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हेल्थ

हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से निजत दिलाएँगे ये फ्रूट्स

आजकल की लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते अधिकांश लोग हाई बीपी के मरीज हो गए हैं. अनहेल्दी खान-पान हमारे शरीर में बीमारियों का कारण बनता है.

हाई ब्लड प्रेशर होने का भी यही बड़ी वजह है. सही बदलाव से हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. आइए आज जानते हैं, डेली रुटीन में आपको किन चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे आप हाई बीपी का शिकार होने से बच सकते हैं.

1. तरबूज- तरबूज गर्मियों के सीजन में खाया जाने वाला फल है. तरबूज में सिट्रूलीन नाम का एक अमीनो एसिड पाया जाता है. हमारा शरीर सिट्रूलीन को अर्जीनाइन में बदल देता है, जिससे शरीर में नाइट्रिक ऊर्जा का प्रोडक्शन होता है.

2. केला- केले में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. . एक रिपोर्ट के अनुसार, पोटैशियम शरीर में सोडियम से होने वाले नुकसान को कम कर रक्त वाहिकाओं को दुरुस्त रखता है. ऐसे में हाई बीपी के पेशेंट्स केले का नियमित सेवन कर सकते हैं.

3. डार्क चॉकलेट- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज डार्क चॉकलेट खा सकते हैं. कोकोआ में एक एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनॉयड पाया जाता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक है.

कड़कती सर्दी में डाइट का खास ध्यान रखने के लिए करें इन ड्रिंक्स का सेवन

पूरे उत्तर भारत में इन दिनों कड़कती हुई सर्दी पड़ रही है। ऐसे में शरीर को कई तरह की बीमारियां घेरने लगता है। कड़कती सर्दी से स्वंय को बचाने के लिए आपको अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए, ऐसे में आप अपनी डाइट में कुछ चीजें शामिल करके हैल्दी रह सकते हैं जो आपके शरीर को गर्माहट दें।

सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के लिए आप हर्बल टी का सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर को गर्माहट देगी। इसके अलावा हर्बल टी आपके शरीर को अंदर से गर्माहट देती है।

गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से आपके शरीर में गर्माहट बनी रहेगी। लेमन वॉटर पीने से आपके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ेगी और इसके अलावा आपका शरीर भी टॉक्सिन्स फ्री हो जाएगा।

दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं यह गुण आपके शरीर को गर्म बनाए रखने में मदद करते हैं। यदि आप सर्दी से बचना चाहते हैं तो दालचीनी को पानी में उबाल कर पिएं। इससे आप कड़कती सर्दी से बचे रहेंगे।

 

वेजिटेरियन लोगों को अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए ये फ़ूड आइटम्स

प्रोटीन बॉडी के लिए कितना जरूरी है ये हम सभी जानते हैं.इसका इंटेक लेने से पहले  शाकाहारियों को बहुत सोचना पड़ता है. वैसे शाकाहारी इन फूड्स से प्रोटीन की कमी को दूर कर सकते हैं.

दालें : भारत के अमूमन हर घर में खाने में दाल जरूर खाई जाती है. वैसे जो लोग मांस-मच्छी से दूरी बनाकर रखते हैं, उन्हें दाल का सेवन जरूर करना चाहिए. ये प्रोटीन का बेस्ट सोर्स है.

डेयरी प्रोडक्ट्स : दही से लेकर दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन का बेस्ट सोर्स माने जाते हैं. सर्दियों में दोपहर में दही को खाया जा सकता है, लेकिन इसमें सीड्स या नट्स को मिलाना न भूलें.

नट्स और सीड्स : आप वेट लॉस कर रहे हैं, तो आपके लिए प्रोटीन का इंटेक बेहतर करना बहुत जरूरी है. इसके लिए आप नट्स जैसे काजू, बादाम, किशमिश को लिमिट में खा सकते हैं. इसके अलावा चिया सीड्स जैसे बीजों का सेवन भी फायदा पहुंचा सकता है.

 

कोरोना के आने से बाद आखिर क्यों लोगों में बढ़ रही हैं दिल की बीमारियां

कोरोना वायरस, खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं.प्रति दिन 6,000 से 9,000 कदम चलने से हार्ट डिजीज (सीवीडी) के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है.

