Sunday , November 24 2024

हेल्थ

पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती हैं कॉफी, कभी भी ऐसे न करें सेवन

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.

बदला हुआ लाइफ स्टाइल स्वास्थ्य की तमाम समस्याओं को देता हैं बढ़ावा

आज के समय में मोटापा बढ़ने की वजह केवल खान-पान नहीं रह गया है। बल्कि बदला हुआ लाइफ स्टाइल भीजिनका प्रयोग करके आप मोटापे की समस्या से निजात पा सकते है, जो कि आपके स्वस्थ रहने के लिए अत्यन्त आवश्यक है।  इसके लिए बहुत अधिक जिम्मेदार है। हमारे खाने की प्लेट में न केवल फास्ट फूड ने तेजी से जगह बनाई है

 

जिससे शरीर बेडौल हो जाता है। स्वास्थ्य की तमाम समस्याओं के मूल में यह मोटापा ही रहता है। इससे निजात पाना आज के दौर में अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि हमारा खानपान अब पहले जैसा नहीं रहा है।

उपाय के अनुसार, शहद में लगाकर मूली खावें। मोटापा कम करने में प्रभावी होती है।

उपाय- सोंठ, सोंफ, चव्य, वायबिडंग, काला नमक – इनका चूर्ण दो माशा गाय के मठे के साथ नित्य खावें।

उपाय- बेर की पत्ती, अनार की कली, गिलोय, अरंड की जड़, ढाक के फूल – इन पाँचों को एक – एक मासे लेकर आधा पाव पानी में पीस लें और मिश्री मिलाकर पीवें।

 

मांसपेशियों में दर्द को न करें नज़रंदाज़, सरसों के ऑयल से मिलेगा इससे आराम

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है

ऑफिस में बढ़ते काम की वजह से मानसिक रूप से आप भी हो गए हैं बीमार

क्या आप घर और ऑफिस की जिम्मेदारियों के बीच खुद को मानसिक रूप से बीमार समझ रहे हैं? आपका हमेशा सिर भारी-भारी सा रहता है? अगर हां, तो इस स्थिति में आप क्या करते हैं? हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो घर और ऑफिस के काम के चलते सिर भारी होने पर पेन किलर का सहारा लेते हैं।

 

विजुअलाइजेशन और सहयोग समाधान प्रदाता, बारको द्वारा वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, 77 प्रतिशत भारतीयों के लिए घर से काम करना बोरिंग हो गया है तो वहीं 49 प्रतिशत लोग ऑफिस की लाइफ को मिस कर रहे हैं.

दुनिया भर के 1,750 कर्मचारियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों को शामिल किया है. सर्वे में पाया गया कि वैश्विक स्तर पर केवल 15 प्रतिशत कर्मचारी कोरोना के जाने के बाद भी घर से काम करना जारी रखना चाहते हैं.

अगर आप मानसिक रूप से मजबूत रहना चाहते हैं, तो कभी भी अपने परिवार और फ्रेंड्स से बात करना ना बंद करें। अगर आप काम में अधिक व्यस्त हैं, तो कुछ घंटे का समय निकालकर अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से बात करें।

अपने मन की इच्छाओं और बातों को शेयर करें। इससे आप मानसिक रूप से मजबूत होंगे। अगर आपको कोई बात लंबे समय से सता रही है, तो उसका हल ढूंढे। हल ढूंढने के लिए अपने परिवार और दोस्तों की भी मदद ले सकते हैं।

 

ग्रीन टी का सेवन करने से मिलने वाले इन फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे आप

हम सभी जानते हैं कि ग्रीन टी के ढेर सारे फायदे हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं. सिर्फ आपकी सेहत ही नहीं, यह आपकी त्वचा और बालों को भी बेहतर बना सकती है. इसलिए, यह कई लोगों के लिए एक पसंदीदा बन गया है.

हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि ग्रीन टी का सेवन सुबह-सुबह करने से यह हमारे लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। मेटाबॉलिज्म की क्रिया को शुरू करने में ग्रीन टी मददगार है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

लेकिन, आपको इसके लाभों को प्रभावित करने के लिए एक निश्चित तरीका होना चाहिए. इससे पहले कि आप एक कप ग्रीन टी पिएं, क्या आप जानते हैं कि दिन में कई बार ऐसा होता है कि आपको ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए?

