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हेल्थ

हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद हैं ब्लू थेरेपी, जानिए इसके कुछ फायदें

आपने कभी न कभी पानी की हल्की सी हरकत, समुद्र की लहरों की मदमस्त आवाज और वहां पर चलती नमकीन सी सुहानी हवा को अपने आप में महसूस तो किया ही होगा.

वॉटर बॉडी वाले नेचुरल वातावरण में वक्त बिताना हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना गया है. इस प्रेक्टिस का का एक नाम भी है, जिसे ब्लू थेरेपी कहा जाता है.
प्रत्येक सप्ताह प्रकृति में लगभग दो घंटे बिताना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिये बेहद लाभकारी हो सकता है. इसे ब्लू थेरेपी नाम दिया गया है.
मेडिकल साइंस में नीला रंग शांत और सुखदायक का प्रतीक होता है. यही कारण है कि प्रकृति में विद्यमान नीला रंग स्वास्थ्य लाभ में सहायक होता है. बहते समुद्र की आवाज यानी प्राकृतिक हमारे ध्वनि तनाव को कम करती है.

डेनिम जींस का सिलेक्शन करते समय आप भी जरुर देख ले अपना बॉडी टाइप

रिप्ड जींस अब क्लासिक वियर में जगह बना चुकी है। शायद ही कभी फैशन की दुनिया में वह दौर आए जब कोई अपैरल इस रिप्ड जींस को रीप्लेस कर पाए। यहां जाने कि कैसे आप इस सेक्सी जींस में और भी आकर्षक लग सकती हैं…जब कभी किसी खूबसूरत इवनिंग के लिए रिप्ड जींस पहननी हो तो इसे नोटेड ब्लाउज़ के साथ पहने।

टांगे लंबी हैं तो आपके ऊपर क्रॉप जीन्स अच्छी लगेगी. आप इन्‍हें फ्लैट पंप्स के साथ पेयर कर सकती हैं. आपके लिए स्ट्रेट लेग या फिर बूट कट जीन्स भी एक अच्छा ऑप्‍शन है क्योंकि ये आपकी लोअर बॉडी को शेप देगी. अगर आप मिड राइड या फिर लो राइड फिट जीन्स पहनती हैं तो आपका फिगर कर्वी दिखेगी.

आपकी पीयर शेप बॉडी है तो आपको डार्क शेड जीन्स पहननी चाहिए. अधिक जेब वाले जींस को अव्‍वॉयड करें. आप चाहें तो ट्राउजर जीन्स भी पहन सकती हैं. अगर आपको स्किनी लुक जीन्स अच्‍छी लगती है तो आपको स्ट्रेट लेग जीन्स पहनकर देखनी चाहिए.

अगर आपकी बॉडी स्कूल ब्वॉय शेप की है तो फ्लैप पॉकेट्स वाली जीन्स आपकी शेप के लिए अच्छा है. इस शेप की लड़कियों पर स्किन फिट जीन्स और स्ट्रेट लेग जीन्स भी अच्छी लगती है.

विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने में करेगा मदद

विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए जरूरी है. विटामिन डी मांसपेशियों, प्रतिरक्षा प्रणाली और कोशिका वृद्धि के लिए जरूरी है; सूजन को कम करने के अलावा, विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करता है और हृदय की रक्षा  करने के लिए जाना जाता है.

क्या कहती है स्टडी? एक हेल्थ इंस्टीयूट के अनुसार वजन कम करने और विटामिन-डी के बीच संबंधों पर रिसर्च की गयी. एक अन्य रिसर्च के अनुसार विटामिन डी के अधिक सेवन से प्रतिभागियों के शरीर में वसा की प्रतिशत में कमी आ गयी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि क्योंकि विटामिन डी शरीर में वसा के भंडारण और उत्पादन को प्रभावित करती है. यह आपके शरीर में अन्य हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन और न्यूरोट्रांसमीटर (सेरोटोनिन) को भी प्रभावित करता है, जो आपके वजन को घटाने में सहायक होता है.

इसके अलावा शोध में पाया गया है कि महिलाओं में पेट की चर्बी विटामिन डी के कम स्तर से जुड़ी हुई थीं, जिससे उनके पेट की चर्बी पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. पुरुषों में विटामिन डी का स्तर उनके लिवर और पेट के फैट के साथ बेहद जुड़ा हुआ था. रिसर्च पेट की चर्बी बढ़ने और विटामिन डी की कमी से पेट के हिस्से में फैट जमा हो जाती है, या पेट का फैट विटामिन डी के स्तर में कमी ला सकता है?

करेले का जूस कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने में करेगा मदद

करेला का नाम सुनते ही लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं। लेकिन खाने में करेला जितना कड़वा लगता है, आपकी हेल्‍थ के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। खासतौर पर इसे डायबिटीज का काल माना जाता है।

 

करेला का जूस पीने से आप अपनी डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। इतना ही नहीं यह आपकी स्किन प्रॉब्‍लम्‍स को दूर करने से लेकर बालों और हेल्‍थ के लिए बहुत अच्‍छा होता है।

कैंसर से बचाता है

करेले का जूस कैंसर कोशिकाओं की क्षमता को सीमित करता है और इस प्रकार कोशिकाओं के ऊर्जा स्रोत को कम करता है और साथ ही उसे मार देता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि करेला का जूस स्तन कैंसर का इलाज कर सकता है.

