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हेल्थ

किशमिश के पानी को रोजाना सुबह पीने से कब्ज या गैस जैसी परेशानी से मिलेगा छुटकारा

किशमिश सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है ये हर कोई जानता है. स्वस्थ रहने के लिए लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको बता दें, इसका पानी इससे भी ज्यादा लाभकारी होता है.

इसमें लगभग एक मुठ्ठी किशमिश धोकर रातभर भिगोकर रख दें. सुबह इस पानी को छानकर खाली पेट पिएं और किशमिश को चबाकर खा लें. इसी के साथ जानें इसके फायदे.

* किशमिश का पानी आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. ये खाना को पचाने में मदद करता है. इसलिए आपको कब्ज या गैस जैसी परेशानी नहीं होती है.

* इसमें मौजूद एंटीबैक्टिरिअल प्रोपर्टी मुंह से आने वाली बदबू को दूर करती है. इतना ही नहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम से हड्डियां भी मजबूत होती हैं और आयरन एनीमिया से बचाता है.

* इसके नियमित इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी दूर होती है. इसमें मौजूद फाइबर, पौटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट आपके बढ़े ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है.

* किशमिश का पानी आपके शरीर में बढ़े कोलेस्ट्रोल को ऑक्सिडाइज करता कर इसे बढ़ने से रोकता है. इससे आपको हार्ट से जुड़ी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है.

* ये आपके लीवर को साफ करने का अचूक उपाय है. ये लीवर से गंदगी निकालकर इसे स्वस्थ रखता है और आपको इसकी खराबी से होने वाली बीमारियों से दूर रखता है.

भारतीय थाली में गेहूं की रोटी हैं इस वजह से जरुरी आपके शरीर को जिससे मिलेंगे कई फायदें

न्यूट्रीशनिस्ट एंड डाइटीशियन के अनुसार एक भारतीय थाली में गेहूं की रोटी, चावल, दाल, सब्जी, चटनी, रायता (दही) पापड़ आदि होने चाहिए.

गेहूं की रोटी बेहतर –
रोटी बनाने के लिए सिर्फ गेहूं ही नहीं बल्कि कभी मक्का, बाजरा, रागी या कई प्रकार के मिले-जुले अनाजों का आटा इस्तेमाल करें. मक्खन या शुद्ध घी लगी हुई गेहूं की गर्म रोटी या परांठे, ब्रेड या अन्य विकल्पों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक हैं. हल्की मोटी पिसाई वाला, चोकरयुक्त, ऑर्गेनिक और हल्का भूरा दिखने वाला आटा चुनें. इसमें फाइबर, विटामिन-बी, कैल्शियम, आयरन  जिंक ज्यादा होते हैं जिससे बनी रोटी को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए.

सब्जी खाएं भरपूर –
रोटी  सब्जी का अनुपात 1:2 रखें ताकि फाइबर के अतिरिक्त प्रोटीन और मिनरल भी मिलते रहें. मिक्स या भिन्न-भिन्न दाल  धनिया, पुदीना या टमाटर की चटनी के अतिरिक्तदही खाएं जो एक अच्छा प्रोबायोटिक है. ये शरीर में पाचनक्षमता को मजबूत रखने वाले बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है.

सब्जी में तड़का लगाने के साथ डायरिया को दूर करने में कारगर हैं Curry Leaves

आमतौर पर मीठी नीम या करी पत्ता Curry Leaves को लोग अपने खाने का जायका बढ़ाने के लिए प्रयोग करते हैं। लेकिन इसके स्वास्थ्य भी बहुत हैं जो की बहुत काम ही लोग जानते हैं।

  • करी पत्ते में पाए जाने वाले कार्बजोल अल्कालॉयड में डायरिया को दूर करने की क्षमता होती है।
  • करी पत्ते में से कार्बजोल निकालने के बाद उसके पेस्ट या ज्यूस का सेवन करने से डायरिया को दूर किया जा सकता है।
  • करीपत्ता हमारे खून में पायी जाने वाली मधुमेह की मात्रा को केवल कम ही नही करता बल्कि इसे नियंत्रित भी रखा है।
  • इन्सुलिन लेने की वजह से हमारे शरीर पर होने वाले हानिकारक प्रभाव को भी कड़ीपत्ता दूर करता है।
  • साथ में पत्तो में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण फाइबर हमारे शरीर से मधुमेह की मात्रा को कम करने में सहायक है।
  • यदि आप मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे हो तो कड़ीपत्ता आपके लिए एक प्राकृतिक औषधि है, जिससे आप इसकी मात्रा को नियंत्रित कर सकते हो और स्वस्थ रह सकते हो।

क्या आप भी Cold Milk का सेवन करते हैं तो जरुर जानिए इससे होने वाले लाभ

अक्सर बहुत से लोग दूध पीने के नाम पर मुँह बनाने लगते हैं। वैसे तो दूध किसी भी रूप में स्वाथ्यवर्धक होता है लेकिन अगर आप Cold Milk के फायदों के बारे में जान लें तो आप भी ढूढ़ पीना शुरू कर देंगे

