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हेल्थ

बच्चों को ब्रेकफास्ट में ऑरेंज जूस देती हैं तो जान ले इसके कुछ नुकसान

इन दिनों बच्चों में मोटापा और ओवरवेट की बीमारी आम तौर पर देखी जा रही है. इसका असर बच्चों के विकास और पढ़ाई पर भी पड़ता है.क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा होता क्यों है? आपको बता दें कि इस प्रॉब्लम की मुख्य वजह हमारे खान-पान से जुड़ी है.

 

बहुत से पेरेंट्स अपने बच्चों की सेहत का ख्याल करते वक्त कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जो कि उनके बच्चों को काफी नुकसान पहुंचाती है. अगर आप भी पेरेंट हैं और अपने बच्चों को ब्रेकफास्ट में ऑरेंज जूस देते हैं तो जान लें यह नुकसानदेह हो सकता हैं. हाल ही में एक स्टडी के मुताबिक बताया गया है कि खाली पेट ऑरेंज जूस पीने से मोटापा बढ़ता है.

स्टडी में यह भी पाया गया है कि जो बच्चे सुबह में आधा-एक ग्लास जूस पीते हैं वह उन बच्चों से मोटे होते हैं जो सुबह ऑरेंज जूस नहीं पीते हैं. रिसर्च में यह भी सामने आया है कि ब्रेकफास्ट नहीं करना भी मोटापे और ओवरवेट की एक मुख्य वजह है.

हालांकि मार्केट में मिलने वाले फ्रुट जूस को हेल्थ के हिसाब से अच्छा माना जाता है लेकिन उसमें भी शुगर और कैलोरिज की मात्रा अधिक होती है. यह भी वजन को बढ़ाता है.

बता दें कि पहले के रिसर्च में यह बताया गया था कि 350मिलीलीटर फ्रूट जूस में तकरीबन नौ चम्मच शुगर होता है जो कि आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है. हालांकि नेचुरल फ्रूट में इस तरह की चीजें नहीं पाई जाती हैं.

महिलाओं के लिए वजन कम करने में बेहद फायदेमंद हैं गेंहू

गेहू में कई पोषक तत्त्व पाए जाते है जो की हमारे सम्पूर्ण स्वास्थय के लिए अत्यंत आवश्यक है गेहू से रोटी के अलावा दलिया, सूजी, ब्रेड, बिस्किट्स, पास्ता और नूडल्स जैसी चीज़ें बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

सबसे बड़ा फायदा जो, गेंहू का आटा खाने से मिलता है। वह है वजन कंट्रोल करने में आसानी। गेंहू का सेवन करने से नैचुरली वेट कंट्रोल में सहायता होती है। खासकर, महिलाओं के लिए वजन कम करने और उसे मेंटेन करने में गेंहू के सेवन को फायदेमंद बताया जाता है

20 ग्राम गेहूं के दानों में नमक मिलाकर 250 ग्राम पानी में उबाल लें। जब तक की पानी की मात्रा एक तिहाई न रह जाए। इसे गरम-गरम पी लें। लगातार एक हफ्ते तक यह प्रयोग दोहराने से खांसी जल्दी चली जाती है।

साबुत गेंहू में विटामिन बी होता है। जो, शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। इसके, अलावा इस साबुत अनाज मे कार्बोहाइड्रेट्स भी होते हैं। जो, पेट भरने का अहसास कराते हैं। जिससे, आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती है

8 से 10 गिलास पानी पीना आपकी सेहत के लिए हैं लाभदायक

अधिकतर सुनने को मिलता है कि सेहतमंद रहने के लिए आपको दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। आज हम आपको गर्म पानी पीने से सेहत को होने वाले कई तरह के फायदों के बारे में बताएँगे। जानिए गरम पानी कैसे शरीर को कई बीमारियों से बचाता है।

गर्म पानी पीने से पाचन क्रिया अच्छी रहती है और यह गैस की समस्या में भी राहत देता है। खाना खाने के बाद एक ग्लास गर्म पानी पीने की आदत जरूर डालें। ऐसा करने से खाना जल्दी पच जाता है और पेट हल्का रहता है।

चेहरे पर पड़ती झुर्रियां आपको परेशान करने लगी हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। आज ही से गर्म पानी पीना शुरू कर दें। कुछ ही हफ्तों में स्किन में कसाव आने लगेगा और स्किन चमकदार भी हो जाएगी।

अगर आपका वजन लगातार बढ़ रहा है और लाख कोशिशों के बावजूद कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है तो, गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर लगातार तीन महीने तक पिएं। आपको फर्क जरूर महसूस होगा। खाना खाने के बाद एक ग्लास गर्म पानी पीना भी फायदेमंद होता है।

पसीने की बदबू कर रही हैं शर्मिंदा तो आजमाएं ये उपाए

पसीना आना एक सामान्य स्थिति है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में आता है, तो इससे इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से असहज हो जाता है।

इस स्थिति पर लोगों का जल्दी ध्यान भी नहीं जाता और कुछ लोग इसके लिए गंभीर भी नहीं होते, जबकि यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।आज हम आपको कुछ उपाय बताएंगे अगर आपके उपाय करते हैं तो आपको पसीना नहीं आएगी .

