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हेल्थ

थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाने में कारगर हैं मक्‍खन

मक्‍खन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.

किशमिश का रोजाना सेवन करने से आपको मिलेंगे ये सभी लाभ

पेट के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है उसकी पाचन क्रिया यानी डाइजेशन का अच्छा बने रहना। डाइजेशन में जरा सी भी मुश्किल आने पर पूरी हेल्थ पर असर पड़ने लगता है। अगर आपको इस परेशानी से बचना है तो अपनी डायट में ये पांच फल जरूर शामिल करें।

कहा जाता है कि एक ग्राम किशमिश में अंगूर की तुलना में अधिक कैलोरी होती है. बता दें कि एक कप किशमिश में 500 कैलोरी होती है और एक कप मुनक्‍के में 450 से अधिक कैलोरी होती है. इसलिए ये आपके वजन को निश्चित रूप से प्रभावित कर सकते हैं और आप तमाम कोशिशों के बाद भी वजन कंट्रोल नहीं कर पाएंगे.

एवोकैडो भी एक ऐसा फल है जो हाई कैलोरी कैरी करता है. जानकारी दें कि इस फल के 100 ग्राम में लगभग 160 कैलोरी होती है. इसमें हेल्‍दी फैट भी मौजूद होता है. ऐसे में इसके ज्‍यादा सेवन से आपका वेट बढ़ सकता है.

एक कप आम के टुकड़े में 99 कैलोरी होती है. इसके सिंगल सर्विंग में आप 25 ग्राम कार्बोहाइड्रेड को अपने शरीर में लेते हैं. इसमें लगभग 23 ग्राम नेचुरल शुगर और लगभग 3 ग्राम फाइबर होता है. ऐसे में आम खाएं लेकिन सीमित, वर्ना ये आपके वजन को जरूर बढ़ा देगी.

सर्दियों में करें आंवला ड्रिंक का सेवन दूर रहेंगी सभी बीमारियाँ

आंवला जिसे इंडियन गूसबेरी भी कहा जाता है, हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद फायदेमंद है। यदि आप रोजाना एक आंवला खाते हैं, तो यह आपको को कई तरह की बीमारियों से बचाता है।

आंवला का सेवन सर्दियों के समय काफी अच्‍छा माना जाता है। सर्दियों में आंवला आप कई तरीके से खा सकते हैं, आप चाहें तो अचार, आंवला मुरब्‍बा, सुखा आंवला पाउडर, कच्‍चा आंवला या आंवला कैंडी के रूप में खा सकते हैं। आप आंवला ड्रिंक के रूप में भी सेवन कर सकते हैं।

-आप आंवले की सब्ज़ी बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं. आप इसको आलू या किसी अन्य सब्ज़ी के साथ मिलाकर पका और खा सकते हैं.
-आंवले का सेवन आप चटनी की तरह भी कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो केवल आंवले को पीसकर इसकी चटनी बना सकते हैं. अगर न चाहें तो हरे धनिया या पुदीने की चटनी में इसको पीसकर, सेवन कर सकते हैं.

-आंवले की चाय बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है. इसके लिए आप आंवले को पीसकर, पानी में उबाल कर, इसका सेवन चाय की तरह से कर सकते हैं.

एसिडिटी को करे छूमंतर करने में बेहद कारगर हैं मूली का सेवन

मूली का सेवन करने से कई फायदे होते है आप मूली की सब्जी और सलाद बनाकर भी सेवन कर सकती है आज हम आपको मूली से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए जानते है |

 

सर्दी-जुकाम
कच्ची मूली का 20-30 मिली जूस निकालकर मिले लें। इसे सर्दी-जुकाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

एसिडिटी को करे छूमंतर
अगर आप एसिडिटी की समस्या से परेशान है तो कच्ची मूली का सेवन करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।

पीलिया 
पीलिया की समस्या से छुटकारा दिलाने में मूली काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए मूली के ताजे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें। इसे दूध में डालकर उबाल लें। जब झाग ऊपर आ जाए तो इसे उबालकर पी लें।

पथरी
पथरी की समस्या से निजात दिलाने में भी मूली फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसके लिए 100 ग्राम मूली के पत्तों का रस निकाल लें। इसे दिन में करीब 3 बार पिए। इससे स्टोन यूरीन के माध्यम से बाहर निकल जाएगा।

मूली का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है मूली में विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है |मूली का सेवन करने से ह्रदय विकारो का खतरा कम होता है यह एंथोसाइनिन का एक अच्छा स्त्रोत है |

 

