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हेल्थ

हल्दी का पेस्ट दूर करेगा पसीने की बदबू, यहाँ जानिए इसके कुछ लाभ

पसीना आना एक सामान्य स्थिति है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में आता है, तो इससे इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से असहज हो जाता है।

इस स्थिति पर लोगों का जल्दी ध्यान भी नहीं जाता और कुछ लोग इसके लिए गंभीर भी नहीं होते, जबकि यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।आज हम आपको कुछ उपाय बताएंगे अगर आपके उपाय करते हैं तो आपको पसीना नहीं आएगी .

सबसे पहले आप कच्चे हल्दी का पेस्ट बना लें और उसे उस जगह पर लगाएं जहां आपको सबसे ज्यादा पसीना आता है इससे आपको क्या फायदा होगा कि जल्दी पसीना नहीं आएगा.

आप कहीं भी बाहर जा रहे हैं या फिर बाजार जा रहे हैं तो उससे पहले आप नीम की पानी से स्नान कर ले इससे आपको पसीना भी नहीं आएगा और अगर आप नीम के पानी से स्नान करते हैं तो बहुत सारे बीमारियों को भी खत्म करता है |

आप खीरे का इस्तेमाल करके भी पानी पसीने से छुटकारा पा सकते हैं आपको खीरे का पेस्ट बनाना है और जहां भी पसीना आता है वहां पर खीरे का पेस्ट लगा दे तो आपको पसीने से छुटकारा मिल सकता है या फिर पसीना कम आएगा

सोडियम का अत्यधिक सेवन शरीर के लिए पैदा कर सकता है ये परेशानियां

आपने अक्‍सर ऐसा सुना होगा कि सोडियम का अधिक सेवन शरीर के लिए अच्‍छा नहीं होता. इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. अब शोधकर्ताओं ने भी यही बात कही है.

उन्‍होंने कहा है कि सोडियम की अधिक मात्रा का सेवन सिर चकराने को रोकने में नहीं किया जाना चाहिए. शोधकर्ताओं ने सोडियम के सेवन के मौजूदा दिशा-निर्देशों को चुनौती दी है. खड़े होने के दौरान चक्कर आना गुरुत्वाकर्षण की वजह से रक्तचाप में गिरावट का नतीजा है और यह वयस्कों में आम बात है.

सोडियम के ज्यादा सेवन को व्यापक तौर पर चक्कर रोकने के उपाय के तौर देखा जाता है, जब बैठने की स्थिति से खड़े होते हैं.

हालांकि, इस सिफारिश के विपरीत बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर (बीआईडीएमसी) के शोधकर्ताओं ने पाया है कि सोडियम की अधिक मात्रा का सेवन वास्तव में चक्कर आने को बढ़ा देता है.

बीआईडीएमसी बोस्टन के शोधकर्ता स्टीफेन जुराशेक ने कहा, ‘हमारा शोध नैदानिक व शोध से जुड़ा है’.

जुराशेक ने कहा, ‘हमारे नतीजे स्वास्थ्य चिकित्सकों को चक्कर आने के सार्वभौमिक ईलाज के तौर पर सोडियम के सेवन को बढ़ाने की सिफारिश को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. इसके अतिरिक्त हमारे परिणाम सोडियम व व्यापक रूप से आहार की भूमिका को लेकर अतिरिक्त शोध की जरूरत की बात कहते हैं’.

अवसाद के कुछ प्रमुख लक्ष्ण जिससे आपको भी हो जाना चाहिए सतर्क

इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि अब हमारे समाज में भी अवसाद यानी डिप्रेशन को एक गंभीर बीमारी के रूप में देखा जाने लगा है और ये बदलाव सराहनीय है। पिछले कई सालों तक डिप्रेशन से घिरे इंसान को कमज़ोर माना जाता था।  अब इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब इसे एक गंभीर मानसिक स्वास्थ की तरह देखा जाता है, जिसे उचित इलाज की ज़रूरत होती है

अवसाद के कुछ ही लक्षण होते हैं, लेकिन लक्षणों की गंभीरता एक व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे तीन लक्षणों के बारे में जिनसे पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप भी डिप्रेशन में तो नहीं!

कुछ लोगों के लिए सामाजिक सपोर्ट सिस्टम तैयार करने का मतलब दोस्तों या परिवार के साथ मजबूत संबंध बनाना हो सकता है. आप अपने प्रियजनों को अपने डिप्रेशन को ठीक करने की दिशा में मदद में ला सकते हैं.

कुछ के लिए ये एक डिप्रेशन सपोर्ट ग्रुप के रूप में हो सकती है. इसमें एक समुदाय समूह शामिल हो सकता है जो आपके इलाके में ही मौजूद हो या आपको एक ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी मिल सकता है.

