Thursday , November 21 2024

हेल्थ

टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए काफी लाभदायक हैं तेज पत्ते

हर घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाले तेज पत्ते के बारे में तो आप जानते ही होंगे. अधिकतर लोग तेज पत्ते को स्वाद के लिए ही जानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि यह कई प्रकार से आपकी सेहत को भी फायदा पहुंचाता है.

इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. तेज पत्ता खाने वालों को पाचन से जुड़ी दिक्कत नहीं होती. यदि आपके घर में भी किसी को पाचन संबंधी विकार है तो तेज पत्ता का सेवन इसके लिए रामबाण साबित होगा.

इस पत्ते का उपयोग टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है. यह ब्लड शुगर के स्टार को नॉर्मल बनाए रखने में सहायता करता है. इससे हृदय को भी लाभ पहुंचता है. इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों को इसका उपयोग आवश्यक करना चाहिए.

पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है तेजपत्ता
पाचन संबंधी दिक्कतों के लिए तेजपत्ते का उपयोग काफी लाभदायक है. यह पेट से जुड़ी कई दिक्कतों से राहत दिलाने में मददगार होता है. इसके उपयोग से कब्ज, मरोड़ और एसिडिटी जैसी दिक्कतों से राहत मिल सकती है. प्रातः चाय के साथ भी इसका उपयोग कर सकते हैं.

अच्छी नींद के लिए बेहद लाभदायक है तेजपत्ता
अगर आप नींद न आने की दिक्कत से जूझ रहे हैं तो रात्रि सोने से पहले तेजपत्ते के ऑइल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर पिएं. इस पानी से आपको अच्छी नींद आएगी.

वजन कम करने में मददगार हैं रसोई में रखी ये दाल

मूंग की दाल हर कोई चाव से खाना पसंद करता है, घरों में मूंग की दाल के कई तरह के वैरायटीज बनाई जाती है जैसे मूंग दाल का हलवा, लड्डू पकौड़े, सूखी सब्‍जी और दाल तो खैर ही है हमारे फिक्‍स मैन्‍यू में।

 

मूंग की दाल हमारे हेल्‍थ के ल‍िए काफी फायदेमंद है इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्‍व होते है। इस वजह से ही मूंग की दाल को दालों की रानी कहा जाता है। मूंग की दाल हमें हेल्‍दी बनाएं रखने के अलावा हमारे शरीर को कई तरह से इम्‍यून रखती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और फास्फोरस होता है।

वजन कम करने में मददगार
दाल के पानी में कैलोरी की मात्रा नहीं के बराबर होती है साथ ही इसमें प्रोटीन भी अच्छी-खासी मात्रा में होता है. तो दो से तीन बाउल दाल का पानी पीने से पेट फुल हो जाता है, भूख नहीं लगती जिससे बार-बार खाने और ओवरइटिंग से बचा जा सकता है.

पाचन तंत्र रहता है ठीक
फाइबर से भरपूर होने की वजह से दाल का पानी कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी कई समस्याओं को दूर रखता है. डाइडेशन खराब है, कुछ खाते ही उल्टी हो जाती है तो ऐसे में सिर्फ दाल का पानी पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

एनर्जी बनाए रखता है
अगर आपको एनर्जी लो लग रही है तो ग्लूकोज़, इलेक्ट्रॉल पीने की जगह आप दाल का पानी भी पी सकते हैं. इसे पीने से बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है.

स्किन की समस्याओं के लिए रामबाण इलाज़ से कम नहीं हैं लहसुन

भारतीय भोजन में लहसुन बहुत महत्व रखता हैं। लहसुन भोजन का स्वाद बढ़ाने का काम करता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लहसुन सेहत के साथ ही त्वचा को संवारने का भी काम करता हैं। लहसुन के कुदरती गुण त्वचा की कई परेशानियों को दूर करने का काम करता हैं।

आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह लहसुन त्वचा पर असर डालते हैं और किस तरह इसका इस्तेमाल करते हुए त्वचा को बेदाग और सुंदर बनाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