सबसे पहले आप कच्चे हल्दी का पेस्ट बना लें और उसे उस जगह पर लगाएं जहां आपको सबसे ज्यादा पसीना आता है इससे आपको क्या फायदा होगा कि जल्दी पसीना नहीं आएगा.

आप कहीं भी बाहर जा रहे हैं या फिर बाजार जा रहे हैं तो उससे पहले आप नीम की पानी से स्नान कर ले इससे आपको पसीना भी नहीं आएगा और अगर आप नीम के पानी से स्नान करते हैं तो बहुत सारे बीमारियों को भी खत्म करता है |

आप खीरे का इस्तेमाल करके भी पानी पसीने से छुटकारा पा सकते हैं आपको खीरे का पेस्ट बनाना है और जहां भी पसीना आता है वहां पर खीरे का पेस्ट लगा दे तो आपको पसीने से छुटकारा मिल सकता है या फिर पसीना कम आएगा

चॉकलेट खाने से आठ प्रतिशत तक आर्टरी डिजीज का खतरा होता हैं कम

हम सब की फेवरेट चॉकलेट कोई आज की नहीं है. इसकी हिस्ट्री में ढेर सारी मिस्ट्री है. चॉकलेट का इतिहास 1900 ईसा पूर्व का है और इसके अंश आज के मैक्सिको के आस-पास के इलाकों में रहने वाले प्री-ओल्मेक सभ्यता से जुड़ते हैं.

पहले इसे कोको के पेड़ों में देखा गया और यहीं से चॉकलेट बनाने की शुरुआत हुई. आपको बताते चलें कि पहले इसे खाया नहीं बल्कि पिया जाता था और स्वाद की दृष्टि से ये बेहद कड़वी और तीखी होती थी.

क्लीनिकल स्टडी से पता चला कि चॉकलेट ब्लड प्रेसर और ब्लड वेसल लाइनिंग दोनों के लिए फायदेमंद है. रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका के बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के चयक्रिट क्रिटाननॉन्ग के अनुसार, “मैं यह देखना चाहता था कि क्या यह हार्ट (कोरोनरी आर्टरिज) की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है या नहीं. और यदि ऐसा होता है, तो क्या यह फायदेमंद या हानिकारक है?”

सप्ताह में एक बार से कम चॉकलेट खाने की तुलना में, एक बार से अधिक चॉकलेट खाने से आठ प्रतिशत आर्टरी डिजीज का खतरा कम होता है. क्रिटानानॉन्ग के अनुसार “चॉकलेट में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले पोषक तत्व होते हैं जैसे कि फ्लेवोनोइड, मिथाइलक्सैन्थिन, पॉलीफेनोल और स्टीयरिक एसिड जो सूजन को कम कर सकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं.”

औषधीय जड़ी बूटी कहा जाने वाला अडूसा हैं आपके शरीर के लिए लाभदायक

अडूसा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसे आमतौर पर वासा या वसाका और अंग्रेजी में मालाबार नट्स के नाम से जाना जाता है। औषधीय गुण होने के कारण अडूसा के फायदे कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए जाने जाते हैं। अपने पोषक तत्‍वों के कारण अडूसा का उपयोग आयुर्वेद चिकित्‍सा, होम्‍योपैथी और यूनानी उपचार में व्‍यापक रूप से किया जाता है।

यदि किसी को सर्दी-खांसी है तो ऐसे में अडूसा उसके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. इसके पौधे के 7-8 पत्तों को पानी में उबालें और फिर इसे छानकर उसमें शहद मिलाकर पी लें.

अडूसा में एंटीवायरल औषधीय गुण होते हैं जो वायरल संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हैं. यह शरीर का तापमान कम करता है, बंद वाक को खोलता है जो कि सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है और रिकवरी की प्रक्रिया को तेज कर सकता है.

एसिडिटी या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है. पेट के अम्लीय पदार्थों का खाने की नली में आ जाना एसिडिटी का मुख्य कारण है. ऐसे में अडूसा फायदेमंद हो सकता है, यह पेट में एसिड के गठन को कम करता है. इस्तेमाल के लिए अडूसा का पाउडर, मुलेठी पाउडर और आंवला पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर मिक्स कर लें और रोजाना इसका सेवन करें.

