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हेल्थ

गर्भवती महिलाओं को बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए करना चाहिए इन चीज़ों का सेवन

जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती होती है, तो वो उसके लिए सबसे अहम पल होता है. क्योंकि इस दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए.

बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए सही आहार की भी जरूरत होती है. इसके लिए महिलाओं को कुछ सुपरफूड का सेवन करना चाहिए. साथ ही हल्की एक्सरसाइज भी करना जरूरी है. वहीं सर्दियों के मौसम में महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक कठिनाई होती है.

सर्दियों में अगर कोई महिला गर्भवती है तो उसे खुद की और बच्चे की सेहत के लिए शकरकंद खाना चाहिए. इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. शकरकंद में आवश्यक कार्बोहाइड्रेट और विटामिन-ए होते हैं, जो त्वचा और आंखों के लिए फायदेमंद होता हैं.

गर्भवती महिलाओं को बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए फैटी फिश का सेवन करना चाहिए.  गर्भावती महिलाओं के लिए बहुत कारगर होता है. इसलिए उन्हें दही का सेवन जरूर करना चाहिए. इससे बच्चे के शारीरिक विकास में कोई बाधा नहीं आती है. इसके अलावा, दही में गुड बैक्टीरिया होता है. जिससे हाजमा दुरुस्त रहता है.

मेथी का साग सर्दियों में बहुत फायदेमंद होता है. गर्भवती महिलाएं इसका आराम से सेवन कर सकती हैं. मेथी का साग शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है. बॉडी में आयरन की कमी होने पर एनीमिया रोग का खतरा बढ़ जाता है.  इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी, फाइबर, प्रोटीन और आयरन होता है.

शरीर को डिटॉक्स करने में बेहद कारगर है ये चीजें जरुर करें इनका सेवन

सही आहार खाना ही स्वस्थ शरीर का राज नहीं है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करना भी बहुत आवश्यक है. जब हमारी बॉडी में विषैले पदार्थ जमा रहेत हैं, तो शरीर में अंदरूनी ग्लो नहीं आ पाता है.

इसके लिए जरूरी है कि शरीर से जितनी गंदगी बाहर निकले, उतना ही बेहतर है.  अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में कुछ फूड्स को शामिल कर सकते हैं. इसके सेवन से आसानी से आपकी बॉडी डिटॉक्स होगी.

बॉडी को डिटॉक्स करने का सबसे बेहतर तरीका है नारियल पानी का सेवन. नारियल पानी में विटामिन-सी और एंटी ऑक्सीडेंट के ढेरों गुण होते हैं, जो शरीर को एनर्जी देने के साथ ही बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं.

अगर आप बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए किसी ड्रिंक की तलाश में हैं. नींबू विटामिन-सी का एक बेहतरीन स्रोत होता है. इस खट्टे फल में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण शरीर के विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करते हैं.

सभी सब्जियों में से गोभी में अधिक फाइबर मौजूद होता है, जो बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है. आप गोभी की सब्जी या फिर सलाद में शामिल करके खा सकते हैं.

मोटापा और उच्च रक्तचाप सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाएगा एप्पल साइडर विनेगर

प्पल साइडर विनेगर हाल के वर्षों में एक लोकप्रिय घरेलू उपचार बन गया है और इसका उपयोग सदियों से खाना पकाने और दवाओं में किया जाता रहा है।  उच्च कोलेस्ट्रॉल, रक्त शर्करा के स्तर, मोटापा और उच्च रक्तचाप सहित स्वास्थ्य समस्याओं की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ मदद करने के बारे में सोचा गया है।

यह भी कहा जाता है कि यह एक्जिमा और पेट के एसिड रिफ्लक्स में मदद करता है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुआ है। क्योंकि सेब का सिरका पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन सी जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है.

