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हेल्थ

त्वचा को सुन्दर बनाने के लिए नहीं करना होगा ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल, जानिए कैसे

जिस तरह से पपीता सेहत के लिए बहुत हेल्दी होता है, उससे ज्यादा इसका इस्तेमाल त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है।हर किसी की स्किन टाइप अलग-अलग होने से कई तरह की त्वचा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में कई तरह के ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करने की जगह घर पर आसानी से मिलने वाली  का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसे यूज कर आप अपनी स्किन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पा सकते है।पपीता सभी प्रकार की त्वचा के लिए सबसे अच्छा है।

छिद्रों को खोलने के लिए एक कप पपीता लें। इसे अच्छे से मैश कर लें। अब इसमें अंडे का सफेद भाग डालें। इसे अच्छे से मिलाएं। पपीते से बने इस फेस पैक को पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15-20 मिनट तक सूखने दें। फिर चेहरे को पानी से साफ कर लें। अंडे में मौजूद एंजाइम त्वचा में कसाव पैदा करता है। इससे हेयर फॉलिकल्स की समस्या भी कम होती है।

अगर आप झुर्रियों की समस्या से परेशान हैं तो इस पेस्ट को जरूर लगाएं। आप इस फेस पैक का इस्तेमाल हफ्ते में एक या दो बार कर सकते हैं।पपीता में विटामिन ए अधिक होता है। पपैन एंजाइम त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। पपीता मृत त्वचा की समस्या से छुटकारा दिलाता है। यह त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है। पपीते में शहद मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। इसके लिए पपीते को छीलें। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से साफ कर लें।

 

 

हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारी से हैं ग्रसित तो इन बातों का रखें ध्यान

बाइक की चाबी इधर-उधर रखने की आदत से परेशान हैं? बाद में चाबी खोजते समय पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं? अगर हां तो भूलने की इस बीमारी को हल्के में न लें। यह हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) की निशानी  हो सकती है। अमेरिका स्थित मेयो क्लीनिक का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।

इसमें स्मृति, ध्यान, मौखिक प्रवाह और एकाग्रता जैसी चीजें शामिल हैं। 120 mmHg-129 mmHg सिस्टोलिक (शीर्ष संख्या) या उच्चतर के उच्च रक्तचाप को उच्च माना जाता है। सिस्टोलिक दबाव 130 मिमी एचजी से अधिक है। डायस्टोलिक दबाव (कम संख्या) 80 मिमीएचजी या अधिक उच्च रक्तचाप माना जाता है।

यह स्थिति तंत्रिका तंत्र की कोशिकाओं पर भारी पड़ती है और वे दम तोड़ने लगती हैं। इससे न सिर्फ याददाश्त, बल्कि तर्क शक्ति और एक साथ कई काम निपटाने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है।

किसी भी उम्र में रक्तचाप के समान प्रभाव: ब्राजील में यूनिवर्सिड फेडरल डे मिनस गेरैस में मेडिसिन के प्रोफेसर और अध्ययन लेखक सैंडी एम। बरेटो ने कहा कि हमने शुरू में यह अनुमान लगाया था कि संज्ञानात्मक कार्यों पर उच्च रक्तचाप का नकारात्मक प्रभाव तब अधिक महत्वपूर्ण है, जब उच्च रक्तचाप कम उम्र में शुरू होता है, लेकिन हमारे परिणामों से पता चलता है कि संज्ञानात्मक प्रदर्शन में एक समान गिरावट तब देखी जाती है जब उच्च रक्तचाप मध्यम आयु या यहां तक ​​कि बड़ी उम्र में शुरू होता है।

दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से छुटकारा दिलाएगा गन्ना

मुंह की दुर्गंध हो या बेकार इम्यूनिटी, दोनों ही बातें अक्सर आदमी के लिए कठिनाई का सबब बन जाती हैं.  इसमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरीके से लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गन्ने को चबाने से मुंह में बनने वाली लार का निर्माण भी अच्छी मात्रा में होता है.

