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हेल्थ

स्मोकिंग करने वालों को मात्र 30 साल की उम्र तक होती हैं ये गंभीर बीमारी

स्मोकिंग करना हमारे लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन ये आपको किस-किस तरह से नुकसान पहुंचा सकता है इस बात की आप कल्पना भी नहीं कर सकते। एक नई रिसर्च में इस बात का पता चला है कि स्मोकिंग करने से आपकी रक्त की धमनियां सिकुंड सकती हैं जिससे आपके शरीर के अलग-अलग हिस्सों को पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और ये बढ़ा हुआ खतरा आपके स्मोकिंग छोड़ने के 30 साल बाद तक भी बना रहता है।

रिसर्च से ये भी पता चला कि तरह से रक्त धमनियों के सिकुड़ने और स्मोकिंग के बीच का संबंध दिल की बीमारी और स्ट्रोक से भी ज्यादा है। अध्ययन में जब कभी स्मो’किंग ना करने वाले लोगों से स्मो’कर की तुलना की गई तो पता चला कि जिन लोगों ने एक साल में सिगरेट के 40 से ज्यादा पैकेट पिए उनमें रक्त धमनियों के सिकुड़ने का ख’तरा 4 गुना ज्यादा था वहीं दिल की बीमारी होने का ख’तरा 2.1 गुना और स्ट्रोक का ख’तरा 1.8 गुना था।

30 साल बाद जाकर स्मो’कर में इस बीमारी के ख’तरे का अंत होकर नो स्मो’कर के लेवल पर आ गया। वहीं दिल की बीमारी के ख’तरे को नीचे लाने में 20 सालों का समय लगा। हालांकि अगर आप स्मों’किग छोड़ने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए खुशी की बात ये है कि स्मो’किंग छोड़ने के बाद बहुत तेजी से इस बीमारी के खतरे में कमी आई। अध्ययनकर्ता ने बताया कि रक्त धमनियों के सिकुड़ने, दिल की बीमारी और स्ट्रोक के खतरे में स्मो’किंग छोड़ने के बस 5 सालों बाद ही कम ख’तरा दिखा।

 

Mind Stress को दूर करने में कारगर है साइकिलिंग, जानिए इसके अनेक लाभ

अभी तक आप साइकिलिंग करके वजन घटाने की बात ही जानते होंगे ,पर क्या आप ये जानते हैं कि साइकिलिंग करके अपना Mind Stress भी दूर कर सकते हैं। साइकिलिंग द्वारा आप डिप्रेशन में जाने से भी बच सकते हैं।

साइकिलिंग ऐरोबिक एक्सर्साइज है जिसके कई फायदे हैं। इससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है। साईकल चलाने से सिरोटोनिन, डोपामाइन व फेनिलइथिलामीन जैसे रसायनों का दिमाग में उत्पादन बढ़ता है, जिससे आप खुशी महसूस करते हैं और तनाव दूर होता है।

  • टाइप-1 डायबीटीज के रोगी यदि 1 घंटे से ज्यादा साईकल चलाते हैं तो उन्हें कुछ कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार साथ में रखना चाहिए।
  • साईकल चलाने से स्वास्थ्य संबंधी सभी फायदे मिलते हैं। दौड़ने की तुलना में साईकल चलाने से आपके घुटनों पर बहुत कम दबाव पड़ता है और पैर की मांसपेशियों का व्यायाम होता है।
  • लगातार साईकल चलाना घुटने व जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आराम पहुंचाता है। इससे घुटनों के जोड़ों व आपके पैरों का पूरा व्यायाम होता है।
  • डायबीटीज वाले मरीज यदि नियमित तौर पर लंबी दूरी साईकल से तय करते हैं तो उन्हें एक्सर्साइज से पहले व बाद में ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। यह जांच फिंगर स्टिक स्टाइल ब्लड ग्लूकोज मीटर से हो सकती है।

तुलसी और नीम की मदद से बना ये लेप लगाने से मच्छरों को भगाएं दूर

आमतौर पर घर के अंदर Mosquito मच्छरों से बचने के लिए क्वाॅइल या स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता है। मच्छरों को अपने से दूर रखने के लिए बाजार में ऐसे कई प्रोडक्टस हैं जिन्हें कपडो़ पर लगाकर बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। लेकिन अब घरेलु उपायों से मच्छरों को दूर भगाएं।

अभी तक Mosquito मच्छर भागने के लिए बाजार में मिलने वाला लगभग हर सामान महंगा भी होता है और साथ ही साथ सेहत के लिए नुकसान भी देने वाला होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में कई ऐसी चीजे़ मौजूद होंगी जिनके इस्तेमाल से मच्छर आपसे दूर रहेंगे।