लहसुन के इस्तेमाल से आप पिंपल्स की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अगर आपको पिंपल्स की समस्या अधिक हो रही है, तो लहसुन की कुछ कलियां लें। इस कलियों से पेस्ट तैयार करें। अब इस पेस्ट में व्हाइट विनेगर आधा चम्मच मिलाएं।

तनावग्रत जीवनशैली के चलते स्किन पर झुर्रियां काफी जल्दी आ जाती हैं। स्किन को टाइट रखने के लिए सही डाइट लेना बहुत ही जरूरी है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में कारगर साबित होते हैं। सुबह खाली पेट 1 कली लहसुन की खाने से स्किन की झुर्रियां समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा लहसुन, शहद और नींबू को एक साथ मिलाकर खाने से भी स्किन को बहुत ही फायदा पहुंचता है, इससे आपके स्किन पर मौजूद झुर्रियां खत्म हो सकती हैं।

टॉयलेट सीट पर बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आप भी पढ ले ये खबर

मोबाइल फोन का दखल जिंदगी में इतना बढ़ गया है कि हम हर जगह फोन को लेकर पहुंच जाते हैं। रात को सोने के समय भी हम फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं। ऐसे में मोबाइल की वजह से हम कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।टॉयलेट सीट पर बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल करने से पाइल्स यानी बवासीर जैसी बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जमाकर होकर मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ ही दर्द भी होता है। मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं।

पाइल्स के कारण
– कब्ज की समस्या। कब्ज के कारण पेट साफ नहीं होता है। और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से पाइल्स  की समस्या हो जाती है।

– जो लोग ज़्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं, उन्हें भी बवासीर की समस्या हो जाती है।
– पाइल्स का एक कारण मोटापा भी है।
– प्रेग्नेंसी के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है।
– डिलीवरी के बाद भी यह समस्या हो सकती है।
– यदि परिवार में किसी को बवासीर है, तो आपको इसे होने का खतरा बढ़ जाता है।

अपने घर के टॉइलट को भले ही हम अपने हिसाब से पूरी तरह साफ रखते हों लेकिन घर के बाहर ऑफिस में, मॉल में, ट्रेन में या फिर कहीं और पब्लिक टॉइलट यूज करते वक्त ज्यादातर लोगों के मन में जर्म्स, गंदगी और कीटाणु का डर रहता है। हेपेटाइटिस ए संक्रमण गंदे शौचालयों से होने वाला मुख्य संक्रमण है।

 

 

 

 

 

 

पत्तेदार सब्जियों का सेवन हैं आपके शरीर के लिए बेहद जरुरी

हम सभी जानते हैं। हाइट बढ़ने एक निश्चित उम्र तक बढ़ती है। वहीं, आनुवांशिक कारणों के साथ कई ऐसी बातें हैं जिससे किसी व्यक्ति की लंबाई कितनी बढ़ेगी, इसका पता चलता है। कई पहलुओं के साथ डाइट भी एक खास वजह है। जिससे किसी बच्चे की लंबाई प्रभावित होती है।

बैरीज- ब्लूबैरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी या रास्पबैरी भी कई प्रकार के न्यूट्रिशन से लैस होती हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी कोशिकाओं को बेहतर करता है और टिशू रिपेयर करने का काम करता है। विटामिन-सी कॉलेजन के सिंथेसिस को भी बढ़ाता है, एक ऐसा प्रोटीन जिसकी मात्रा आपके शरीर में सबसे ज्यादा होती है.

