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हेल्थ

अंगूर में मौजूद एंटी−ऑक्सीडेंट्स सिरदर्द व माइग्रेन के उपचार में हैं कारगर

आपको शायद पता न हो अंगूर ब्रेन हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को शुरूआत में ही रोकने में सक्षम है। ऐसा इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स के कारण होता है। इसलिए अगर आपको स्वयं को मस्तिष्क विकारों से बचाना है जो अंगूर का सेवन करना शुरू कर दीजिए।

आज के समय में लोग जिस तरह किसी भी वक्त कुछ भी खा लेते हैं, उसके कारण पाचन संबंधी परेशानियां उत्पन्न होती है। अंगूर पेट की गर्मी को कम करता है और अपच को ठीक करता है। इसके लिए आप एक गिलास अंगूर के रस का सेवन करें। यह अपच के साथ−साथ पेट में सूजन व जलन को भी कम करेगा।
माइग्रेन से राहत

अगर आपको सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो एक गिलास अंगूर के रस का सेवन कीजिए। वहीं जिन लोगों को माइग्रेन की शिकायत रहती है, वे हर सुबह ताजे अंगूर के रस का सेवन करें। दरअसल, अंगूर में पाए जाने वाले एंटी−ऑक्सीडेंट्स सिरदर्द व माइग्रेन के उपचार के लिए बेहद प्रभावी तरीके से काम करते हैं।

अंगूर खाने में भले ही मीठे हो लेकिन फिर भी मधुमेह पीड़ित व्यक्ति बेफ्रिक होकर इनका सेवन कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अंगूर मधुमेह को रोकने में भी मददगार हैं। अंगूर में एक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो रक्त में शर्करा के स्तर को काम करता है, जिससे मधुमेह रोगियों को लाभ होता है।

 

आपकी रसोई में रखी खट्टी-मीठी इमली वजन कम करने के लिए नहीं हैं किसी औषधि से कम

भारत में लगातार कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जा रही है कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमारी इम्यूनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत मजबूत होगी, तभी इस वायरस से बच पाएंगे।

जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इमली एक तरह से वजन कम करने के लिए एक औषधि (Medicine) के रूप में भी काम करती है. यह फाइबर से भरपूर होती है और इसमें फैट की मात्रा बिल्‍कुल नहीं होती है.

गौर करने वाली बात यह है कि घर में रखी हुई कई चीजों में विटामिन ‘सी’ पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सक्षम होता है। वैसे भी खट्टी चीजों में भरपूर विटामिन ‘सी’ होता है और घर में रखी खट्टी-मीठी इमली तो सभी को पसंद है। इमली कई गुणों से भरपूर भी होती है।

इमली हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड से भरपूर होती है, जो एमिलेज को रोककर भूख को कम करती है. यह एक एंजाइम है, जो कार्बोहाइड्रेट को फैट में परिवर्तित करने के लिए जिम्मेदार होता है.डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इमली डायबिटीज मरीजों के लिए भी लाभकारी है.

इसे ब्‍लड शुगर लेवल को स्थिर करने और डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अग्नाशय के टिश्‍यु की क्षति को रोकने के लिए जाना जाता है. इमली में पाया जाने वाला एंजाइम अल्फा-एमिलेज ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है. जिसे इमली से एलर्जी हो वह इसे न लें.

थायराइड की समस्या में सिंघाडे का सेवन करने से मिलेंगे ये सभी फायदें

यह गले के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है । इसमें पाए जाने वाले तत्व गले के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं । इसलिए गले से जुड़ी समस्याएं होने पर इसका सेवन जरूर करना चाहिए । इस रोग में सिंघाड़ा काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.

2) थायराइड की समस्या में पानी फल सिंघाड़ा का सेवन जरूर करना चाहिए । इससे इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है । क्योकि सिंघाड़ा का सेवन थायराइड की समस्या में बेहद लाभकारी होता है.