यह लार गन्ने में उपस्थित कैल्शियम के साथ मिलकर ऐसे एंजमाइम्स का निर्माण करते हैं जो दांतों व मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं.गन्ने का रस खनिजों में बेहद समृद्ध माना जाता है.आपको जानकर हैरानी होगी कि यह दांतों की समस्या से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक की रोकथाम कर सकता है। इसमें पोटेशियम व मिनरल्स उपस्थित होते हैं, जो एंटी-बैक्टेरियल्स की तरह कार्य करते हुए दांतों की सड़न व सांस की बदबू को रोकने में मदद करते हैं.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप गन्ने के रस का सेवन कर सकते हैं. इम्यूनिटी निर्बल होने पर आदमी जल्दी संक्रमण की चपेट में आकर बीमार पड़ जाता हैगन्ने का रस प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से संक्रमण से लड़कर आदमी की इम्यूनिटी बूस्ट करता है.

स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किसी औषधि से कम नहीं हैं मेथी, जानिए इसके लाभ

सर्दी का मौसम शुरू होते ही, बाजार में हरी-भरी, पत्तेदार सब्जियों की बहार आ जाती है। इनमें एक हरी सब्जी मेथी भी है, जो अपने सेहत भरे गुणों के कारण बेहद लाभदायक होती है। पौष्टि‍क और स्वास्थ्यवर्धक मेथी आपकी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर सकती है।

अल्पकालिक अध्ययन में अधिक वजन वाले पुरुषों पर फार्माकोलॉजिस्ट ह्यूजेस शेवरस द्वारा यह पता लगाया गया था कि क्या मेथी के बीज के अर्क का सेवन उन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। छह सप्ताह के लंबे कार्यक्रम में, कई अधिक वजन वाले पुरुषों को मेथी के बीज का अर्क दिया गया और ऊर्जा, वजन, भूख, ग्लूकोज और इंसुलिन के स्तर पर प्रभावों का अध्ययन किया गया। हालांकि, वजन में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं देखी गई।

एक लोकप्रिय धारणा है कि मेथी के बीज या मेथी की चाय के साथ मिश्रित पानी पीने से व्यक्ति को अपना वजन कम करने में मदद मिलती है। इस विश्वास के बारे में एक अध्ययन जियायुंग बे द्वारा अधिक वजन वाली कोरियाई महिलाओं पर किया गया था। मेथी का उपयोग कर चाय बनाकर विषयों को दी गई। भूख कम पाई गई और इसके कारण भोजन की खपत कम हो गई क्योंकि विषयों को अधिक अवधि के लिए भरा हुआ लगा।

गैस्ट्रिक और आंतों की समस्या से आपको छुटकारा दिलाएगी कसूरी मेथी

कसूरी मेथी  एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आयुर्वेद में भी कसूरी मेथी  को औषधि माना गया है और इसका उपयोग कई तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।

इसमें कैल्शियम, आयरन और विटामिन-सी होता है जो शरीर को कई प्रकार के इंफेक्शन से बचाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होता है जो त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए एक बेहतर विकल्प है।

जिन लोगों के पेट में इंफेक्शन रहता है, उन्हें हर दिन कसूरी मेथी का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, कसूरी मेथी का रोजाना सेवन करने से दिल, गैस्ट्रिक और आंतों की समस्या नहीं होती है। अगर पेट की समस्या है, तो पत्तियों को सुखाकर पीस लें और इसमें कुछ बूंदें नींबू की मिलाएं। इसके बाद इसे उबले पानी के साथ लें।

भारत में हर 4 में से 3 महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए मेथी का सेवन करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में आयरन होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए, यदि एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो आहार में मेथी के पत्तों को जरूर शामिल करना चाहिए।

कसूरी मेथी के पत्तों को चबाकर बहुत ही कम समय के अंदर वजन को कम कर सकते हैं। इसका खाली पेट सेवन करें। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर से पेट जल्दी भर जाता है और बार-बार भूख नहीं लगती है।

पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं Hysteria से प्रभावित, जानिए आखिर क्या हैं ये बीमारी

यूं तो हर व्यक्ति किसी न किसी तनाव का सामना हर दिन करता है, लेकिन कुछ लोगों में तनाव इस हद तक बढ़ जाता है कि उसके कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। हिस्टीरिया भी इन्हीं में से एक है।

यह एक मानसिक बीमारी है, जिसका सही समय पर पता लगाकर उपचार किया जाना बेहद आवश्यक है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बारे में−