वजन कम करने के लिए अब नहीं करना होगा दवाइयों का सेवन…

जकल हर कोई फिट रहना चाहता है। वजन कम नीतनावा भी इसे करने का नुस्खा अपनाती हैं। हम अपने शरीर को जो देते हैं, शरीर हमें वही देता है, इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार का पालन करना जरूरी है।

चर्बी कम करने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।  आवश्यक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कैलोरी बर्न करने और वजन कम करने में मदद करते हैं।

हल्दी इसमें शक्तिशाली फैट बर्निंग गुण होते हैं जो शरीर में वसा को तोड़ने और पचाने में मदद करते हैं । हल्दी के सेवन से हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे से भी बचा जा सकता है।

लहसुन का सेवन करने से पेट भरा हुआ महसूस होता है जिससे भूख कम लगती है।  कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है और यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है।

सर्दियों में डाइट में इन चीजों को शामिल कर बनाए हीरो जैसी बॉडी

हाल के दिनों में सिनेमा के लोगों ने काफी प्रभावित किया है। कुछ लोग फिल्मों में देखे जाने वाले कपड़ों और स्टाइल को कॉपी करने की कोशिश करते हैं। सिनेमा में बॉडी फिटनेस युवाओं में एक अलग ही जुनून पैदा करता है।

हर दूसरा इंसान चाहता है कि उसकी हीरो जैसी बॉडी हो।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि केमिकल सप्लीमेंट सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। मांसाहारी खाने वालों के लिए कई विकल्प हैं  शाकाहारियों के लिए कम विकल्प हैं।

अगर आप सर्दियों के मौसम में प्रोटीन के अच्छे स्रोत की तलाश में हैं तो अमरूद आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अमरूद के अलावा कीवी और एवोकाडो भी प्रोटीन से भरपूर होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार एक कप कीवी में 2 ग्राम प्रोटीन होता है.

एक कप एवोकाडो में 4.6 ग्राम प्रोटीन होता है। सोयाबीन भी मांस के बजाय प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। आप राजमा, चना और मूंग दाल का भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मूंगफली प्रोटीन और विटामिन का भी अच्छा स्रोत है।

अवसाद और हार्मोन संबंधी समस्याओं को कम कर सकती हैं अच्छी नींद

गर कोई व्यक्ति दिन भर की थकान के बाद बेहतर महसूस करता है सोना आता है, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अनिद्रा की समस्या से जूझते हैं।

जिन लोगों को नींद की समस्या होती है, वे सांस लेने के व्यायाम से लेकर अरोमाथेरेपी तक सब कुछ आजमाते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं होता। ऐसे में एक्यूप्रेशर उपचार फायदेमंद हो सकता है। एक्यूप्रेशर उपचार एक हजारों साल पुरानी मालिश तकनीक है जो नींद से लेकर पेट से संबंधित विकारों तक सब कुछ ठीक करने का दावा करती है।

एक्यूप्रेशर पारंपरिक चीनी चिकित्सा से प्राप्त एक प्रकार की वैकल्पिक दवा है, जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। माना जाता है कि प्रत्येक एक्यूप्रेशर बिंदु शरीर के एक विशिष्ट अंग और प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है।

गुणवत्तापूर्ण नींद और अनिद्रा के लिए एन मियां पॉइंट का उपयोग प्रभावी माना जाता है। इसे शांतिपूर्ण सपनों के रूप में भी जाना जाता है। एन मियां पॉइंट गर्दन के पीछे होता है। इन दबाव बिंदुओं पर धीरे-धीरे मालिश करने से नींद आ सकती है।

दबाव बिंदु पैरों के तलवों के बीच और पैर की उंगलियों में होते हैं। यह शरीर के तनाव को कम कर सकता है और नींद को बढ़ावा दे सकता है। गर्भावस्था के दौरान यह प्रेशर प्वाइंट नहीं करना चाहिए।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में बेहद कारगर हैं गुड़, देखें इसके लाभ

 तिल के लड्डू, गचक, या गुड़ की पट्टी के बिना सर्दी थोड़ी अधूरी लगती है. भारत के लगभग हर घर में लंच और डिनर के बाद लोग इन चीजों का सेवन करते हैं.

इन सब चीजों में इस्तेमाल होने वाला गुड़ हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. गुड़ खाने से आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहेगा और आंखों की रोशनी भी तेज होगी. आइए जानते हैं कि सर्दियों में आप गुड़ से क्या-क्या डिश तैयार कर सकते हैं.