3) पानी फल सिंघाड़ा का आटा खाने से कब्ज और पेट से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है । इस लिए भी सिंघाड़ा बेहद फायदेमंद होता है

4) खुजली की समस्या होने पर पानी फल सिंघाड़ा पर नींबू के रस को डालकर उसका सेवन करें । यह समस्या समाप्त हो जाएगी ।

पानी फल सिंघाड़ा काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है इसके सेवन से कई गंभीर समस्याएं दूर हो जाती है । यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही ज्यादा फायदेमंद भी होता है आइए जानते हैं कि इसके सेवन से कौन से रोग दूर हो जाते हैं ।

कमजोरी, थकान, हड्डि‍यों में दर्द हैं शरीर में विटामिन-डी की कमी के मुख्य लक्षण

विटामिन-डी की कमी को धूप के रूप में पूरा किया जा सकता है। विटामिन-डी को सबसे आवश्यक विटामिन में से एक माना जाता है। नट्स, सामन फिश, पनीर, अंडे की जर्दी में भी विटामिन डी होता है। सिजेरियन सेक्शन के विकास के जोखिम में डाल सकती है। यदि आपके शरीर में इस विटामिन-डी की कमी होती है तो आपको कमजोरी, थकान, हड्डि‍यों और पीठ में दर्द और डिप्रेशन के लक्षण आ सकते हैं।

विटामिन-डी की कमी के कारण-

  • विटामिन डी की कमी का कारण आमतौर पर प्रदूषित क्षेत्रों में रहना, बहुत ऊंचाई पर या पहाड़ों पर रहना, त्वचा का काला पड़ना, मोटापा, किडनी और लीवर की समस्या और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है।
  • विटामिन डी न केवल स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है बल्कि यह आपकी सुंदरता को भी बढ़ा सकता है। चलिए जानते हैं कैसे ये आपकी खूबसूरती बढ़ा सकता है।
  • ये एक्जिमा का इलाज करता है। विटामिन-डी का पर्याप्त सेवन आपको लाल खुजली वाली त्वचा से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।
  • विटामिन-डी की कमी डेंड्रफ बढ़ा सकती है।
  • विटामिन-डी बालों के विकास में मदद करता है। विटामिन-डी बालों के रोम को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है। इससे बालों को बढ़ने में मदद मिलती है।
  • विटामिन-डी में एंटीऑक्सीडेंट गुण थे, जो मुंहासों को रोकने में मदद करते हैं।
  • विटामिन-डी का निम्न स्तर तेजी से उम्र बढ़ने के साथ जुड़ा हुआ है। इसका उचित सेवन आपको उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकता है।

मांसपेशियों में दर्द गठिया जैसी परेशानियों में बेहद कारगर हैं कच्चा नारियल

कच्चा नारियल खाना तो हर किसी को पसन्द होता है पर क्या आपको पता है कि नारियल से प्राप्त नारियल के दूध को स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक फायदेमंद कहा जाता है। नारियल के दूध में विभिन्न विटामिन और खनिजों हाई मात्रा में पाए जाते हैं और यह उन रोगियों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है जिनमें लैक्टोज को सहने की क्षमता नहीं हैं। चलिए जानते हैं नारियल के फायदों के बारे में-

  • नारियल के दूध में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम और आयरन जैसे आवश्यक खनिजों की उपस्थिति ब्‍लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकती है।
  • नारियल के दूध में फैटी एसिड में ब्लड शुगर की दर को धीमा करने में मदद कर सकता है। यह ब्लिड शुगर के स्तर में वृद्धि को रोकता है।
  • नारियल के दूध में मौजूद लॉरिक एसिड में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होने के कारण ये गठिया, मांसपेशियों में दर्द जैसी स्थितियों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • नारियल का दूध पाचन में मदद करता है, इससे अपच होने की संभावना कम होती है। नारियल का दूध पीने से आंत के माइक्रोबायोटा के विकास में भी सुधार होता है, जिससे आंत के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

बढती उम्र के साथ अपनी हाइट को बढाने के लिए आप भी आजमाएं ये सरल उपाए

जो लोग औसत या कम ऊंचाई के हैं वे इच्छा करते है कि काश वे लम्बे होते । लंबा होना आपकी आत्मविश्वास में बढ़ावा प्रदान करता है| लंबाई से व्यक्ति खुद को या खुद के बारे सुधार महसूस होने लगता है। कम ऊंचाई, विशेष रूप से पुरुषों में उन्हें कम आत्मविश्वास महसूस कर सकता है।