पत्तेदार सब्जियां- पालक, केल, अरुगुला, बंदगोभी जैसी पत्तेदार सब्जियों में भी कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। इन सब्जियों में विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम के अलावा विटामिन-के भी पाया जाता है जो हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर लंबाई बढ़ाने का काम करता है।

अंडा- अंडा न्यूट्रिशन का पावरहाउस है। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। 874 बच्चों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित रूप से अंडा खाने वाले बच्चों की हाइट बढ़ती है।

साल्मन फिश- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर साल्मन फिश भी सेहत के लिए बड़ी फायदेमंद है। ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल की सेहत को फायदा पहुंचाने वाला एक फैट है, जो शरीर की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए भी अच्छा माना जाता है।

शकरकंद- विटामिन-ए से युक्त शकरकंद हड्डियों की सेहत को सुधारकर लंबाई बढ़ाने में मदद करती है। इसमें सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल दोनों प्रकार के तत्व होते हैं, जो आपकी डायजेस्टिव हेल्थ को प्रमोट करते औंर आंतों के लिए अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं।

 

 

आंवले का सेवन करने से बाल और स्किन से जुडी समस्या से मिलेगा निजात

कई छोटी-छोटी कोशिशें हमें हेल्दी रखने में मदद करते हैं। जैसे, सुबह के समय गुनगुना पानी पीने के कई फायदे हैं। इसी तरह सुबह खाली पेट एक आंवले का सेवन आपको कई बीमारियों से बचाता है।

सबसे पहला और बड़ा कारण है कि आंवला विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) से समृद्ध है। 100 ग्राम आंवले में संतरे से 10 से 30 गुना अधिक विटामिन सी होता है।

आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटमिन सी मेटाबॉलिज्मह को बढ़ावा देने तथा सर्दी-खांसी सहित वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

अगर मुंह के छाले होने का खतरा है, तो थोड़ा पानी गर्म करें, इसमें आंवले का रस मिलाएं और इसे रोजाना पिएं। आप जल्द ही सकारात्मपरिणाम देखेंगे।

आंवले में मौजूद क्रोमियम कंटेंट को शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। इसी के कारण मधुमेह से जूझ रहे लोगों केलिए आंवला फायदेमंद फल है।

आंवला अपने रक्त शुद्ध करने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह आपकी त्वचा को साफ करने में मदद करता है, मुंहासे को रोकता है और आपको एक चमकदार रंग देता है।

नियमित रूप से स्कैल्प पर आंवला हेयर क्लींजर से मालिश करने से रूसी कम होगी और आपके बाल सुपर स्मूथ और चमकदार बनेंगे।

 

 

 

 

हल्दी का सेवन करने से होने वाले अद्भुत फायदे के बारे में नहीं जानते होंगे आप

आप सभी जानते हैं कि हल्दीआपके लिए एक चमत्कारिक औषधि के रूप में काम करती है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों  में हल्दी का सेवन कैसे और क्यों करना चाहिए और यह आपको कौन सी बीमारियों से दूर रख सकती है।

 

हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जिसमें एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह सभी नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर  के रूप में काम करता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह कैंसर और अल्जाइमर को रोक सकता है। इतना ही नहीं हल्दी को अपने डाइट में शामिल करने से हार्ट हेल्थ में भी सुधार हो सकता है।

हल्दी का सेवन करने से सामान्य सर्दी साइनस, दर्दनाक जोड़ों, अपच, और सर्दी और खांसी से राहत मिलती है। ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम और फ्लू होना आम बात है। इनसे निजात पाने के लिए आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। हल्दी बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है और गले की खराश से राहत दिलाती है.

यूरिन इन्फेक्शन से बचना चाहते हैं तो डाइट में शामिल करें ये चीज़

यूरिन इन्फेक्शन किसी भी मौसम में हो सकता है। यूरिन इन्फेक्शन शरीर में पानी की कमी के कारण होता है। जब कोई व्यक्ति कम पानी पीता है, तो यूरिन इन्फेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। यूरिन इन्फेक्शन को यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन भी कहते हैं।

 

हमारे शरीर में यूरिन इंफेक्शन की समस्या शरीर में पानी की कमी, अधिक तला-भूना और मसालेदार भोजन करना, पेशाब को ज्यादा देर तक रोककर रखना आदि हो सकते है।ऐसे में कई लोग इससे छुटकारा पाने के लिए दवाओं को सेवन करते है।

