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हेल्थ

शरीर में ब्लड प्रैशर असंतुलित होने के ये सभी कारण नहीं जानते होंगे आप

आज की भागदौड़ और अनियमितता भरी जिंदगी में आम तौर पर बहुत बड़ी संख्या में लोग Blood Pressure की समस्या से ग्रस्त पाए जा रहे हैं। जीवनशैली और खानपान के अस्वस्थ हो जाने के कारण शरीर में ब्लड प्रैशर असंतुलित होने लगता है, जिस कारण हृदयसंबंधी कई समस्याएं होने लगती है। इसे संतुलित करने के लिए जीवन में कुछ बदलाव लाना जरुरी है।

स्वस्थ आहार का सेवन करें

आहार में ज्यादा नमक, आचार, चटनी, पापड़, फ्राइड चीजें, सोडा, बिसकुट, मक्खन आदि को नजरअंदाज करें। इनकी जगह अपने आहार में टमाटर, उबले अंडे, ग्रीन टी, चिया सीड्स, ऑलिव ऑयल, फ्लैक्स सीड्स, हेजलनट्स, वॉल्नट्स, बादाम आदि को शामिल करें।

नियमित व्यायाम करें

नियमित व्यायाम करने से आपका ब्लड प्रैशर 4 से 9 मिलीमीटर (मर्करी) तक कम हो सकता है। इसलिए आपको टहलना, साइकलिंग, तैराकी या दौड़ना जैसे व्यायाम रोजाना 30-45 मिनट करने चाहिए।

शराब या धूम्रपान ना करें

शराब में मौजूज एल्कोहल ब्लड प्रैशर को बढ़ाता है। साथ ही धूम्रपान से भी ब्लड प्रैशर कुछ देर के लिए बढ़ जाता है। इसलिए इन दोनों को हमेशा के लिए ना कहें।

सिर्फ कम सोना ही नहीं बल्कि ज्यादा सोना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हैं हानिकारक

अगर आप यह सोचते हैं कि सिर्फ कम सोने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तो आप गलत हैं। हर दिन 10 घंटे से ज्यादा सोना Sleep भी आपके मेटाबोलिक (उपापचयी) सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है। इससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

सबसे पहला और सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि हमें कितनी देर सोना चाहिए? लेकिन इस प्रश्न का उत्तर इतना आसान नहीं है, जितना यह प्रश्न हमारे और आपके जेहन में आता है. हमें कितनी देर सोना चाहिए, इसका निर्धारण कई बातों से होता है.

पुरुषों व महिलाओं दोनों में ज्यादा समय तक सोने से ट्राइग्लिसराड का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है। महिलाओं में इसकी वजह से कमर में मोटापा बढ़ जाता है, साथ ही रक्त शर्करा व अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर गिर जाता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके विपरीत, छह घंटे से भी कम की नींद पुरुषों में उपापचयी सिंड्रोम के उच्च जोखिम से जुड़ी हुई है।खासतौर पर उम्र का हमारी नींद से गहरा संबंध है. उम्र के अनुसार नींद कम या ज्यादा हो सकती है. नींद हम सबके लिए जरूरी है. इसके साथ ही हमें यह भी समझना होगा कि किस उम्र में कितनी नींद आवश्यक है, ताकि हम स्वस्थ जीवन जी सकें.

साइकिलिंग न सिर्फ वजन बल्कि डिप्रेशन से भी दिलाती हैं निजात

अभी तक आप साइकिलिंग करके वजन घटाने की बात ही जानते होंगे ,पर क्या आप ये जानते हैं कि साइकिलिंग करके अपना Mind Stress भी दूर कर सकते हैं। साइकिलिंग द्वारा आप डिप्रेशन में जाने से भी बच सकते हैं।

साइकिलिंग ऐरोबिक एक्सर्साइज है जिसके कई फायदे हैं। इससे दिल के रोगों का खतरा कम होता है। साईकल चलाने से सिरोटोनिन, डोपामाइन व फेनिलइथिलामीन जैसे रसायनों का दिमाग में उत्पादन बढ़ता है, जिससे आप खुशी महसूस करते हैं और तनाव दूर होता है।

डायबीटीज के रोगियों को साईकल चलाने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।टाइप-1 डायबीटीज के रोगी यदि 1 घंटे से ज्यादा साईकल चलाते हैं तो उन्हें कुछ कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार साथ में रखना चाहिए।

साईकल चलाने से स्वास्थ्य संबंधी सभी फायदे मिलते हैं। दौड़ने की तुलना में साईकल चलाने से आपके घुटनों पर बहुत कम दबाव पड़ता है और पैर की मांसपेशियों का व्यायाम होता है।

लगातार साईकल चलाना घुटने व जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आराम पहुंचाता है। इससे घुटनों के जोड़ों व आपके पैरों का पूरा व्यायाम होता है।