कुछ लोग हिस्टीरिया  को मिर्गी ही समझ लेते हैं, जबकि यह इससे काफी अलग है। मिर्गी का दौरा कभी भी और अचानक आता है, जिसमें व्यक्ति को कुछ भी सोचने−समझने का अवसर नहीं मिलता। जबकि हिस्टीरिया रोग में ऐसा नहीं होता। इसमें रोगी को पहले से ही इसका आभास हो जाता है।
हिस्टीरिया एक मानसिक समस्या है, जिसके पीछे का मुख्य कारण तनाव तो है ही, साथ ही कोई गंभीर सदमा लगना, अपनी फीलिंग को दबाना, हादसा, दांपत्य जीवन में परेशानी व आर्थिक कारण इस बीमारी की वजह बनती है।

महिलाएं होती अधिक प्रभावित
यूं तो यह मानसिक समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। दरअसल, उम्र के विभिन्न दौर में न सिर्फ स्त्रियों में हार्मोनल बदलाव होते हैं, बल्कि विवाह के बाद नए घर में जाने के बाद या फिर वैवाहिक जीवन में परेशानी के कारण भी महिला इस रोग से ग्रस्त होती है। इसके अतिरिक्त अधिकतर मामलों में देखने में आता है कि महिला अपने मन की बात या परेशानी किसी से शेयर नहीं करती, जिससे मन ही मन उसका तनाव बढ़ने लगता है और फिर वह हिस्टीरिया के रूप में सामने आता है।

 

Indoor Games खेलने की वजह से नहीं हो पता हैं शारीरिक व्यायाम, पढ़े इसके दुष्प्रभाव

इनडोर गेम्स Indoor Games के कारण बच्चों का ठीक प्रकार से शारीरिक व्यायाम नहीं हो पाता है ऐसे में उनकी मांसपेशियां कमजोर रह जाती है। जिन दिनों बच्चों को खान-पान और जीवन शैली सिखाई जा सकती थी, हम उन्हें अपने ऊंचे उठते जीवन स्तर का पाठ सिखा रहे थे। भोजन के दौरान कोल्डड्रिंक्स का सेवन बच्चे स्वयं ही नहीं सीख गए।

रेडियस ज्वाइंट सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डा.संजय श्रीवास्तव ने बच्चों की निष्क्रिय जीवनशैली और Indoor Games इनडोर गेम्स की वजह से हड्डियों व सेहत पर पड़ रहे प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत आवश्यक है।

सामान्यतया आर्थराइटिस का प्रकोप बुढ़ापे में ही नजर आता है किंतु आजकल दुर्भाग्यवश युवाओं में भी हड्डियों के रोग बढ़ रहे हैं। स्कूली विद्यार्थियों में जोड़ों की सूजन, अस्थि-पंजर ढीले होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। ऑस्टियोपोरोसिस की भी शिकायत बढ़ रही है।

ऐसे में हमें शुरू से ही फिटनेस के प्रति अपना ध्यान देना चाहिये क्योकि आमूमन लड़कियों में 18 और लड़को में 20 वर्ष की आयु में 90 प्रतिशत हड्डियों का सम्पूर्ण विकास हो जाता है।  हड्डियों को किशोरावस्था से ही स्वस्थ रखने के लिए जंक फूड के बजाए पोषक तत्व जैसे विटामिन डी, कैल्शियम जैसे मिनरल और प्रोटीन की तय मात्रा की बहुत जरूरत होती है। बच्चों को हमेशा आउटडोर गेम्स की तरफ मोटिवेट करना चाहिए न कि मोबाइल गेम्स तक सीमित रखना चाहिए।

 

अत्यधिक Fast Food का सेवन करने से आपके फेस पर हो सकते हैं पिम्पल्स

फास्ट फूड  हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन इन सब के बाद भी हम खुद को इसे खाने से रोक नहीं पाते। बच्चे तो बच्चे लेकिन बड़े भी खुद को फास्ट फूड खाने रोक पाते हैं। फास्ट फूड छोड़ने का आपकी जिंदगी और आपकी सेहत पर क्या असर होता है इसके लिए हमारी ये रिपोर्ट आपके लिए काफी कारगर हो सकती है।

