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हेल्थ

High Blood Pressure को करना हैं कण्ट्रोल तो आज ही जाने ये उपाए

ब्लड प्रेशर ज्यादा होना एक खतरनाक समस्या हो सकती है. इसके कारण दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति खड़ी हो सकती है. अक्सर आप इंटरनेट पर हाई ब्लड प्रेशर से बचने के उपाय खोजते होंगे, हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत नीचे कैसे लाया जा सकता है.

वैसे को ब्लड प्रेशर का लेवल आपकी उम्र, फिजिकल एक्टिवीटी और सेहत पर निर्भर करता है. आमतौर पर ब्लड प्रेशर का नॉर्मल रेंज 120/80 माना जाता है. अगर आपका ब्लड इससे रेंज से ज्यादा है तो कम करने के लिए नीचे बताए गए उपायों को आप अपना सकते हैं.

बीपी हाई होने पर सबसे पहले गहरी सांसें लेना शुरू करें और दो सेकेंड के लिए सांस को होल्ड करें.  अक्सर तनाव के कारण शरीर का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है. यह तनाव शारीरिक या फिर मानसिक भी हो सकता है. इसलिए, जब आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाए तो बिस्तर पर लेटकर कुछ देर आराम करें.

गर्म पानी से नहाने से भी शरीर का हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है. ऊपर बताए गए दोनों उपायों से बीपी कंट्रोल नहीं हो रहा है तो गर्म पानी से जरूर नहाएं. इससे मसल्स और नसों से तनाव कम होगा और खून का फ्लो अच्छा होगा. ध्यान रखें कि अगर आपका ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा बढ़ गया है

60 साल से ऊपर वाले लोगों में बढ़ रहा हैं इस जानलेवा बीमारी का खतरा

आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. पहले इसे 60 साल से ऊपर वाले लोगों की बीमारी माना जाता था लेकिन अब 18-20 साल तक के लड़के भी इसका शिकार हो रहे हैं.

हार्ट अटैक आने पर लोगों को बचाव के केवल कुछ ही मिनट मिलते हैं. ऐसे में अगर पीड़ित को तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान भी जा सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि आम लोगों को कई ऐसे टिप्स जानने चाहिए.

मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी को हार्ट अटैक  आया हो तो पीड़ित को तुरंत सीपीआर (CPR) देनी चाहिए. इस ट्रिक का इस्तेमाल करके काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है. जब किसी को दिल का दौरा पड़ा हो तो इस तकनीक का इस्तेमाल करके उसकी जान बचाई जा सकती है. इसके जरिए रोगी में ब्लड और ऑक्सिजन की सप्लाई को दोबारा चालू कर दिया जाता है.

उसे जमीन पर सीधा लिटा दें और फिर उसके पास घुटनों के बल बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की हथेली को एक साथ जोड़कर पीड़ित की छाती को जोर-जोर से दबाना शुरू करें. करीब 100-120/ प्रति मिनट की दर से छाती को दबाने पर खून में फिर से ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई चालू होने की संभावना रहती है.

स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं दवाइयां, जरुर देखें

प किस समय सोते जागते हैं और व्यायाम या भोजन करते है इनका समय आपके स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है. उदाहरण के लिए, देर रात में खाने से वजन बढ़ सकता है.

दिन के समय भोजन का सेवन गतिविधियों के लिए किया जाता है, रात में भोजन का सेवन करने से फैट बढ़ जाता है क्योंकि शरीर रात में आराम की मुद्रा में रहता है.

यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे दिन में लिया गया है या रात में ली गई है.24 घंटे के चक्र के दौरान संभावित विभिन्न प्रभावों के लिए अधिकांश दवाओं का अध्ययन नहीं किया गया है. डॉक्टर बोल देते हैं कि ये दवा सुबह लेनी है और ये रात में, लेकिन कभी सही समय नहीं बताते हैं.

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में अधिक प्रभावी होती है, जब इसे दिन के बजाय रात में लिया जाता है.  क्योंकि इन दवाओं का लिवर एंजाइम रात में अधिक सक्रिय होता है. नतीजतन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन शाम को सिमवास्टैटिन लेने की सिफारिश करता है.

