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हेल्थ

टांगों में कमजोरी या दर्द होने से हैं परेशान तो जान लें इससे छुटकारा पाने का तरीका

टांगों में दर्द होना एक आम समस्या है और उम्र के साथ यह बढ़ती ही जाती है. जरूरी नहीं है कि दोनों ही टांगों में दर्द हो. ऐसा भी हो सकता है कि एक ही टांग में या फिर टांग के किसी एक हिस्से में दर्द हो.

कई बार तो टांग दर्द बर्दाश्त हो जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि यह इतना तेज होता है कि बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कोई भी काम करना चुनौती बन जाता है. इसके अलावा कई बार टांगों में कमजोरी हो जाती है और कई बार ये सुन्न पड़ जाती हैं.

1. बर्फ से सिकाई
अगर ब‍हुत अधिक दौड़-भाग करने से आपकी टांगों में दर्द है तो ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद होगा. ऐसा करने से दर्द तो कम होगा ही, साथ ही अगर सूजन और झनझनाहट है तो उसमें भी फायदा मिलेगा. इसके लिए आप एक पतले कपड़े में बर्फ के कुछ टुकड़ों को डालकर प्रभावित जगह पर 10 से 15 मिनट तक सिकाई करें. दिन में दो से तीन बार ऐसा करना जल्दी फायदा पहुंचाएगा.
2. मसाज करने से
अगर आपकी मांस-पेशियों में किसी तरह की तकलीफ है और वही दर्द की वजह है तो मसाज करना फायदेमंद रहेगा. आप चाहें तो मसाज करने के लिए ऑलिव ऑयल या नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. दिन में दो से तीन बार मसाज करना फायदेमंद होगा.
3. हल्दी के इस्तेमाल से
टांगों की दर्द से छुटकारा पाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल करना भी फायदेमंद होता है. हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाया जाता है. हल्दी में मिलने वाला करक्यूमिन नाम का यौगिक दर्द को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है.
4. नमक के पानी का इस्तेमाल
रोड़ा नमक (सेंधा नमक) में मैग्नीशियम पाया जाता है. यह तत्व नर्वस सिग्नल्स को नियंत्रित करके मांस-पेशियों को प्राकृतिक रूप से आराम पहुंचाने का काम करता है. साथ ही यह सूजन को भी कम करने में सहायक होता है.

वजन घटाने के लिए क्या आप भी लगाते हैं जिम के चक्कर तो आज ही पढ़े ये खबर

बिना जिम जाए वजन घटाने के लिए रास्ता खोज रहे हैं तो इसके लिए वॉकिंग सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। पैदल चलना एक शानदार व्यायाम है जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। पैदल चलने के कई फायदे हैं।

 

वजन कम करना, पाचन में सुधार, हड्डियों की मजबूती, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना, हृदय का बेहतर स्वास्थ्य आदि इसमें शामिल हैं, लेकिन पैदल चलने का एक बड़ा फायदा है मेटाबॉलिज्म (चयापचय) में सुधार। मेटाबॉलिज्म यानी वो प्रक्रिया जिसके जरिए शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है और फिर यह ऊर्जा अलग-अलग कामों पर खर्च होती है। पैदल चलना वास्तव में जिम जाने से ज्यादा मेटाबॉलिज्म को गति दे सकता है।

कि मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है तो शरीर सही तरीके से काम करता है। शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है तो आसानी से कैलोरी बर्न होती है। उनके मुताबिक, मेटाबॉलिज्म बेहतर होने पर अधिक ऊर्जा मिलती है और व्यक्ति अच्छा महसूस करता है।

ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में एक्सपरीमेंटल ब्रेन रिसर्च डिपार्टमेंट का एक शोध डोन्ट टेल मी द स्कोर पॉडकास्ट में प्रकाशित हुआ है। इसमें बताया गया है कि क्यों लोगों को अधिक पैदल चलना चाहिए। इसका एक कारण यह बताया कि जिम जाने की बजाय व्यायाम के रूप में पैदल चलने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।

मेटाबोलिज्म एक रासायनिक प्रक्रिया है जो शरीर में चलती है और आपको अपने अंगों को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए जीवित रखती है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और मेटाबॉलिज्म जितना अधिक होता है, जीवित रखने के लिए अधिक कैलोरी जला दी जाती है।

इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है विटामिन ए डाइट में जरुर करें शामिल

शरीर के हर अंग की सेहत को सुनिश्चित करना संपूर्ण सेहत को बनाए रखने की दिशा में पहला कदम है.  ये इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है, आंख की सेहत को ठीक करता है और हड्डी की मजबूती प्रदान करता है.