तुलसीः मच्छर ज्यादातर पौधौ के आस पास ही नज़र आते हैं लेकिन तुलसी से मच्छर दूर ही रहते हैं। तुलसी के पौधे को घर कि खिडकी या दरवाजे पर रखें इससे घर में मच्छर नहीं आएंगे।

निम्बू और नीम: बराबर मात्रा में निम्बू और नीलगिरी के तेल का मिश्रण बनाकर अपने शरीर पर लगाएं इससे मच्छर आपने आस पास नहीं आयेंगे. इसके अलावा आप निम्बू और नीम के तेल बराबर मिश्रण तैयार करके शरीर पर लगाएं। इसका असर लगभग आठ घंटे तक रहता है।

लहसुनः लहसून चुहों के साथ मच्छरों को भी भगाता है. लहसुन की महक से मच्छर आस पास नहीं आते हैं. लहसुन को पीस कर पानी में उबाल लें. इस पानी को पूरे घर में छिडकें. इससे घर में मच्छर नहीं नज़र आएंगे।

कैंसर से लड़ने और शरीर को सुरक्षित रखने में कारगर हैं हरी मिर्च

हरी मिर्च  को लोग आम तौर पर भोजन में या भोजन के साथ उसका जायका बढ़ाने के लिए प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।

भोजन को पकाते समय या फिर सलाद इत्यादि में, Green Chilli  का अलग ही स्थान है। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में अगर आप अनजान हैं तो हम बताते है इसके चमत्कारी फायदे –

  • कैंसर से लड़ने और शरीर को सुरक्षित रखने के लिए भी हरी मिर्च फायदेमंद है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की आंतरिक सफाई के साथ ही फ्री रेडिकल से बचाकर कैंसर के खतरे को कम करती है।
  • हरी मिर्च के सेवन से फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी कम होता है। अत: धूम्रपान का सेवन करने वालों को हरी मिर्च को अपने भोजन में ज्यादा शामिल करना चाहिए, क्योंकि उन्हें फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
  • यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत कर, पाचन क्रियाओं को दुरूस्त करती है। हरी मिर्च में फाइबर्स भी अच्छी मात्रा में होते हैं जिससे मिर्च भोजन का पाचन जल्दी होता है।
  • आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी हरी मिर्च काफी फायदेमंद होती है। इसके अलावा यह शरीर के अंगों में होने वाले दर्द को भी कम करने में सहायक होता है।

यदि आपकी याददाश्त भी कमज़ोर हैं तो Turmeric का इस प्रकार करें प्रयोग

दैनिक क्रियाकलापों के दौरान अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि उनकी याददाश्त कमज़ोर हो रही है। ऐसे में यहां जाने की घरों में पाए जानें वाली हल्दी आपके दिनचर्या में क्या असर डालता है।

एक रिसर्च में कहा गया है कि रोजाना  हल्दी खाने से आपकी याद्दाश्त अच्छी हो सकती है और आपका मूड तरोताजा हो सकता है।रिसर्च के मुताबिक हल्दी में पाए जाने वाले ‘करक्यूमिन’ में ऑक्सीकरण-रोधी गुण होते हैं।

इसे एक संभावित कारण बताया गया है कि भारत में, जहां करक्यूमिन लोगों के भोजन में रोज़ शामिल होता है, वहां बूढ़े-बुजुर्ग अल्जाइमर की चपेट में कम आते हैं और उनकी याद्दाश्त भी तुलनात्मक रूप से अच्छी होती है.

लॉस एंजिलिस की एक यूनिवर्सिटी के अनुसार करक्यूमिन अपना असर कैसे दिखाता है, यह ठीक-ठीक पता नहीं है, लेकिन दिमागी उत्तेजना को कम करने की इसकी काबिलियत के कारण ऐसा हो सकता है, जिसे अल्जाइमर रोग और गहरे अवसाद से जोड़ा गया है।

 

रोजाना सुबह Surya Namaskar करने से आपके शरीर को मिलेगा तमाम बिमारियों से निजात

सूर्य नमस्कार कई आसनों से जुड़ा हुआ एक योग है। सूर्य नमस्कार  को अलग-अलग नामो से भी जाना जाता है। कोई भी योगी अपने आसनो को शुरू करने से पहले सूर्य नमस्कार करता है, ताकि वह सफलता से अपने आसन की शुरुआत कर सके।

हम सभी धरती पर सूर्य की महत्तवता से भलीभांति परिचित हैं। उर्जा का स्त्रोत माना गया है। इसके इतिहास को देखा जाए तो, भारत के प्राचीन ऋषि मुनियों ने यह बताया था की शरीर के विविध भागो पर अलग-अलग देव शासन करते है। सूर्य नमस्कार Surya Namaskar एक प्राचीन तकनीक है, जिसका सम्मान आज भी किया जाता है।