इस रिसर्च में शामिल लोगों की औसत आयु 63 वर्ष थी ,जिसमें 52 प्रतिशत महिलाएं थीं. प्रति दिन 2,000 कदम चलने वाले लोगों की तुलना में, शोधकर्ताओं ने पाया कि रोजाना 6,000 और 9,000 कदम चलने वाले लोगों में दिल के दौरे और स्ट्रोक सहित हृदय रोग का जोखिम 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत कम था.

रिसर्च में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना 9 हजार कदम चलना मुश्किल नहीं है.यदि आप जागरूक हैं और अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सचेत कदम उठाते हैं,धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकते हैं. एक सप्ताह तक रोजाना 500 कदम बढ़ाने का प्रयास करना शुरू करें, और फिर हर हफ्ते 500 कदम बढ़ाएं, जब तक कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाते हैं.

पैदल चलना दिल को स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद है. एक दिन में 6,000 से अधिक कदम चलने से मांसपेशियों में इंसुलिन प्रतिरोध कम हो सकता है, सूजन कम करते हुए हार्ट को लाभ होता है. यह बीपी और शरीर के वजन को भी नियंत्रण में रख सकता है.

50 की आयु के बाद शरीर को रखना हैं स्वास्थ्य तो घर पर करें ये वर्कआउट

क निश्चित उम्र के बाद हमारी शारीरिक फिटनेस का बिगड़ना तय है. हमारे शरीर और अंगों में परिवर्तन 30 वर्ष की आयु के ठीक बाद होने लगते हैं. यदि हम अच्छी देखभाल नहीं करते हैं तो साल-दर-साल यह और भी बदतर हो सकता है.

उदाहरण के लिए, 50 की आयु वह समय होता है जब हमारे शरीर का बैलेंस कम होने लगता है. इससे पहले कि यह परिवर्तन हो, हमें फिट रहने के लिए नीचे बताए गए व्यायाम करने चाहिए.

1. डंबल स्क्वाट्स
स्क्वाट्स बॉडी बैलेंस के लिए एक बेहतरीन एक्सरसाइज है  एक्सरसाइज की प्रभावशीलता और बढ़ जाती है. डंबल को अपनी छाती के सामने पकड़ें, कोर को टाइट रखते हुए स्क्वाट करें.

2. स्टेप अप
स्टेप अप के लिए बहुत अधिक एकाग्रता और बैलेंस की आवश्यकता होती है.  कार्डियो का भी एक अच्छा रूप है और इससे पैर की ताकत हासिल करने में मदद मिलेगी.

3. स्प्लिट स्क्वाट्स
स्प्लिट स्क्वैट्स में भी फोकस और बॉडी बैलेंस की जरूरत होती है. यह कोई बहुत मुश्किल वर्कआउट नहीं है. यह एक्सरसाइज निश्चित रूप से आपके लिए बहुत प्रभावी साबित होती है.

डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता हैं वजन

जकल मोटापा एक बेहद गंभीर समस्या बन चुका है। आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति बढ़ते वजन से परेशान है। वजन बढ़ने का मुख्य कारण गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली है। साथ ही कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

बहुत ज्यादा वजन बढ़ जाने के कारण डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। ऐसे में, वजन को बढ़ने से रोकने के लिए सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी हो जाता है।  पत्ता गोभी में मौजूद पोषक तत्व वजन कम करने के साथ-साथ शरीर को पोषण भी प्रदान करते हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि वजन घटाने के लिए पत्ता गोभी कैसे फायदेमंद है –

पत्ता गोभी में विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, फाइबर, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, फोलेट, नियासिन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। पत्ता गोभी में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट और यौगिक मौजूद होते हैं, । यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करती है। पत्ता गोभी खाने से इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और शरीर स्वस्थ रहता है।

चने की रोटी खाने से कब्ज की समस्या होगी दूर, जानिए इसके लाभ

सब्जी के साथ रोटी खाकर खाने को पूर्ण समझा जाता है। कई लोग गेंहू की रोटी खा कर काफी बोर हो जाते हैं। ऐसे मे चने की रोटी खाई जा सकती हैं।चने की रोटी खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ शरीर को हेल्दी रखने में मदद करती है। चने की रोटी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी आदि पाए जाते हैं।