पेट की समस्या से आपको निजात दिलाने में कारगर हैं कागासन

पेट की समस्या आजकल आम बात हो गई हैं. वहीं, लीवर, गैस, एसिडिटी और किडनी की समस्याएं लोगों को जल्दी प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में हम कई तरह की दवाइयां लेते हैं

 

चाहे वह सबसे आम परेशानी पेट की गैस के लिए घरेलू उपाय हों या किडनी के रोगों का इलाज या उपचार हो. हम केवल दवाइयों तक सीमित हो गए है. वहीं, हमने नेचुरल तरीकों का उपयोग करना छोड़ दिया है.

इस तरह करें कागासन:-

सबसे पहले सीधे खड़े हों ताकि शरीर की मुद्रा सावधान की स्थिति में रहे.

पैर के पंजे बिल्कुल सीधे और हथेलियां कमर से चिपकी हुई हों.

कुछ देर अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें.

सांस धीमी, लंबी और गहरी हो.

सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सटाकर इस प्रकार बैठ जाएं कि दोनों पैरों के बीच कोई अंतर न रहे.

अब बाईं हथेली से बाएं घुटने को और दाईं हथेली से दाएं घुटने को इस प्रकार पकड़ें कि दोनों कोहनियां जांघों, सीने और पेट के बीच में आ जाएं.

पैरों के पंजे बाएं-दाएं मुड़ने न पाएं और सामने की तरफ ही रहें. गर्दन, रीढ़ और कमर को भी बिल्कुल सीधा रखें.

दाहिनी एड़ी से जमीन पर हल्का दबाव बनाते हुए गहरी सांस लेते हुए सिर को बाईं तरफ ले जाएं.

बादाम खाने से शरीर को होते हैं कई साइड इफेक्ट्स, डाले एक नजर

पुरानी कहावत है कि बादाम खाने से दिमाग तेज हो जाता है। बादाम कई मायनों में शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन बादाम कम मात्रा में ही खाने चाहिए। ज्यादा मात्रा में बादाम खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अत्यधिक मात्रा में बादाम खाने से किडनी में पथरी की समस्या भी हो सकती है। बादाम के साइड इफेक्ट्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं।

कब्ज
अगर आप बादाम का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह कब्ज, सूजन और आपके पेट में परेशानी पैदा कर सकता है. बादाम फाइबर से भरपूर होते हैं. बादाम के अधिक सेवन से होने वाले अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हैं जैसे- सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त आदि.

एलर्जी
कुछ लोगों को बादाम खाने से एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में मुंह में खुजली, गले में खराश और जीभ, मुंह और होंठ में सूजन शामिल हैं. जिन लोगों को इससे एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

वजन बढ़ना
बादाम में वसा की मात्रा और कैलोरी अधिक होती है. इसका एक बड़ा हिस्सा मोनोसैचुरेटेड वसा का है, जो हृदय के लिए स्वस्थ हैं. अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं और आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो इससे आपके शरीर में वसा जमा हो सकती है. इसलिये इसका सेवन सीमित मात्रा में करें.

नैचुरल एंटी-बायोटिक लहसुन कई तरह की बीमारियों से करेगा आपकी रक्षा

आमतौर पर लहसुन हर घर में इस्तेमाल में लाया जाता है. सब्जी में तड़के के लिए या चटनी का स्वाद बढ़ाने के लिए लहसुन बहुत कारगर होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि इसके अलावा लहसुन को किस चीज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

लहसुन को औषधीय रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. जी हां, लहसुन खाने के बहुत सारे फायदे होते हैं. अगर लहसुन का सेवन खाली पेट किया जाए तो खासकर मर्दों के लिए यह और भी लाभदायक होता है. लहसुन नैचुरल एंटी-बायोटिक है और इससे कई तरह के संक्रमण होने का खतरा कम रहता है.

1 अंकुरित लहसुन का सेवन दिल के लिए फायदेमंद है। यह रक्त के निर्बाध संचार और हृदय तक रक्त के आसानी से संचारित होने में मददगार होता है।

2 यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है, और कई तरह की बीमारियों से आपकी रक्षा करता है।

3 एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण यह आपको तनाव रहित रखने में मदगार है साथ ही आपकी त्वचा को झुर्रियों से बचाकर आपको जवां बनाए रखने में भी सहायक है।

4 ब्लडप्रेशर को नियंत्र‍ित रखने के लिए अंकुरित लहसुन बेहद फायदेमंद होता है। इसकि नियमित सेवन से ब्लडप्रेशर संबंधी समस्या से आसानी से बचा जा सकता है।

एक ग्लास नाशपाती का जूस पीने से कब्ज की समस्या होगी दूर