एक व्यक्ति की ऊंचाई आनुवंशिकी से काफी हद तक निर्धारित की जा सकती है , लेकिन यह केवल जरूरी निर्धारक नहीं है।हमारे शरीर में एक हार्मोन है जिसे मानव विकास हार्मोन  के रूप में जाना जाता है जो कि ऊंचाई को नियंत्रित करता है |

Length Height – एचजीएच पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा उत्पादित और लंबी हड्डियों और उपास्थि के विकास के लिए बेहद जरूरी है।अक्सर लोगों को लगता है कि अठारह साल के बाद लंबाई नहीं बढ़ती है। लेकिन एक व्यक्ति 18 साल के बाद भी कुछ इंच लंबाई बढ़ सकता है| ऐसा अपनी जीवन शैली में कुछ स्वस्थ आदतों को शामिल करके किया जा सकता है विकसित कर सकते हैं |

अगर आप भी सोच रहे हैं की अपनी लंबाई कैसे बढाएं तो चिंता न करें हम आपको लम्बाई बढ़ाने के घरेलू उपचार, लम्बाई बढाने के आयुर्वेदिक उपाय व लम्बाई बढ़ाने के व्यायाम बताएंगे जिसमे होंगे कुछ कद बढाने के घरेलू तरीके जो की हाइट बढाने के लिए बहुत प्रभावी होते हैं|

क्या आप भी हैं दुबले पतले शरीर से परेशान तो गर्म दूध में ये चीज़ मिलाकर पिए

आज कल के लोग वजन बढ़ाने के लिए ना जाने किन किन चीजों का प्रयोग करते हैं कभी सपालीमेंट्स लेते हैं , कभी प्रोटीन का सेवन करते हैं । इन सभी चीजों के सेवन से लीवर खराब होने का लंग्स खराब होने का खतरा बना रहता है ।

अश्वगंधा में अमीनो एसिड और विटामिन होता है जो स्वस्थ तरीके से वजन बढ़ाता है। गर्म दूध में अश्वगंधा और बटर को मिलाकर पीने से वजन आसानी से बढ़ता है। इसे रोजाना रात में पिएं और अपने में बदलाव देखें।

च्यवनप्राश में कई पोषक तत्वों मौजूद होते हैं जो वजन बढ़ाने में मदद करते हैं और इम्यूनिटी भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा यह हड्डियों को भी मजबूती प्रदान करते हैं। रोजाना च्यवनप्राश का सेवन आपको बेहतर परिणाम प्रदान कर सकता है।

सावित्रि में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होता है जो वजन बढ़ाता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को भी स्वस्थ रखता है। साथ ही सावित्रि का सेवन आपके इम्यून सिस्टम को भी बेहतर रखता है।

6 अंजीर और 30 ग्राम किशमिश को रातभर पानी में डालकर छोड़ दें और फिर दिन में दो बार इसका सेवन करें और अपने में बदलाव वजन बढ़ाने के लिए आपको सप्लीमेंट्स के सेवन के बजाय आयुर्वेदिक टिप्स का पालन करना चाहिए ताकि आपके स्वास्थ्य को कोई हानि ना पहुंचें।

भारतीय लोगों में इस वजह से ज्यादा पाई जाती हैं लिवर की बीमारी

सर्दी के दिनों में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हिंदुस्तान में लिवर की बीमारी की गिनती दस बड़ी बीमारियों में की जाती है। भारत में प्रत्येक वर्ष 10 लाख लिवर से संबंधित मामले सामने आते हैं जो कि गंभीर चिंता का विषय है।

लहसुन
एक शोध से पता चला है कि लहसुन NAFLD से ग्रसित लोगों हेतु फायदेमंद होता है। इससे वजन कम होता है। लहसुन लिवर हेतु दवा के समान है।