 चने की रोटी खाने से गैस, बदहजमी और अपच समस्याएं दूर होती हैं। चने की रोटी डाइजेशन को सुधार कर पेट को हेल्दी रखने में मदद करती है। नियमित चने की रोटी खाने से कब्ज की समस्या दूर होती हैचने की रोटी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। जिससे खाने से वजन नहीं बढ़ता है। डायबिटीज रोगी चने की रोटी का सेवन संयमित मात्रा में ही करें।

चने की रोटी खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। चने के आटे में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करके शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है। चने की रोटी खाने से दिल संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम होता है।

हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से मिलेंगे ये लाभ

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

छाती के दबाव या जकड़न को कभी भी न करें नज़रंदाज़ अथवा होगी मुसीबत

कभी आपको छाती में तेज दर्द हुआ हो और आपने सोचा कि ये दिल का दौरा है. गैस या पेट में जलन भी वास्तव में दिल का दौरा निकला हो. ये भी हो सकता है कि छाती का दर्द सिर्फ मांसपेशी का चोट हो. दरअसल, छाती के दर्द की वजह का पता लगाना अक्सर काफी दुश्वारी होता है.

 

अगर आपको संदेह है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है, तो आपको तत्काल करीबी अस्पताल जाना चाहिए और ईसीजी करवाना चाहिए. लेटना, इंतजार करना, आराम करना, खांसना और कोई अन्य अभ्यास करना केवल अनावश्यक देरी का कारण आपके इलाज में बन सकता है और समस्या को बढ़ा भी सकता है.

छाती का दर्द बाएं, दाहिने या दोनों तरफ हो सकता है और दिल के दौरे या दिल में ब्लॉकेज का प्रतिनिधित्व कर सकता है. छाती के दबाव या जकड़न का अनुभव कहीं भी महसूस किया जा सकता है, यहां तक कि ऊपरी पेट में, और आम तौर पर गर्दन, बाजू, कांधा और जबड़े तक फैल जाता है.

हार्ट अटैक होने पर धमनी में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जो दिल के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है. जब दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे ‘कार्डियक अरेस्ट’ के रूप में बयान किया जाता है. हार्ट अटैक कार्डिएक अरेस्ट का कारण बन सकता है. इसलिए, हार्ट अटैक के कार्डियक अरेस्ट में बदलने से पहले समय रहते अस्पताल पहुंचने का मौका नहीं गंवाना चाहिए.

सर्दी-खांसी जैसी परेशानियों में अडूसा हैं काफी फायदेमंद

अडूसा एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसे आमतौर पर वासा या वसाका और अंग्रेजी में मालाबार नट्स के नाम से जाना जाता है। औषधीय गुण होने के कारण अडूसा के फायदे कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के लिए जाने जाते हैं। अपने पोषक तत्‍वों के कारण अडूसा का उपयोग आयुर्वेद चिकित्‍सा, होम्‍योपैथी और यूनानी उपचार में व्‍यापक रूप से किया जाता है।

यदि किसी को सर्दी-खांसी है तो ऐसे में अडूसा उसके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. इसके पौधे के 7-8 पत्तों को पानी में उबालें और फिर इसे छानकर उसमें शहद मिलाकर पी लें.

अडूसा में एंटीवायरल औषधीय गुण होते हैं जो वायरल संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हैं. यह शरीर का तापमान कम करता है, बंद वाक को खोलता है जो कि सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है और रिकवरी की प्रक्रिया को तेज कर सकता है.

एसिडिटी या पेट में जलन महसूस होना एक सामान्य समस्या है. पेट के अम्लीय पदार्थों का खाने की नली में आ जाना एसिडिटी का मुख्य कारण है. ऐसे में अडूसा फायदेमंद हो सकता है, यह पेट में एसिड के गठन को कम करता है. इस्तेमाल के लिए अडूसा का पाउडर, मुलेठी पाउडर और आंवला पाउडर को बराबर मात्रा में लेकर मिक्स कर लें और रोजाना इसका सेवन करें.