सलाद ड्रेसिंग और मैरिनेड में योगज के रूप में सेवन किया जाता है।कुछ लोग सेब के सिरके को गर्म या ठंडे पानी में मिलाकर भी पीते हैं। लेकिन सेब के सिरके के बारे में शोध की कमी के कारण, आज तक कोई आधिकारिक खुराक के सुझाव नहीं हैं।

ओरल बायोफिल्म्स, जिसे डेंटल प्लाक के रूप में भी जाना जाता है, में दांतों की सतहों पर बैक्टीरिया की एक चिपचिपी परत होती है। इसका मतलब है कि सिद्धांत रूप में, यह हमारे दांतों पर पट्टिका के स्तर को कम करने में सक्षम हो सकता है.

सेब साइडर सिरका पट्टिका को कम करने का सबसे अच्छा विकल्प नहीं है: अन्य प्रकार के सिरका की तरह, यह एसिड में उच्च है, और अध्ययनों से संकेत मिलता है कि यह हमारे शारीरिक ऊतकों को क्षरण का कारण बन सकता है।

शीशम के बीज हड्डियों व मसल्स में होने वाली सूजन को करेंगे दूर

हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें शीशम के बीज स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह चेहरे पर बढ़ती आयु के असरकम करने के साथ-साथ बालों की वृद्धि करने में भी मददगार होते हैं. इसके अतिरिक्त भी शीशम के बीजे के ढेरों फायदे होते हैं.

 

इस तरह होंगे फायदे

जानकारी के अनुसार शीशम के बीज जोड़ों, हड्डियों  मसल्स में होने वाले सूजन को भी दूर करने में मदद करते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि ज्यादा मात्रा में शीशम के बीज का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होने कि सम्भावना है. शीशम के बीज हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं. यह पाचन शक्ति बढ़ाकर कब्ज से राहत दिलाने में मददगार होते हैं.शीशम के बीज में उपस्थित मैग्नीशियम शरीर में इंसुलिन  ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखते हैं.

स्किन के लिए भी है फायदेमंद

इसी के साथ शीशम के बीज केवल स्किन के लिए ही लाभकारी नहीं होते बल्कि ये बालों के लिए भी बहुत ज्यादा अच्छा नुस्खा हैं. इसमें ओमेगा फैटी एसिड्स की बहुत ज्यादा मात्रा पाई जाती है. यह बालों की वृद्धि तथा उन्हें जड़ों से मजबूत बनाने में मदद करती है. सिर की स्कीन में नमी लाने तथा रक्त संचार बढ़ाने में भी शीशम के बीज मददगार होते हैं.

पीरियड्स के दौरान अलसी के बीज न खाने के पीछे आखिर क्या है वजह ?

वजन कम करने की ख़्वाहिश रखने वाले लोग बहुत ज्यादा मात्रा में अलसी के बीजों का सेवन करते हैं. इसे खाने के यूं तो अनेक फायदे हैं लेकिन यह आपके लिए कई तरह की शारीरिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

स्त्रियों को खासतौर पर प्रेग्नेंसी या पीरियड्स के दौरान अलसी के बीज न खाने की सलाह दी जाती है. कब्ज, सांस संबंधी समस्याएं, गैस  रक्त का थक्का न बनने जैसी समस्याएं अलसी के बीज खाने के साइड इफेक्ट्स की तरह होती हैं.

इस तरह लाभ पहुंचाएगी अलसी

जानकारी के अनुसार अलसी के बीजों को खाने से पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत देखी गई है. इसके एस्ट्रोजन जैसे असर स्त्रियों में अनियमित मासिक धर्म का कारण बनते हैं.ऐसे में अगर आपको अनियमित पीरियड की समस्या है तो अलसी के बीज बिल्कुल न खाएं. अगर आप किसी तरह की दवाइयां ले रहे हैं तो आपको अलसी के बीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. यह दवाइयों के साथ मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचाने का कार्य करते हैं.

और भी कई है इसके फायदे

इसी के साथ अलसी के बीज में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है. ऐसे में अलसी के बीज के सेवन से कई बार गैस  पेट में ऐठन जैसी समस्याएं सामने आती हैं. बिना किसी लिक्विड के साथ अलसी के बीज खाने से कब्ज भी होने की आसार होती है. अलसी के बीजों का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपको पेट संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. अलसी के बीजों में लैक्सेटिव पाया जाता है.