पूरन पोली
पूरन पोली चना दाल और गुड़ की स्टफिंग बनाकर पराठे को कहा जाता है. आप इन पराठे को बनाकर खा सकते हैं. अगर आपका व्रत भी है तो उस दिन भी पूरन पोली का सेवन कर सकते हैं.

तिल लड्डू
तिल और गुड़ दोनों हमारे शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करता है. तिल को हल्का भूनकर पिघले हुए गुड़ में डाल दें और फिर लड्डू तैयार कर लें.

हलवा
आप चाहे तो गुड़ से हलवा भी तैयार कर सकते हैं. इसके लिए आपको आटा या फिर सूजी की जरूरत पड़ेगी. गुड़ के सेवन से इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है, जिससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां दूर रहती हैं.

भौंहों के नीचे होने वाला दर्द न करें इग्नोर, हो सकती हैं कई बीमारियाँ

अक्सर भौंहों के नीचे दर्द बना रहता है तो उसे सामान्य मानकर छोड़ देना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस दर्द के होने के पीछे कई कारण छिपे होते हैं जिन्हें जानकर जल्द से जल्द इलाज कराने की जरूरत होती है।

भौंहों के नीचे होने वाला दर्द कई बार क्लस्टर हेडएक के कारण होता है, इसे आइस पिक हेडएक के नाम से भी जाना जाता है। इस दर्द को इस तरह समझा जा सकता है कि दिन में कई बार आईब्रोज के नीचे तेज दर्द होता है, जोकि कई हफ्तों या महीनों तक चल सकता है।

1- तनाव – सिर दर्द की बड़ी वजहों में से एक है तनाव. टेंशन होने पर अक्सर लोगों को सिर दर्द होने लगता है. इस दर्द में सिर और माथा भारी होने लगता है. धीरे-धीरे ये दर्द आईब्रो और आंखों तक पहुंच जाता है और पलकों में भी भारीपन लग सकता है.

2- आई इंफेक्शन- कई बार आंख में किसी तरह का इंफेक्शन होने पर भी आंख और आईब्रो में दर्द हो जाता है. हालांकि इसके कई और कारण भी हो सकते हैं जैसे साइनस या किसी तरह का इनफेक्शन होना.

3- ग्लूकोमा- अगर आपको अक्सर आंख और उसके आसपास दर्द रहता है तो इसकी वजह ग्लूकोमा भी हो सकता है. इसमें आईब्रो के नीचे भी दर्द होने लगता है. जिसे ग्लूकोमा की शिकायत होती है उन्हें देखने में भी परेशानी होने लगती है. ओपन-एंगल-ग्लूकोमा और एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा आंख में द्रव निष्क्रियता को बाहर निकालते हैं.

क्या आप भी पीते हैं ये चीज़ जिससे बढ़ सकता हैं हार्ट डिजीज अटैक का खतरा

आजकल के लोग डाइट का नाम सुनकर ही एक्साइटिड हो जाते हैं. आमतौर पर इसका क्रेज यूथ में ज्यादा देखने को मिलता है. जिसके लिए वो सबसे पहले अपनी डाइट में डाइट सोडा को शामिल करते हैं.

लोग फास्ट फूड खाने के बाद डाइट सोडा पीना ज्यादा पसंद करते हैं. उन्हें ये ज्यादा फायदेमंद इसलिए लगता है क्योंकि सोडे की बोतल या कैन पर डाइट लिखा होता है. जिसकी वजह से इसका कन्सम्पशन बढ़ता जा रहा है.

हार्ट डिजीज अटैक का खतरा
डाइट सोडा पीने से लोगों की बॉडी में अचानक से इंसुलिन के लेवल बढ़ने लगता है जिसे बॉडी एब्जॉर्ब नहीं कर पाती. इससे हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम भी हो सकती है, जो स्ट्रोक हार्ट अटैक की वजह बनती है.

सिर दर्द की प्रॉब्लम
इस मौसम में लोगों को वैसे ही सिर दर्द की प्रॉब्लम परेशान करती है. अब, ऐसे में अगर आप डाइट सोडा रोजाना पीते हैं. तो, आप बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं. जी हां, आपको बता दें कि सोडे में मौजूद बनावटी स्वीटनर लोगों में सिर दर्द को बढ़ा सकता है.

वजन बढ़ाए
डाइट सोडा में जीरो या कम कैलोरी होती है. लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लोग शुरुआत में कैलोरी कम करने के लिए डाइट सोडा लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन, फास्ट-फूड ज्यादा खाकर इस कैलोरी की भरपाई भी करते रहते हैं. डाइट सोडा कैलोरी-फ्री तो होता है.