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हेल्थ

क्या आप भी योगासन की मदद से रहना चाहते हैं फिट तो फॉलो करें ये टिप्स

र इंसान चाहता हैं कि बुढ़ापे में भी उसका शरीर स्वस्थ रहे और वह अपना जीवन चुस्ती-फुर्ती के साथ व्यतीत करें। लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल से जुड़ी बुरी आदतों की वजह से शरीर का लचीलापन प्रभावित होता हैं और इसमें अकडन आने लगती हैं।

अकड़ता हुआ यह शरीर कई शारीरिक समस्याओं का कारण बनता हैं। शरीर में लचीलापन लाया जाए और इसका सबसे अच्छा तरीका हैं योगासन। इससे न केवल शरीर में लचीलापन आता है बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है।

इसमें शरीर के जोड़ों को जरूरी स्ट्रेच मिलता है और मसल्स मजबूत होती हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले दंडासन में बैठ जाएं। फिर दाहिने घुटने को मोड़ें और तलवे को हिप्स के पास रखें। पूरा वजन दाहिने ओर करते हुए पैर को ऊपर उठाकर पीछे की ओर ले जाएं। गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की तरफ उठाएं और कोहनी को मोड़ लें।

पैर को मजबूती से पकड़कर चेस्ट की तरफ उठाएं और गर्दन को पीछे की तरफ मोड़ें। इसी पोजीशन में थोड़ी देर तक बने रहें। कुछ सेकंड बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को दोबारा सामने ले आएं। दूसरी ओर से आसन दोहराएं।

चेहरा निखारने के लिए मुल्‍तानी मिट्टी का हफ्ते में एक बार इस तरह करें प्रयोग

मुल्‍तानी मिट्टी चेहरा निखारने के काफी काम आती है। मगर बहुत से लोग इसे सही तरह से इस्‍तेमाल करना नहीं जानते, जिसकी वजह से वो इसका फायदा नहीं उठा पाते। चेहरे पर ग्‍लो लाने के लिए मुल्‍तानी मिट्टी का इस्‍तेमाल लड़कियों से लेकर लड़कों तक हर कोई कर सकता है।

 

आज हम जो पैक बनाना बता रहे हैं, अगर आप उसे हर दूसरे दिन प्रयोग करेंगे तो आपकी स्‍किन से कालापन दूर होगा। साथ ही वो लोग जिनकी स्‍किन का रंग दबा हुआ है, इस पैक की मदद से उनके भी रंग में चमक आ जाएगी। इस पैक में मुल्‍तानी मिट्टी का प्रयोग किया जाता है, जो स्‍किन को लाइट और ब्राइट करने का काम करती है।

सामग्री:

गुलाबजल – 1 चम्मच
संतरा का रस – 1 चम्मच
नींबू का रस – 1 चम्मच
टमाटर का रस – 1 चम्मच
मुल्तानी मिट्टी – 1 चम्मच

पैक बनाने का तरीका

एक बाउल में दही, मुल्तानी मिट्टी टमाटर का रस और नींबू का रस को अच्छी तरह मिक्स करें। अगर आपको नींबू या टमाटर सूट नहीं करता तो आप संतरे का रस भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

कैसे करें इस्तेमाल
स्टेप 1:

सबसे पहले कॉटन में गुलाबजल लगाकर चेहरे को अच्छी तरह क्लीन कर लें, ताकि सारी गंदगी निकल जाए।

स्टेप 2:

अब पैक को पूरे चेहरे पर सर्कुलेशन मोशन में मसाज करते हुए लगाए। अब संतरे के छिलके पर थोड़ा-सा पैक लगाकर हल्के हाथों से 5 मिनट तक मसाज करें। अब इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर इसे ठंडे पानी से हल्के हाथों से मसाज करते हुए साफ कर लें। अगर आप संतरे के छिलके से मसाज नहीं करना चाहते तो आप टमाटर का यूज भी कर सकते हैं।

 

घी काली मिर्च खाने से जोड़ों के दर्द की समस्या से मिलेगा निजात

देसी घी हिंदुस्तान के हर घर में फेमस है. खिचड़ी हो या दाल, या फिर कोई भी तरह की डिश उसमे घी डालकर खाना हिंदुस्तानी घरों की पहचान है. घी खाने से सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं ये आपने सुना होगा.

