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हेल्थ

गैस, एसिडिटी और किडनी की परेशानी को यूँ मिटाएं

पेट की समस्या आजकल आम बात हो गई हैं. वहीं, लीवर, गैस, एसिडिटी और किडनी की समस्याएं लोगों को जल्दी प्रभावित कर रही हैं. ऐसे में हम कई तरह की दवाइयां लेते हैं

चाहे वह सबसे आम परेशानी पेट की गैस के लिए घरेलू उपाय हों या किडनी के रोगों का इलाज या उपचार हो. हम केवल दवाइयों तक सीमित हो गए है. वहीं, हमने नेचुरल तरीकों का उपयोग करना छोड़ दिया है.

इस तरह करें कागासन:-

सबसे पहले सीधे खड़े हों ताकि शरीर की मुद्रा सावधान की स्थिति में रहे.

पैर के पंजे बिल्कुल सीधे और हथेलियां कमर से चिपकी हुई हों.

कुछ देर अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें.

सांस धीमी, लंबी और गहरी हो.

सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सटाकर इस प्रकार बैठ जाएं कि दोनों पैरों के बीच कोई अंतर न रहे.

अब बाईं हथेली से बाएं घुटने को और दाईं हथेली से दाएं घुटने को इस प्रकार पकड़ें कि दोनों कोहनियां जांघों, सीने और पेट के बीच में आ जाएं.

पैरों के पंजे बाएं-दाएं मुड़ने न पाएं और सामने की तरफ ही रहें. गर्दन, रीढ़ और कमर को भी बिल्कुल सीधा रखें.

दाहिनी एड़ी से जमीन पर हल्का दबाव बनाते हुए गहरी सांस लेते हुए सिर को बाईं तरफ ले जाएं.

ज्यादा मात्रा में बादाम खाना आपकी सेहत के लिए हैं नुकसानदायक

पुरानी कहावत है कि बादाम खाने से दिमाग तेज हो जाता है। बादाम कई मायनों में शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन बादाम कम मात्रा में ही खाने चाहिए। अत्यधिक मात्रा में बादाम खाने से किडनी में पथरी की समस्या भी हो सकती है। बादाम के साइड इफेक्ट्स के बारे में कम लोग ही जानते हैं।

कब्ज
अगर आप बादाम का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह कब्ज, सूजन और आपके पेट में परेशानी पैदा कर सकता है. बादाम फाइबर से भरपूर होते हैं. बादाम के अधिक सेवन से होने वाले अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण हैं जैसे- सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त आदि.

एलर्जी
कुछ लोगों को बादाम खाने से एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में मुंह में खुजली, गले में खराश और जीभ, मुंह और होंठ में सूजन शामिल हैं. जिन लोगों को इससे एलर्जी है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

वजन बढ़ना
बादाम में वसा की मात्रा और कैलोरी अधिक होती है. इसका एक बड़ा हिस्सा मोनोसैचुरेटेड वसा का है, जो हृदय के लिए स्वस्थ हैं. अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं और आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो इससे आपके शरीर में वसा जमा हो सकती है. इसलिये इसका सेवन सीमित मात्रा में करें.

सर्दियों में आजमाएं घर के बने ये 8 फेस पैक जिससे मिलेगा निखार

 सर्दियों (Winter) में नमी की कमी के कारण त्वचा रूखी हो जाती है। ऐसे में रूखी त्वचा (Skin Care) से छुटकारा पाने के लिए शहद, संतरे का रस, दूध की मलाई, दही और बादाम का तेल आदि जैसी सामग्री का इस्तेमाल करके पेक बना सकते हैं।

इन फेस पैक में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं। सर्दियों के दौरान घर पर पैक मिक्स करने के लिए अपने किचन शेल्फ या रेफ्रिजरेटर से सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं। फलों के पैक सर्दियों में भी उपयोगी होते हैं।