विटामिन ए से मिलने वाले स्किन को कुछ फायदों के बारे में जानना चाहिए. विटामिन ए की कमी स्किन के ड्राई होने का कारण बन सकती है. इसका मतलब है कि विटामिन स्किन में नमी को बहाल रखने में मदद कर सकता है आपकी स्किन को चमकदार रखेगा.

आप विटामिन ए के लिए अपनी स्किन की जरूरत को इन तरीकों से पूरा कर सकते हैं. अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो आप ब्रोकोली, पालक और शकरकंद जैसे फूड अपनी डाइट में शामिल करें.

आप विटामिन ए का सप्लीमेंट भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सुनिश्चित करें कि डोज किसी विशेषज्ञ की तरफ से निर्धारित हो. अगर आपको स्किन की समस्याएं हैं, तो आप विटामिन ए के साथ स्किन विशेषज्ञ की सलाह के बाद स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें.

 

कटहल में मौजूद मैग्नीशियम आपकी हड्डियां व स्वस्थ के लिए हैं फायदेमंद

स्वाद में भरपूर कटहल  बी-6, थायमीन, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन व जिंक से भरपूर कटहल खाने से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं। कटहल में मैग्नीशियम भी पर्याप्त मात्रा में होता है और इसी के कारण इसे खाने से हड्डियां भी स्वस्थ व मजबूत रहती हैं।

 

कटहल में विटमिन-ए, विटमिन-बी6 और विटमिन-सी बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. विटमिन-ए हमारी आंखों के लिए, विटमिन-बी6 ब्रेन हेल्थ के लिए और विटमिन-सी इम्यून सेल्स के बूस्ट करने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इसलिए डॉक्टर भी कटहल खाने की सलाह देते हैं.

हर रोज कटहल का सेवन करने से आपकी ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगी. यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी मददगार है. इसे नियमित लेने से दिल के दौरे का खतरा भी कम होता है. इसमें पाया जाने वाला पोटाशियम दिल की मांसपेशियो को मजबूत और इस पर नियंत्रित रखता है.

कटहल में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को शरीर से निष्क्रिय करने में मदद करता है। ऐसा होने से हमारी रोगों से रक्षा होती है।कटहल आयरन का एक अच्छा स्त्रोत है और इसकी वजह से एनीमिया से बचाव होता है।

कटहल में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्निशियम, फोलिक एसिड, थायमीन व नियासी जैसे तत्व मिलते हैं. जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

 

 

डाइट में प्रोटीन की कमी के कारण लोगों में बढ़ रहा हैं इन बिमारियों का खतरा

प्रोटीन हमारे भोजन का सबसे अहम हिस्सा है. प्रोटीन अगर हमें न मिले तो हमारा जीवन ही नहीं बचेगा. प्रोटीन शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं में मौजूद होता है और हर रोज इसकी जरूरत पड़ती है.

 सारे काम के कारण हर रोज प्रोटीन की ज्यादा मात्रा में जरूरत पड़ती है. शरीर में प्रोटीन को बनाने के लिए 20 तरह के एमिनो एसिड की जरूरत पड़ती है. इनमें से 9 एमिनो एसिड शरीर में नहीं बन पाते हैं.

शरीर में प्रोटीन का बहुत ज्यादा काम है. यह ब्लड क्लॉटिंग, फ्लूड बैलेंस, इम्यून सिस्टम, आंखों की रोशनी, हार्मोन, एंजाइम, शरीर के विकास, प्रेग्नेंसी आदि कई कामों में सक्रिय भूमिका निभाता है. विभिन्न आयुवर्ग के लोगों के लिए रोजाना प्रोटीन की अलग-अलग मात्रा की जरूरत होती है.