दही-
आप अपनी डाइट में दही को शामिल कर यूरिन इंफेक्शन की समस्या को शरीर से दूर रख सकते है।दही में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत रखने में मदद करता है।दही का सेवन करने से हमारे शरीर में ठंडक रहती है और इससे यूरिन इंफेक्शन के दौरान होने वाली जलन की समस्या में आराम मिलता है।
सेब का सिरका-
डाइट में सेब के सिरके का सेवन करना सेहत के लिए लाभदायक होता है।सेब के सिरके पर्याप्त मात्रा में विटामिन और ऐसे खनिज पाए जाते है, जो यूरिन इंफेक्शन की समस्या को दूर करने में मदद करते है।आप यूरिन इंफेक्शन की समस्या को दूर करने के लिए गुनगुने पानी में सेब का सिरका और शहद मिला कर सेवन करें।

सूखी खांसी से हैं परेशान तो आपको जरुर जाने चाहिए तिल्ली के फायदें

तिल्ली अपने खास गुणों के कारण कई प्रकार से फायदेमंद है। यह आपके स्वास्थ्य को हर तरह से बेहतर बनाने में गुणकारी है।दांत और मसूढ़ों की सेहत नियमित सफाई से ज्यादा जरूरी है. कैल्शियम युक्त भोजन के साथ उन्हें मजबूती मिलती है. आयुर्वेद मसाज थेरेपिस्ट नीती सेठ ने विस्तार से इंस्टाग्राम पर बताया है कि तिल कैसे आपके स्वास्थ्य की बेहद मदद कर सकता है.

 

 सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री व पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गर्म करके, गुनगुने रूप में कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है।

तिल में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो दांत और मसूढ़ों के पास की हड्डियों को संरक्षित करता है. सुबह में भुना हुआ तिल चबाने से लिवर और पेट उत्तेजित होता है और जठराग्नि को सुधारता है. मुंह का स्वास्थ्य हमारे दिन का अहम हिस्सा है.

सेठ ने बताया कि ये न सिर्फ दांत और मसूढ़ों के लिए बल्कि हमारे पाचन, अंग, टिश्यू की सेहत के लिए भी कारगर है. उसके अकूत गुण शुष्क कब्ज का इलाज करने में भी कारगर हैं. उसके चबाकर सूखी खांसी से भी राहत हासिल किया जा सकता है.

एप्पल साइडर विनेगर से आपके स्वास्थ्य को मिलेंगे कई लाभ

एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग हजारों वर्षों से एक स्वास्थ्य टॉनिक के रूप में किया जाता रहा है। कई शोधों से पता चलता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। एप्पल साइडर विनेगर को अपने आहार में शामिल करने से आपको वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है?
एप्पल साइडर विनेगर का मुख्य सक्रिय घटक एसिटिक एसिड है

एसिटिक एसिड के संपर्क में आने वाले चूहों के एक अन्य अध्ययन में एंजाइम एएमपीके में वृद्धि देखी गई, जो वसा जालने को बढ़ावा देता है और लीवर में वसा और चीनी के उत्पादन को कम करता है। मोटापे को ट्रीट करने के लिए, एसिटिक एसिड या एसीटेट ने डायबिटीज वाले चूहों में, उनका वजन बढ़ने से बचाया और पेट की वसा भंडारण और लीवर की वसा को कम करने वाले जीन की अभिव्यक्ति को बढ़ाया।
इससे शरीर में वसा का निर्माण कम होता है।

अपने शराब के सेवन को प्रतिबंधित करें, लेकिन पूरे अध्ययन में अपने सामान्य आहार और गतिविधि को जारी रखें। जिन लोगों ने प्रति दिन 1 बड़ा चम्‍मच (15 मिलीलीटर) सिरका का सेवन किया था, उन्हें औसतन निम्नलिखित लाभ मिले:

इस अध्ययन के अनुसार, एप्पल साइडर विनेगर के 1 या 2 बड़े चम्मच को अपने आहार में शामिल करने से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। यह आपके शरीर के वसा प्रतिशत को भी कम कर सकता है, जिससे आप पेट की चर्बी कम कर सकते हैं और अपने रक्त ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकते हैं।