Tuesday , December 3 2024

हेल्थ

चोट और बढ़ती उम्र के कारण हो रहा हैं जोड़ों में दर्द तो करें मकरासन

आजकल लोगों को जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या हो गई है. कई बार ये दर्द असहनीय होता है. जोड़ों में दर्द की वजह से व्यक्ति को चलने, उठने और बैठने में काफी दिक्कत होती है.जोड़ों में दर्द के अलावा आपको डेली के काम से थकान भी लग सकती है.

चोट और बढ़ती उम्र भी जोड़ों में दर्द का कारण हो सकती है. अगर आप इससे अधिक प्रभावित हैं, तो योग और एक्सरसाइज को अपनी डेली रुटीन में शामिल कर लें.जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए मकरासन बहुत उपयोगी है. इस योग को करने से जोड़ों में दर्द की समस्या से निजात मिलता है.

मकरासन दो शब्दों में समझिए मकर और आसन. आसान शब्दों में इसे कहें तो मकर की मुद्रा में बैठना मकरासन कहलाता है. यहां मकर का मतलब है मगरमच्छ. आपने हमेशा देखा होगा मगरमच्छ शांत चित से नदी में लेटा रहता है.

मगरमच्छ के समान शांत चित होकर लेटना होता है. इस योग को करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. साथ ही तनाव से भी राहत मिलती है. इसके अलावा, बढ़ता वजन भी कंट्रोल में रहता है.

कैल्शियम की कमी के कारण कमज़ोर हो सकटी हैं आपकी हड्डियां

हमारा लाइफस्टाइल और खान-पान ऐसा हो गया है कि हमारा शरीर कब किस बीमारी की गिरफ्त में आ जाता है हमें पता ही नहीं चलता। तला भुना और मसालेदार खाना हमारा प्रमुख भोजन बनता जा रहा है।

खाने से पोष्क तत्व गायब होते जा रहे है। हेल्दी खाने के नाम पर सिर्फ वसा का सेवन भरपूर मात्रा में कर रहे हैं। नतीजा हमारा वजन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा, हड्डियां कमजोर होती जा रही है। हड्डियों के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण कैल्शियम की कमी होना है। कैल्शियम की कमी को हाइपोकैल्सीमिया भी कहा जाता है।

1 तिल- अगर आप दूध-दही का सेवन नहीं करते हैं तो आप कैल्शियम के लिए खाने में तिल जरूर शामिल करें. कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए तिल काफी फायदेमंद हैं. एक टेबल स्पून तिल में करीब 88 मिग्रा कैल्शियम पाया जाता है. आप तिल का इस्तेमाल सूप, सीरियल्स या सलाद में डालकर भी कर सकते हैं. सर्दियों में तिल के लड्डू भी आप खा सकते हैं.

2- आंवला- आंवला में भी काफी मात्रा में कैल्शियम होता है. इसके अलावा आंवला में एंटीऑक्सीडेंट गुण काफी होते हैं जो शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं. आंवला खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. आप आंवला का जूस या आंवला को पाउडर के रुप में भी खा सकते हैं.

3- जीरा- जीरा सिर्फ खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है. जीरा खाने से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए आप 1 गिलास पानी उबाल लें अब उसमें 1 टीस्पून जीरा मिला लें. पानी को ठंडा करके दिन में कम से कम 2 बार पिएं.

कोरोना की तीसरी लहर में इम्यूनिटी बढाने के लिए करें इन चीजों का सेवन

कोरोना काल में हम सभी एक एक स्ट्रांग इम्यून सिस्टम के महत्व को अच्छी तरह से समझ चुके हैं। दूसरी लहर में हर कोई अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के प्रयास में लगा हुआ है।

हर कोई फार्मेसी से लेकर देसी तरीकों के जरिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है ताकि कोविड के अटैक से बचा जा सके। जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि कोरोना वायरस उन्हें अपना शिकार नहीं बनाता जिनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। यहां हम आपको कुछ देसी नुस्खे ही बता रहे हैं जिनके जरिए आप घर अपनी इम्यूनिटी को आसानी से बढ़ा सकते हैं।

तीखे फल- विटामिन सी आपके इम्यून सिस्टम को बनाने में मदद करता है. समझा जाता है कि उसके इस्तेमाल से सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है, जो संक्रमण और जुकाम के खिलाफ लड़ाई की बुनियाद है. करीब सभी तीखे फलों में विटामिन सी पाया जाता है. लोकप्रिय तीखे फलों में नींबू, संतरा, चकोतरा माने जाते हैं. स्वास्थ्य के लिए आपको रोजाना विटामिन सी की जरूरत होती है.

