावट को दूर करने में मदद मिलती है।

कंसीलर – चेहरे को ब्राइट बनाने के लिए कंसीलर बेहतर विकल्प है। अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो आंखें डल लगने लगती हैं। इसके लिए कंसीलर का इस्तेमाल करें। आप जिस कंसीलर का इस्तेमाल करें उसका टोन आपकी त्वचा से एक शेड लाइट होना चाहिए। यह चेहरे को ब्राइट करने में मदद करता है।

शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने में काफी हद तक फायदेमंद है ये पत्तागोभी

वसाबी पत्तागोभी की तरह दिखने वाली एक सब्जी है जिसका नाम शायद ही लोगों ने कभी सुना हो। लेकिन आपको बता दें यह खाने में बहुत फायदेमंद होता है। इसका स्वाद मसालेदार होता है। वसाबी में फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, सोडियम और जिंक पाया जाता है। यह शरीर के लिए काफी उपयोगी होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी पाए जाते हैं। जो कोलेस्टॉल के लेवल को शरीर से कम करता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने में काफी हद तक मदद करता है।

वसाबी में कोलेस्टॉल को कम करने की क्षमता होती है। क्योंकि इसमें एंटीहाइपरकोलेस्टॉलनिक गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में कोलेस्टॉल को कम करने में मदद करता है। यह शरीर की प्लेटलेट के साथ मिलकर ब्लड क्लोट तैयार करता है। इससे स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। यह हृदय से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए बहुत उपयोगी होता है।

इंफेक्शन का खतरा होता है कम

वसाबी में प्राकृतिक रुप से एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल एंजेट होते हैं। बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन जैसे अल्सर, गैसट्रिक की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। यह बैक्टीरिया की ग्रोथ को कम करके इंफेक्शन को फैलने से रोकता है।

सूजन कम करता है

वसाबी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो जोड़ों में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं।साथ ही अर्थराइटिस होने की संभावना को कम करता है।

वसाबी

वजन कम करता है

वसाबी वजन कम करने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है। क्योंकि इसमें कम मात्रा में कैलोरी होती हैं। साथ ही फाइबर भी होता है जो कब्ज की समस्या से रोकथाम करते हैं।

हड्डियां

उम्र के साथ बोन मांस कम होता जाता है। वसाबी हड्डियों की इंटीग्रिटी को नियमित करके हड्डियों के नुकसान को कम करता है। वसाबी में कैल्शियम होता है जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और इनके कार्यों में भी सुधार करता है।

ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने के लिए कुछ इस तरह आप भी कर सकते हैं बेकिंग सोडा का उपयोग

मौसम कोई भी हो त्‍वचा का ख्याल हमेशा रखना चाहिए। हमारे चेहरे से हमारी खूबसूरती झलकती है। इसे सूर्य की यूवी किरणों से बचाने की ज़रूरत हमेशा ही होती है। वैसे टैनिंग की वजह केवल सूर्य की यूवी किरणें ही नहीं होती हैं। कई बार स्किन टैनिंग डिहाइड्रेशन की वजह से या फिर बल्‍ब और ट्यूब लाइट्स की वजह से भी हो जाती है।

ब्लैकहेड्स सौंदर्य फीका बनाते हैं। छोटे कमरे की तरह दिखने वाले डॉट्स चेहरे से चमक हटा देते हैं। तो कई लोगों के लिए यह सिरदर्द है, ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने के लिए कैसे?

1। ब्लैकहेड्स से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा एक अच्छा तरीका हो सकता है। यह चेहरे से गंदगी को अच्छी तरह से हटाता है। यह सूक्ष्म छिद्रों में जमा गंदगी को भी हटाता है।

2। हमारी रसोई में उपलब्ध एक अन्य वस्तु दालचीनी है, जो ब्लैकहेड्स को हटाने में उपयोगी है। इसके लिए नींबू और हल्दी की भी आवश्यकता होती है। आपको इन तीन चीजों को मिलाकर अपने चेहरे को साफ करना चाहिए।

3। आइए ओटमील और दही के मिश्रण का पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे और नाखूनों पर अच्छी तरह से लगाना चाहिए, ब्लैकहेड्स दूर होते हैं।

4। नींबू का रस दागों को हटाने में बहुत उपयोगी है। यह ब्लैकहेड्स को अच्छी तरह से हटाता है। नींबू में पोषक तत्व और विटामिन भी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। कुछ तो इससे छुटकारा पाने के लिए महंगे कॉस्मेटिक्स का भी इस्तेमाल करते हैं। हालाँकि, घरेलू उपचार चेहरे की छिद्रों में जमा गंदगी को हटाने में प्रभावी होते हैं, जो हमारे लिए आसानी से उपलब्ध है।