क्या आपको भी आती हैं चलती कार में उलटी तो ऐसे पाएं इससे निजात

ई लोगों को कार में बैठने के बाद उल्टी की शिकायत होती है,कार यात्रा के दौरान कुछ उपाय उल्टी को रोक या कम कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इन उपायों के बारे में।

कार में उल्टी रोकने के उपाय

  • कार यात्रा शुरू करने से 1-2 घंटे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और दवा लें। बिना सलाह के कोई भी दवाई न लें।
  • मोशन सिकनेस होने पर कार में किताबें आदि पढ़ने से बचें। खिड़की के बाहर किसी दूर की वस्तु को देखें।
  • कुछ देर बाद गाड़ी रोककर यात्रा पूरी कर सकते हैं।यात्रा से पहले या यात्रा के दौरान भारी भोजन से बचें। इसकी जगह हल्का भोजन और कम मात्रा में खाएं। यात्रा से पहले या यात्रा के दौरान तैलीय और मसालेदार खाना खाने से बचें।
  • आप काली मिर्च और लौंग का भी स्वाद ले सकते हैं। घबराहट या उल्टी जैसी स्थिति में काली मिर्च राहत पहुंचाती है। लौंग उल्टी रोकने में भी मदद करती है।

ठंड के मौसम में खांसी या जुकाम से पीड़ित हैं तो अपनाएं ये देसी उपाए

 सर्दी के मौसम में बुखार, सर्दी और खांसी आम बात हो जाती है। कोरोना वायरस महामारी में मामूली खांसी या जुकाम को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है।यह हमारे शरीर को तकलीफदेह संक्रमणों से बचा सके। आयुर्वेद की मदद से आप इस मौसम में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट और एसूजनरोधी गुणों से भरपूर इस मसाले का रोजाना हर्बल चाय या काढ़े के रूप में सेवन करना चाहिए। आप इसमें तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ, लौंग आदि डाल सकते हैं। स्वाद के लिए आप इसमें नींबू का रस या गुड़ भी मिला सकते हैं.

 नाक में तेल डालने की एक सरल और प्राचीन प्रथा है, जिसे नहाने से एक घंटा पहले खाली पेट करना चाहिए। इसके लिए सीधे लेट जाएं और घी, तिल या नारियल के तेल की 4 से 5 बूंद नाक में डालें। यह संक्रमण को आपकी नाक से शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। अगर नाक सूखी है तो इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेगा।

यह आंवला और 30 विभिन्न जड़ी बूटियों का मिश्रण है। सर्दी के मौसम में इसे दिन में दो बार जरूर खाना चाहिए। चवनप्राश संक्रमण से बचाता है और शरीर में सूजन को रोकता है। साथ ही यह आपके खून को साफ करता है और सांसों को फायदा पहुंचाता है।

ठंड के मौसम में हरी मटर का सेवन करने से स्वास्थ्य को होते हैं ये अनोखे लाभ

ठंड का मौसम दस्तक देने लगा है और इसी के साथ कुछ ऐसी सब्ज़ियां भी आने लगी हैं, जिन्हें खाने के लिए हम सर्दियों का इंतज़ार करते रहते हैं। ऐसी ही एक सब्ज़ी है मटर। मोती के जैसे छोटे-छोटे दानों वाला ये मटर ठंड के मौसम की सबसे खास सब्जी है.

 फिर चाहे हम बात करें पुलाव की या फिर वेज बिरयानी और मटर-पनीर की। इन व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़े-से मटर ही काफी हैं।  वहीं दूसरी तरफ इनके आयुर्वेदिक गुण भी अनगिनत हैं। मटर में ऐसे कई पोषक तत्व हैं.

जो गंभीर से गंभीर बीमारियों से बचाव करने में सक्षम हो सकते हैं। मटर में एंटीऑक्सीडेंट के साथ कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनमें कैंसर से बचाव करने के गुण पाए जाते हैं। इस कारण मटर खाने के फायदे में कैंसर की समस्या से बचाव भी शामिल किया जा सकता है।

मटर खाने के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है। इसमें काफी प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसलिए, इसके उपयोग से पेट जल्दी भरता है और जल्दी भूख का एहसास भी नहीं होता। इस तरह इसका इस्तेमाल आपको मोटापे से छुटकारा पाने में मददगार साबित हो सकता है।

 

दिन में दो बार पिस्ता खाने से टाइप-2 डायबिटीज को किया जा सकता हैं कंट्रोल, जाने अन्य लाभ

काजू और अखरोट से ज्यादा फायदेमंद है पिस्ता. अगर आप इसे रोजाना खाएंगे तो आपका चेहरा खूबसूरत दिखेगा क्योंकि पिस्ता फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, जिंक, कॉपर, पोटैशियम, कैल्शियम और कई अन्य जरूरी तत्वों से भरपूर होता है।