अगर आप खाली पेट सुबह-सुबह ग्रीन टी पीते हैं, तो इसमें मौजूद मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स हमारे शरीर के गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगता है, जिसके कारण आपको पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है।

अगर आप अनिद्रा की शिकायत से परेशान हैं। तो सोने से पहले ग्रीन टी का सेवन करने से बचें। हालांकि, ग्रीन टी में दिमाग को शांत करने का गुण मौजूद होता है। लेकिन सोने से पहले इसका सेवन आपकी नींद में बाधा उत्पन्न करता है। क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन होता है, जो मेलाटोनिन हार्मोन को रिलीज करने में बाधा उत्पन्न करता है।

डायबिटीज पेशेंट को हर दो से तीन घंटे में करना चाहिए ये काम

भारत को डायबिटीज मरीजों की राजधानी कहा जाने लगा है क्योंकि इन दिनों डायबिटीज एक विकट समस्या बन गई है। खराब लाइफस्टाइल के कारण ये बीमारी कम उम्र के लोगों को भी होने लगी है।   कुछ बातें ऐसी है जिसका ध्यान डायबिटीज के मरीज को रखनी जरूरी है।

डायबिटीज पेशेंट को हर दो से तीन घंटे में कुछ न कुछ खाना चाहिए। स्नैक्स और भोजन खाने से डायबिटीज लेवल को कंट्रोल रखता है। अपनी डाइट में ब्राउन राइस, ओट्स, साबुत गेहूं जैसी चीजों को शामिल करें। ऐसे में डायबिटीज लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए नियमित शारीरिक एक्सरसाइज करना जरूरी है। लेकिन एक्सरसाइज से पहले और बाद में डायबिटीज लेवल चेक करें, अगर ज्यादा हाई या लो हो तो एक्सरसाइज से बचें।

डायबिटीज ‘अच्छे’ कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और ‘खराब’ कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारी और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल डिस्लिपिडेमिया होने के चांस बढ़ जाता है, जिसके चलते धमनियों में रुकावट और कोरोनरी जटिलताएं हो सकती हैं। ऐसे में आप फास्ट फूड, बर्गर, पिज्जा और तले हुए स्नैक्स आपके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

डायबिटीज फॉर्मूला- डायबिटीज पेशेंट को रोजाना एक्सरसाइज और खान पान में बदलाव की सलाह दी जाती है। अपने जीवन में डायबिटीज स्पेसिफिक फॉर्मूला को शामिल करें। ये सलाह दी जाती है कि डायबिटीज लेवल को मेनटेनम करने के लिए कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे विशेष अवयवों के साथ डिजाइन किया गया है। ये फॉर्मूला आपके सुबह के नाश्ते, लंच और डिनर में शामिल करें। ये आपके ब्लड ग्लुकोस और वजन को कंट्रोल करता है।

 

 

इम्यून सिस्टम और गार्ड्स को मज़बूत बनाने का काम करता हैं विटामिन ए

पैरों में सूजन एक आम समस्‍या है जो कि गलत जीवनशैली, पोषण की कमी, शारीरिक गतिविधियां न करने या मोटापे की वजह से उत्‍पन्‍न होती है। देर तक खड़े रहने या बड़ती उम्र, प्रेग्‍नेंसी, प्रीमैंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम और पैरों में ठीक तरह से रक्‍त प्रवाह न होने पर भी पैरों में सूजन आ सकती है।

विटामिन ए
विटामिन ए आपके इम्यून सिस्टम और गार्ड्स को मज़बूत बनाने का काम करता है जिसकी वजह से आप किसी भी प्रकार की इंफेक्शन युक्त बीमारी से बचे रहते हैं. इसलिए हमारी सलाह है कि आप एक से दो हफ्ते तक विटामिन ए कि गोलियों का सेवन करें, इससे आपको ज़रूर ही फायदा पहुंचेगा और आपको अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे. मुख्य तौर से यह मछली, दूध व अंडे आदि में पाया जाता है.

ब्रोमेलिन
ब्रोमेलिन जैसा पोषक तत्व अनानास में पाया जाता है. यह एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है जो आप के इम्यून सिस्टम के लिए बहुत अच्छे व लाभदायक होते हैं. इसका प्रयोग कई बार कुछ चोटें जैसे कि रीढ़(स्पाइन) आदि को ठीक करने के लिए भी किया जाता है. आप इसकी टैबलेट या कैप्सूल ले सकते हैं.

कैप्सैसिन
ये तत्त्व लाल मिर्ची में पाया जाता है. इसका काम प्रोटीन के एक समूह को रोकना है जो आपके शरीर की सूजन की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है. आप कैप्सैसिन को उन उत्पादों में पा सकते हैं जिन्हें आप सीधे अपनी त्वचा पर लगाते हैं. आप एक चौथाई चम्मच से कैप्सैसिन की शुरुआत कर सकते हैं.

