Saturday , November 23 2024

हेल्थ

गर्भवती महिला के लिए पालक नहीं हैं किसी वरदान से कम

सभी जानते हैं कि पालक में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो हमारे हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पालक में पाए जाने वाले खनिजों की क्षारीयता शरीर में पीएच को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह आपको अच्छी मात्रा में प्रोटीन भी प्रदान करता है। आईए जानते हैं इसके अनेकों फायदे-

 

– गर्भवती महिला के लिए पालक किसी वरदान से कम नहीं है। उसमें सारे पोषक तत्व है, जो गर्भवती महिला के शरीर के लिए जरुरी होते है। इसके अलावा ये मां के शरीर में दूध को भी बढ़ाता है।

– अच्छी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाले फ्लैनोनोइड्स और कैरोटीनॉयड निहित होने की वजह से, पालक में उत्तम एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पालक में एक दर्जन से अधिक फ्लोवानोइड यौगिकों की पहचान की है, जो एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध हैं।

– अगर आपको त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है तो पालक का जूस पीना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। पालक का जूस पीने से त्वचा निखरी और जवान बनी रहती है। ये बालों के लिए भी अच्छा है।

– पालक का नियमित सेवन एनीमिया से बचाता है। यह आयरन का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। आयरन की जरूरत शरीर में ऊर्जा के लिए भी आवश्यक है क्योंकि यह हीमोग्लोबिन का एक कॉम्पोनेन्ट है, जो शरीर के सभी कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाता है।

अनचाहे बालों से क्या आप भी हैं परेशान तो घर पर यूँ तैयार करें हेयर रिमूवर क्रीम

शरीर में हर जगह होने वाले अनचाहे बालों  में सभी लोग परेशान हो जाते है। यह चेहरे या फिर शरीर के किसी भी अंग के बाल हटाने के लिए हम वैक्सिंग या फिर थ्रैडिंग के द्वारा निकाले जाते है।

 जिससे निजात पाने के लिए मार्केट से हेयर रिमूवर क्रीम ले आते है। या पिर वैक्स, लेजर के द्वारा बालों से निजात पाते है। जिसके साइड इफेक्ट भी होते है।

ऐसे तैयार करें

सबसे पहले सभी चीजों को एक साथ एक बर्तन में डालकर गर्म करें. तब तक गर्म होने दें जब तक इसमें मौजूद चीनी पूरी तरह से घुल न जाए. इसके बाद गैस बंद कर दें. ठंडा होने दें.

ऐसे करें अप्लाई

सबसे पहले चेहरे पर टेल्कम पाउडर लगाएं ताकि त्वचा से निकलने वाले ऑयल को ये पाउडर अच्छी तरह से सोख ले. उसके बाद वैक्स की मोटी लेयर लगाएं और हाथों से थपथपाएं. कुछ सेकंड रुककर झटके के साथ वैक्स को निकालें. वैक्स हटाने के बाद उस जगह पर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल करें या फिर उस स्थान पर बर्फ या फिर मॉइश्चराइजर लगाएं.

ये बातें रखें ध्यान

चेहरे पर वैक्स करने से त्वचा हार्ड और खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए जब तक बहुत जरूरत न हो, इसे कराने से परहेज करें. अगर आपकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील है तो इस पर जलन या चकत्ते पड़ सकते हैं या फिर रैशेज या एलर्जी भी हो सकती है.

दोमुंहे बालों से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं मेयोनीज़

मखाना आपके शरीर को हेल्दी रखने में करेगा मदद

मखाना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।  इसे लोग व्रत में भी आसानी से खाते है। सर्दियों में लोग इसे फ्राई करके आदि तरीके से खाते हैं। मखाना शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है। कई लोग इसे वजन कम करने के लिए भी खाते है। लेकिन क्या आप जानते हैं ज्यादा मखाना खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

ज्यादा मखाना खाने से ब्लोटिंग की समस्या बढ़ सकती है। मखाने में भरपूर मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता हैं, जो पचने में समय लेता है। अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या हैं, तो मखाने से बचें।

मखाने में कैल्शियम पाया जाता है। जिस कारण इसको खाने से स्टोन का साइज बढ़ सकता है। स्टोन होने की समस्या में मखाने खाने से बचें। इसको खाने से शरीर में कैल्शियम की अधिकता भी हो सकती है।

क्या आप भी खाना बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं नॉन-स्टिक बर्तन

कुछ समय से भारतीय रसोईं में खाने की चीजों से लेकर खाना पकाने तक बहुत से बदलाव हुए हैं. लेकिन आधुनिक समय में नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाने का क्रेज बढ़ गया है. प्रदूषित वातावरण के चलते हर कोई अपनी सेहत को लेकर सतर्क है.