Cold Milk ना केवल स्‍वास्‍थ्‍य से भरा होता है बल्‍कि टेस्‍ट में भी काफी लाजवाब माना जाता है। ठंडा दूध पीने से एसीडिटी, मोटापा, बार-बार भूख लगना आदि जैसी छोटी मोटी बीमारियां दूर हो सकती हैं। यही नहीं अगर आप जिम से आकर बुरी तरह से थक जाते हैं और तुरंत एनर्जी के लिए ठंडा दूध किसी औषधि से कम नहीं। इससे खोई हुई एनर्जी भी वापस आएगी और मसल्‍स को रिपेयर होने के लिए प्रोटीन भी मिलता है।

अगर आप बिल्‍कुल ठंडा दूध पीएं तो शरीर को पहले उसे नॉर्मल तापमान पर लाने के लिए कैलोरी बर्न करनी पड़ेगी और फिर उसे पचाना पड़ेगा। इससे आपका मोटापा कंट्रोल में रहेगा।

इसमें गैस को दबाने के गुण होते हैं जो कि खाना पचाने के लिए लाभकारी है। यह फैट, घी या तेल को आराम से पचा सकता है। अगर इसमें अदरक या मिर्च मिला कर पिया जाए तो ज्‍यादा असरदार होता है।

ठंडे दूध में एलेक्‍ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को डीहाइड्रेशन होने से रोकते हैं। अगर आप दिन में दो गिलास ठंडा दूध पीते हैं तो आपका शरीर हमेशा हाइड्रेट बना रहेगा।

क्या 6 से 7 घंटो तक सोने के बाद भी महसूस होती हैं थकावट ? जाने इसकी वजह

आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में आराम करना भी बहुत जरूरी है। Laziness को दूर करने के लिए  6 से 7 घंटे तक जरूर सोना बहुत आवश्यक है। अगर इसके बाद भी आप थकान महसूस करते हैं तो इस तरह आप खुद को तरो-ताज़ा रख सकते हैं।

हर दिन 6 से 7 घंटो तक सोने के बाद भी यदि आप Laziness महसूस करते हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कोई लंबी बीमारी, नींद का पूरा ना होना, खराब भोजन, अनियमित दिनचर्या, थायराइड, शरीर में अधिक एसिड बनना आदि।

समय पर न सोना और कम नींद लेना भी सुबह-सुबह थकावट के खास कारण है। इसलिए समय पर सोएं और सुबह समय पर उठे।सुबह-सुबह ठंडे पानी से नहाएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक होगा और आप पूरा दिन तरोताजा महसूस करेंगे।

सुबह जल्दी उठने के बाद व्यायाम जरूर करें। सुबह की सैर सेहत के लिए वैसे भी बहुत फायदेमंद होती है। इससे शरीर में पूरा दिन एनर्जी बनी रहती है।शरीर में पानी की कमी होने पर भी पूरा दिन थकावट महसूस होती है। इसलिए दिन में अधिक से अधिक मात्रा पानी पीएं।दिन  में कमजोरी या थकान अनुभव होने पर चॉकलेट खाएं। इससे शरीर में तुरंत एनर्जी आएगी। इसके अलावा कोको तनाव को भी कम करता है।

 

 

लस्सी का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को होंगे ये फायदें

गर्मी के दिनों में लोग आमतौर पर धूप से बचने के लिए Lassi लस्सी का सेवन करते हैं। लस्सी के सेवन से प्यास तो बुझती ही है ,साथ में इसमें बहुत से ऐसे गुण होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

गर्मी के दिनों में Lassi लस्सी का सेवन करने से बहुत से ऐसे लाभ होते हैं जो गर्मियों के लिए काफी आवश्यक होते हैं।लस्सी में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होती है जिस वजह से इसके सेवन से पूरा पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।अगर आपको पेट से जुड़ी कोई दिक्कत है तो एक गिलास लस्सी पी लें कुछ ही देर में तकलीफ दूर हो जायेगी। लंच के बाद इसका सेवन सबसे उपयुक्त माना जाता है।

जो लोग हमेशा एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं उन्हें लस्सी का सेवन ज़रूर करना चाहिये।लस्सी की तासीर ठंडी होती है जिस वजह से हार्टबर्न या अपच की समस्या से राहत दिलाने में यह बहुत असरदार है।लस्सी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है और फैट भी नहीं होता हैयह फैट जो आम तौर पर पेट और भोजन नली के अंदर की दीवारों में जम जाता है उसको निकालने में मदद करता है।

 

शोध में हुआ खुलासा, मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव डालती हैं चाय

चाय दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय कैफीनयुक्त पेय पदार्थों में से एक है। पेय में बहुत सी किस्में होती हैं और प्रत्येक में कैफीन का स्तर भिन्न होता है। इसी समय, इसे एक व्यापक, लगभग सार्वभौमिक अपील मिली है, भले ही तैयारी और व्यंजनों में अंतर हो।

चाय पीने के लाभों को इंगित करने वाले कुछ बिखरे हुए सबूत हैं, जिनमें कुछ अध्ययनों में मस्तिष्क के लिए चाय के लाभों के बारे में बात करना शामिल है।एक शोध में पता चला है कि चाय का हमारे मस्तिष्क की संरचना पर प्रभाव पड़ता है. अध्ययन पता चला है कि नियमित रूप से चाय पीने वाले उन लोगों की अपेक्षा फायदे में होते हैं, जो लोग चाय नहीं पीते हैं.