पैरों से आनी वाली पसीने की दुर्गंध से छुटकारा दिलाएगा ये देसी नुस्खा

अक्सर दिनभर जूते पहने रखों तो पैर से गंदी बदबू आने लगती है ये बदबू किसी से भी बर्दाश्त नहीं होती इसके लिए आप कितने ही तरीका क्यों ना कर लें ये बदबू जाती ही नहीं हैआपके पैरों की दुर्गंध आपको सबके बीच शर्मिंदा करती है तो इससे छुटकारा आप जरूर चाहेंगे जानिए ऐसे 5 घरेलू उपाय, जिनकी मदद से आप पैरों से आनी वाली पसीने की दुर्गंध से छुटकारा पा सकते है

 

नमक वाला पानी : बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी में नमक मिलाकर उसमें 15 से 20 मिनट तक रोज पैर सेंकें इससे न सिर्फ पैरों से दुर्गंध गायब होती है बल्कि उनकी नमी भी बनी रहती है  एड़ियां नहीं फटतीं

विनेगर वाला पानी : विनेगर यानी सिरके को पानी में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज 30 मिनट पैरों को सेंक दें इससे न केवल पसीने की बदबू दूर होगी बल्कि पैरों का बैक्टीरियाई संक्रमण से भी बचाव होगा

चाय का पानी : चाय में मिलने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स संक्रमण से बचाते हैं  बैक्टीरिया मारते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती एक ग्लास पानी में दो टी बैग डालें, 15 मिनट उबालने के बाद ठंडा होने के लिए छोड़ दें अब इस पानी को टब में पानी डालकर उसमें मिलाएं  30 मिनट तक पैर भिगोएं

कपड़ा भी रखता है मायने : नायलॉन  कॉटन के मोजे इस मामले में अच्छा विकल्प हैं क्योंकि ये पसीने को सोखने में मदद करते हैं जिससे पैरों से दुर्गंध नहीं आती है

पाउडर : टाइम बिल्कुल नहीं है तो रोज नहाने के बाद पैरों पर भी पाउडर लगाएं जिससे नमीं की वजह से पैरों से दुर्गंध न आ सके

लंबे समय तक भूख न लगना भी हैं इस गंभीर बीमारी के लक्ष्ण

अगर आप को भी भूख न लगने की समस्या है तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लंबे समय तक भूख न लगने की स्थिति को डॉक्टरी भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है।

यह समस्या गलत जीवन-शैली, खान-पान की बुरी आदतों के कारण उत्पन्न होती है। एनोरेक्सिया से निजात पाने के लिए अच्छी जीवनशैली, खान-पान पर विशेष ध्यान और व्यायाम आवश्यक है।

30 ग्राम पानी में हरे धनिये का रस पानी में मिला कर रोजाना पीने से भूख लगनी जल्द शुरू हो जाती है।भोजन अकेले करने से भी भूख कम लगती है अगर आप कुछ लोगों के साथ बैठकर खाना खाएंगे तो यह स्वाभाविक सी बात है कि खाना खाने पहले के मुकाबले ज्यादा खाया जाता है इसलिए कोशिश करें अकेले खाना ना खाएं

रात को सोने से पहले अांवला का तीसरा भाग,हरड़ का दूसरा और बहेडा(बेलेरिक मिरोबोलम) का एक भाग मिलाकर चूर्ण बना लें और पानी के साथ पी लेने से सुबह पेट साफ हो जाता है। इससे भी भूख लगनी शुरू हो जाती है।

 

मधुमेह रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं अंडे

क्या मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं? प्रोटीन के एक उत्कृष्ट स्रोत के रूप में, मधुमेह रोगी अंडे खा सकते हैं। एक बड़े अंडे में, केवल ½ ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यही है, यह रक्त शर्करा के स्तर में स्पाइक का कारण नहीं होगा।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अंडे में उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है। मधुमेह रोगियों को हमेशा कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि मधुमेह हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक है।

1-एक पैन में थोड़ा ठंडा पानी लें और उसमें अंडे रखें. ध्यान रखें कि एक बार में बहुत सारे अंडे न डालें. गैस स्टोव जलाएं और जब पानी उबलने लगे तो पैन को आंच से उतार लें. यदि आप चाहते हैं कि आपके अंडे का सफेद भाग थोड़ा हल्का सॉफ्ट, गुदगुदा और योक लिक्विड जैसा रहे तो ठीक 3 मिनट के लिए अंडे उबालें.

2- अगर अंडे का योक थोड़ा कम लिक्विड वाला और उसका सफेद भाग नरम और थोड़ा सा ठोस चाहिए तो अंडे को 4 मिनट तक उबालें.

3- अगर आप चाहते हैं कि अंडे की जर्दी यानी योक नर्म व चिकना रहे और अंडे की सफेदी मुलायम लेकिन ठोस हो तो आपको अंडों को 6 मिनट तक उबालना चाहिए.

4- यदि आपको अंडे का सफ़ेद भाग सॉलिड और योक सॉलिड लेकिन क्रीमी चाहिए तो इसके लिए अंडे को 10 मिनट तक उबालें.