लोग कम तेल वाला भोजन करने के लिए नॉन-स्टिक बर्तनों का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं.  नॉन स्टिक पैन आदि में खाना बनाने के लिए काफी कम मात्रा में तेल की जरूरत पड़ती है.  दूसरे बर्तनों की तुलना में नॉन-स्टिक बर्तनों को साफ करना भी काफी आसान होता है.

नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. जैसे आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. शरीर में आयरन की कमी से भी कई समस्याएं होती हैं.

नॉन स्टिक पैन में बने खाने को अगर आफ खाते हैं तो इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, नॉन-स्टिक बर्तनों के ज्यादा इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.

दिमाग को शांत करने के साथ तनाव कम करता हैं ये योगासन

ध्यान तनाव को कम करने में मदद करता है, आपके दिमाग को शांत करता है, आपको आराम करने और आराम करने में मदद करता है। ध्यान और कुछ नहीं बल्कि अपनी सांस को देखते हुए सही मुद्रा में बैठना है। इस आसन को सुखासन या आसान मुद्रा कहा जाता है।

सुखासन में बैठकर अपनी सांस को ध्यान से देखें, सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को तोड़ते हुए। किसी भी विचार प्रक्रिया को नियंत्रित करना, केवल सांस पर ध्यान केंद्रित करना। रोजाना इसका अभ्यास करने से चमत्कार हो सकता है!

अब सांस भरते हुए अपने बाएं पैर को जमीन से ऊपर उठाएं और पैर के अंगूठे को बाहर की ओर रखते हुए सुविधानुसार पिंडली या जांघ पर रखें। इसके साथ ही अपने हाथों को ऊपर उठाएं और उन्हें अपने सिर के ऊपर नमस्ते की मुद्रा में जोड़ लें। क्षमता के अनुसार आसन धारण करें और छोड़ें।

अपने दोनों पैरों के बीच में 3-4 फीट की दूरी बनाकर रखें। बाएं पैर को उसी स्थिति में रखते हुए दाएं पैर को बाहर की ओर मोड़ें और हाथों को जमीन के समानांतर ऊपर उठाएं। साँस छोड़ते हुए, अपने दाहिने घुटने को 90 डिग्री के कोण पर आगे की ओर झुकाएँ और बाएँ पैर को लम्बा रखें जिसके नियमित अभ्यास से आपके शरीर में कई तरह के रोग ठीक हो सकते हैं।

च्यवनप्राश खाने से सर्दियों में शरीर को मिलते हैं ये लाभ

कुछ चीजों का क्रेज कभी नहीं बदलता है. पुराने समय में हमारे दादा-नाना सुबह-सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश खाते थे.जिससे उन्हें भी थोड़ा च्यवनप्राश का स्वाद चखने को मिल जाएं. ये आज भी अधिकतर घरों में देखने को मिलता है.  पुराना क्यों न हो जाए, लेकिन च्यवनप्राश अपनी जगह बना हुआ है. इसे कब, किस तरह खाना चाहिए, ये आज हम इस आर्टिकल में बताएंगे.

बचपन में लगभग सभी ने टीवी में च्यवनप्राश का प्रचार देखा ही होगा. इसे खाने से शरीर को बहुत से लाभ मिलते हैं. लेकिन इसे हमेशा पर्याप्त मात्रा में ही खाना चाहिए. अगर आप अधिक मात्रा में च्यवनप्राश का सेवन करते हैं,, लूज मोशन जैसी समस्या हो सकती है. एक व्यस्क रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश सुबह-शाम गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकता है.

आपके परिवार में किसी को अस्थमा या सांस की दिक्कत है तो उन्हें दूध या दही के साथ च्यवनप्राश का सेवन न करने दें. साथ ही ब्लड शुगर की शिकायत वाले लोगों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.

च्यवनप्राश शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है. लेकिन ठंड के मौसम में च्यवनप्राश और भी फायदेमंद होता है. ये शरीर को होने वाले वायरल इंफेक्शन से बचाता है. च्यवनप्राश विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.