 

काली मिर्च  भी आपने कई बार खाई होगी कोरोना के इस दौर में काढ़े चाय के जरिए भी इसका सेवन किया होगा. गले में खराश हो या जुकाम अदरक की चाय या काली मिर्च की चाय सबको बहुत फायदा पहुंचाती हैं.  घी काली मिर्च को मिलाकर क्या फायदा होता है.

घी काली मिर्च खाने से जोड़ों के दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है. जिनको सर्दियों में जॉइंट पेंट रहता है वो घी काली मिर्च को एक साथ मिलाकर किसी भी खाने में थोड़ा सा डालकर खा सकते हैं. जिनको शुगर लेवल कंट्रोल करना है वो भी इसका सेवन कर सकते हैं.

घी काली मिर्च के मिक्सचर को खाने से या किसी खाने में इस्तेमाल करने से डीएनए सुरक्षित रहता है.दोनों को साथ में खाने से याददाश्‍त भी तेज होती है. साथ ही मिक्सचर तनाव को भी दूर करता है. वहीं इम्यूनिटी की बात करेंगे तो ये दोनों इम्यूनिटी मजबूत बनाने का काम करते हैं.

 

गर्मागर्म काली चाय आपके हार्ट के लिए नहीं हैं किसी औषधि से कम

चाय हमारी लाइफ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुबह-सुबह उठकर जब तक गर्मागर्म चाय ना मिल जाए तब तक दिन की शुरुआत नही होती है।चाय पीने से हमारे शरीर में स्फूर्ति आ जाती है। आप हमेशा ग्रीन टी या फिर अदरक की चाय पीते है।चाय आपको गंभीर बीमारियों से भी आपको बचाती है। जिसके बारें में आप सोच भी नहीं सकते है।

अमेरिका कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एक शोध के अनुसार काली चाय हृदय के लिए काफी अच्छी है। इसमें मौजूद फ्लेवेनाइड्स एंटीऑक्सीडेंट हृदय के सेल्स तथा ऊतकों की ऑक्सीकरण से होने वाली क्षति से सुरक्षा करते हैं।

एक अन्य शोध से पता चलता है कि चाय का सेवन थक्के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित रखता है जिससे हृदयाघात की आशंका कम हो जाती है। रक्त में एंटीऑक्सीडेंट का घनत्व बढ़ने से चाय हृदय के लिए लाभदायक है।

जो महिलाएं प्रतिदिन कुछ कप चाय पीती थीं, उनमें हृदय रोग के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी तत्व ऑर्थेरोसिलरोसिस की मात्रा नगण्य पाई गई। चाय में मौजूद फ्लेवोनाइड्स हृदय संबंधी कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूत रखने में सहायक पाया गया।

इसी प्रकार दांतों के लिए भी चाय को लाभदायक माना गया है क्योंकि इसमें फ्लोराइड की मात्रा भी होती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि काली चाय दांतों में गंदगी की परत व छेद बनने से रोकती है। यही नहीं, इससे बैक्टीरिया का भी नाश होता है।

सफेद मक्‍खन त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है जानिए इसके लाभ

मक्‍खन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। ये घर का बना सफेद मक्‍खन होना चाह‍िए।सफेद मक्‍खन में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। इस तरह ये त्वचा की फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा करता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। साथ ही ये कैंसर से हमारा सुरक्षा कवच भ बनता है। मक्‍खन में मौजूद आयोडीन थायराइड ग्रंथियों को मजबूत बनाती है। साथ ही ये गले के ल‍िए भी अच्‍छा होता .