नमक पानी से गरारे करने से गले की अंदरूनी सूजन होगी दूर

हम आपकी जानकारी के लिए बताते चलें यदि आपके गले में खराश हो या फिर दर्द की समस्या से परेशान हों, नमक-पानी से गरारे कर आप इससे सरलता से निजात पा सकते हैं. इसके अतिरिक्त मुंह में उपस्थित बैक्टीरिया आदि को दूर करने तथा गले की सूजन, मसूढ़ों की तकलीफ सहित कई तरह की समस्याओं से निजात दिलाने में नमक-पानी बहुत ज्यादा मददगार होता है. गले, मुंह  दातों संबंधी समस्याओं के लिए यह सबसे आसाना  सुलभ घरेलू नुस्खा है.

 

इस तरह करें गरारे

नमक पानी से गरारे करने से गले की अंदरूनी सूजन से बहुत ज्यादा आराम मिलता है. गले में सूजन होने पर नमक पानी को निगलना सरल होता है  यह गले के सूजे हुए ऊतकों को आराम पहुंचाता है. दो-तीन दिन नमक पानी से गरारे करने से ही गले में सूजन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. बहुत से लोग ऐसे हैं जो हर रोज नमक-पानी पीते हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे हड्डियों को कैल्शियम मिलता है. इसके अतिरिक्त पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है.

ऐसे होने कि सम्भावना है फायदा

इसी के साथ नमक पानी को गर्म कर उससे गरारे करने से मुंह में एसिड्स उदासीन हो जाते हैं. बहुत से लोग इसे माउथवॉश की तरह प्रयोग करते हैं. नमक पानी से गरारे करने से मुंह के सभी बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं. गले संबंधी परेशानियों को दूर करने में भी नमक पानी का प्रयोग किया जा सकता है.

गोल्डन मिल्क आपको दिलाएगा सर्दी, जुकाम या चोट के दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा

आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है एक गोल्डन मिल्क को पीने के फायदे , जी हाँगोल्डन मिल्क को संसार भर में बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है यहां तक कि कई कॉफी शॉप में भी इसकी बिक्री हो रही है गोल्डन मिल्क को पश्चिमी राष्ट्रों में इसके स्वास्थ्यवर्द्धक फायदों की वजह से बहुत ज्यादा पसंद किया जा रहा है

इसे बनाना बहुत ज्यादा सरल है ‘गोल्डन मिल्क’के नाम से संसार भर में प्रसिद्ध होने वाला यह पेय पदार्थ दरअसल हल्दी का दूध है जी हां, वही हल्दी का दूध जो आपकी दादी/नानी सर्दी, जुकाम या चोट लगने पर आपको दिया करती थीं गोल्डन मिल्क यानी कि हल्दी के दूध में एंटी ऑक्सिडेंट के गुण पाए जाते हैं

कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी यह कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता हैं  तनाव (oxidative stress) से बॉडी को मुक्त रखता ध्यान देने वाली बात ये है कीगोल्डन मिल्क में एंटी इंफ्लामेटरी गुण भी पाए जाते हैं

सूजन कम करने या चोट लगने में इसका प्रयोग किया जाता है यहां तक कि कैंसर, अल्जाइमर, ह्रदय रोग (heart disease)  मेटाबोलिक सिंड्रोम में भी इसका सेवन किया जाता है यह दिमाग के लिए भी बेहद लाभकारी है

गिरते बालों की वजह से पुरुष और महिलाएं हैं परेशान तो आजमाएं ये देसी उपाए

सेहतमंद रहने के लिए घरेलू उपायों का सहारा लोग सालों से लेते आ रहे हैं। खासकर, जब बात भारत के लोगों की हो तो दादी मां के नुस्खों का उपयोग यहां खूब किया जाता है। उन्हीं में से एक है अरंडी का तेल।

गिरते बालों की वजह से पुरुष और महिलाएं परेशान नजर आते हैं और समस्या के हल के लिए कई टोटके आजमाते हैं. अरंडी का तेल इस्तेमाल कर सिर्फ 10 दिनों में बालों का गिरना रोका जा सकता है. तेल से सिर पर मसाज के नतीजे में नए बाल आना शुरू हो जाते हैं. ये तेल बालों को घना, लंबा और मजबूत बनाने में बेहद कारगर है.