  • सूर्य नमस्कार हमारे पाचन तंत्र  को सुचारू रूप से चलाने में सहायक है।
  • यह योग आसन आपके शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ाने  में सहायक है, जिससे आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह से कार्य करता है।
  • सूर्य नमस्कार के दौरान किये जाने वाले आसनों से आपके पेट पर दाब पड़ता है, जिससे आपके पेट में पायी जाने वाली सारी हानिकारक गैस बाहर निकल जाती है।
  • सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आप अपने सोने के तरीको को भी बदल सकते है। इस आसन को करने से आपका दिमाग शांत रहता है, और इससे रात में अच्छी नींद आती है।
  • महिलाओ के लिए भी सूर्य नमस्कार लाभदायक है, जो महिलाये अनियमित मासीक धर्म की समस्या से पीड़ित है, उनके लिए सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा उपाय है। रोजाना सूर्य नमस्कार करने से महिलाओ में नियमित रूप से मासिक धर्म आते है और सूर्य नमस्कार करने के महिलाओ के नवजात शिशु के जन्म के समय में भी सहायता मिलती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, सूर्य नमस्कार के आसनों को करने से खून में पाए जाने वाली शुगर का प्रमाण कम हो जाता है और सूर्य नमस्कार आपको ह्रदय संबंधी बीमारियों से भी बचाता है।

खाने के बाद चाय-सिगरेट आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिये ये हैं बड़ी वजह

खाना खाने के बाद स्वाभाविक रूप से नींद आने लगती है। कई बार थकावट इतनी बढ़ जाती है कि बिस्तर दिखते ही सो जाने का मन करता है। लेकिन खाना-खाने के बाद कई ऐसी आदतें हैं जिनसे बचना सेहत के लिये संजीवनी की तरह है। जब तक खाना अच्छी तरह पच न जाए और उसके पोषक तत्व अवशोषित ना हो जाएं पोषण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती।

खाना खाने के बाद कुछ लोगों को सिगरेट पीने की आदत होती है। मगर खाना खाने के बाद कभी भी भुलकर भी सिगरेट न पीएं। ये खाना खाने के बाद सिगरेट केवल शरीर को ही प्रभावित नहीं करती। बल्कि इसका असर आंतो पर भी डालता है। जिससे आंतों का कैंसर और फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो जाता है।

खाना खाने के बाद लोग चाय पीते हैं मगर चाय की पत्तियों में काफी मात्रा में अमलिया होता है। जो सीधा आपके पाचन क्रिया पर असर डालता है जिससे आपका खाना आसानी से डायजेस्ट नहीं होता। इसलिए आप प्रयास करें, कि खाना खाने के करीब 1-2 घंटे बाद ही चाय पियें।

फल हमारे शरीर के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होते है। मगर खाना खाने के बाद यदि हम इन फलों को खाए तो ये भी नकारात्मक असर डालते है। खाना खाने के बाद फल खाने से शरीर में पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। जिससे शरीर में गैस, अपच जैसी परेशानी होती है।

फाइबर और प्रोटीन से भरपूर ये सभी चीजें कम करेंगी आपका बढ़ता हुआ वजन

अधिकतर लोग अपने मोटापे को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे में वो कई तरह के उपाय कर डालते हैं लेकिन दुबले नहीं हो पाते। इसलिए आज हमको बताएंगे कि आप अपना मोटापा कैसे कम कर सकते हैं। सबसे पहली बात तो ये कि आप सुबह का नाश्ता न मिस करें। साथ ही, आप अपने खाने से धीरे-धीरे करके रोटियां कम करें।

सेब का सिरका

सेब का सिरका वजन घटाने में फायदेमंद साबित हो सकता है। इस विनेगर में मौजूद एसिड हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय कर सकता है। इसकी वजह से वसा का जमाव कम होकर उसका ऊर्जा में इस्तेमाल ज्यादा होता है।

बीन्स और फलियां
बींस और फलियों में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कम वसा के साथ एमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व की मौजूदगी के कारण बीन्स और फलियां वसा और कैलोरियों को जलाने में भी मददगार हो सकते हैं। अगर तेजी से वजन कम करना चाहते हैं तो बींस और फलियों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पालक, गोभी, चुकंदर साग और शलजम वजन कम करने में मददगार हो सकते हैं। इनमें कैलोरी कम और कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है।