रोजना कितने प्रोटीन की जरूरत

  • 1-3 साल के बच्चों के लिए 13 ग्राम
  • 4-8 साल के बच्चों के लिए 19 ग्राम
  • 9-13 साल के बच्चों के लिए 34 ग्राम
  • 14 से 18 साल के किशोरों के लिए 52 ग्राम
  • 14 से 18 साल के किशोरियों 46 ग्राम
  • 19 साल के बाद के महिला वयस्कों के लिए 46 ग्राम
  • 19 साल के बाद पुरुष वयस्कों के लिए 56 ग्राम

प्रोटीन की कमी कैसे पूरा करें

अगर हम हेल्दी डाइट लेंगे तो इससे हमें प्रोटीन की पूर्ति हो जाएगी. आमतौर पर सी फूड, मीट, अंडा, बींस, दालें, ड्राई फ्रूट, बीज, सोया प्रोडक्ट्स में ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है.

प्रोटीन की कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.  कमजोरी, थकान, मूड स्विंग, बार-बार बीमारी जैसी समस्या दिखने लगती है. इसके अलावा कहीं भी सूजन होने लगती है जो जल्दी भरती नहीं. बार-बार भूख लगती है. कोई घाव निकल जाए तो जल्दी नहीं भरता.

मोटापे से ग्रसित लोगों के लिए इलायची ऑयल नहीं हैं किसी वरदान से कम…

हमारी सेहत के लिए कई तेल फायदेमंद होते है. अगर हम नियमित उनका यूज करेंगे तब. आप मोटापे से ग्रसित है तो हम आपको कुछ ऐसे तेल के बारे में बताएंगे जिसका यूज करने से मोटापे की समस्या दूर होगी.

जिन्हे सूंघ कर आप मोटापा कम कर सकते है.  कभी जिम तो कभी डायटिंग लेकिन अब कुछ खाने से नहीं बल्कि तेलों को सूंघने से ही वजन को घटाया जा सकता है. चलिए जानते हैं कौन से हैं यह तेल…

इलायची ऑयल :
इलायची ऑयल की 1-2 बूंद खाने में मिलाकर खाना चाहिए. इसकी खुशबू से ही मोटापा कम होगा. इससे पेट की गैस की परेशानी भी दूर हो जाती है.

ग्रेपफ्रूट तेल :
कई शोध में ये बात सामने आई है कि ग्रेप फ्रूट की खूशबु से भूख कम लगती है और इसमें मौजूद लिमोनेन की वजह से वजन को कम करने में मदद मिलती है. इसे दिन में कई बार सूंघने की जरूरत होती है.

सिर्फ महिलाऐं ही नहीं बल्कि पुरुष भी हो रहे हैं एनीमिया का शिकार

ह सोचना कि पुरुष एनीमिक नहीं हो सकते, पूरी तरह से गलत है। एनीमिया की बात होती है तो सारा फोकस महिलाओं पर आ जाता है। जबकि एनीमिया पुरुषों में भी हो सकता है। खून की कमी के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी गंभीर रूप से प्रभावित होती है।

पुरुषों में एनीमिया के कारण बांझपन की समस्या हो सकती है।  आयरन की कमी से अंडकोष के ऊतकों को नुकसान पहुंचता है। अंडकोष में सर्टोली और लेडिग कोशिकाएं होती हैं।एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम भी कम होने लगते हैं जिससे न तो शुक्राणु ठीक से विकसित होते हैं और न ही वृषण ऊतक मजबूत होते हैं।

भारत के गांवों में हर 10 में से 3 पुरुष एनीमिक हैं। शहरी इलाकों में भी हर 5 में से 1 आदमी खून की कमी का शिकार है। यह खुलासा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में हुआ है। यह शोध पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है।

शोध में 15 से 54 वर्ष के 61,000 पुरुषों को शामिल किया गया और उनके शरीर में कम हीमोग्लोबिन पाया गया। दिलचस्प बात यह है कि शोधकर्ताओं ने उन्हें महिलाओं की तरह आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दी।

बच्चों के लिए धूप हैं बहुत लाभकारी, हड्डियां मजबूत करने में हैं फायदेमंद

 सर्दियों की धूप आपके लिए और आपके बच्चों के​ लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसके फायदों के बारे में जानेगें तो आपको पता चलेगा कि धूप लेने से कितनी ही रोग ठीक होती है.