नींबू और घी के साथ गर्म पानी का सेवन करने से दूर होगी मोटापे की समस्या

पेट पर जमा मोटापा घटाने  के लिए उपाय या पेट की चर्बी कैसे कम करें के इरादे से अगर आप व्यायाम कर रहे हैं तो आपको हम बड़े ही आसान तरीकों में बताएंगे कि कैसे आप मोटापे से निजात पा सकते हैं. पेट पर जमी चर्बी को कम करने के लिए सबसे पहले अपना कैलोरी इनटेक सही करना होगा.

अगर आप जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं तो यह आपके पेट पर वसा के रूप में जम जाती है. एक स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम आपके वजन को कम करने और पेट की चर्बी को खत्म करने में मदद कर सकता है.

नींबू और घी के साथ गर्म पानी
पेरिस्टैल्सिस को सुधारने के लिए घी या नींबू के साथ 200 मिलीलीटर गर्म पानी का सेवन मुफीद रहेगा. अगर आपके शरीर का प्रकार वात या पित्त है तो पानी के साथ घी इस्तेमाल करना चाहिए. इससे कब्ज दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही पाचन प्रणाली को चिकना करेगा.

कच्चे फल का सेवन
हर्बल चाय पीने के बाद कच्चे फलों का सेवन करें. इसके लिए लाल-हरा सेब, चेरी, स्ट्राबेरी, ब्लैकबेरी, अनानास, आंवला, अधपका केला और अनार बेहतरीन विकल्प हो सकता है. ये फल शरीर में पानी के अवरोध को कम करते हैं.

पाचक चाय का इस्तेमाल
आज कल बाजार में कई तरह की आयुर्वेदिक चाय मिलती है. लेकिन बेहतर है पीने के लिए आप घर पर खुद चाय तैयार करें. इसके लिए एक चम्मच जीरा, एक चम्मच सौंफ, एक चम्मच धनिया, एक इलाइची और थोड़ा अजवाइन लें. मात्रा में आधा होने तक सभी सामग्री को 50 मिलीलीटर पानी में उबालें.

शहद-काली मिर्च का चूर्ण बहुत जल्द दूर करेगा आपके सुखी खांसी की समस्या

आप सभी ने अब तक काली मिर्च के फायदे के बारे में तो सुना ही होगा. काली मिर्च वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ जबरदस्त काम करती है. जी हाँ और इससे सेहत को बड़े फायदे होते है.काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 4 बार चाटने से खांसी दूर हो जाती है

जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। यहां बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है।

वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।

कहा जाता है घी और मिश्री के साथ काली मिर्च का चूरण चाटने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है.अगर गले का इंफेक्शन दूर करना है तो आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर पानी से गरारें करें.

आधा चम्मच पिसी काली मिर्च को थोड़े से घी के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.कहा जाता है काली मिर्च को बारीक पीसकर घी में मिलाकर दाद-फोड़े और फुंसी पर लगाने से लाभ होता है.

BEL ने प्रबंधक और प्रोसेस इंजीनियर के पदों पर निकाली भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पुणे  में नौकरी का शानदार अवसर निकला है। BEL ने प्रबंधक और प्रोसेस इंजीनियर के पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं।

इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार जो इन रिक्त पदों  के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे BEL की आधिकारिक वेबसाइट bel-india.inपर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। इन पदों  के लिए अप्लाई करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2023 है।

महत्वपूर्ण तिथियां-

ऑनलाइन आवेदन करने की आखरी तारीख- 28 फरवरी 2023

पदों का विवरण- 5 पद

योग्यता– मान्यता प्राप्त संस्थान से मैकेनिकल में बी.टेक पास हो ।

उम्र सीमा- उम्मीदवारों की आयु सीमा 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

चयन प्रक्रिया- लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा।

आवेदन कैसे करें- इच्छुक और योग्य उम्मीदवार BEL की आधिकारिक वेबसाइट (bel-india.in) के माध्यम से 28 फरवरी 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। इस सबंध में विस्तृत जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए आधिकारिक अधिसूचना को देखें।

 

गाय के देसी घी का सेवन करने से आपका दिमाग भी होगा तेज

देसी घी का उपयोग भारत में वैदिक काल के पूर्व से होता आ रहा है। पूजा पाठ मे घी का उपयोग अनिवार्य है। अनेक औषधियों के निर्माण में देसी घी काम आता है। मक्खन और घी मानव आहार के अत्यावश्यक अंग हैं। इनसे आहार में पौष्टिकता आती है ओर भार की दृष्टि से सर्वाधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

– आपको बता दें कि देसी गाय के घी से दिमाग तेज होता है. इसी के साथ ऐसा गायों की अलग-अलग प्रजाति और उनके दूध से मिलने वाले अलग-अलग गुणों के कारण होता है.