बादाम और अखरोट का तेल 50 मिलीलीटर और अरंडी का तेल 25 मिलीलीटर मिलाकर रख लें. उसके बाद रोजाना 8-10 बूंद चेहरे पर टपकाकर मसाज करें.

अरंडी तेल एजिंग एजेंट भी है. उसमें कॉटन भिगोकर लगाने से स्किन की कई समस्याएं दूर हो सकती हैं. सोने से पहले पलकों और आंख के आसपास इस्तेमाल करने से आंख की एलर्जी से हिफाजत करता है.

इंस्टेंट एनर्जी के लिए आप भी कर सकते हैं अंगूर का सेवन

मीठे अंगूर  के दाने न स़िर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ये सेहत का खज़ाना भी है. आपको हेल्दी रखने के साथ ही अंगूर आपकी त्वचा और बालों के लिए भी फ़ायदेमंद होता है. इंस्टेंट एनर्जी के लिए भी आप अंगूर का सेवन कर सकते हैं.

ब्रेस्टफीट कराने वाली महिलाओं को रोज़ाना क़रीब 100 ग्राम अंगूर खाना चाहिए. इससे दूध बढ़ता है है.कब्ज़ की वजह से सिरदर्द, चक्कर जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो इससे राहत के लिए रोज़ाना नियमित रूप से 25 ग्राम अंगूर का रस पीएं.

काले अंगूर अल्जाइमर के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद रेसवेराट्रोल नामक तत्व अल्जाइमर से लड़ने में बेहद प्रभावकार है, साथ ही यह न्यूरो डि-जनरेटिव डिसीज में भी काफी फायदेमंद होता है।

इसमें फ्लेवेनॉइड्स के अलावा ऐसे कई तत्व मौजूद हैं जो हृदय रोगों से लड़ने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हार्ट अटैक, रक्त का थक्का जमना और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से लड़ने में सक्रिय भूमिका निभाता है।

अगर आप वजन बढ़ने की समस्या से परेशान हैं, तो काले अंगूर का सेवन आपकी यह समस्या हल कर सकता है। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को रोकता है और मोटापे के अलावा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।

 

खून की कमी को दूर करने के साथ मधुमेह को खत्म करेगा मखाना

मखाना एक हल्का-फुल्का स्नैक्स है जिसे हम सूखे मेवों में शामिल करते हैं। अगर इसे नियमित तौर पर सही तरीके से अपनी डाइट में शामिल किया जाए, तो इसके अगगिनत सेहत लाभ पाए जा सकते हैं। जानिए इसके 6 सेहत लाभ और सेवन करने की विधि –

 

सेवन की विधि – अगर आप जल्द से जल्द मधुमेह को खत्म करना चाहते है और सेहत के अन्य लाभ पाना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट चार मखाने खाएं। इनका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करें।

खून की कमी नहीं होगी

अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो आप दिन भर अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं. मखाने में पर्याप्त रूप से आयरन की मात्रा पाई जाती है. मखाने का सेवन करने से शरीर में खून की कमी का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.

ब्लड प्रेशर में लाभदायक

इसमें पाया जाने वाला एक विशेष एल्केलाइड हाइपरटेंशन की समस्या को नियंत्रित करने का काम करता है. हाइपरटेंशन के कारण ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या जन्म लेती है. बीपी की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकता है.

हड्डियां बनेंगी मजबूत

उम्रदराज लोगों को दिन में दो बार मखाने का सेवन करना चाहिए. मखाने में प्रचूर मात्रा में कैल्शियम पाई जाती है. मखाने बढ़ती उम्र में हड्डियों को कमजोर होने से बचाने में मददगार साबित हो सकता है. हड्डियां मजबूत करने के लिए इसका नियमित सेवन कर सकते हैं.