अस्थमा के इलाज में मदद करता है

नियमित रूप से करेला का रस पीने से पुरानी खांसी को दूर करने में मदद मिलती है. करेला का रस अस्थमा और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय हो सकता है.

त्वचा में निखार लाता है

करेला शरीर में खून को शुद्ध करने में मदद करता है. यह त्वचा से रेखाओं को हटाने में भी मदद कर सकता है. इस प्रकार, करेला का रस त्वचा को साफ करने के खास होता है.

मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार हैं ये चीज़

आमतौर पर सभी जानते हैं कि करेला सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है, लेकिन कड़वा होने के कारण कम ही लोग इसे पसंद करते हैं। इसके अलावा, करेले मधुमेह नियंत्रण के लिए एक प्राकृतिक हर्बल उपचार भी प्रदान करता है। कारमेल में इंसुलिन को नियंत्रित करने वाले मधुमेह जैसे पोषक तत्व होते हैं।

 

इन्हें पॉलीपेप्टाइड पी या पी इंसुलिन के रूप में जाना जाता है। ये तत्व स्वाभाविक रूप से मधुमेह को नियंत्रित करते हैं। खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्ला का जूस बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, कार्ला का रस शरीर के इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे लगातार ब्लड शुगर कांपता है।

ताकि चीनी वसा में परिवर्तित न हो और शरीर में जमा न हो। इस तरह से कार्ला का जूस भी बढ़ते वजन को रोकता है। प्रत्येक दिन आपके द्वारा लिए जाने वाले करेला के रस की मात्रा डॉक्टर द्वारा बताई जानी चाहिए, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की खुराक अलग होती है। कैरला को साफ करें और उसमें सफेद अवशेषों को हटा दें।

नींबू और नमक को छोटे टुकड़ों में जोड़ा जा सकता है, कड़वाहट को दूर करने के लिए, आधे घंटे के लिए पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद रस को मिक्सर में बनाया जा सकता है।अगर पाचन संबंधी कोई समस्या है तो करेले का जूस उसमें भी फायदा करता है।

साथ ही यह दिमागी विकास में भी मदद करता है और उसे सेहतमंद रखता है।करेले में ऐंटी-माइक्रोबियल और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो खून को साफ करने में मदद करती हैं। इस वजह से एक्ने और पिंपल जैसी स्किन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

हल्दी से जुड़े ये स्वास्थ्य लाभ नहीं जानते होंगे आप

आप सभी जानते हैं कि हल्दी आपके लिए एक चमत्कारिक औषधि के रूप में काम करती है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि सर्दियों  में हल्दी का सेवन कैसे और क्यों करना चाहिए और यह आपको कौन सी बीमारियों से दूर रख सकती है।

हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जिसमें एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह सभी नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर  के रूप में काम करता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह कैंसर और अल्जाइमर को रोक सकता है। इतना ही नहीं हल्दी को अपने डाइट में शामिल करने से हार्ट हेल्थ में भी सुधार हो सकता है।

हल्दी का सेवन करने से सामान्य सर्दी साइनस, दर्दनाक जोड़ों, अपच, और सर्दी और खांसी से राहत मिलती है। ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम और फ्लू होना आम बात है। इनसे निजात पाने के लिए आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं। हल्दी बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है और गले की खराश से राहत दिलाती है.

कैंसर से बचने के लिए पपीते का करना चाहिए सेवन, जानिए इसके लाभ

पुरुषों में कच्चे पपीते का सेवन प्रोस्टेट और पेट के कैंसर की तरह कैंसर का जोखिम कम करने में मदद करता है। इसमें डाइटरी फाइबर होता है, जो कोलन में मौजूद टॉक्सिन्स को मिला सकता है जो कोलन कैंसर का कारण बन सकता है।

यह साबित हो चुका है कि पपीते में एंटी-कैंसर गुण होते हैं। यह उन लोगों की मदद करता है जो नियमित रूप से पपीते का सेवन करते हैं और शरीर की कैंसर से बचाने की क्षमता को बढ़ाते हैं। कैंसर से बचने के लिए सभी को पपीते का सेवन करना चाहिए।

कच्चे पपीते में पैपेन और काइमोपैन जैसे एंजाइम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं, क्योंकि ये नई कोशिकाओं के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में कार्य करते हैं, सूजन, कब्ज और दर्द को रोक सकते हैं।

सूजन को कम करने में मददगार

कच्चा पपीता शरीर में सूजन को शांत कर सकता है। यह मासिक धर्म की ऐंठन सहित गले के संक्रमण, श्वसन संक्रमण या शरीर में अन्य सूजन के लिए भी फायदेमंद बताया जाता है। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के अनुसार पपीते के फलों में दो एंजाइम पपैन और काइमोपैन होते हैं। दोनों एंजाइम प्रोटीन को पचाते हैं, जिसका अर्थ है कि वे पाचन में सहायता कर सकते हैं।

दिल को स्वस्थ रखे

पपीते में उच्च स्तर के एंटी-ऑक्सीडेंट विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। एंटी-ऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकता है। जब कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होता है, तो यह रुकावटों की संभावना को बढ़ाता है जिससे हृदय रोग हो सकता है।

विटामिन सी से भरपूर गुड़ आपको दिलाएगा कई बीमारियों से छुटकारा

गुड़ खाना हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. गुड़ में नेचुरल शुगर पाई जाती है. ये टेस्टी लगने के साथ-साथ कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है.