डायबीटीज वाले मरीज यदि नियमित तौर पर लंबी दूरी साईकल से तय करते हैं तो उन्हें एक्सर्साइज से पहले व बाद में ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। यह जांच फिंगर स्टिक स्टाइल ब्लड ग्लूकोज मीटर से हो सकती है।

बूढ़े-बुजुर्ग अल्जाइमर की चपेट से छुटकारा पाने के लिए करें हल्दी का सेवन

दैनिक क्रियाकलापों के दौरान अक्सर लोगों की शिकायत होती है कि उनकी याददाश्त कमज़ोर हो रही है। ऐसे में यहां जाने की घरों में पाए जानें वाला  आपके दिनचर्या में क्या असर डालता है।एक रिसर्च में कहा गया है कि रोजाना  हल्दी खाने से आपकी याद्दाश्त अच्छी हो सकती है और आपका मूड तरोताजा हो सकता है।

रिसर्च के मुताबिक हल्दी में पाए जाने वाले ‘करक्यूमिन’ में ऑक्सीकरण-रोधी गुण होते हैं। इसे एक संभावित कारण बताया गया है कि भारत में, जहां करक्यूमिन लोगों के भोजन में रोज़ शामिल होता है, वहां बूढ़े-बुजुर्ग अल्जाइमर की चपेट में कम आते हैं और उनकी याद्दाश्त भी तुलनात्मक रूप से अच्छी होती है.

लॉस एंजिलिस की एक यूनिवर्सिटी के अनुसार करक्यूमिन अपना असर कैसे दिखाता है, यह ठीक-ठीक पता नहीं है, लेकिन दिमागी उत्तेजना को कम करने की इसकी काबिलियत के कारण ऐसा हो सकता है, जिसे अल्जाइमर रोग और गहरे अवसाद से जोड़ा गया है।

सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आप मासीक धर्म की समस्या से पाएं छुटकारा

सूर्य नमस्कार कई आसनों से जुड़ा हुआ एक योग है। Surya Namaskar  को अलग-अलग नामो से भी जाना जाता है। कोई भी योगी अपने आसनो को शुरू करने से पहले सूर्य नमस्कार करता है, ताकि वह सफलता से अपने आसन की शुरुआत कर सके।

हम सभी धरती पर सूर्य की महत्तवता से भलीभांति परिचित हैं। प्रतीकवाद के अनुसार, सूरज को उर्जा का स्त्रोत माना गया है।  सूर्य नमस्कार  एक प्राचीन तकनीक है, जिसका सम्मान आज भी किया जाता है।

सूर्य नमस्कार जब तेजी से किया जाए, तब आपको बेहतरीन कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट देता है जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।

यह आसन पेट की माँसपेशियो के खिचाव को कम करने में भी सहायक है। इस आसन से आपकी चयापचन की क्षमता भी विकसित होती है।

सूर्य नमस्कार आपकी माँसपेशियो, जोड़ो, बंधन और साथ ही कंकाल तंत्र के खिचाव और उन्हें मजबूत बनाने में सहायक है।

सूर्यनमस्कार से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है। इस आसान के करने से इंटरनल ऑर्गन के कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।

सूर्य नमस्कार आपके शरीर में रक्त प्रवाह को विकसित करता है जिसका निखार आपको अपने चेहरे पर दिखाई देता है।

इससे चेहरे से झुर्रियो की समस्या दूर होती है और चेहरा जवां और दमकता हुआ दिखाई देता है।

 

विटामिन-सी युक्त Green Chilli आपके शरीर की चोट या घाव को भरने में हैं सहायक

हरी मिर्च Green Chilli को लोग आम तौर पर भोजन में या भोजन के साथ उसका जायका बढ़ाने के लिए प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।

भोजन को पकाते समय या फिर सलाद इत्यादि में, Green Chilli  का अलग ही स्थान है। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में अगर आप अनजान हैं तो हम बताते है इसके चमत्कारी फायदे –

  • दिल के लिए हरी मिर्च काफी फायदेमंद होती है। इससे हृदय से संबंधित सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इससे रक्त में थक्कों की समस्या भी ठीक हो जाती है।
  • हरी मिर्च में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो रोगों के लड़ने की क्षमता में वृद्धि कर हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाता है। हरी मिर्च खाने के बाद आपकी बंद नाक का खुल जाना भी इसी का एक उदाहरण है।
  • इसमें प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला विटामिन-सी चोट या घाव को भरने के काम में सहायक होता है। विटामिन-सी हड्डि‍यों, दांतों और आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है।
  • यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत कर, पाचन क्रियाओं को दुरूस्त करती है। हरी मिर्च में फाइबर्स भी अच्छी मात्रा में होते हैं जिससे मिर्च भोजन का पाचन जल्दी होता है।
  • आर्थराइटिस के मरीजों के लिए भी हरी मिर्च काफी फायदेमंद होती है। इसके अलावा यह शरीर के अंगों में होने वाले दर्द को भी कम करने में सहायक होता है।