पिस्ता आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ आपको कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है और कई बीमारियों को भी दूर करता है। पिस्ता खाने के स्वास्थ्य लाभ:

आंखों के लिए फायदेमंद : जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, आंखों में कमजोरी और बीमारी बढ़ती जाती है। ऐसे में आपको नियमित रूप से पिस्ता खाते रहना चाहिए ताकि इससे आपकी आंखों पर किसी भी तरह का असर न पड़े।

हाथों और पैरों की सूजन कम करें: अगर आपके पैरों या हाथों में सूजन है तो आपको पिस्ता जरूर खाना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन-ए सूजन को कम करता है।

तेज दिमाग के लिए: काजू और बादाम की तुलना में पिस्ता अधिक पौष्टिक होता है। पिस्ता खाने से दिमाग तेज होता है और शरीर मजबूत बनता है। इसलिए बच्चों को पिस्ता खिलाना चाहिए।

वजन कम करने में बेहद कारगर हैं ये फ़ूड आइटम्स, जरुर देखें

फाइबर शरीर के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है. ये वजन कम करने में मदद करता है. आइए जानें आप फाइबर से भरपूर कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं.

नट्स – आप डाइट में नट्स शामिल कर सकते हैं. ये सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं. इनमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. ये शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं.

फ्लैक्स सीड्स – फ्लैक्स सीड्स या फिर कहें अलसी के बीज का सेवन सब्जी, दाल और ओट्स में डालकर लोकप्रिय रूप से किया जाता है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं.

 दाल – दाल न केवल प्रोटीन बल्कि फाइबर का भी एक बेहतरीन स्त्रोत है. इसमें आयरन, विटामिन और मैंग्नीज जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. ये शरीर में फाइबर की कमी नहीं होने देता है.

सर्दियों के मौसम में आखिर क्यों बढ़ जाती हैं हार्ट अटैक की संभावना ?

हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा तब आता है जब हृदय को ब्लड पहुंचाने वाली कोशिकाओं में फैट बढ़ने लगता है और इससे खून का प्रवाह प्रवाहित होने लगता है. हृदय को पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता जिससे दिल का दौरा पड़ जाता है.

वैसे तो दिल का दौरा किसी भी मौसम में पड़ सकता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि सर्दियों में यह समस्या अधिक होती है.जिसकी वजह से दिल पर तनाव बढ़ने लगता है. ठंड के मौसम में मौजूदा कार्डियोवैस्कुलर स्थितियों वाले लोगों को दिल के दौरे का का जोखिम अधिक हो जाता है.

इस अध्ययन में यह पता चला कि ठंड के दिनों में दिल के रोग दूसरे मौसम की अपेक्षा अधिक थे. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह था कि ठंड के मौसम में मनुष्य को गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड को पंप करते समय रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हृदय की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक दिक्कतें आने लगती हैं.

सरसों के ऑयल की मदद से मालिश करने से आपकी मांसपेशियों का दर्द होगा खत्म

घर में बैठे बैठे शरीर दर्द करने लगा हैं तो इसकी मालिश करने के कुछ सरल तरीके अपनाए जिनसे आपको इन समस्याओं में खासी राहत मिलेगी. सरसों के ऑयल जो न सिर्फ खाना बनाने के उपयोग में आता है बल्कि इससे से भी मसाज कर सकते हैं. मार्केट में कई तरह के तेल, लोशन व कारागार आते हैं, आप उनका भी प्रयोग कर सकते हैं. ठंडा कारागार अगर मिले तो बेहतर रहेगा.

अगर किसी गंभीर कारण की वजह से मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो आप घरेलू नुस्‍खों की मदद से भी इसका इलाज कर सकते हैं।यहां हम आपको कुछ असरदार घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

जमीन पर लेट जाएं व अपने हथेली में थोड़ा सा सरसों का ऑयल या ऑलिव तेल लेकर लगातार तीन मिनट तक हथेली को गोलकार घुमाते हुए मसाज करते रहें. पहले एक तरफ से फिर दूसरी ओर से.

नर्सिंग अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल में छपे एक शोधपत्र के अनुसार, इससे पेट की मांसपेशियां शेप में आ जाती हैं यह फैट की चर्बी कम करने में भी बहुत ज्यादा अच्छा है. लाभ: पेट की मालिश करने से दर्द, अवसाद व कब्ज की समस्या से राहत मिलती है