दिन में किसी भी गुड़ को खाया जा सकता है लेकिन अगर इसे खाना खाने के बाद खाया जाए, तो इसके फायदे ही फायदे हैं. कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

खाने के बाद गुड़ खाने से पाचन में मदद मिलती है. इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों को भी गुड़ दूर भगाता है. आईए जानते हैं खाने के बाद गुड़ क्यों खाना चाहिए.

गुड़ खाने से हमारे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं. गुड़ में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है. खाने के बाद गुड़ खाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं. खाने के बाद गुड़ का सेवन करने से मांसपेशियों में हो रहा दर्द भी दूर होता है.

गुड़ न सिर्फ हड्डियों बल्कि हमारी इम्यूनिटी के लिए भी बेहद फायदेमंद है. गुड़ में जिंक और विटामिन सी भरपूर पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. खाने के बाद नियमित गुड़ खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.

क्‍या दालचीनी वाकई द‍िमाग के ल‍िए फायदेमंद है? जानिए यहाँ

लोगों के क‍िचन में दालचीनी पाई जाती है। इंड‍ियन मसाला होने के साथ-साथ इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में दालचीनी का इस्‍तेमाल कई बीमार‍ियों को दूर करने के ल‍िए क‍िया जाता है।

 इसका सेवन करने से शरीर की रोग प्रत‍िरोधक क्षमता बढ़ती है। एक नई स्‍टडी पब्‍ल‍िश हुई है ज‍िसमें बताया गया है क‍ि ब्रेन हेल्‍थ के ल‍िए भी दालचीनी फायदेमंद होती है। ये स्‍टडी के जर्नल में पब्‍ल‍िश की गई है।

इस स्‍टडी में उन लोगों को ल‍िया गया ज‍िनकी उम्र 60 साल से कम है। पहले ग्रुप के लोगों को दालचीनी स्‍ट‍िक्‍स चबाने के ल‍िए कहा गया। वहीं दूसरा ग्रुप प्रीडायब‍िट‍िक लोगों का था, ज‍िन्‍हें वाइट ब्रेड के साथ 2 ग्राम दालचीनी द‍िया गया।

दालचीनी का सेवन करने वाले पहले ग्रुप के लोगों का मेमोरी फंक्‍शन पहले से बेहतर न‍िकला। वहीं दूसरे ग्रुप के मेमोमोरी फंक्‍शन में थोड़ा ही बदलाव देखने को म‍िला। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने न‍िष्‍कर्ष न‍िकाला, क‍ि दालचीनी का सेवन करने से कॉग्निनिटिव और लर्न‍िंग स्‍क‍िल्‍स बेहतर होती हैं।

साबूदाने का आखिर क्यों व्रत में करना चाहिए सेवन, जानिए इसके फायदें

साबूदाने का सेवन ज्यादातर व्रत-उपवास में किया जाता है. लोग साबूदाने की तरह-तरह की रेसिपीज बनाकर खाते हैं. साबूदाने की खिचड़ी, पकौड़ी से लेकर खीर तक लोग व्रत में इसे खाना खूब पसंद करते हैं.

1. एनर्जी लेवल बढ़ाएं
जैसा कि हम व्रत में साबूदाने को दूध में पकाकर खाते हैं, इससे हमें भरपूर एनर्जी मिलती है. इसलिए अगर आपको नॉर्मल दिनों में एनर्जी बढ़ाने के लिए कुछ खाना है, तो साबूजाना बेस्ट ऑप्शन है.  साबूदाना और दूध दोनों में ही प्रोटीन और कार्ब्स पाए जाते हैं

2. ब्लड शुगर करें नियंत्रित
अगर आप ब्लड शुगर के मरीज हैं, तो साबूदाना आपके लिए वरदान साबित हो सकता है. दरअसल, फाइबर की प्रचुर मात्रा के कारण साबूदाना डायबिटीज में मोटापा और दिल की बीमारियों को रोकता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज को लिए इसका सेवन लाभदायक है.

3. पाचन में असरदार
अगर आपको पाचन संबंधी समस्या रहती हैं, तो साबूदाने का सेवन आपके लिए लाभकारी साबित होगा. दरअसल, इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होता है.  अगर आप कब्ज, सूजन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, तो आपको साबूदाने के सेवन से इससे निजात मिल सकता है.