सर्दियों में आजमाएं घर के बने ये 8 फेस पैक
1. एक अंडे की जर्दी में आधा चम्मच शहद और एक चम्मच सूखे दूध का पाउडर मिलाएं। पेस्ट को मिलाएं और चेहरे पर लगाएं. इसे 20 मिनट बाद सादे पानी से धो लें।

2. ऑयली और मुंहासे वाली त्वचा के लिए एक अंडे के सफेद भाग में आधा चम्मच शहद और एक चम्मच दही मिलाएं। इसमें मुल्तानी मिट्टी डालें। पेस्ट को मिलाएं और लगाएं. 20 मिनट बाद पानी से धो लें।

3. पके पपीते का गूदा बनाकर चेहरे पर लगाएं. पपीत मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करता है। इसे कुछ मिनट बाद धो लें।

4. गाजर को कद्दूकस करके चेहरे पर 15 से 20 मिनट के लिए लगाएं. इसके बाद सादे पानी से धो लें। गाजर विटामिन ए से भरपूर होती है और सर्दियों में त्वचा की समस्याओं के लिए फायदेमंद होती है।

5. 1 पका हुआ एवोकैडो, एक चम्मच नारियल का तेल, दही और शहद को एक साथ मिलाएं. चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे सादे पानी से धो लें।

 

विटामिन सी से भरपूर आंवले का सेवन हैं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

कई छोटी-छोटी कोशिशें हमें हेल्दी रखने में मदद करते हैं। जैसे, सुबह के समय गुनगुना पानी पीने के कई फायदे हैं। इसी तरह सुबह खाली पेट एक आंवले का सेवन आपको कई बीमारियों से बचाता है।

सबसे पहला और बड़ा कारण है कि आंवला विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) से समृद्ध है। 100 ग्राम आंवले में संतरे से 10 से 30 गुना अधिक विटामिन सी होता है।

आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और विटमिन सी मेटाबॉलिज्मह को बढ़ावा देने तथा सर्दी-खांसी सहित वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

अगर मुंह के छाले होने का खतरा है, तो थोड़ा पानी गर्म करें, इसमें आंवले का रस मिलाएं और इसे रोजाना पिएं। आप जल्द ही सकारात्मपरिणाम देखेंगे।

आंवले में मौजूद क्रोमियम कंटेंट को शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। इसी के कारण मधुमेह से जूझ रहे लोगों केलिए आंवला फायदेमंद फल है।

आंवला अपने रक्त शुद्ध करने वाले गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह आपकी त्वचा को साफ करने में मदद करता है, मुंहासे को रोकता है और आपको एक चमकदार रंग देता है।

नियमित रूप से स्कैल्प पर आंवला हेयर क्लींजर से मालिश करने से रूसी कम होगी और आपके बाल सुपर स्मूथ और चमकदार बनेंगे।

 

 

 

 

उठने के करीब तीन घंटे बाद ही करें कॉफी का सेवन, शोध में हुआ खुलासा

भारत में चाय जहां लोगों के लिए इमोशन है। वहीं कॉफी भी किसी अडिक्शन से कम नहीं। कई लोग सुबह उठकर सबसे पहले कॉफी पीते हैं। माना जाता है। कॉफी आपकी थकान दूर करती है।कॉफी में कैफीन होती है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो 1 कप कॉफी भी नींद न पूरी होने की वजह से हुई थकान दूर करके आपको अलर्ट कर सकती है। लेकिन हर चीज की तरह कॉफी पीने की भी एक लिमिट है। जिससे ज्यादा पीने पर आपको नुकसान हो सकता है।

कि उठने के लगभग तीन घंटे बाद ही कॉफी पीनी चाहिए। इसकी  यह है। इस बात को सपोर्ट करने के लिए स्टडीज की जरूरत है। फिर भी सेफ्टी के लिए आप कुछ रुककर कॉफी पिएं तो बेहतर होगा।