लहसुन- लहसुन करीब हर घर में पाया जाता है. ये भोजन का स्वाद बढ़ाता है और आपको स्वस्थ भी रखता है. संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में उसका महत्व शुरुआती सभ्यता से बरकरार है. लहसुन के इम्यूनिटी बढ़ानेवाले गुम सल्फर युक्त यौगिकों जैसे एलीसिन से आते हैं.

कीवी- कीवी में फोलेट, पोटैशियम, विटामिन के और विटामिन सी समेत कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. एक तरफ विटामिन सी संक्रमण से लड़ने के लए सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है जबकि दूसरी तरफ कीवी के दूसरे पोषक तत्व आपके शरीर के बाकी काम को मुनासिब रखते हैं.

लैपटॉप या मोबाइल पर काम करने की वजह से आँखें हो गई हैं कमज़ोर ? तो ऐसे बढाए रोशनी

एक मिनट के लिए अपनी आँखों बन्द करिये, आपने क्या देखा? जाहिर है आपको कला, घना अधेंरा नजर आया होगा । अब जरा सोचिये क्या हो अगर हमें हर जगह यही अधेंरा नजर आए यानि आँखों की रोशनी चली जाए? इसका ख्याल भी हमारे अदंर डर की कपकपी छोड़ देता है ।

क्योकि आँख इंसान के सबसे जरूरी अंगों में से एक है और सबसे जटिल अंग भी है । इसके बिना हम फूलों पर शबनम की बूँदे नही देख सकते, बच्चे की प्यारी मुस्कान और नंगे पहाड पर छाई हरी घास की चादर भी नही देख सकते ।

केवल आँखो रोशनी खराब होने से हम पूरी तरह इस दुनिया से कट जाते है । इस दुनिया में वसी खूबसूरती और प्यार को नही देख सकते । लेकिन अफसोस की बात है की आज लोग कुदरत के द्वारा दिये गए इस दोफे यानी आँखो की रोशनी से खेलते हैं ( मैं भी उनमे से एक हूँ ) ।

जब भी हम लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते हैं तो काम में इतने मगन हो जाते हैं कि एक टक लैपटॉप पर काफी देर तक नजरें गड़ाकर रखते हैं. ऐसे में पलकों को झपकने का मौका काफी देर तक नहीं मिल पाता.

हर चार सेकंड में अपनी पलकों को लगातार झपकाएं और फिर आंखें तेजी से बंद कर लें. कुछ सेकंड बंद रखें और फिर आंखों को खोल लें. दिन में 4 से 5 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं. इससे तनाव कम होगा, आंखों की थकान दूर होगी और आंखों में दुबारा से लुब्रिकेशन हो जाएगा.

इसके लिए एक पेन या पेंसिल को एक हाथ की दूरी पर रखकर अपनी आंखों के सामने पकड़ें और उसकी टिप पर फोकस करें. धीरे-धीरे उसे अपनी आंखों की ओर लेकर आएं. जब तक टिप आपको एक से दो न दिखाई देने लगे, तब तक उसे देखते रहें. जैसे ही टिप दो भागों में बंटे, इसे फिर से दूर ले जाएं और इस क्रम को फिर से दोहराएं. एक बार में ये क्रम 10 से 15 बार दोहराएं.

काले लंबे व घने बाल चाहिए तो कलौंजी के तेल से रोज़ करें मसाज़

किसी भी महिला के लिए उसके बालों का एक विशेष महत्व होता है। अगर आपके बाल काले लंबे व घने हो तो न चाहते हुए भी हर किसी की नजर आपके उपर टिक जाती है। लेकिन आज के लाइफस्टाइल में जब ना खाने का ठिकाना होता है और सोने का, तो ऐसे में घने बालों की चाहत तो बस एक हसरत बनकर रह जाती है।

कलौंजी के तेल का एंटीऑक्सीडेंट गुण स्कैल्प पर सूजन को कम करता है, इस तरह बैक्टीरिया और फंगस के कारण स्किन संक्रमण से राहत देता है और बालों के विकास को बढ़ावा देता है. कलौंजी के तेल को नियमित तौर पर लगाने से रोम के उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को भी धीमी होती है और बालों को पतला होने से रोकता है.

ऐेसे में जरूरत होती है कि बालों को अतिरिक्त पोषण दिया जाए। अमूमन महिलाएं इस तरह की परेशानी होने पर बाजार में मिलने वाले कई तरह के हेयर प्रोडक्ट आदि का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इससे कुछ खास फायदा नहीं होता और आपकी जेब भी ढीली हो जाती है।

अपनी हथेलियों में दो चम्मच कलौंजी का तेल डालें और हथेलियों को एक दूसरे के खिलाफ गर्म करने के लिए मलें. आहिस्ता से अपने स्कैल्प पर तेल का मसाज करें. तेल को करीब 30-60 मिनट तक रहने दें और फिर किसी अच्छे शैंपू से अपने बालों को धो लें. इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो से तीन बार दोहराएं.