ऑलिव आयल
ऑलिव आयल ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और लिवर फंक्शन में सुधार करता है।

ओटमील
इसमें फाइबर और बीटा ग्लूकोज पाया जाता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। इसके साथ ही लिवर में मौजूद फैट को भी कम करता है। इससे लिवर सुरक्षित रहता है।

अंगूर
एक शोध की माने तो, अंगूर में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो लिवर को बीमारियों से सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं।

फल और सब्जियां
लिवर को स्वस्थ रखने हेतु अपनी डाइट में एवोकाडो, केला, बार्ली, बीट्स, ब्रॉकोली , चावल, गाजर, नींबू, पपीता इत्यादि वस्तुरों का सेवन जरूर करें।

फैटी फिश
फैटी फिश मतलब तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण मौजूद होते हैं जो लिवर हेतु काफी फायदेमंद होते हैं।

डिस्क्लेमर: कहानी के टिप्स एवं सुझाव सामान्य जानकारी हेतु हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या फिर मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लेवे। रोग या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लेवे।

मोटापे की समस्या से निजात दिलाएगा ये आयुर्वेदिक उपाय, यहाँ जानिए कैसे

आज के समय में मोटापा बढ़ने की वजह केवल खान-पान नहीं रह गया है। बल्कि बदला हुआ लाइफ स्टाइल भीजिनका प्रयोग करके आप मोटापे की समस्या से निजात पा सकते है, जो कि आपके स्वस्थ रहने के लिए अत्यन्त आवश्यक है।

इसके लिए बहुत अधिक जिम्मेदार है। हमारे खाने की प्लेट में न केवल फास्ट फूड ने तेजी से जगह बनाई है जिससे शरीर बेडौल हो जाता है। स्वास्थ्य की तमाम समस्याओं के मूल में यह मोटापा ही रहता है। इससे निजात पाना आज के दौर में अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि हमारा खानपान अब पहले जैसा नहीं रहा है।

उपाय के अनुसार, शहद में लगाकर मूली खावें। मोटापा कम करने में प्रभावी होती है।

उपाय- सोंठ, सोंफ, चव्य, वायबिडंग, काला नमक – इनका चूर्ण दो माशा गाय के मठे के साथ नित्य खावें।

उपाय- बेर की पत्ती, अनार की कली, गिलोय, अरंड की जड़, ढाक के फूल – इन पाँचों को एक – एक मासे लेकर आधा पाव पानी में पीस लें और मिश्री मिलाकर पीवें।

 

खाली पेट कॉफी का सेवन करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हैं हानिकारक

दुनियाभर में कई लोग हैं जो अपनी सेहत को लेकर बड़े सावधान रहते हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी कॉफी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पीने से बड़े लाभ होते हैं.सुबह उठते ही आप भी गरमा-गरम कॉफी पीने के शौकिन हैं तो आपको इसके बारे में जरूर जनना चाहिए। कुछ लोगों की जिंदगी में कॉफी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

कॉफी पीना लाभदायक भी है हानिकारक भी है लेकिन खाली पेट कॉफी पीना ज्यादा खतरनाक है। कॉफी पीने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं लेकिन खाली पेट कॉफी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है।

खाली पेट कॉफी पीने से बचते हैं क्योंकि यह पेट के एंजाइम को डिस्टर्ब कर सकती है. लेकिन आपको बता दे कि कॉफी में घी डालकर पीने से पेट की कई समस्याओं से बचा जा सकता है.

एक्सपर्ट्स का मानना है की घी बटर से कम नमकीन और थोड़ा सा मिठास लिए होता है डायजेस्टिव सिस्टम को सबसे पहले खाना भी नहीं पचाना पड़ता और फैट से आपको एनर्जी भी मिल जाती है.

वहीं अगर कॉफी की खुशबू से ही आपका मूड बन जाता है तो इसके जायदा फायदे लेने के लिए इसमें घी भी डाल ले घी में मौजूद फैट दिमाग के लिए अच्छा होता है, नर्व कनेक्शन ठीक रखता है और मूड अच्छा रखने वाले हॉर्मोन्स रिलीज करता है.