सफेद मक्खन के फायदे
  • अगर आपके गले में सूजन आ जाती है तो मक्खन का सेवन कीजिए. इससे आराम मिलता है. मक्खन में आयोडीन थायराइड मौजूद रहते हैं, जो ग्रंथियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं
  • सफेद मक्खन खाने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है और कोलेस्ट्राल की समस्या भी खत्म हो जाती है. मक्खन में मौजूद विटामिन और सेलेनियम से हार्ट प्रॉब्लम्स भी नहीं होती.
  • दिमाग तेज करने के लिए मक्खन का सेवन किया जाता है. बच्चों को सफेद मक्खन जरूर खिलाना चाहिए. इससे उनका दिमाग स्वस्थ और याददाश्त तेज होती है. सफेद मक्खन से बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है.
  • सफेद मक्खन में कैल्शियम मौजूद रहता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
  • कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मक्खन मददगार साबित हो सकता है.
  • घर पर बनाया गया मक्खन अच्छी वसा का स्त्रोत होता है, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध बटर की तुलना में स्वस्थ है. इस मक्खन में ट्रांस-फैट (Trans-Fats) होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं.

कोरोना वायरस से बचने के लिए योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास है जरुरी

कोरोना वायरस तेज़ी से  अपने पैर पसार रहा है लेकिन इससे बचने के लिए आपके पास कई सारे विकल्प हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए भारत के लोगों को लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है.

इसके अलावा दुनिया के कई हेल्थ एक्सपर्ट मानते है कि योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हमारे प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं.

उत्तानपादासन: हाजमे को दुरुस्त रखने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत करता है. मंडूकासन: मधुमेह, कोलाइटिस से मुक्ति में सहायक. पैंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करने में मददगार. ऐसे में आपकी इम्यूनिटी बढ़ जाती है.

ये खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि बीमारियों में लाभकारी होते हैं. योगासन और प्राणायाम करने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर के नस-नाडिय़ों की शुद्धि होती है. साथ ही रोग से लडऩे की क्षमता मिलती है.

एनर्जी या फ्रूट ड्रिंक्स के बजाय पीना शुरू करें ये ची नहीं होगी डायबिटीज की समस्या

टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग सोडा, एनर्जी या फ्रूट ड्रिंक्स के बजाय बिना शुगर वाली कॉफी या चाय पी सकते हैं. हार्वर्ड में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग, जो सोडा जैसी हैवी ड्रिंक्स के शुगर की मात्रा ज्यादा ले रहे हैं.

ये रिसर्च इसी महीने यानी अप्रैल में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई थी. दावा किया जा रहा है कि ये ऐसा पहला शोध है, जिसमें टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों पर शुगर ड्रिंक्स के प्रभाव के बारे में जाना गया है.

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पोषण और महामारी विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर क्वी सुन भी इस रिसर्च का हिस्सा था. उनके मुताबिक, यह पहला बड़े पैमाने पर महामारी विज्ञान का अध्ययन था.

इस रिसर्च में 12 से भी ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. अध्ययन में लोगों के एक बड़े समूह से एकत्र किए गए हेल्थ डेटा का इस्तेमाल किया गया, जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे. जिससे एक्सर्ट्स की टीम ने एक विस्तारित अवधि में डायबिटीज के रिजल्ट पर विभिन्न कारकों के प्रभाव का आकलन किया.

इन सभी विटामिन की मदद से हमारे शरीर को मिलती हैं ताकत, देखिए यहाँ

विटामिन आपके सबसे अच्छे दोस्त होने हैं. डाइट में सही तरीके से शामिल करने के बाद ये आपको कभी भी बीमार नहीं होने देंगे. गर्मी का मौसम आउटडोर एक्टिविटी करने के लिए बेहतरीन समय है लेकिन इस मौसम में अपनी हेल्थ का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है.