Digestion problem से आपको हमेशा के लिए निजात दिलाएगी अजवाइन

हमारे किचन में पाए जाने वाले सबसे कॉमन मसालों में से एक है अजवाइन  जिसका इस्तेमाल अक्सर हम पेट दर्द या पाचन से जुड़ी दिक्कतों  को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर करते हैं.

 

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि आयुर्वेद  में अजवाइन को महत्वपूर्ण औषधि के रूप में माना जाता है. अजवाइन पाचन के अलावा सेहत से जुड़ी कई दिक्कतों को दूर कर सकती है और खासकर महिलाओं के हर महीने की पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को भी दूर कर सकती है अजवाइन. बस आप अजवाइन की चाय  पीना शुरू कर दें.

यह फॉस्फोरस, आयरन, सोडियम व पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों का भंडार है। इनके अलावा इसमें प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड होता है।

महिलाएं यूरिन इंफेक्‍शन आम समस्या है। अजवाइन की चाय पीने से इस समस्‍या से निजात पाई जा सकती हैं। इसके अलावा इसके सेवन से गले की समस्या से भी राहत पाई जा सकती है।

स्‍तनपान कराने के दौरान अजवाइन की चाय लाभकारी हो सकती है। अजवाइन के गुणों के कारण यह गर्भाशय को साफ करने और दूध उत्‍पादन में वृद्धि करने में मदद करता है। इस प्रकार अजवाइन के पानी के साथ कई स्‍वास्‍थय लाभ प्राप्‍त किये जा सकते हैं।

मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का रखना चाहिए विशेष ध्यान

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. खासकर जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

टाइप 2 मधुमेह में बादाम खाने के फायदे 
बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

How to Use Almonds in type 2 Diabetes
बादाम को रात भर भिगो कर खाना स्वास्थ्य वर्धक होता है. हालांकि, सर्दियों में, बादाम को घी में भुना जा सकता है, स्वादिष्ट स्नैक के तौर पर आप उन पर थोड़ा नमक छिड़क सकते हैं. शरीर को गर्म रखने के लिए सर्दियों के मौसम में बादाम को दूध में मिलाकर भी सेवन किया जाता है. यदि आप मधुमेह प्रबंधन के लिए पेय का सेवन कर रहे हैं, तो चीनी न डालें.

टाइप 2 मधुमेह जीवनशैली से संबंधित एक रोग है, जिसमें फैट की चर्बी एक प्रमुख जोखिम कारक की किरदार निभाता है. टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए एक स्वस्थ बीएमआई बनाए रखना जरूरी शर्त है. खासकर जब आपके पास परिवार में मधुमेह के इतिहास जैसे अन्य जोखिम कारक हों.

जिन खाद्य पदार्थों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, उन्हें टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों द्वारा सेवन की सलाह दी जाती है.पाैष्टिक और संतुलित आहार से बहुत ज्यादा हद तक डायबीटिज के खतरे को घटाया जा सकता है. जैसे की बादाम, मधुमेह रोगियों के लिए बादाम का सेवन विशेष फायदेमंद हाेता है. आइए जानते हैं बादाम खाने के फायदाें के बारे में :-

टाइप 2 मधुमेह में बादाम खाने के फायदे 
बादाम पारंपरिक रूप से भारतीय आहार का एक भाग रहा है. सभी मां व दादी हमें बादाम खाने के लिए कहती हैं क्योंकि यह ब्रेन क्षमता बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त मधुमेह के प्रबंधन में भी बादाम जरूरी किरदार निभाता है. बादाम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स 0 होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बिल्कुल भी नहीं बढ़ाएगा. हालांकि, बादाम फाइबर, विटामिन व खनिजों में समृद्ध है, जो शरीर को उचित पोषण सुनिश्चित करेगा.

How to Use Almonds in type 2 Diabetes
बादाम को रात भर भिगो कर खाना स्वास्थ्य वर्धक होता है. हालांकि, सर्दियों में, बादाम को घी में भुना जा सकता है, स्वादिष्ट स्नैक के तौर पर आप उन पर थोड़ा नमक छिड़क सकते हैं. शरीर को गर्म रखने के लिए सर्दियों के मौसम में बादाम को दूध में मिलाकर भी सेवन किया जाता है. यदि आप मधुमेह प्रबंधन के लिए पेय का सेवन कर रहे हैं, तो चीनी न डालें.

दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखने के लिए फायदेमंद हैं दातुन

आपके चेहरे की खूबसूरती सिर्फ आपकी आंखें या आपके होेंठ ही बयां नहीं करते हैं. आपके चेहरे और मुस्कान को सुंदर बनाते हैं आपके चमचमाते मोती जैसे दांत. दांतों का पीलापन इसी खूबसूरती पर ग्रहण लगा सकता है.

चेहरे के साथ ही अपनी मुस्कान को भी तरोताजा रखने के लिए अपने दांतों की सफाई और चमक का ख्याल रखना भी जरूरी है.मसूड़ों के लिए नुकसानदायक ब्लीच में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड होता है, इस वजह से इससे मसूड़ों पर जलन होने लगती है इसलिए इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए.

ज्यादा उपयोग करने से मसूड़ों में जलन या घाव की समस्या लंबे समय तक बने रहना नुकसानदायक हो सकता है. इसके अधिक उपयोग से मसूड़े कमजोर भी होते हैं.

यदि हम दिनभर टीवी देखें तो पाएंगे कि कई कंपनियों के टूथपेस्ट के विज्ञापन अलग-अलग तरह से ग्राहकों को लुभाते नजर आएंगे. हर टूथपेस्ट कंपनी खुद को अलग और बेहतर साबित करती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि बीते जमाने में दांतों को कैसे स्वस्थ और स्वच्छ रखा जाता था.

आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी दातुन के बारे में जिनके नियमित इस्तेमाल से आपके दांतों की बीमारी तो दूर होगी, साथ में प्राकृतिक रूप से दांतों में चमक और खूबसूरती भी आएगी.

ब्लड की कमी हो या दिल के रोग हरा चना हैं हर बीमारी की औषधि

हरा चना खाने में खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही बनाने में भी मजा आता है।  इसका इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी, चटनियां बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसे कच्चा, उबालकर या फिर भूनकर भी खाया जाता है।

हरे चने में प्रोटीन, नमी, चिकनाई, फाइबर्स, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और विटामिन्स की काफी मात्रा में मिलती  है, जो शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। जानिए हरा चना खाने के कुछ फायदे जो आपको रखेंगे तंदरुस्त हरे चने में भरपूर तादाद में आयरन मिलता है, जो खून की कमी को पूरा करने का काम करता है। अगर आपको भी ब्लड की कमी रहती है तो अपने आहार में हरो चनों को शामिल कर लें।

हड्डियों को बनाता है मजबूत

हरे चने में विटामिन सी पाया जाता है। ब्रेकफास्ट में हर रोज हरे चने का उपयोग करने से हड्डियां मजबूत होती हैं व सभी काम करने में आसानी होती है।

ब्लड शुगर कंट्रोल

एक हफ्ते में 1/2 कटोरी हरा चना खाने से ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता है। अगर आप ब्लड शुगर के बीमार है तो अपने आहार में हरे चने अवश्य शामिल करें।

दिल की रोग

हर रोज आधी कटोरी हरे चने का उपयोग करने से दिल मजबूत रहता है। साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है व हार्ट रोग का खतरा कम हो जाता है।

 

पेट में जलन, दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा चाहिए तो आजमाएं ये सरल उपाए

अगर किसी को कब्ज की समस्या हो तो सुबह को पेट साफ नहीं होता है जिसकी वजह से पूरा दिन खराब हो जाता है। पेट साफ न होने की वजह से पेट में जलन, दर्द, मरोड़ मितली होना, पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति ठीक तरह से खा पी भी नहीं पाता है, न ही किसी काम में मन लगता है।

लोग कब्ज दूर करने के लिए कई उपाय करते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं मिलता है, क्योंकि कब्ज की समस्या ज्यादातर खराब खान-पान की वजह से होती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी खाने की चीजों के बारे मेें जिन्हें अपने सुबह के नाश्ते में शामिल करके कब्ज से राहत पा सकते हैं।

फल : मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आड़ू, अनानास, कीन्नू, अमरूद, पपीता और रसभरी, अनार.
सब्जियां : आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, मैथी, मूली, खीरा, ककड़ी, पालक, नींबू, सरसों व बथुआ. अनाज : रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे में ५ फीसदी तक काले चने का आटा या चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें.

रात को सोने से अच्छा पहले गुनगुने पानी से गंधर्व हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच लें या फिर स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण आधा से एक चम्मच मिलाएं. बिल्वादि चूर्ण एक चम्मच, गुनगुने पानी से लें या दो छोटे चम्मच केस्टर तेल (अरंडी का तेल) गुनगुने पानी या दूध में मिला कर लें. गुलकंद एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लेने से भी कब्ज की समस्या बहुत ज्यादा हद तक दूर हो सकती है.