सभी प्रतिभागियों ने अपने मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, दैनिक जीवन शैली और समग्र स्वास्थ्य के बारे में विवरण प्रदान किया है. आंकड़ों के आधार पर, प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया था. एक चाय पीने वाले और दूसरे चाय नहीं पीने वाले. इसके बाद सभी की एमआरआई स्कैन और अन्य जांच की गईं.

इसमें सवाल था कि उनके पास कितने प्रकार की चाय है और कितनी बार वो लोग चाय पीते हैं. शोध के लिए जिन प्रतिभागियों को शामिल किया गया था उनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक थी.

 

सावधान! इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को होता हैं हार्ट अटैक का अधिक खतरा

हार्ट अटैक का खतरा हर किसी को बना रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ब्लड ग्रुप यह बताने में सक्षम है कि आपके जीवन को हार्ट अटैक से कितना खतरा है। हाल ही में नीदरलैंड में हुए एक शोध से यह पता चला है।

इस शोध पर भरोसा करें तो ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में (ए, बी, एबी) ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना 9 फीसदी ज्यादा रहती है।

शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि वॉन विलेब्रैण्ड फैक्टर की ज्यादा मात्रा की वजह से खतरा ज्यादा हो जाता है।विलेब्रैण्ड फैक्टर एक रक्त का थक्का जमाने वाला प्रोटीन है, जो कि थ्रोम्बोटिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।

ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल के लिए जाना जाता है, जो कि दिल के दौरे का प्रमुख जोखिम कारक है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके अलावा, गैर ओ-ब्लड ग्रुप वाले लोगों में गैलेक्टिन-3 की उच्च मात्रा होती है। गैलेक्टिन-3 प्रोटीन सूजन और दिल के मरीजों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग से दूर रखने में कारगर हैं शहद

शहद का उपयोग सदियों से खाद्य पदार्थ के रूप में किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधि है और साथ ही स्वाद में भी लाजवाब होता है। शहद का हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

 

शहद से होने वाले लाभः

हिमोग्लोबिन और आरबीसी को बढ़ाने में शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर आप भी अपने शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो नियमित रूप से गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद डालकर पीये। ऐसा करने से आयरन की कमी और एनीमिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। शहद में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो हमारे रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही रक्त के बहाव को भी नियमित रखता है।

कीमोथैरेपी में शहद का असरः

अक्सर देखा गया है कि कीमो थेरेपी का इलाज चलते समय व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत अधिक मात्रा में कम होने लगती है। जो मरीज के शरीर के लिए गंभीर हो सकता है। ऐसे में शहद कीमो थेरेपी का सामना कर रहे व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है।

शहद की एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीः

शायद हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की संख्या को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। शहद हानीकारक सूक्ष्म जीव से लड़ता है और हमारे शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। चोट या घाव पर अगर सीधे शहद को लगा दिया जाए तो यह एंटीसेप्टिक का काम करता है और बैक्टीरियल, फंगल इंफेक्शन से बचाता है।

पीरियड्स के दौरान यदि आपके पेट में भी होता हैं अत्यधिक दर्द तो आजमाएं ये उपाए

पीरियड्स हर महीने स्त्रियों की कठिनाई का सबब बनता है इस दौरान हार्मोन्स में परिवर्तन होता है  स्त्रियों को पेट दर्द, मूड स्विंग्स  तनाव का सामना करना पड़ता है ऐसे में आप चिडचिडि भी हो जाती हैं  इससे राहत पाना चाहती हैं ऐसा होता नहीं है

अगर आप भी पीरियड्स के दौरान अक्सर तनाव  उदास रहती हैं तो हम आपको कुछ टिप्स के बारे में बताते हैं इन टिप्स को आजमाकर आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है तो चलिए आपको बता देते हैं किस तरह रखें खुद को खुश

दर्द में गर्म पानी की थैली- गर्म पानी की थैली से सेंक करने पर रक्त संचार ठीक से होता है पेट में ऐंठन  दर्द कम हो जाता है, इसलिए गर्म पानी की थैली से सिकाई करें ताकि पीरियड्स का दर्द कम हो जाए

शरीर को हाइड्रेट रखें– पर्याप्त मात्रा में शरीर को हाइड्रेट रखने से आपको पीरियड्स के दौरान ब्लोटिंग  पेट फूलने जैसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

भरपूर सोएं- पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं बेकार में लेटे रहने से आपका मूड  बेकार होता है इससे ऊर्जा भी समाप्त होती है इसलिए पर्याप्त नींद लें ताकि आप बिल्कुल खुश  तरोताजा महसूस कर सकें

एक्सरसाइज करें- पीरियड्स के दौरान हल्की-फुल्की अभ्यास आपके मन को खुश कर सकती है इस दौरान वॉकिंग, साइकिल चलाना  स्ट्रेचिंग जैसी अभ्यास कर सकती हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है