विटामिन कई तरह के होते हैं. इन्हें माइक्रो, मैक्रो और घुलनशीन वाली कैटेगरी में शामिल किया गया है.विटामिन की मदद से हमारे शरीर को ताकत मिलती है और इससे हम हेल्दी रहते हैं.

विटामिन ए

विटामिन ए आपकी आंखों की शक्ति को बढ़ाता है और आपकी त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है. चूंकि हम गर्मियों में ज्यादा समय बाहर बिताते हैं, इसलिए त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाना जरूरी है. अपने सप्लीमेंट्स को अपने बैग में रखें और समय-समय पर उन्हें लेना न भूलें.

विटामिन सी

अगर आप केवल एक सप्लीमेंट लेना चाहते हैं, तो उसमें विटामिन सी को शामिल करें. विटामिन सी मल्टी पर्पस के नाम से भी जाना जाता है, जो शरीर के हीट को मैनेज करने के अलावा स्किन में होने वाले रैशेज से भी बचाता है. इसके अलावा, विटामिन सी इम्यूनिटी बूस्ट भी करता है.विटामिन सी एक नैचुरल एंटीऑक्सीडेंट है और त्वचा में कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है.

गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडा रखने के लिए खाए ये मसाले

गर्मियों में हमें हेल्दी रहने के लिए अपने खान-पान का अधिक ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है. इस मौसम में ठंडी चीजों को खूब खाया जाता है.ये शरीर को ठंडा रखती है. इसके साथ ही इनसे बॉडी को हाइड्रेटेड रखने में भी मदद मिलती है.

ऐसे आप ठंडी तासीर वाले मसाले भी खा सकते हैं. सब्जी या फिर खानपान चीजों में आप इन ठंडे मसालों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये न केवल आपके शरीर को ठंडा रखेंगी बल्कि सेहत को कई अन्य फायदे भी पहुंचाएंगी.

सौंफ

सौंफ का इस्तेमाल माउथ फ्रेशनर के रूप में खूब किया जाता है. इसके साथ ही ये पचान को भी दुरुस्त रखती है. खाने के बाद आमतौर से सौंफ को सर्व किया जाता है. ये एक ठंडी तासीर वाला मसाला है.

इलायची

इलायची शरीर के तापमान को कंट्रोल में रखता है. इसमें कूलिंग गुण होते हैं. इससे एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या से राहत मिलती है. ये पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करती है. इसे खाने से शरीर डिटॉक्स होता है. खीर और कई अन्य डेजर्ट में इसका इस्तेमाल लोकप्रिय रूप से किया जाता है.

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकती हैं डार्क चॉकलेट

 डार्क चॉकलेट को खाना ज्यादा पसंद करते हैं. ये सही भी है क्योंकि डार्क चॉकलेट में कई सारे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाए हैं.अमेरिकी ब्रांड हर्शी अपनी डार्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम जैसी हैवी धातुओं के खतरनाक स्तर होने के कारण खूब सुर्खियां में रहीं.

शोध से यही साबित हुआ है कि दूसरी चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट हेल्थ के लिए फायदेमंद है.अलग-अलग ब्रांडों की 28 डार्क चॉकलेट में आर्सेनिक, कैडमियम, लेड और पारेके स्तर को जांचा गया तो खबर बिल्कुल अच्छी नहीं थी. जिन 28 अलग-अलग चॉकलेट्स की जांच की गई, उनमेंसे पांच में कैडमियम और लेड दोनों की मात्रा ज्यादा पाई गई.

इन धातुओं का उच्च स्तर सेहत के लिए कई मायनों में खतरनाक है. खासतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे ज्यादा खतरा है. उनके भ्रूण में इन धातुओं के कारण कई प्रकार की विकासात्मक समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

गर्भवती महिलाओं को चेतावनी दी जाती है कि वे अपनी डाइट में इसको शामिल न करें.यह छोटे बच्चों के लिए भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि इससे आईक्यू कम हो सकता है