यह हमें ठिठुरती हुई सर्दी से तो बचाती ही है बल्कि हमारे शरीर को विटामिन डी भी देती है जिससे हड्डियां मजबूत होकर हमारे शरीर को ताकत देती है.

एक घंटे बच्चों को धूप में जरूर खेलना चाहिए ,यदि बच्चों में विटामिन डी की कमी होगी तो दूध एवं पनीर के जरिए मिलने वाले कैल्शियम का फायदा हड्डियों तक नहीं पहुंच पाएगा.

दिन के दौरान धूप में बैठने से आपको वजन घटाने में सहायता मिल सकती है सूर्य की रोशनी और बीएमआई के बीच एक अच्छा सम्बंध होता है.एक शोध के मुताबिक धूप में कुछ देर बिताने से रक्तचाप कंट्रोल होने लगता है, जिससे दिल संबंधी रोग नहीं होते है।

च्युइंगम चबाना हेल्थ के लिए नुकसानदायक हैं ? जानिए यहाँ

च्युइंगम का नाम सुनकर ही अपना बचपन याद आ जाता है. च्युइंगम चबाना और उसके गुब्बारे फुलाना बचपन में सबकी फेवरेट एक्टिविटी होती है.

च्युइंगम हर किसी को पसंद होती है,च्युइंगम हेल्थ के लिए नुकसानदायक होती है. च्युइंगम के केवल नुकसान ही नहीं हैं बल्कि कई फायदे भी हैं. इसके हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में आपको बताएंगे.

वेबएमडी के अनुसार अगर च्युइंगम में चीनी है, तो इसे चबाने से दांतों को नुकसान हो सकता है. लेकिन इससे ड्राई माउथ की समस्य दूर होती है. यही नहीं इसके कुछ अन्य फायदे भी हैं, जो इस प्रकार हैं:

कैलोरी बर्न करे- ऐसा माना गया है कि च्युइंगम चबाने से कैलोरीज बर्न होने में मदद मिलती है, जिससे वजन कम रहता है.

मेमोरी सुधरती है- च्युइंगम ब्रेन तक ब्लड फ्लो को बूस्ट करता है, जिससे मेमोरी इम्प्रूव होती है. यही नहीं, इसे चबाना स्ट्रेस से भी आपको राहत पहुंचा सकता है.

अलर्ट रहने में मददगार- अगर आप थकावट महसूस कर रहे हैं, तो च्युइंगम चबाने से आपको अलर्ट रहने में मदद मिलेगी.

जी मिचलाने से राहत- अगर आप बीमार है, तो च्युइंगम से बनने वाला स्लाइवा आपको बेहतर महसूस करने में सहायता कर सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान मोशन सिकनेस और मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने में भी यह सहायक है.

शुगर युक्त च्युइंगम खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है, लेकिन शुगर फ्री च्युइंगम खाने से कई हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं. इसे खाने के कुछ साइड-इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

दूध पीना आपकी सेहत के लिए हैं काफी ज्यादा फायदेमंद

आयुर्वेद के अनुसार दूध शरीर के लिये सबसे जरुरी चीज़ है जिसका हमारे आहार में शामिल होना महत्‍वपूर्ण है। आयुर्वेद, सभी को नियमित रूप से हल्‍का गर्म दूध पीने की सलाह देता है। दूध में विटामिन (A, K और B12), थायमाइन और निकोटिनिक एसिड, मिनरल्‍स जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं।

दूध पीने का सही समय क्या है इस बात को लेकर कई लोगों के मन में दुविधा होती है। दूध पीने का सही समय क्या है। कई लोग कहते हैं दूध पीना सुबह में अच्छा होता है। तो कभी कुछ लोग नाश्ते के साथ दूध पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद समझते है। अगर रात में लिया जाए तो यह दिमाग को शांत करके नींद लाने में काफी मददगार साबित होता है।

सुबह में दूध पीना बच्चों के लिए फायदेमंद है। और बुजुर्गों के लिए दोपहर में दूध पीना आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। और यही दुध हम रात में पी ले तो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है। ऐसे मे दिन भर का थकान दूर होता है। और हमें नींद भी काफी अच्छे आती है। दूध में कैल्शियम का स्रोत होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में साबित होता है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए दूध आपके लिए बहुत जरूरी है