– बहुत कम लोग जानते हैं देसी गाय का घी हमारे दिमाग को तेज और कुशाग्र बनाता है. इसके अलावा जर्सी गाय और भैंस का दूध हमारे शरीर को बलवान बनाने का काम करता है इसका मतलब है मसल्स बनानी हैं तो भैंस के दूध और घी का उपयोग करना चाहिए.

– आप नहीं जानते होंगे दोनों समय के भोजन और नाश्ते में भी मध्यम मात्रा में देसी घी का उपयोग किया जा सकता है. लेकिन जिन लोगों को हार्ट, शुगर या कोई अन्य गंभीर रोग है, उन्हें अपनी डायट में किसी भी नई चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए.

किडनी में मौजूद हैं स्टोन तो बिना दवाई के इसे निकालने के लिए करें ये…

इंसान के शरीर में किडनी यानि गुर्दों का अहम रोल होता है. किडनी ही शरीर में खून को साफ करके उसमें से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है,किडनी की बीमारी के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इसका पता प्रथम अवस्था में नहीं चलता है.

इसके साथ ही आवश्यक पोषक तत्वों को ब्लड तक पहुंचाने में भी किडनी ही मददगार होती है. गलत खाने-पिने के कारण किडनी को क्षति पहुंचती है और किडनी से जुड़ी दिक्कत होने लगती हैं.

सेब का सिरका
सेब में काफी मात्रा में सिट्रिक एसिड मौजूद होता है जो किडनी स्टोन को छोटे- छोटे कणों में विभाजित करना का कार्य करता है. सेब का सिरका टॉक्सिन को शरीर के बाहर निकालने में भी मदगार होता है.

पानी का अधिक उपयोग
किडनी में स्टोन की दिक्कत को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए. जल की कमी से शरीर में कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं.

अनार
अनार हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. अनार का सेवन करने से किडनी में स्टोन की दिक्कत से राहत मिलती है. अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी काफी तादाद में पाए जाते हैं और अनार का सेवन करने से इम्यून सिस्टम दृढ़ बनता है.

महिलाओं के शरीर के लिए कौन-कौन से विटामिन्स हैं जरुरी ? देखिए यहाँ

वर्किंग वुमन हो या हाउसवाइफ, महिलाओं को सुबह से लेकर शाम तक काम करना पड़ता है। दिनभर काम के चक्कर में महिलाएं अपनी सेहत को लेकर लापरवाह हो जाती है।

कुछ महिलाओं तो अपने खान-पान का भी ध्यान नहीं रखती, जिसके कारण उनके शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाती है।  इससे दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम बताएंगे कि महिलाओं के लिए कौन-कौन से विटामिन्स जरूरी है और इनकी

महिलाओं के लिए जरूरी विटामिन्स
1. विटामिन सी
विटामिन सी महिलाओं को हार्ट प्रॉब्लम से दूर रखने का काम करता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में आंवला, संतरा, नींबू, हरी मिर्च, कीवी, अंगूर, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, पपीता, आलू और टमाटर को शामिल करें।

दांतों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए सरसों के ऑयल के साथ इस नमक से करें मालिश

स्वस्थ शरीर के लिए दांतों का स्वस्थ होना भी बेहद जरुरी होता है दांतों के स्वास्थ्य का ख्याल ना रखने, बेहद शुगर  एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने अच्छी तरह से दांतों को साफ ना करने से भी दांत बेकार हो जाते हैं इन्हें अगर आपको साफ़ रखना है तो दांतों के लिए आपको सरसों का ऑयल प्रयोग करना होगा जिससे सफेदी जल्दी आएगी आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि किस तरह से कर सकते हैं इस्तेमाल

1. नमक- दांतों को साफ करने के लिए आप सेंधा नमक  साधारण नमक दोनों का प्रयोग कर सकते हैं नमक में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि दांतों को बैक्टीरिया संक्रमण से बचाते हैं  स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं [ : दांतो की झनझनाहट को कम करने के लिए घरेलू उपाय]

2. सरसों का तेल- सरसों के ऑयल में पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं साथ ही इससे तेल पुलिंग करने से दांतों से गंदगी निकल जाती है

3. सरसों का ऑयल  नमक –
दांत साफ करने के लिए आधा चम्मच सरसों के ऑयल में एक चुटकी नमक मिलाकर पेस्ट बनाएं  दांतों पर मलें आप चाहें तो ब्रश का प्रयोग भी कर सकते हैं 5 मिनट मुंह में इसे रखने के बाद कुल्ला कर लें