कैफीन के कई हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं लेकिन कई रिपोर्ट्स ये दावा करती हैं कि कैफीन की लत लग जाती है। माना जाता है कि कैफीन से कुछ ब्रेन केमिकल्स रिलीज होते हैं जो कोकीन की तरह काम करते हैं।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, खाली पेट कॉफी पीने से पेट की लाइनिंग को नुकसान पहुंचता है। इसलिए कुछ खाने के बाद ही कॉफी पिएं। सामान्य लोगों को भी एक दिन में 4 कप से ज्यादा कॉफी नुकसान कर सकती है।

 

 

 

थायरॉयड ग्लैंड मूड को नियंत्रित करने में मदद करती हैं ये चीजें

हर परिवार अपनी प्रतिदिन की जिंदगी में एडजस्ट करने की प्रयास कर रहा है.मूड बेकार है तो ओट्स को दूध, शहद व किशमिश के साथ खाने से अपने आप अच्छा हो जाता है. ओट्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने की क्षमता होती है, जिससे रक्त प्रवाह सुधरता है. इसमें उपस्थित मिनिरल, सेलेनियम भी थायरॉयड ग्लैंड मूड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.

अंडा
अंडे में उपस्थित लेसिथिन मूड को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसमें उपस्थित कोलीन पोषक तत्व से भरपूर होता है, जिसके सेवन से मूड अच्छा होता है. शरीर को आराम भी महसूस होता है. विटामिन बी 12 से भरपूर होने से डिप्रेशन भी नहीं होता है.

मछली
मूड अच्छा करने के लिए मछली का सेवन बहुत फायदेमंद है. इसमें विटामिन डी व ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाते हैं.

कॉफी
कैफीन के सेवन से अच्छा महसूस होता है. कैफीन भरी एक कप कॉफी के साथ दिन की आरंभ मूड पर प्रभाव डालती है. हालांकि, इसका सेवन नियंत्रित रूप से करें नहीं तो लत जल्दी लग जाती है. ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है.

गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद हैं पनीर का सेवन

पनीर का सेवन करना हर किसी को अच्छा लगता है क्योंकि इसका टेस्ट बहुत अच्छा होता है. इसलिए ज्यादातर लोग पनीर का सेवन करना पसंद करते हैं. लेकिन जब बात आती है कि क्या पनीर खाना सेहत के लिए लाभदायक है . अधिकतर लोगों के मन में यह बात आती है कि पनीर मैं फैट और कैलरी की मात्रा अधिक होती है इसलिए इसका सेवन से परहेज करना चाहिए.

लेकिन बिल्कुल गलत है क्योंकि हेल्दी फूड में ढेर सारे न्यूट्रीएंट्स होते हैं जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं.पनीर में मौजूद प्रोटीन की मात्रा शाकाहारियों के लिए बहुत अच्छी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शाकाहारियों को दैनिक प्रोटीन की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति पनीर से हो जाती है।

पनीर में पाया जाने वाला कैल्शियम और फॉस्फोरस गर्भवती महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी लाभदायक है।पनीर में उपलब्ध प्रचुर मात्रा में ओमेगा -3 फैटी एसिड हड्डियों को न केवल मजबूत बनाता है बल्कि अर्थराइटिस की रोकथाम में भी सहायक है।

रात को सोने से पहले बस करें इस चीज़ का सेवन दूर होगी कब्ज की समस्या

अगर किसी को कब्ज की समस्या हो तो सुबह को पेट साफ नहीं होता है जिसकी वजह से पूरा दिन खराब हो जाता है। पेट साफ न होने की वजह से पेट में जलन, दर्द, मरोड़ मितली होना, पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति ठीक तरह से खा पी भी नहीं पाता है, न ही किसी काम में मन लगता है।

 

लोग कब्ज दूर करने के लिए कई उपाय करते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं मिलता है, क्योंकि कब्ज की समस्या ज्यादातर खराब खान-पान की वजह से होती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे मेें जिन्हें अपने सुबह के नाश्ते में शामिल करके कब्ज से राहत पा सकते हैं।

फल : मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आड़ू, अनानास, कीन्नू, अमरूद, पपीता और रसभरी, अनार.
सब्जियां : आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, मैथी, मूली, खीरा, ककड़ी, पालक, नींबू, सरसों व बथुआ. अनाज : रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे में ५ फीसदी तक काले चने का आटा या चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें.