विटामिन कैल्शियम युक्त अंजीर का सेवन करने से मिलेंगे शरीर को ये फायदें

गलत खानपान व लाइफ स्टाइल के कारण आर्टरीज की दीवार पर खून का प्रेशर बढ़ने लगता है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है। वहीं आज दुनियाभर में करीब 20 करोड़ से अधिक लोग हाई बीपी की समस्या से परेशान है।

अंजीर में विटामिन ए, सी, ई, के, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, पोटैशियम, कॉपर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण आदि होते हैं। यह शरीर में ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ऐसे में दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही शरीर का बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है।

हाई बी पी से परेशान लोग अंजीर वाला दूध पी सकते हैं। इसके लिए 1 गिलास गुनगुने दूध के साथ 2 अंजीर खाएं। आप सोने से पहले इसका सेवन कर सकती हैं। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद करेगा।

मोटापे से परेशान लोग अंजीर का सेवन करके इसे कम कर सकते हैं। अंजीर कम कैलोरी वाला फ्रूट है। ऐसे में इसका सेवन करने से वजन कम होने में मदद मिलती है।

 

डाइजेशन बिगड़ने की वजह से हैं परेशान तो आजमाएं ये नुस्खे

इन दिनों हर कोई अपने गोल्स को कंपलीट करने के पीछे भाग रहा है. जिसका सीधा सीधा असर लाइफस्टाइल (Lifestyle) पर पड़ रहा है. ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वह खाना खाते ही सो जाते हैं या फिर टीवी देखते हुए बैठे रहते हैं. ऐसे लोग उठने के बाद भी भरा पेट ही महसूस करते हैं जिसके चलते डाइजेशन बिगड़ने लगता है

1. सौंफ
खाने के बाद सौंफ खाने से न केवल आपके मुंह को फ्रेश फील होता है बल्कि आपको बेड स्मेल से भी छुटकारा मिल जाता है. यही नहीं, सौफ खाने से आपको टॉक्सिन से निजात मिल जाती है साथ ही, आपका डाइजेशन बेहतर होने लगता है.

2. मसाज
आयुर्वेद के अनुसार, पेट की मालिश करने से आपके पेट की मांसपेशियों (Muscles) को आराम मिलता है. जिसके चलते आपका डाइजेशन बेहतर बनता है, कब्ज की परेशानी दूर होती है सूजन कम होती है.

3. वॉक
खाने के बाद बहुत ज्यादा हैवी कसरत आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है आपको प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है. ऐसे में आप खाना खाने के बाद तेज चल सकते हैं.

यदि आपने डेली रूटीन में अधिका मात्रा में पानी नहीं पिया तो होगा ये…

हम में से कई लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम में घंटों वर्कआउट करते हैं. वर्कआउट के बाद अक्सर ऐसी गलतियां कर देते हैं जो आपकी मेहनत को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है. अक्सर वर्कआउट के बाद हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं. पर्याप्त आराम नहीं करना और डाइट में सही पोषक तत्वों को शामिल नहीं करना है.

ज्यादातर लोग अपने डेली रूटीन में अधिका मात्रा में पानी नहीं पीते हैं. शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा समय- समय पर लिक्विड चीजें डाइट में लेनी चाहिए. अगर आप इंटेस वर्कआउट करते हैं तो कुछ समय बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए.

एक्सरसाइज करने के बाद शुगर वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. आपको अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए. हम सभी जानते हैं चीनी वाली चीजों में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है.

हाई फैट मील और स्नैक्स खाने की वजह से पाचन तंत्र धीमा हो जाता है और शरीर को रिकवर होने में बाधा आ सकती है. शरीर को एनर्जी देने के लिए डाइट में लीन प्रोटीन और कॉम्पलेक्स कार्ब्स वाली चीजों को शामिल कर सकते हैं.

 

शोध में हुआ खुलासा, दिन में दो से अधिक सेब का सेवन हो सकता हैं हानिकारक

किसी भी चीज की अधिकता सेहत के लिए हानिकारक होती है। फिर चाहे वो फल हो या फिर सब्जी या फिर फास्ट फूड। सेब एक ऐसा फल है जो आपको बाजार में 12 महीने आराम से मिल जाएगा। ये ना केवल स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। लेकिन क्या आपको पता है सेब का अधिक सेवन करना भी आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। जानें सेब के अधिक सेवन से सेहत को कौन कौन से नुकसान हो सकते हैं।

आप एक दिन में कितने सेब खा सकते हैं? शोध के मुताबिक एक व्यक्ति एक दिन में एक से दो सेब खा सकता है. लेकिन अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो संभवतः इसके कुछ खतरनाक प्रभाव हो सकते हैं.

पाचन संबंधी समस्याएं
फाइबर हमारे पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. लेकिन बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन पाचन संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है.

यह आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है

सेब अम्लीय होते हैं. इसका बहुत अधिक सेवन आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है.

एलर्जी
सेब उन लोगों के लिए बल्कुल ठीक नहीं है जिन लोगों को इसे खाने से एलर्जी का अनुभव होता है.