चिया सीड
तेजी से वजन घटाने के लिए चिया सीड्स काफी फायदेमंद हो सकते हैं। चिया सीड्स फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। यह भूख को कम कर सकते हैं और ज्यादा वक्त तक पेट भरा होने का अहसास करा सकते हैं। चिया सीड्स कई और चीजों में भी फायदेमंद हो सकते हैं।

ओट्स

ओट्स को हेल्थ के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। ओट्स में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो कब्ज और पाचन की समस्या से भी छुटकारा दिला सकते हैं। ओट्स को डाइट में शामिल कर तेजी से वजन को घटा सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं में आयरन तत्त्व की कमी से हो सकती हैं एनीमिया की बिमारी

शरीर में होने वाली पोषक तत्त्वों की कमी की पूर्ति के लिए हर चिकित्सा पद्धति में सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. ये मुख्यत: कैल्शियम  आयरन के होते हैं जिन्हें हर आयु और वर्ग के आदमी को देते हैं. प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार होने के कारण ये दुष्प्रभाव नहीं छोड़ते. आइए जानते इनके फायदाें के बारे में :-

बच्चों में उपयोगी : इनमें 4 माह बाद से दांत निकलने प्रारम्भ हो जाते हैं. कैल्केरिया फॉस की 1-1 गोली दिन में तीन बार एक चम्मच पानी में घोलकर देते हैं. वहीं बायो-21 दवा आठ माह से डेढ़ वर्ष तक दो-दो गोली दिन में तीन बार चम्मच में घोलकर देते हैं. ये कम से कम एक वर्ष तक चलती हैं. निर्बल हड्डियां, अधिक पसीना आने, चूना, मिट्टी खाने की आदत होने पर कैल्केरिया कार्ब दिन में 3 बार देते हैं.

गर्भावस्था में लाभदायक : प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन तत्त्व की कमी से एनीमिया रोग आम है. ऐसे में गर्भावस्था के दौरान चौथे माह से महिला को फैरम फॉस आठवें माह तक दिन में 4-4 गोली तीन बार लेने की सलाह देते हैं.

वृद्धावस्था : आयु के इस पड़ाव पर 50-60 साल की आयु के बाद ज्यादातर पुरुष और स्त्रियों की मांसपेशियां  हड्डियां निर्बल होने लगती हैं. ऐसे में कैल्शियम फॉस दिन में तीन बार 4-4 गोली  जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए कैल्केरिया फ्लोर देते हैं.

प्राकृतिक स्रोत से पूर्ति: महत्वपूर्ण पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए खाए जाने वाले सप्लीमेंट्स तभी प्रभाव करते हैं जब इनके प्राकृतिक स्रोतों को नियमित लेते रहें. जैसे कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध और आयरन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खानी चाहिए. कई बार इन्हें खाने के बावजूद आंतें इनमें उपस्थित तत्त्वों को अवशोषित नहीं कर पाती. होम्योपैथी सप्लीमेंट इनके अवशोषण और काम को ठीक करने में मददगार है.

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर पॉपकॉर्न आपके स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद

पॉपकॉर्न को हम आमतौर पर स्वाद के लिए या मूवी टाइम में खाते हैं। अब तक आपने भी मूवी टाइम में बहुत पॉपकॉर्न खूब खाया होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि पॉपकॉर्न खाने के कितने फायदे होते हैं। पॉपकॉर्न में फाइबर, पॉलीफेनोलिक कंपाउंड्स, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, मैंगनीज और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता है।

पॉपकॉर्न खाना भला किसे पसंद नहीं होता है। पॉपकॉर्न वाले बैग को माइक्रोवेव में डालते हैं तो पैकेट में मौजूद केमिकल्स पॉपकॉर्न तक पहुंच जाते हैं, जो कैंसर बनाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इसमें कॉर्न कर्नेल से लेकर बटर और ऑयल का इस्‍तेमाल किया जाता है, इसमें मौजूद सारे घटक कैंसर को प्रभावित करने के लिए काफी है।

डिब्‍बा बंद फूड जिसे आप बहुत ही चाव से खाती हैं। क्‍या आप जानती हैं कि इसमें मौजूद बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) कैंसर पैदा करने वाले एजेंट का काम कर सकता है। और टिन और डिब्बे इस घटक के साथ लिंक होते हैं।

हाई फ्रूटोज कॉर्न सिरप और रिफाइंड शुगर के अन्‍य रूप भी कई तरह से कैंसर का कारण बनता है। ब्राउन शुगर भी इसमें शामिल है। ब्राउन शुगर भी मूल रूप से व्‍हाइट शुगर का ही रिफाइंड रूप है जिसमें कलर और टेस्‍ट के लिए गुड़ का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह फूड्स कैंसर सेल्‍स को बढ़ावा देने के लिए जिम्‍मेदार ठहराए जाते हैं।