रात को सोने से अच्छा पहले गुनगुने पानी से गंधर्व हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच लें या फिर स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण आधा से एक चम्मच मिलाएं. बिल्वादि चूर्ण एक चम्मच, गुनगुने पानी से लें या दो छोटे चम्मच केस्टर तेल (अरंडी का तेल) गुनगुने पानी या दूध में मिला कर लें. गुलकंद एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लेने से भी कब्ज की समस्या बहुत ज्यादा हद तक दूर हो सकती है.

आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर ये फल आपको मानसिक रूप से बनाएंगे स्ट्रोंग

अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो आप शारीरिक तौर पर भी खुद को सेहतमंद महसूस कर पाएंगे। अगर हम मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ और मजबूत महसूस कर रहे हैं, तो आसपास की गतिविधियों को भी सहजता के साथ संपन्न करने में सक्षम रहेंगे।
आज के समय में खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखना वाकई एक चुनौती से कम नहीं है। खुद को शांत रखना, किसी बात को ज्यादा न सोचना मन से स्ट्रॉन्ग रहने के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां
पालक, मेथी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां कोशिकाओं को विषाक्‍त या टॉक्‍सिक होने से बचाती हैं. इनका सेवन करने से मस्तिष्क तेज होता है. साथ ही इनमें विटामिन ए, सी, ई और के के अलावा आयोडीन और मैग्‍नीशियम भी मौजूद होता है.

फल
फलों में भी काफी सारे पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं. खासतौर पर सेब में फाइबर होने के साथ ही आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है. डायबिटीज के मरीज रोज एक सेब आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि इसका जीआई काफी कम होता है.

मीट
डाइट में शाकाहारी चीजों के साथ साथ नॉन वेज फूड्स भी कई बार जरूरी होते हैं. मीट में मौजूद हाई प्रोटीन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है. मीट खान से तनाव व स्ट्रेस की समस्या कम नजर आती है.
अखरोट
अखरोट की बनावट भी दिमाग की तरह नजर आती है. यह बच्चों और बड़ों के सुबह के नाश्‍ते को पूरा करने की सबसे अहम चीज है. यह मूड सुधारता है और इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के कामकाज में मदद करते हैं. साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी रोकता है. इसे खाने से स्ट्रेस कम होता है.

पैरों को आराम देने के लिए रात में मोजा पहन कर सोते हैं तो जान ले इसके नुकसान

मोजा हमारे पहनावे का जरूरी हिस्सा है, लेकिन गर्मियों में काफी देर तक मोजा पहनने या बेहद कसा हुआ मोजा पहनना आपको परेशान कर सकता है। कई लोग सोते समय भी मोजा पहने रहते हैं। यह भी गलत है। पैरों को आराम देने के लिए रात में मोजा उतार कर ही सोएं…

फंगल इंफेक्शन का खतरा
पैरों से जो पसीना निकलता है मोजा उसे सोखता है। देर तक मोजा पहनने से या टाइट मोजा पहनने से ये पसीना सूख नहीं पाता, जिससे नमी के कारण मोजे में बैक्टीरिया और जर्म्स पैदा हो जाते हैं। इन्हीं बैक्टीरिया से आपके पैरों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

एड़ी सुन्न हो सकती है
दिनभर मोजा पहनने से एड़ी के हिस्से में खून कम पहुंच पाता है। इस वजह से कई बार एड़ी सुन्न पड़ जाती है और पैर काम करना बंद कर देते हैं। शरीर के हर हिस्से को काम करने के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है।

एडीमा हो सकता है
एडीमा में शरीर के हिस्से में तरल पदार्थ एक जगह जम जाता है जिसकी वजह से उस हिस्से में सूजन आ जाती है। देर तक मोजा पहने रहने से और टाइट मोजा पहनने से ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है और पैरों में सूजन आ सकती है।