फास्ट फूड आपकी सेहत के साथ-साथ आपकी त्वचा को भी काफी प्रभावित करता है। चेहरे पर होने वाले पिंपल्स और दाग-धब्बे कहीं न कहीं फास्ट फूड की भी देन होती है। फास्ट फूड खाने से हार्मोनल इम्बैलेंस का सामना करना पड़ता है, जिससे त्वचा में दाग-धब्बे होने लगते हैं। जिससे आपकी त्वचा की खूबसूरती पर असर पड़ता है।

फास्ट फूड का सबसे अधिक असर होता है हमारे दिल पर होता है। दरअसल फास्ट फूड में शुगर और फैट काफी मात्रा में होता है जो दिल की समस्याओं को बढ़ाता है। इसके अलावा फास्ट फूड हमारे बालों को भी प्रभावित करता है। प्रोसेस्ड और फास्ट फूड में ताजे खाने के मुकाबले में पोषक तत्व काफी कम मात्रा में होते हैं। जिसके चलते हमारे बालों को मिलने वाले पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पात हैं। यही वजह है कि फास्ट फूड खाने से बाल रूखे होने लगते हैं और इनके झड़ने की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

भुने हुए चने का सेवन करके आप भी मोटापे की समस्या से पा सकते हैं निजात

आपने  भुने हुए चने तो कई बार खाए होंगे लेकिन इससे होने वाले चमत्कारी लाभ के बारे में शायद ही आपको ज्ञान हो। भुने हुए चने खाने से शरीर को जबरदस्त स्वास्थ्य लाभ होता है। आइये जानते हैं इससे होने वाले गुणकारी लाभ के बारे में।

बहुत पहले से ही भुने हुए चने को गरीबों का बादाम की संज्ञा दी गयी है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस बारे में डाक्टरों की माने तो एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 50 से 60 ग्राम चनों का सेवन करना चाहिए।

अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं तो भुने हुए चने खाना आपके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा।रोजाना भुने हुए चने खाने से मोटापे की समस्या में राहत मिलती है।

भुने हुए चनों के सेवन से पेशाब से जुड़ी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।जिनको भी बार-बार पेशाब आने की समस्या हो उन्हें रोजाना गुड़ के साथ चने का सेवन करना चाहिए।

चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है।चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा में निखार आता है।भुने हुए चने खाने से मधुमेह रोग में भी लाभ मिलता है। भुने हुए चना ग्लूकोज की मात्रा को सोख लेते है जिससे डायबिटीज रोग नियंत्रित हो जाता है।

 

आपका बढ़ता हुआ गुस्सा दे सकता हैं इन जानलेवा बीमारियों को न्योता

गुस्सा  आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है किन्तु अगर आपको हर बात पर गुस्सा आता है तो ये कई बीमारियों को न्योता देने के सामान है। बार-बार आने वाले गुस्से से उच्च रक्तचाप, डिप्रेशन और अनिद्रा जैसी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।

गुस्से  पर नियंत्रण कर पना हर किसी के वश में नहीं होता। मगर, असलियत में यह इतना मुश्किल भी नहीं होता। यदि आप अपने गुस्से को सही दिशा देंगे और थोड़े दिन अभ्यास करेंगे, तो इस पर नियंत्रण कर पाना संभव है।

गुस्सा दबाएं नहीं

गुस्सा आने पर एक लंबी सांस लें और खुद से वादा करें कि आपको गुस्सा नहीं आ रहा है। आपका दिमाग शांत है। आप खुद ही यह महसूस करेंगे कि आपका दिमाग गुस्से से हटकर कुछ पल के लिए दूसरी ओर चला गया और आप शांत महसूस करने लगे हैं।

योग का सहारा लें

रोज योग की प्रैक्टिस करें। इससे दिमाग की नसें तरोताजा होती है। व्यायाम सकारात्मक ऊर्जा देता है और यह ऊर्जा आपको अच्छे विचार लाने में मदद करती है।

प्रेरक प्रसंग पढ़ने की आदत डालें

हर समय अपने साथ कोई प्रेरक प्रसंग लिखी हुई, मोटिवेट करने वाली, कविता या जिस भी विषय में आपकी रुचि हो, उसकी किताब रखें और गुस्सा आने पर तुरंत उसे पढ़ने लगें। इससे आपका दिमाग बंट जाएगा।