इन मसालों की मदद से सर्दियों में रखें इम्यून सिस्टम को मजबूत

र्दियां आ चुकी हैं। लेकिन ठंड में गर्मी का अहसास कराने के लिए आप कई काम करते हैं,। मौसम गंभीर सर्दी, खांसी या बुखार के लिए भी फेमस है। सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए यहां पर आपको आपके किचन में मौजूद उन चीजों के बारें में बता रहे हैं.

बीमारी से लड़ने का सबसे अच्छा तरीको में से एक है। इसके लिए ठंड में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रामक रोगों से लड़ने में कुशल रहे, इसके लिए हर किसी के पास मसालों और जड़ी-बूटियों का अपना संयोजन होता है। सभी काढ़ा में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

तुलसी को पवित्र तुलसी भी कहा जाता है, ये विटामिन ए और सी से भरपूर होती है। एक नेचुरल कंडिशन के रूप में, तुलसी शरीर को तनाव और चिंता के अनुकूल बनाने में मदद करती है। इसमें एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। ये इंटरनली संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।

हल्दी में करक्यूमिन होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, करक्यूमिन में उच्च एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी बॉडी में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद करती है।

गुर्दे में होने वाली इन बिमारियों के बारे में नहीं जानते होंगे आप

आपके गुर्दे आपकी पीठ के निचले हिस्से के क्षेत्र में स्थित अंगों की एक जोड़ी हैं। गुर्दे आपके रक्त को फ़िल्टर करते हैं और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं। ये विषाक्त पदार्थ आपके मूत्राशय में जाते हैं और जब आप पेशाब करते हैं तो समाप्त हो जाते हैं।

 गुर्दे की बीमारी के प्रारंभिक चरण के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है। वे अक्सर सूक्ष्म और पहचानने में कठिन होते हैं।
गुर्दे की विफलता कई स्थितियों या कारणों का परिणाम हो सकती है। गुर्दे में रक्त प्रवाह का नुकसान आपके गुर्दे में रक्त प्रवाह का अचानक नुकसान गुर्दे की विफलता का संकेत दे सकता है
गुर्दे में रक्त के प्रवाह को नुकसान पहुंचाने वाली कुछ स्थितियों में शामिल हैं: दिल का दौरा दिल की बीमारी जिगर या जिगर की विफलता का निशान निर्जलीकरण गंभीर जलन एलर्जी गंभीर संक्रमण, जैसे सेप्सिस उच्च रक्तचाप और सूजन-रोधी दवाएं भी रक्त के प्रवाह को सीमित कर सकती हैं।
 आपके मूत्र का रंग आपके शरीर के स्वास्थ्य में एक छोटी सी खिड़की है। यह आपके गुर्दे की कार्यप्रणाली की स्थिति के बारे में तब तक बहुत कुछ नहीं बताता जब तक कि गुर्दे की क्षति बढ़ न जाए।फिर भी, मूत्र के रंग में परिवर्तन कुछ मुद्दों का चेतावनी संकेत हो सकता है।

मौसमी फलों में मौजूद विटामिन्स आपके शरीर को रखेंगे स्वास्थ्य

इस बढ़ती गर्मी के तापमान में शेयर रको स्वस्थ बना कर रखना बहुत मुश्किल होता है. इस मौसम में शरीर को पौष्टिक आहार हेल्दी ड्रिंक्स दी जाए तो इससे बहुत फायदा मिल सकता है. मौसमी फलों में मौजूद पोषकता विटामिन्स, इसे सेहत के लिए विशेष फायदेमंद बनाते हैं.

कुछ फल शरीर के पोषक तत्व को पूरा करते हैं तो कुछ फल आर्थराइटिस से लेकर कैंसर तक के जोखिम को कम कर सकते हैं. इन सब में अनानास ऐसा ही एक फल है जिसका सेवन आपके लिए कई तरह से फायदेमंद है.

एक कप अनानास में 78.9 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जो आपकी इस विटामिन की दैनिक आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति कर सकता है. इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए अनानास को आहार में शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है.

कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अनानास का सेवन आपको कैंसर जैसे गंभीर जानलेवा बीमारियों के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकता है. अनानास में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स भी मौजूद होते हैं जो शरीर को फ्री-रेडिकल्स से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं.

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अनानास में ब्रोमेलैन नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं. शरीर जोड़ों के सूजन को भी कम करने में काफी मददगार है. जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है उन्हें अनानास का जूस पीना चाहिए.